नई दिल्ली। गुरुवार रात पश्चिम बंगाल के टोल प्लाजाओं पर सेना की उपस्थिति से मचे बवाल का असर शुक्रवार के लोकसभा में देखने को मिला। शुक्रवार को जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई तृणमूल कांग्रेस के सांसदो सहित विपक्ष ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की। इस बीच रक्षामंत्री ने मामले पर सदन के सामने अपनी सफाई पेश की। रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने कहा कि सेना की टोल प्लाजा में तैनाती एक रूटीन अभ्यास का हिस्सा है। इसे राजनीति से नहीं जोड़ना चाहिए।
सेना को राजनीति से जोड़ना गलत
लोकसभा में रक्षामंत्री ने इस पूरे मामले में सफाई देते हुए कहा कि सेना को राजनीति में घसीटना गलत है, यह एक रुटीन अभ्यास है इसको मुद्दा बनाना गलत है। यह अभ्यास पुलिस के साथ मिलकर किया गया है, ऐसा ही अभ्यास 19 से लेकर 21 नवंबर 2015 को भी हुआ था।
हताशा के चलते विपक्ष कर रहा है हंगामा
मनोहर पर्रिकर ने कहा कि ममता के सेना पर लगाए गए इन आरोपों से दुख हुआ है। यह मुद्दा राजनीतिक हताशा के कारण उठाया गया है। वहीं खबरों की मानें तो ममता बनर्जी अभी भी सचिवालय में ही रूकी हुईं हैं। उन्होंने पहले ही साफ कर दिया है कि जब तक सेना टोल प्लाजा को खाली नहीं करेगी तब तक वो सचिवालय से ही पूरे स्थिति को मॉनीटर करेंगी।
मेजर जनरल ने भी आरोपों पर दी सफाई
एक तरफ जहां रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर ने लोकसभा में इस मुद्दे पर सफाई दी। वहीं सेना के मेजर जनरल सुनील यादव ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत कर आरोपों का खंडन किया। उन्होंने कहा कि बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आरोप आधारहीन है। ये एक रूटीन अभ्यास है, पिछले साल भी सेना ने यहां अभ्यास किया था।
शुक्रवार, 2 दिसंबर 2016
प.बंगाल में सेना की तैनाती पर संसद में बवाल, रक्षामंत्री ने दिया ऐसा जवाब कि सब हो गए चुप
पढ़ाई का विषय हमेशा साइंस रहा। बी एससी इलेट्रॉनिक्स से करने के बाद अचानक पत्रकारिता की तरफ रूझान बढ़ा। नतीजतन आज मेरा व्यवसाय और शौक
दोनों यही बन गए।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें