सभी लोगों की इच्छा होती है कि उनकी गिनती श्रेष्ठ और महान लोगों में हो, लेकिन बहुत ही कम लोग इस इच्छा को पूरा कर पाते हैं। महानता प्राप्त करने के लिए तीन ऐसी बातें हैं, जिनसे बचना चाहिए। जो भी व्यक्ति इन बातों से बच जाता है, वह महान बन सकता है। ये हैं वो तीन बातें- वित्तैषणा, पुत्रैषणा और लोकैषणा।
पहली बात हैवित्तैषणा। वित्तैषणा यानी धन का लालच जब अति हो जाता है, तब व्यक्ति का किसी और लक्ष्य तक पहुंच पाना असंभव हो जाता है। व्यक्ति कोई छोटा-मोटा दान-धर्म कर भी ले तब भी इच्छाएं धन से लिपटी रहती हैं। इसी वजह से महान लोग सबसे पहले वित्तैषणा को खत्म करते है और स्वेच्छा से गरीबी का जीवन अपनाते हैं।
दूसरी बात है पुत्रैषणा का सरल अर्थ है कामवासना। मानसिक कामुकता के बंधन में अधिकतर लोग जकड़े हुए हैं। अपनी चिंतन करने की क्षमता को नष्ट कर रहे हैं। युवा अमुल्य समय, चिंतन और प्रेम जैसे पवित्र शब्द को मलिन करने वाली वासना में उलझे रहते हैं। कामवासना के त्याग के बिना कोई भी इंसान महान नहीं बन सकता है। इसीलिए महान लोग कामवासना त्यागकर ब्रह्मचर्य का पालन करते हैं।
तीसरी बात हैलोकैषणा। अधिकांश लोग अपनी यश-कीर्ति बढ़ाने और सस्ती वाह-वाही लुटने के लिए सामाजिक कार्यों में लगे रहते हैं। ऐसे लोगों को जिस क्षेत्र में खुद के प्रचार का अवसर मिलता है, वे उसी ओर चल देते हैं। जहां यश-कीर्ति, सम्मान नहीं मिलता है, वे लोग वहां नहीं जाते हैं। उच्च आदर्श वाले महान लोग समाज कल्याण के लिए अपने आप को समर्पित कर देते हैं और कोई प्रचार-प्रसार भी नहीं चाहते हैं।
लोकैषणा और यश-लोलुपता एक ऐसी मानसिक दुर्बलता है, जिससे पीड़ित व्यक्ति न तो अपनी महानता विकसित कर पाता है और न समाज के लिए उपयोगी बन सकता है।महान बनने के लिए इन तीनों बातों से बचना बहुत जरूरी है।
शुक्रवार, 26 अगस्त 2016
इन 3 बातों से बचने पर कोई भी व्यक्ति बन सकता है महान
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ज्योतिष
पढ़ाई का विषय हमेशा साइंस रहा। बी एससी इलेट्रॉनिक्स से करने के बाद अचानक पत्रकारिता की तरफ रूझान बढ़ा। नतीजतन आज मेरा व्यवसाय और शौक
दोनों यही बन गए।
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