उड़ी आतंकी हमले की आंच पाकिस्तानी कलाकारों को लगातार झुलसा रही है। पहले राज ठाकरे की पार्टी मनसे उनके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर रही थी, अब फिल्म निर्माताओं के संगठन ‘इंडियन मोशन पिक्चर्स एसोसिएशन’ (इम्पा) ने पाकिस्तानी कलाकारों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। उन्होंने पाकिस्तानी कलाकारों के हिंदी फिल्म जगत में काम करने पर रोक लगा दी है।
संगठन के अध्यक्ष और निर्माता टीपी अग्रवाल के मुताबिक, ‘इम्पा ने अपनी 87वीं आम सभा में इस आशय का प्रस्ताव पारित किया है। इसके तहत हमारे संगठन से जुड़े निर्माता अपनी किसी फिल्म में पाकिस्तानी कलाकारों को काम नहीं देंगे। फिल्म निर्माता और इम्पा के सदस्य अशोक पंडित ने कहा, ‘‘इम्पा उड़ी हमले में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देता है।
इसने यह महसूस किया कि इसकी राष्ट्र की तरफ भी जिम्मेदारी है और प्रस्ताव पारित किया गया कि हालात सामान्य होने तक पाकिस्तानी कलाकारों और टेक्नीशियंस के काम करने पर प्रतिबंध रहेगा।’ गौरतलब है कि इससे पहले राज ठाकरे की पार्टी मनसे ने पाकिस्तानी कलाकारों को 48 घंटे भीतर देश छोड़ने का अल्टीमेटम दिया था।
बेंगलुरु में भी मनसे का तांडव
मनसे ने पाकिस्तानी कलाकारों का पीछा बैंगलोर तक किया। वहां फैजल खान की एक फिल्म में पाकिस्तानी अभिनेत्री मीरा के काम करने की खबर मिली थी।
मनसे के कार्यकर्ता फिल्म के सेट पर धमक गए, लेकिन तब तक मीरा वहां से निकल चुकी थी। खबर है कि गुरुवार की शाम वे वहां से पहले मुंबई आईं और फिर दुबई निकल गईं। लिहाजा मनसे के कार्यकर्ताओं को खाली हाथ लौटना पड़ा।
कलाकार संगठन ने पल्ला झाड़ा
निर्माताओं के संगठन इम्पा के कदम पर कलाकारों के सबसे बड़े संगठन सिंटा ने चुप्पी साध ली है। वे इम्पा के कदम को सही या गलत कहने से कतरा रही है। सिंटा प्रमुख सुशांत सिंह ने कहा, 'यह मामला इम्पा और भारत सरकार के बीच का बन चुका है। सरकार ही इम्पा के कदम को सही या गलत कह सकती है। जो लोग सिंटा के मेंबर हैं, हम उनके हक के प्रति जवाबदेह हैं।
पाकिस्तान या किसी और देश के कलाकारों के पास वर्क परमिट है तो वे काम करने को मान्य हैं। मगर इम्पा निर्माताओं की बॉडी है। निर्माता अपनी फिल्मों में किसे रखना चाहते हैं या नहीं, वह उनका हक है। उसमें हम कुछ नहीं कर सकते। तीसरी चीज यह कि पाकिस्तानी कलाकारों के पास वर्क परमिट है, पर वे सिंटा के मेंबर नहीं हैं।
शुक्रवार, 30 सितंबर 2016
बॉलीवुड में बैन हो गए पाकिस्तानी कलाकार
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सिनेजगत
पढ़ाई का विषय हमेशा साइंस रहा। बी एससी इलेट्रॉनिक्स से करने के बाद अचानक पत्रकारिता की तरफ रूझान बढ़ा। नतीजतन आज मेरा व्यवसाय और शौक
दोनों यही बन गए।
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