भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान रितु रानी को खराब प्रदर्शन और व्यवहार संबंधित समस्याओं के कारण रियो जाने वाली ओलंपिक टीम से बाहर कर दिया गया है.
सोलह खिलाड़ियों की अंतिम टीम को तीन दिन के भीतर चुन लिया जाएगा, लेकिन टीम प्रबंधन के वरिष्ठ सदस्य ने पुष्टि की कि रितु बेंगलूर में चल रहे राष्ट्रीय शिविर को छोड़कर चली गई हैं.
उन्होंने कहा, ''यह सही है कि रितु ओलंपिक टीम में नहीं है. उसे बाहर करने के मुख्य रूप से दो कारण है - उसका खराब प्रदर्शन और दूसरा उसका रवैया.'' इस सदस्य ने कहा, ''उसे बार-बार कहा गया कि उसे अपने प्रदर्शन में सुधार करना होगा लेकिन वह ऐसा नहीं कर सकी. शिविर बेंगलूर में चल रहा है. यह आज खत्म हो जाएगा और कल हम दिल्ली पहुंच रहे हैं. रितु परसों ही शिविर छोड़कर चली गई थी.''
रितु की कप्तानी में भारतीय महिला हॉकी टीम ने 1980 के बाद 36 साल में पहली बार ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया. यह 24 वर्षीय खिलाड़ी एक दशक से ज्यादा समय से भारतीय महिला हाकी की अगुवा रही है और मिडफील्ड की अहम खिलाड़ी रही है.
लगातार प्रयास के बावजूद रितु से बातचीत नहीं हो सकी है. रितु की अनुपस्थिति में कप्तानी की जिम्मेदारी एक अन्य सीनियर खिलाड़ी रानी रामपाल को दी जा सकती है. हालांकि हॉकी इंडिया के अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा ने इस मुद्दे को दबाने का प्रयास किया और खिलाड़ी के व्यवहार को 'अपरिपक्व' करार किया.
बत्रा ने कहा, ''यह सचमुच रितु की अपरिपक्वता है क्योंकि टीम अभी तक घोषित नहीं हुई है. यह अधिकारिक रूप से 12 जुलाई को घोषित की जाएगी जब मैं सार्वजनिक रूप से सील किया हुआ लिफाफा खोलूंगा.''
उन्होंने कहा, ''हां, टीम प्रबंधन ने टीम की कप्तान और उप कप्तान दोनों के बारे में मुझे अपनी सिफारिशें दी हैं. 11 जुलाई को हॉकी इंडिया के कार्यकारी बोर्ड की बैठक के दौरान ही इस पर फैसला किया जाएगा.''
रविवार, 10 जुलाई 2016
खराब प्रदर्शन और व्यवहार के चलते हॉकी कप्तान रितु रानी हुईं ओलंपिक टीम से बाहर
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खेल
पढ़ाई का विषय हमेशा साइंस रहा। बी एससी इलेट्रॉनिक्स से करने के बाद अचानक पत्रकारिता की तरफ रूझान बढ़ा। नतीजतन आज मेरा व्यवसाय और शौक
दोनों यही बन गए।
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