लखनऊ। समाजवादी पार्टी में सुलह हो गयी है। मुलायम के आवास पर अखिलेश, आज़म व शिवपाल के बीच चली बैठक के बाद अखिलेश व रामगोपाल का निष्कासन खत्म कर दिया गया है।
पार्टी को टूट से बचाने के लिए सूत्रधार की भूमिका निभा रहे आजम खान सुबह अखिलेश के साथ मुलायम के घर पहुंचे थे , जहां कुछ देर बार शिवपाल को भी बुलाया गया था। बताया जा रहा है इस बैठक में अखिलेश ने अपनी बात रखी। अखिलेश ने पिता और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को 207 विधायकों के समर्थन की लिस्ट दिखाई। साथ ही उऩ्होंने कहा कि ऐसे लोगों को ही टिकट दिए जाएं जो जीत सकते हैं।
इससे पहले निष्कासित होने के बाद अखिलेश की बुलाई अहम बैठक में 198 विधायक और 40 एमएलसी पहुंचे थे। जबकि शिवपाल द्वारा बुलाई गई बैठक में मात्र 10 विधायक ही शामिल हुए थे। दोनों ही तरफ के ज्यादातर नेता पार्टी के विभाजन के पक्ष में नहीं दिखे हैं। अखिलेश के साथ बैठक में कई विधायकों ने सपा के न टूटने की दुहाई दी थी। भावुक अखिलेश यादव ने भी कहा था कि वो पिता से अलग नहीं है और 2017 में यूपी जीतकर पिता को तोहफा देंगे।
सपा में अखिलेश और रामगोपाल की वापसी के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अमर सिंह के खिलाफ जल्द कोई बड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
शिवपाल ने अखिलेश और रामगोपल की पार्टी में वापसी की जानकारी ट्विटर पर देने के साथ-साथ संवाददाताओं को भी इस बारे में बताया। उन्होंने यह भी कहा कि टिकट बंटवारे को लेकर जारी विवाद को भी जल्द सुलझा लिया जाएगा। सभी से बातचीत के बाद सबकुछ तय कर लिया जाएगा और नई सूची बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि 'वर्ष 2017 में मिलकर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाएंगे।
सपा सूत्रों के मुताबिक, मुलायम ने अखिलेश से कहा, "मैं कभी तुम्हारे खिलाफ नहीं था। तुम्हारे खिलाफ होता तो तुम्हें मुख्यमंत्री क्यों बनाता?"
आरजेडी प्रमुख और मुलायम परिवार के रिश्तेदार लालू यादव ने भी पिता-पुत्र को मिलाने की कोशिश की। लालू यादव ने कहा कि उन्होंने अखिलेश और मुलायम से बात कर दोनों को मिलकर मामला सुलझाने की अपील की थी वर्ना बना बनाया मामला बिगड़ जाएगा।
शनिवार, 31 दिसंबर 2016
सपा में फिर सुलह, अखिलेश और रामगोपाल के निष्कासन रद्द
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पढ़ाई का विषय हमेशा साइंस रहा। बी एससी इलेट्रॉनिक्स से करने के बाद अचानक पत्रकारिता की तरफ रूझान बढ़ा। नतीजतन आज मेरा व्यवसाय और शौक
दोनों यही बन गए।
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