गुरुवार, 4 अगस्त 2016

नहीं होंगी ये बीमारियां, अगर पपीते के पत्‍तों का जूस पियेंगे तो

सभी जानते है कि डेंगू और मलेरिया जैसे रोगों में पपीते के पत्ते का रस लाभकारी है। पर पपीते के पत्‍ते और भी कई अन्य औषधीय गुणों से भरे हुए होते है। इसमें पेपेन,साइमोपेपेन, सिस्टेटिन, टोकोफेरोल, एस्कॉर्बिक एसिड, फ्लेवोनॉइड्स, साइनोजेनिक ग्लूकोसाइड्स आदि पाया जाता है । ये सभी तत्व शरीर में होने वाले कोशिकाओं के विघटन या वायरस के दुष्प्रभाव को रोकने में प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करते हैं।

इसमें कैंसर विरोधी गुण होते हैं जो इम्‍यूनिटी को बढाने में मदद करते हैं और सर्वाइकल कैंसर, ब्रेस्‍ट कैंसर, अग्नाशय, जिगर और फेफड़ों के कैंसर को होने से रोकते हैं। पपीते के पत्तों को पानी में उबालने के बाद छान कर पीने से बुखार और हृदय संबंधी रोग में आराम मिलता है।

सूखे पत्तों की चाय या काढ़ा बना कर पीने से पाचन संबंधी समस्याओं में लाभ मिलता है। इससे प्लेटलेट्स और वाइट ब्लड सेल्स भी बढ़ते हैं। यह मलेरिया से लड़ने में प्रभावकारी है। इन पत्‍तियों में सर्दी और जुखाम जैसे रोगों से लड़ने की शक्‍ति होती है। अगर आप पपीते के पत्‍ते की चाय पियेंगे तो आपके पेट की खोई हुई भूंख दुबारा वापस आ जाएगी।

पपीते के पत्तों में विटामिन सी और ए मौजूद होता है, जो कि त्वचा के लिए लाभदायक है।अगर चेहरे पर मुंहासे हैं तो सूखी पपीते की पत्‍ती ले कर उसे थोड़े से पानी के साथ मिक्‍स कर के पेस्‍ट बना लें। फिर इस पेस्‍ट को चेहरे पर लगा कर सुखा लें और फिर पानी से धो लें। इनके उपयोग से त्वचा साफ, स्वास्थ और दमकती रहती है।

इसके पत्तों को पीस कर इसका लेप करने से चोट के कारण आई सूजन और दर्द में आराम मिलता है, साथ ही गठिया में भी फायदेमंद होता है।इन पत्तों से तैयार किया गया मरहम कटने, जलने, त्वचा पर पडऩे वाले दाने या किसी कीड़े के डंक मारने पर राहत पहुंचाता है।पपीते की पत्‍तियों में करीब 60 एक्‍टिव सामग्रियां होती हैं जो कि सूक्ष्मजीवों जैसे फंगस, कीड़े, परजीवी और कैंसर कोशिकाओं के विभिन्न अन्य रूपों को बढने से रोकती हैं।

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