शुक्रवार, 9 सितंबर 2016

क्यों कहलाये गणेश जी “एक दन्त”

भगवान गणेश का दूसरा अवतार एकदंत का है। इनका वाहन मूषक बताया गया है। परशुराम के फरसे के प्रहार से गणेश जी का एक दांत खंडित हो गया था। इसीलिए गणेश जी के इस रूप को एकदंत कहा जाता है। मदासुर नामक पराक्रमी दैत्य ने संपूर्ण धरती पर साम्राज्य स्थापित कर स्वर्ग पर आक्रमण कर दिया। भगवान शंकर को भी पराजित कर दिया।

असुरों का क्रूर शासन हर जगह चलने लगा। देवताओं की उपासना पर भगवान एकदंत प्रकट हुए। उनके एक प्रहार से मदासुर बेहोश होकर गिर गया। होश में आया तो क्षमा मांगने लगा। एकदंत ने उसे भी पाताल में जाने को कह दिया।

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