नई दिल्ली। देश को अंग्रेजों से आजादी दिलाने में कई क्रांतकारियों का हाथ था। उन्होंने अपनी जान देकर देश को आजादी दिलाई। लेकिन भारत के नोट (रुपए) पर महात्मा गांधी का ही फोटो क्यों लगा है, क्या इनकी जगह कोई और क्यों नहीं ? इस तरह के पहले भी कई सवाल उठ चुके हैं।
इस वजह को सबसे बड़ा वजह माना जाता है कि देश हो या विदेश ज्यादा मान्यता देने योग्य गांधी जी ही थे। जिन्हें हर कोई जानता था। भारत में तरह-तरह के लोग और इतने कई राज्य हैं। हर राज्य के लोग ये चाहते थे कि करेंसी नोटों (रुपए) पर उनके राज्य का ही कोई हीरो हो।
हिन्दू-मुस्लिम की बात भी सामने आई
हिन्दू-मुसलमान की भी थी। अलग-अलग रिवाज के लोग ये चाहते थे कि करेंसी नोटों पर उनके मजहब का कोई जांबाज हो। अब जितने तरह के लोग उतने तरह के मतभेद।
हर धर्म के लोग गांधी जी से करते थे प्यार
एक गांधी जी ही ऐसे व्यक्ति थे। जिसे हर धर्म, मजहब और जाति के लोगों के बीच आसानी से रह सकते थे। साथ ही उन्हें लोग बहुत पसंद भी करते थे। इसी लिए उन्हें राष्ट्रपिता भी कहा जाता था। यही कारण था कि गांधी जी को करेंसी नोटों पर लाया गया। जानकारी के लिए ये भी बता दें कि गांधी जी से पहले हमारे नोटों पर अशोक चक्र हुआ करता था।
सोमवार, 8 अगस्त 2016
रुपए पर गांधी जी ही क्यों, कोई और क्यों नहीं ?
Labels:
जरा हटके
पढ़ाई का विषय हमेशा साइंस रहा। बी एससी इलेट्रॉनिक्स से करने के बाद अचानक पत्रकारिता की तरफ रूझान बढ़ा। नतीजतन आज मेरा व्यवसाय और शौक
दोनों यही बन गए।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें