गुरुवार, 21 जुलाई 2016

'दुनिया फतह' करने निकली पहाड़ों की ये बेटी, हकीकत जानकर गर्व करेंगे आप

कुल्लू , देवभूमि की बेटी सेलिंग बोट में विश्व का चक्कर लगा इतिहास रचने जा रही हैं। जी हां हिमाचल की बेटी लेफ्टिनेंट कमांडर प्रतिभा जम्बाल इतिहास रचने जा रही हैं। कुल्लू शहर के मौहल क्षेत्र से संबंध रखने वाली प्रतिभा सागर की परिक्रमा कर विश्व का चक्कर लगाएगी। रोमांच और साहसिक गतिविधियों से भरी इस यात्रा में  प्रतिभा समेत देश के अन्य राज्यों से छह सदस्य होंगी।

खासियत यह है कि सागर परिक्रमा के लिए इंडियन नेवी की तरफ से पहली बार महिला टीम जा रही है। छह सदस्यीय टीम में हिमाचल से कुल्लू की प्रतिभा ने स्थान बनाया है। आठ माह तक जारी रहने वाली सागर परिक्रमा सेलिंग बोट में होगी। विश्वभर का चक्कर काटकर सेलिंग वोट वापस भारत लौटेगी। इससे पहले दो बार सागर परिक्रमा की जा चुकी हैं।

हवाओं के रुख के साथ चलती है बोट
लेकिन दोनों ही बार टीम में पुरुष थे। यह पहली बार है कि महिलाओं की टीम को प्रतिभा का लोहा मनवाने का मौका मिला है। सेलिंग बोट में किसी भी तरह का इंजन नहीं होता है। हवाओं के रुख के साथ ही बोट चलती है। प्रतिभा को नेवी में शुरुआत से ही सेलिंग बोटिंग का शौक रहा है। इसमें प्रतिभा अपने हुनर का लोहा भी मनवा चुकी हैं।

इन दिनों ट्रेनिंग जारी है। टीम अगले साल अगस्त में रवाना होगी। बताया जा रहा है कि विश्वभर में अभी तक किसी भी नेवी की तरफ से महिला टीम को सागर परिक्रमा के लिए नहीं भेजा गया है। महिलाओं की टीम द्वारा सागर परिक्रमा करना महिला सशक्तिकरण की तरफ एक और कदम माना जा रहा है।

बेहद कठिन है सागर परिक्रमा
इधर, अमर उजाला से लेफ्टिनेंट कमांडर प्रतिभा जम्बाल ने कहा कि ऐतिहासिक टीम का हिस्सा होना गौरवान्वित करता है। ऐसा मौका आसानी से नहीं मिल पाता है। यह मेरे लिए बेहद खास है। यह सपने को सच करने जैसा है। वहीं, प्रतिभा के पिता रवि जम्बाल ने कहा कि बेटी का सागर परिक्रमा के लिए चयन होना खुशी भरा है। बेटी प्रतिभा पर उन्हें नाज है।

सागर परिक्रमा को बेहद कठिन माना जाता है। सेलिंग बोट में होने वाली सागर परिक्रमा के लिए खुद को तैयार करना पड़ता है। सागर परिक्रमा के तहत निर्धारित किलोमीटर तय करने होते हैं। आठ माह तक सेलिंग बोट में सफर तय कर परिक्रमा करने के लिए विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाता है।

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