ये बात सुनने में हमें थोड़ा अजीब जरूर लगती है, लेकिन दक्षिण बेल्जियम के लग्जमबर्ग प्रांत में कारों का भी कब्रिस्तान है। लग्जमबर्ग प्रांत के जिस कस्बे में कारों का कब्रिस्तान है, उसे चैटिलोन कहा जाता है। कारों के कब्रिस्तान में एक ही मॉडल की 500 से अधिक कारें पिछले करीब 70 से खड़ी हुई हैं। 70 से खड़ी कारों को पर अब आलम ये है कि इन पर ही पेड़-पौधे उग आए हैं।
कारों के कब्रिस्तान जुड़ी ये बात भी हमेशा हर किसी को चौंकने पर मजबूर कर देती है कि इतनी कारों के यहां तक आने के बारे में कोई नहीं जानता। हालांकि कुछ स्थानीय लोग मानते हैं कि इन कारों का संबंध अमेरिकी सैनिकों से है। उनके मुताबिक सेकेंड वर्ल्ड वार की समाप्ति के बाद जब अमेरिकी सैनिक घर वापस जाने की तैयारी कर रहे थे तो उन्हें महसूस हुआ कि वो अपनी कारें अपने साथ नहीं ले जा सकते। इस दौरान उन्हें चैटिलोन के जंगल अपनी कारों को छुपाने के लिए सबसे उपयुक्त लगे, क्योंकि ये एक पहाड़ी इलाका था और लोगों का यहां पर आना-जाना बिल्कुल नहीं था।
उनकी योजना अमेरिकी पहुंचने के बाज कारें अमेरिका वापस मंगवाने की थी, लेकिन ऐसा हो नहीं सका और ये कारें हमेशा के लिए यहीं रह गई। दूसरी ओर इसके विपरीत कुछ लोगों का ये कहना है कि ये सारी कारें स्थानीय निवासियों की ही हैं। जब भी यहां किसी की कार खराब होती है तो वो इस जंगल में ही अपनी कार खड़ी कर आता है। हालांकि इस बात यकीन करना मुश्किल इसलिए है, क्योंकि सभी कारें एक ही मॉडल की हैं।
मंगलवार, 19 जुलाई 2016
कारों का कब्रिस्तान, यहां करीब 70 साल से खड़ी हैं
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जरा हटके
पढ़ाई का विषय हमेशा साइंस रहा। बी एससी इलेट्रॉनिक्स से करने के बाद अचानक पत्रकारिता की तरफ रूझान बढ़ा। नतीजतन आज मेरा व्यवसाय और शौक
दोनों यही बन गए।
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