भाग्य का रूठ जाना, बुरे दिन और ग्रहों की कुदृष्टि एक रोग की तरह है। जिस प्रकार बीमारी का इलाज किया जाता है ठीक उसी प्रकार आप बुरे दिनों के प्रभाव को छुटकारा पा सकते हैं, परन्तु बीमार के ठीक होने जाने पर उसे पूर्ण स्वस्थ और सबल बनाने के लिए ताकत की दवाएं और विशेष भोजन देना पडता है, ठीक उसी प्रकार बुरे दिनों को हटाने वाले कार्य करने और उनमें कुछ सफलता प्राप्त करने के पश्चात् भाग्यवृद्धिकारक कुछ उपाय भी करने होंगे।
वास्तविकता तो यह है कि दुर्भाग्य को हटाने वाले प्रयासों के साथ-साथ ही ये सौाभाग्यवद्र्धक टोने-टोटके भी चलते ही रहते हैं। परन्तु यहां एक विशेष अन्तर है। दुर्भाग्य हटाने और ग्रह पीडा निवारण के उपाय तो केवल बुरे दिनों में ही किए जाते हैं, परन्तु इस प्रकार के तावीज आदि तो अधिकांश व्यक्ति जीवन भर पहने रहते हैं।
अगर आप अपनी किस्मत सचमें चमकाना चाहते हैं तो चीटियों को सूखे आटे में शक्कर मिलाकर खिलाते हैं तो यह भी भाग्य का दरवाजा खोलने का काम करती हैं यह उपाय लगातार अपनी जीवनशैली में शामिल कर लें और कुछ ही दिनों में इसका फर्क दिखने लगेगा।
दीन-दुखियों की सहायता करना, भूखे को भोजन और भटके को राह दिखलाना भाग्य चमकाने का सबसे बडा टोटका है क्योंकि उनकी दुआएं हमारी प्रगति में परम सहायक सिद्ध होती है।
गरीब और कमजोर को सताने पर उसके मुख से जो हाय निकलती है, वह हमारे सभी पुण्यफलों को क्षीण कर देती है जिसके फलस्वरूप कभी भी भाग्य का सितारा डूब सकता है, अत: विशेष सावधानी आवश्यक है।
आप जब भी घर से निकलें तो पहले दही का सेवन जरूर करना चाहिए। दही को पवित्र माना जाता है। इसकी पवित्रता और स्वाद से मन प्रसन्न होता है। इसी वजज से इसे पूजन सामग्री में भी खास स्थान प्राप्त है। दही खाने से विचार सकारात्क होते हैं और नाकारात्क विचारों से छुटकारा मिलता है।
तुलसी का पौधा सभी के घरों में होता है। शास्त्रों के मुताबिक तुलसी को पवित्र और पूजनीय माना जाता है। जिस घर में तुलसी का पूजन प्रतिदिन होता है। उस घर में महालक्ष्मी की कृपा बनी रहती है।
रविवार, 21 अगस्त 2016
ये उपाय अपनाएं: बुरे दिनों से छुटकारा पाएं
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ज्योतिष
पढ़ाई का विषय हमेशा साइंस रहा। बी एससी इलेट्रॉनिक्स से करने के बाद अचानक पत्रकारिता की तरफ रूझान बढ़ा। नतीजतन आज मेरा व्यवसाय और शौक
दोनों यही बन गए।
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