'एमोर्फोफैलस टाइटेनम' नाम का ये फूल अपने आप में बेमिसाल़ है और ये 9 साल बाद खिलता है। केरल में अब लोगों को 9 साल बाद खिलने वाला फूल देखने को मिल रहा है। 9 साल में एक बार ही खिलने वाले इस फूल की सबसे बड़ी खासियत है कि ये रात ही में खिलता है और खिलने के 48 घंटे तक ही जीवित रह सकता है।
केरल की प्राकृतिक सुंदरता को देखने के लिए दूर देश के लोग भी खींचे चले आते हैं। यहां पर पुराने मंदिर, पुराने किले, और तेज बहाव के साथ बहते झरने है। इसके अलावा केरल की खूबसूरती को चार-चांद लगाने वाला “आर्किड का बगीचा” भी है, जो केरल की सुंदरता को दोगुना कर देता है। इसके खिलते हुए नजारे को देखने के लिए दूर-दूर से लोग आकर इसे देखते है। .
लेकिन अब केरल में इन सबसे भी खास वो मौका ये आया है, जो लोगों को 9 साल बाद खिलने वाला फूल देखने को मिल रहा है। 'एमोर्फोफैलस टाइटेनम' नाम का ये फूल अपने आप में बेमिसाल़ है और ये 9 साल बाद खिलता है। इसकी सुंदरता के देखने के लिए लोग यहां पर आते है। सबसे सुंदर और सबसे दुर्लभ मिलने वाला यह फूल सिर्फ इंडोनेशिया के जंगलों में ही पाया जाता है।
एक हफ्ते तक खिलने वाला यह फूल देखने में जितना सुंदर होता है, इसकी महक उतनी ही सड़े मांस की तरह बदबूदार होती है। 9 साल में एक बार ही खिलने वाले इस फूल की सबसे बड़ी खासियत है कि ये रात ही में खिलता है और खिलने के 48 घंटे तक ही जीवित रह सकता है।
इसके अलावा ये 9 साल में एक बार ही खिलता है। खिलने के समय ये 3 मीटर तक ऊंचा हो जाता है। बारिश के इस मौसम में चारों ओर हरियाली के बीच कलकलाते झरनों की अवाज और ये फूल सभी का मन मोह लेती है।
शुक्रवार, 26 अगस्त 2016
दुनिया का सबसे बड़ा फूल, इसके खिलने में लगते हैं 9 साल
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जरा हटके
पढ़ाई का विषय हमेशा साइंस रहा। बी एससी इलेट्रॉनिक्स से करने के बाद अचानक पत्रकारिता की तरफ रूझान बढ़ा। नतीजतन आज मेरा व्यवसाय और शौक
दोनों यही बन गए।
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