14 दिसंबर को जारी आदेश के अनुसार, अब रेलवे कर्मचारी त्यौहारी मौसम में बिना किसी ब्याज के मिलने वाले एडवांस का लाभ नहीं ले सकेंगे। रेलवे बोर्ड के आदेश संख्या आरबीई नं. 147 /2016 और चिट्ठी संख्या 2016/ई(एलएल)/एफए/1 के तहत यह सभी कार्यालयों में भेज दिया है। इस आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि यह आदेश तुरंत प्रभाव से लागू होगा।
रेलवे कर्मचारियों के संघ एआईआरएफ के नेता शिवगोपाल मिश्रा का कहना है कि बोर्ड के इस आदेश से करीब रेलवे का हर कर्मचारी प्रभावित होगा। उन्होंने बताया कि रेलवे में 13 लाख कर्मचारी काम करते हैं। उनका कहना है कि आधे से ज्यादा कर्मचारी रेलवे द्वारा उपलब्ध कराई जा रही इस सुविधा का लाभ उठाया करते थे। उन्होंने रेलवे बोर्ड द्वारा सातवें वेतन आयोग की सिफारिश पर इतनी जल्दबाजी पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि जब यह मुद्दा कर्माचारियों की ओर से सरकार द्वारा बनाई गई अधिकार प्राप्त अलाउंस समिति के पास है तब इस पर रेलवे बोर्ड को यह आदेश देने की क्या जरूरत थी।
शिवगोपाल मिश्रा ने बताया कि इस संबंध में उन्होंने रेलवे बोर्ड को चिट्ठी लिखकर कर्मचारियों की ओर से विरोध दर्ज करवा लिया है। उन्होंने बताया कि अलाउंस समिति के पास भी इस मुद्दे को उठाया गया है। रेलवे कर्मचारियों के नेता का कहना है कि सरकार द्वारा इस बंद करने का कारण भी समझ से परे है! कर्मचारी इस सुविधा का लाभ लेते थे तो इसका पूरा पैसा वापस आ रहा था। इसमें 100 प्रतिशत रिकवरी थी और रेलवे पर न तो इसका कोई बोझ था न ही इससे किसी प्रकार का नुकसान हो रहा था।
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