तमिलनाडु के कूटनूर के पास तिलतर्पणपुरी में यह मंदिर है। भगवान गणेश के इस एक मात्र मंदिर का नाम आदि विनायक मंदिर है। भगवान गणेश को यहां नर-मुख विनायक भी कहा जाता है।
यह भी है मान्यता
पुराणों से मिले उल्लेख के अनुसार, भगवान राम ने अपने पूर्वजों का तर्पण भी यहीं किया था। अर्थात पूर्वजों के लिये पूजा उन्होंने इसी मंदिर में की थी। इस इलाके का नाम तिलतर्पणपुरी (तिल-तर्पण-पुरी) इसी आधार पर पड़ा है।
सरस्वती मंदिर के लिये भी प्रसिद्ध है यह धाम
भगवान गणेश के नरमुखी मंदिर के लिये यह धाम प्रसिद्ध है, लेकिन यहां आने वाले श्रद्धालु सरस्वती मंदिर के दर्शन किये बगैर नहीं जाते हैं। इसी मंदिर परिसर में भगवान शिव का भी मंदिर है, जिससे बाहर निकलते ही भगवान गणेश का नरमुखी मंदिर है।
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