नई दिल्ली। टीम इंडिया के वनडे और टी20 कप्तान महेंद्र सिंह धोनी एक कंपनी के फर्जीवाड़े के शिकार हो गए हैं। ऑस्ट्रेलिया की जानी मानी स्पोर्ट्स कंपनी माही के 1-2 नहीं बल्की 20 करोड़ से भी ज्यादा रकम दबाकर बैठ गई। दरअसल धोनी ने 2013 में स्पार्ट्न के साथ करार किया था। ब्रांड के प्रचार के लिए धोनी के साथ 13 करोड़ सालाना की डील हुई, स्पार्ट्न ने धोनी को करार कि 4 किश्तें तो दे दी लेकिन उसके बाद पैसे देने बंद कर दिए।
स्पार्ट्न ऑस्ट्रेलिया की एक बड़ी स्पोर्ट्स गियर कंपनी है। इसमें खेल की दुनिया खासकर क्रिकेट के कई बड़े नाम जुड़े हुए हैं। इसके एंबेसडर की लिस्ट देखेंगे तो उसमें दिग्गजों की भरमार है। ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क, वेस्टइंडीज के धुआंधार बल्लेबाज क्रिस गेल, इंग्लैंड के आयन मॉर्गन, ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज मिचेल जॉनसन और दिग्गज क्रिकेटर विव रिचर्ड्स भी स्पार्टन के ब्रांड एंबेसडर रह चुके हैं।
आपको ये जानकर आश्चर्य होगा कि अभी कुछ दिनों पहले ही सचिन तेंदुलकर भी इस कंपनी के निवेशकों में शामिल हुए। इसके अलावा तेंदुलकर इसकी सलाहकार समिति में भी हैं। लेकिन उन्हें क्या पता कि टीम में साथी खिलाड़ी रहे धोनी के साथ इस कंपनी ने धोखा किया है।
धोनी के करार को देख रही कंपनी रिति स्पोर्ट्स के डायरेक्टर अरुण पांडेय ने एक ब्यान में कहा है कि करार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है लेकिन उम्मीद जताई की मामला सुलझ जाएगा। सिडनी से लेकर दिल्ली तक स्पार्टन का स्पोर्ट्स गियर के कारोबार में बड़ा नाम है। ऐसे में ये उम्मीद की जा रही है मामले को जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। लेकिन, अगर ऐसा नहीं हुआ तो 20 करोड़ की वसूली के लिए धोनी कोर्ट भी जा सकते हैं।
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