रविवार, 11 सितंबर 2016

देखिए इस युवती को, नींद आते ही बन जाती है गजनी, डॉक्टर्स भी हैरान

गजनी मूवी देखी है न आपने और उसका वो किरदार। ऐसा ही एक मामला रियल में सामने आया है। देखिए इस युवती को, जिसे देखकर डॉक्टर भी हैरान हैं।

मामला हिसार का है। जिले के एक गांव की यह 15 वर्षीय लड़की को नींद के नाम से ही घबरा जाती है। इसकी वजह यह है कि नींद की मामूली सी झपकी आते ही वह अपना सबकुछ भूल जाती है। न तो उसे खाना-पीना याद रहता है न ही अपने रिश्तेदारों को पहचान पाती है। एक तरह से नींद से पहले की उसकी पूरी याददाश्त गायब हो जाती है।

चिकित्सक लड़की की इस बीमारी को ‘बाईपोलर मूड डिसआर्डर’ बता रहे हैं। डाक्टर का कहना है कि इस बीमारी के नाममात्र के केस पाए जाते हैं। मामला लड़की का होने की वजह से नाम का जिक्र नहीं किया जा रहा है। हिसार जिले के एक गांव की रहने वाली 15 वर्षीय किशोरी का उपचार पीजीआईएमएस के मानसिक स्वास्थ्य संस्थान में चल रहा है। बेटी की ऐसी हालत से परिजन चिंतित हैं। पिछले करीब दो सप्ताह से उपचाराधीन इस किशोरी की दवाई के साथ-साथ चिकित्सक काउंसिलिंग भी कर रहे हैं।

लड़की के परिजनों का कहना है कि दो माह पहले तक उनकी बेटी बिल्कुल ठीक थी। वह पढ़ाई-लिखाई में होशियार थी। एक दिन वह घर में सो रही थी, तभी पड़ोस में किसी की मौत हो गई। महिलाओं के रोने की तेज आवाज सुनकर अचानक वह उठी और सिर पकड़कर बैठ गई। इसके बाद से उसके व्यवहार में परिवर्तन होने लगा। स्थिति यह हो गई कि नींद से उठने के बाद किशोरी को कुछ भी याद नहीं रहता। मसलन, क्या खाना खाया था और शाम को क्या पढ़ा था उसे याद नहीं रहता। यही नहीं कई बार अपने रिश्तेदारों तक को भूल जाती है।

मानसिक स्वास्थ्य संस्थान की प्रोफेसर डॉ. प्रीति सिंह के अनुसार, ‘बाईपोलर मूड डिसआर्डर’ के केस बहुत कम मिलते हैं। कई बार कोई ऐसा हादसा या फिर अचानक से आंखों के सामने कुछ ऐसी घटना हो जाती है, जिसका असर दिमाग पर पड़ता है। डिप्रेशन की वजह से भी यह बीमारी हो जाती है। ऐसी बीमारी में अभिभावकों को बच्चों पर खास ध्यान रखना चाहिए। मैमोरी लॉस भी इसी का पार्ट कहा जा सकता है। ऐसे मरीज की याददाश्त में बातें अधिक समय तक रजिस्ट्रर नहीं रह पाती। इसी कारण वह बातों और तथ्यों को भूलने लगता है।

यह करें अभिभावक: ऐसे व्यक्ति को कभी भी अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। बच्चों पर पढ़ाई के लिए हद से ज्यादा दबाव नहीं देना चाहिए। मरीज को सपोर्ट करें और उसे यह न लगने दें कि वह अकेला है। उसे कभी यह महसूस नहीं होने दें कि वह बीमारी से पीड़ित है। अगर वह कोई गलती करता है तो उसे प्यार से समझाया जाए।

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