पूजा के कार्य में नारियल का एक महत्वपूर्ण स्थान है। हिंदू धर्म में कहा जाता है कि बिना नारियल के पूजा अधूरी मानी जाती है। यदि भगवान को नारियल चढाया जाए तो धन की समस्याएं दूर हो जाती है।
आपने अक्सर मंदिरों में देखा होगा कि नारियल को या तो पंडित जी या फिर कोई पुरुष ही फोड़ता है। महिलाओं को नारियल फोड़ने का अधिकार हिंदू धर्म में नहीं दिया गया है।
लेकिन क्या आपके मन में कभी ऐसा प्रश्न उठा है कि महिलाओं क्यों नही फोड़ने दिया जाता है नारियल... तो आइए इसके पिछे छिपे राज को जानते है।
नारियल के पीछे भी एक कथा छुपी हुई है। वह यह है कि ब्रम्हा ऋषि विश्वामित्र ने विश्व का निर्माण करने से पहले नारियल का निर्माण किया था। नारियल को मानव का प्रतिरूप माना गया था। नारियल को बीज रूप माना गया है, जो प्रजनन क्षमता से जुड़ा है।
स्त्रियों बीज रूप से ही शिशु को जन्म देती है और इसलिए नारी के लिए बीज रूपी नारियल को फोड़ना अशुभ माना गया है। देवी-देवताओं को श्रीफल चढ़ाने के बाद पुरुष ही इसे फोड़ते हैं।
हांलाकि इसके बारे में ना तो कहीं लिखा गया है और ना ही देवी-देवताओं ने इससे जुडे़ निर्देश कभी दिये हैं। यह सब सामाजिक मान्यताओं और विश्वास के चलते बरसों से हमारे रीति-रिवाज का हिस्सा बना हुआ है। जिसके चलते महिलाएं नारियल नहीं फोड़ती है।
शुक्रवार, 5 अगस्त 2016
महिलाओं को क्यों नहीं फोड़ने दिया जाता है नारियल...
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ज्योतिष
पढ़ाई का विषय हमेशा साइंस रहा। बी एससी इलेट्रॉनिक्स से करने के बाद अचानक पत्रकारिता की तरफ रूझान बढ़ा। नतीजतन आज मेरा व्यवसाय और शौक
दोनों यही बन गए।
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