मंदिर में सभी लोग समान रूप से प्रार्थना, पूजन आदि धर्म-कर्म करते हैं। शास्त्रों के मुताबिक मंदिर की पवित्रता बनाए रखना सभी भक्तजनों का फर्ज होता है। इसी वजह से कुछ नियम बताए गए हैं जिनका नियमित रूप से पालना करने पर महालक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है और व्यक्ति की धन संबंधी परेशानियां से छूटकारा मिलने लगता है।
मंदिर जाने से पहले निम्न नियमों का पालन करें।
जब भी मंदिर जाएं तो अन्दर जाने से पहले बाहर से मंदिर के ऊँची चोटी के हाथ जोडक़र दर्शन करें। चोटी के दर्शन से भी उतना ही पुण्य प्राप्त होता है, जितना मंदिर की मूर्ति के दर्शन से प्राप्त होता है। शास्त्रों में माना जाता है कि चोटी दर्शनम् पाप नाशम्। यानी चोटी के दर्शन करने से भी पाप धूलते है।
मंदिर के अन्दर जाते समय सबसे पहले मंदिर कि घंटी जरूर बजानी चाहिए। जिस प्रकार हम किसी के घर जाते समय बाहर लगी हुई डोर बेल बजाते हैं, ठीक उसी भाव से मंदिर की घंटी बजानी चाहिए। मंदिर की घंटी बजाने के बाद जो ध्वनि और वायबे्रट पैदा होता है, वह हमारे शरीर के लिए भी लाभदायक होता है।
मंदिर में जाने से पहले अपने पेरों मे पहने हुए जूते-चप्पल इत्यादि बाहर ही खोल दें। जूते उतारने के पश्चात अपने हाथ-पैर पानी से धो लेना चाहिए। ताकि आपके हाथ-पैर पूरी तरह से साफ और स्वच्छ हो जाए। ऐसा करने से धूल-मिट्टी आदि आपके पैरों के साथ मंदिर में नहीं जाएगी।
जब भी जाएं मंदिर लक्ष्मी कृपा के लिए ध्यान रखें ये छोटी-छोटी बातें
मंदिर में किसी भी परिस्थिति में अपने पैर या पीठ देवी-देवताओं की मूर्ति के सामने की ओर करके नहीं बैठना चाहिए। यह असम्मानता की भावना होती है।
मंदिर में फर्श पर सभी श्रद्धालु मत्था टेंकते हैं, अत: फर्श को बिल्कुल गंदा नहीं करना चाहिए। ताकि अन्य श्रद्धालुओं के सिरों पर गंदगी ना लगे।
भगवान की परिक्रमा घड़ी की सुई जिस दिशा में घुमती है, उसी के अनुसार करनी चाहिए। मंदिर में कहीं भी बैठे अपना मुख देवी-देवताओं की मूर्ति कि रखना चाहिए यह शुभ माना जाता है।
मंगलवार, 26 जुलाई 2016
मंदिर में जाने से पूर्व विभिन्न बातों का ध्यान अवश्य रखें।
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ज्योतिष
पढ़ाई का विषय हमेशा साइंस रहा। बी एससी इलेट्रॉनिक्स से करने के बाद अचानक पत्रकारिता की तरफ रूझान बढ़ा। नतीजतन आज मेरा व्यवसाय और शौक
दोनों यही बन गए।
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