तिरुवनन्तपुरम। मरगमच्छ मांसाहारी जीव माना जाता है। अगर आप से कोई कहे कि एक मगरमच्छ ऐसा भी है। जो पूरी तरह से शाकाहारी है। तो आप हैरान हो जाएंगे। लेकिन यह हकीकत है इस शाकाहारी मगरमच्छ को देखने के लिए लोग दूर-दूर से देखने के लिए आते हैं।
इस शाकाहारी मगरमच्छ की खास बात यह है कि यह पूरी तरह से शाकाहारी है और सिर्फ प्रसाद ही खाता है। केरल का अनंतपुर मंदिर ‘बबिआ’ नाम के मगरमच्छ की वजह से जाना जाता है। ये मगरमच्छ अनंतपुर मंदिर की झील में करीब 60 सालों से रह रहा है।
भगवान की पूजा के बाद चढ़ाया गया प्रसाद खाता है बबिआ
भगवान की पूजा के बाद भक्तों द्वारा चढ़ाया गया प्रसाद बबिआ को खिलाया जाता है। मंदिर में प्रसाद खिलाने की अनुमति सिर्फ मंदिर के पुजारियों को ही है। ये नीचे रखा हुआ प्रसाद नहीं खाता, बल्कि प्रसाद इसके मुंह में डालकर खिलाया जाता है।
इस मंदिर में यह मान्यता है कि जब इस झील में एक मगरमच्छ की मृत्यु होती है तो रहस्यमयी ढंग से दूसरा मगरमच्छ प्रकट हो जाता है।
इस मगरमच्छ के बारे में एक कहानी भी मशहूर है कि 1945 में एक अंग्रेज सिपाही ने तालाब में मगरमच्छ को गोरी मारकर मार दी थी और लेकिन अगले ही दिन वही मगरमच्छ झील में तैरता मिला। वहीं उस अंग्रेज सिपाही की सांप के काट लेने से मौत हो गई। माना जाता है कि अगर आप भाग्यशाली हैं तो ही आपको इस मगरमच्छ के दर्शन हो जाते हैं। बताया जाता है कि अभी तक यह शाकाहारी मगरमच्छ किसी पर हमला नहीं किया है।
गुरुवार, 28 जुलाई 2016
यहां पर रहते हैं सिर्फ शाकाहारी मगरमच्छ, खाते हैं प्रसाद
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जरा हटके
पढ़ाई का विषय हमेशा साइंस रहा। बी एससी इलेट्रॉनिक्स से करने के बाद अचानक पत्रकारिता की तरफ रूझान बढ़ा। नतीजतन आज मेरा व्यवसाय और शौक
दोनों यही बन गए।
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