बुधवार, 27 जुलाई 2016

'सिया के राम' की सीता पहुंची भोपाल







राजधानी में पली बढ़ी मदिराक्षी ने बताया कि सिया के राम शो ऐसा शो है जिसमें पहली बार कहानी सीता के नजरिये से कही जा रही है, जो अब तक अनदेखा था। कहानी सीता को एक मजबूत और आजाद महिला के रूप में चित्रित करती है। वह समानता और शिक्षा में विश्वास करती हैं और उनका एक निश्चित विचार है। जहां हर कोई सीता की कहानी सीधे स्वयंवर से जानता है वहीं सिया के राम में सीता की कहानी उनके जन्म से दिखाई गई। सीता दृढ़ इरादों और मजबूत दिमाग वाली महिला थीं जो अपनी आवाज उठाने से डरती नहीं थीं।

सीता की भूमिका मेरे लिए चुनौतीपूर्ण
सीता की भूमिका में दर्शकों के दिल जीत रही मदिराक्षी ने अपने गृहनगर भोपाल में आगामी सीक्वेंस की चर्चा करते हुए बताया कि किस तरह सीता के किरदार ने उनकी असल जिंदगी पर असर डाला है। सीता के किरदार के बारे में बात करते हुए मदिराक्षी ने बताया, ‘‘सीता की भूमिका निभाना मेरे लिए बेहद चुनौतीपूर्ण था। सिया के राम के जरिए हमने सीता के व्यक्तित्व का एक बिल्कुल दूसरा पहलू दिखाया है। सीता एक आदर्श महिला थी जो सत्य के साथ खड़ी होती थी। वह दुनिया के सबसे सच्चे अर्थों में राम की अर्धांगिनी थीं। सीता एक आदर्श, बहन, पत्नी और बेटी थीं और कुल मिलाकर वह आज की महिला के लिए प्रेरणा बन कर सामने आती हैं।’’

मदिराक्षी का भोपाल से खास रिश्ता

भोपाल में जन्मी और पली बढ़ी मदिराक्षी का इस शहर से खास रिश्ता है। उन्होंने कहा, ‘‘भोपाल मेरा गृहनगर है। किसी के लिए भी यह गर्व का पल होगा कि वह अपने शहर में आकर अपने शो का प्रमोशन करे। यहां आकर बचपन की कई यादें दोबारा जिंदा हो गईं और मुझे अपना स्कूल जाना और दोस्तों और परिवार के साथ झील पर जाकर मस्ती करना याद आ रहा है। यह भोपाल की संस्कृति है जिसकी वजह से मैं सहजता से सीता बन पाई।’’

सिया के राम रामायण के कई अनछुए पहलुओं को सामने ला चुका है। राम की बहन शांता से रावण की मां कैकसी तक सिया के राम रामायण के कई अनछुए पहलू दिखाता रहा है। इतना ही नहीं, आगामी एपिसोड में हम सीता के व्यक्तित्व का एक बेहद सशक्त पहलू देखेंगे। मदिराक्षी ने बताया कि शुरू से हमें बताया गया है कि राम ने रावण को मारा और अपनी पत्नी सीता को लंका में उसके चंगुल से बचाया। लेकिन बहुत कम लोगों को पता होगा कि सीता ने भी अपने पति की रक्षा के लिए एक रावण को मारा था।

रावण की मृत्यु के बाद उसकी मां कैकसी ने सहस्त्र रावण का निर्माण किया जो 1000 सिरों और बाहों वाला था और रावण का अधिक शक्तिशाली अवतार था। पहली बार सिया के राम में सीता भद्रकाली का रूप लेंगी और अपने पति की रक्षा के लिए सहस्त्र रावण का वध करती हैं। रामायण का यह हिस्सा शाक्य रामायण में वर्णित है।


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