शुक्रवार, 12 अगस्त 2016

भगवान के सामने क्यों जलाते हैं अगरबत्ती?

क्या आपको पता है कि आखिर हमलोग किसी धार्मिक समारोह या भगवान के सामने अगरबत्ती क्यों जलाते हैं? अगरबत्ती एक ऐसी चीज है जिसका प्रयोग अपनी पूजा में हिंदू और मुस्लिम दोनों ही करते हैं। लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि आखिर लोग पूजा-पाठ करते वक्त अगरबत्ती का प्रयोग क्यों करते हैं? इसके एक नहीं एक से ज्यादा कारण हैं। यह एक हिन्दू प्रथा है जो सदियों से चली आ रही है। हर हिन्दू प्रथा के पीछे कुछ न कुछ ठोस कारण होते हैं। आज हम आपको बता रहे है

अगरबत्ती जलाने के पीछे क्या कारण है।


अगरबत्ती जलाने के आध्यात्मिक कारण


मान्यता है कि अगरबत्ती से जो धुंए के छल्ले निकलते हैं वह हमारी पूजा को सीधे भगवान के पास ले जाते हैं। अगरबत्ती का धुआं घर से निगेटिव एनर्जी का खात्मा करता है और सकारात्मक सोच को जन्म देता है। इसके धुएं से वातावरण शुद्ध और पवित्र हो जाता है। इसलिए कुछ घरों में तो सुबह-शाम भगवान के घर के सामने अगरबत्ती जलाई जाती है। अगरबत्ती के पूरे जलने पर वातावरण में अच्छी खुशबूफैलती है और राख पीछे छूट जाती है। यह एक हिन्दू प्रथा है जो इंसान के स्वभाव को दर्शाता है। इसलिए हम धार्मिक समारोह में अगरबत्ती जलाते हैं।


अगरबत्ती जलाने के मनोवैज्ञानिक कारण


अगरबत्ती को कई रोगोपचार में भी इस्तमाल करते हैं। जब आप अगरबत्ती जलाते हैं तो इसकी खुशबू से दिमाग पर हीलिंग और आरामदेह प्रभाव पड़ता है। आप मानसिक तौर पर रिलैक्स हो जाते हैं और जब आप किसी धार्मिक समारोह में बैठते हैं तो आप अपनी परेशानी को भूल जाते हैं। कहा जाता है हल्की और मीठी सुंगध इंसान के चित्त को शांत करती है इसलिए इसका प्रयोग प्राकृतिक चिकित्सा में भी होता है।अगरबत्ती का धुआं बैक्टीरिया का भी नाश करता है, इसी वजह से अगरबत्ती का प्रयोग अक्सर अस्पतालों में भी होता है।


अगरबत्ती जलाने से माहौल बनता है


हिन्दू प्रथा में जब आप अगरबत्ती जलाते हैं तो यह आपके आस पास की गन्दी बदबू को हटाता है। यह किसी धार्मिक समारोह के लिए सही माहौल बनाता है। अगरबत्ती के सुगंध मात्र से आप यह समझ सकते हैं कि कोई धार्मिक अनुष्ठान चल रहा है।


अगरबत्ती जलाने के दूसरे कारण


अगरबत्ती सिर्फ धार्मिक प्रथा का ही हिस्सा नहीं हैं, बल्की यह कई दशकों से चीन, तिब्बत, इजिप्ट की प्रथाओं में चला आ रहा है। वहाँ इसका इस्तेमाल धार्मिक समारोह में ही नहीं बल्की निजी चीज़ जैसे एरोमा थेरेपी में करते आ रहे हैं। अधिकतर लोग रोजाना विधि-विधान से भगवान की पूजा भले ही ना करें लेकिन भगवान के सामने अगरबत्ती जरूर लगाते हैं। भगवान को अगरबत्ती लगाना भी एक सामान्य व कम समय की पूजा ही है।

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