रविवार, 7 अगस्त 2016

सिंहासन गौरी योग में बंधेगा रक्षासूत्र

18 अगस्त को आ रहे भाई-बहन के प्रेम के प्रतीक रक्षाबंधन पर्व पर इस बार भद्रा का साया नहीं पड़ेगा। यह संयोग तीन वर्ष के बाद बन रहा है, जब रक्षाबंधन के दिन लोगों को भद्रा काल देखने की जरूरत नहीं पड़ेगी। लोग दिनभर शुभ मुहूर्त में राखी बांध सकेंगे। ज्योतिषाचार्य पं. सतीश सोनी के अनुसार इस बार श्रावण शुक्ल पूर्णिमा रक्षाबंधन का पर्व भद्रा मुक्त रहेगा। श्री सोनी ने कहा कि वर्ष 2013 में भी इस तरह के योग बने थे। अब तीन वर्ष के बाद फिर राखी पर भद्रा का साया नहीं होने से बहनें पूरे दिन भाईयों को राखी बांध सकेंगी।

रक्षाबंधन पर इस बार सिंहासन व गौरी योग का संयोग भी बन रहा है, जो भाई-बहनों के लिए शुभ है। सिंहासन चूंकि राजपाट का प्रतीक माना जाता है तो गौरी खुशहाली का। इन दोनों योगों में किए कार्य शुभ और मंगलकारी होते हैं।

जहां सिंहासन योग भाई को सफलता दिलाएगा, वहीं गौरी योग बहनों के जीवन में खुशहाली लाएगा। रक्षाबंधन का गुरुवार को होना भी श्रेष्ठ माना जा रहा है क्योंकि देवगुरु बृहस्पति ने ही इंद्र को असुरों पर विजय पाने के लिए रक्षाबंधन का सुझाव दिया था। इसके बाद ही यह त्योहार मनाने का चलन शुरू हुआ।

भद्रा में शुभ कार्य निषेधहिंदू धर्मशास्त्रों में भद्रा सूर्य की पुत्री और शनिदेव की बहन है। शनि की तरह ही इसका स्वभाव भी क्रूर बताया गया है। इस बार सबुह से दिनभर राखी बांधना शुभ रहेगा। बाजार में राखियां आना शुरू हो गई हैं।

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