घर के मंदिर में देवी-देवताअों की प्रतिमाएं रखकर उनका पूजन किया जाता है। माना जाता है कि जिस घर में भगवान का वास नहीं होता वहां नकारात्मक ऊर्जा होती है। बहुत कम लोग जानते हैं कि सभी प्रतिमाएं शुभ नहीं होती। वास्तु के अनुसार कुछ ऐसी प्रतिमाएं होती हैं जिनके दर्शन करना व्यक्ति के अशुभ होता है। भगवान के कुछ स्वरूप अौर प्रतिमाएं ऐसी होती हैं, जिनके दर्शन करना अच्छा नहीं होता है।
* भगवान की ऐसी प्रतिमा के दर्शन नहीं करने चाहिए। जिसमें वे युद्ध या किसी का विनाश करते दिखाई दे रहे हो। इस प्रकार की प्रतिमा के दर्शन करने से दुखों में वृद्धि होती है।
* भगवान की प्रतिमा घर के मंदिर में इस प्रकार रखनी चाहिए कि उनका पीछे का भाग अर्थात पीठ दिखाई न दें। भगवान की पीठ का दिखाई देना अशुभ माना जाता है।
* मंदिर में भगवान की ऐसी प्रतिमा रखनी चाहिए जिनका मुंह सौम्य अौर हाथ आशीर्वाद की मुद्रा हो। भगवान के रौद्र अौर उदास स्वरूप को दर्शन करना शुभ नहीं होता। भगवान के ऐसे स्वरूप के दर्शन करने से नकारात्मक ऊर्जा आती है।
* मंदिर में एक ही भगवान की दो प्रतिमाएं रखना शुभ नहीं होता। यदि दोनों प्रतिमाएं एक-दूसरे के समीप या आमने-सामने हो तो उनके दर्शन से घर में लड़ाई-झगड़ा होता है।
* मंदिर में खंड़ित प्रतिमा नहीं रखनी चाहिए। इस प्रकार की प्रतिमा के दर्शन करना अच्छा नहीं होता। खंड़ित प्रतिमा का पूजन अौर दर्शन करना अशुभ माना जाता है।
सोमवार, 26 सितंबर 2016
घर के मंदिर में भगवान की ऐसी प्रतिमाएं रखने से, होती है दुखों में वृद्धि
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ज्योतिष
पढ़ाई का विषय हमेशा साइंस रहा। बी एससी इलेट्रॉनिक्स से करने के बाद अचानक पत्रकारिता की तरफ रूझान बढ़ा। नतीजतन आज मेरा व्यवसाय और शौक
दोनों यही बन गए।
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