बुधवार, 17 अगस्त 2016

रक्षाबंधन मनाने का शुभ महूर्त, इस साल ये योग दिलाएगा भाई बहनों को यश, मान और कीर्ति


 इस बार राखी 18 अगस्त को है, जो कि निश्चित तौर पर हर बार की तरह खूब खुशी से मनाई जाएगी। एक ओर होती है बहनों की रक्षा बंधन की तैयारियां और दूसरी ओर भाई भी बहनों को क्या तोहफा दें इस प्लानिंग में लग जाते हैं।



लेकिन इस बीच आपको इस बात का ध्यान अवश्य रखना है कि आप शुभ मुहुर्त की अनदेखी ना करें। जिस प्रकार से हिन्दू धर्म में हर शुभ कार्य से पहले शुभ मुहूर्त का पालन किया जाता है, उसी प्रकार से रक्षा बंधन में भी यदि शुभ समय में रक्षा सूत्र बांधा जाए तो अच्छा माना जाता है।


मगर शुभ मुहूर्त बताने से पहले क्या आपने इस बार की राखी पर पड़ने वाले विशेष ज्योतिषीय योगों के बारे में जाना है?


हिन्दू धर्म के अनुसार हर त्यौहार एवं विशेष पर्व एक खास योग के साथ आता है। उस समय क्या ग्रह-नक्षत्र हैं, इसके अनुसार एक खास योग हासिल किया जाता है।

तो आपको बता दें कि इस बार रक्षाबंधन के दिन, यानी कि 18 अगस्त को सिंहासन-गौरी योग बन रहा है, यह योग वर्षों के बाद फिर से आया है। इस योग की खासियत यदि आप जानेंगे तो अवश्य खुश हो जाएंगे।

यह योग भाई तथा बहन दोनों को समाज में यश एवं सम्मान दिलाएगा। इस दिन जो भी भाई-बहन शुभ मुहूर्त में रक्षाबंधन का पर्व मनाएंगे, उनपर ईश्वर की अपार कृपा होगी।


कहा जा रहा है कि यह सिंहासन-गौरी योग विभिन्न प्रकार से भाई-बहनों के लिए अच्छा है। जहां सिंहासन योग भाई को सफलता दिलाएगा, वहीं गौरी योग बहनों के जीवन में खुशहाली लाएगा।

किंतु इस वर्ष के रक्षाबंधन की एक और खास बात है, जिसके बारे में यदि आप जानेंगे तो आपकी सभी परेशानियां दूर हो जाएंगी।

ज्योतिषी शास्त्रियों के अनुसार रक्षाबंधन के दिन भद्रा काल को देखते हुए यह पर्व मनाया जाता है। यदि भद्रा काल चल रहा हो तो रक्षा सूत्र बांधना वर्जित माना गया है। किंतु अच्छी खबर यह है कि इस बार का भद्रा काल सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो जाएगा।


रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त


यानी कि सूर्योदय के बाद शाम तक बहनें जब चाहें भाई को राखी बांध सकती हैं। दिनभर शुभ समय ही बना रहेगा। लेकिन फिर भी यदि आप शुभ मुहूर्त जानना चाहते हैं, तो आगे जानिए इस साल के रक्षाबंधन के पर्व के 5 शुभ मुहूर्त।

ये हैं रक्षाबंधन के शुभ मुहूर्त - सुबह 06 से 07.30 बजे तक (शुभ), सुबह 10.30 से दोपहर 12 बजे तक (चर), दोपहर 12 से 01.30 बजे तक (लाभ), दोपहर 01.30 से 03 बजे तक (अमृत), शाम 04.30 से 06 बजे तक (शुभ), शाम 06 से 07.30 बजे तक (अमृत)



तो इसका मतलब है कि रक्षाबंधन के दिन आपको शुभ मुहूर्त की चिंता करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अंत में हम आपको इस बार के पर्व की एक और खासियत बताने जा रहे हैं जिससे आपकी खुशी दोगुनी नहीं, तिगुनी हो जाएगी।


दरअसल बताया जा रहा है कि इस वर्ष के रक्षाबंधन के पर्व का गुरुवार को होना बेहद उत्तम है। इसका सबसे बड़ा कारण है इस दिन से जुड़ा पौराणिक आख्यान, क्योंकि देवगुरु बृहस्पति ने ही इंद्र को असुरों पर विजय पाने के लिए रक्षाबंधन का सुझाव दिया था। इसके बाद ही त्यौहार मनाने का चलन शुरू हुआ।



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