मंगलवार, 27 दिसंबर 2016

एमपी सरकार ने दी शासकीय सेवकों को 7 प्रतिशत महंगाई भत्ते से भुगतान की मंजूरी

भोपाल।  मध्यप्रदेश सरकार ने आज हुई मंत्रिपरिषद बैठक में शासकीय सेवकों को सात प्रतिशत महंगाई भत्ते से भुगतान की मंजूरी दे दी ।
मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई बैठक में ये मंजूरी दी गई। शासकीय सेवकों के साथ ही पेंशनर्स, पंचायत राज संस्थाओं और स्थानीय निकायों में नियोजित अध्यापक संवर्ग और पंचायत ग्रामीण विकास विभाग के पंचायत सचिवों को देय महंगाई भत्ते/राहत की दर में दिनांक एक जुलाई 2016 से सात प्रतिशत की वृद्धि की गई है। इस तरह अब 132 प्रतिशत महंगाई भत्ता देय होगा । एक अन्य महत्वपूर्ण फैसले में इंदौर और भोपाल नगरों में मेट्रो परियोजना के अमल के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) का अनुमोदन किया गया । मेट्रो रेल परियोजनाओं से संबंधित निविदाओं के अनुमोदन के लिए मुख्य सचिव मध्यप्रदेश की अध्यक्षता में साधिकार समिति गठित की जायेगी । भोपाल मेट्रो परियोजना के प्रथम चरण में करोंद से एम्स 14.99 किलोमीटर और भदभदा से रत्नागिरी तिराहा 12.88 किलोमीटर का कार्य होगा इसके साथ ही इंदौर में राजवाड़ा- नैनोद 31.55 किलोमीटर का क्रियान्वयन किया जायेगा । परियोजना से संबंधित अन्य आवश्यक कार्यवाहियां तेजी से संपन्न की जायेंगी । मंत्रिपरिषद ने 497 दैनिक वेतनभोगी पात्र श्रमिकों को वन रक्षक के रिक्त पदों पर नियुक्त करने संबंधी मंजूरी प्रदान की । सागर जिले में पंचम नगर सिंचाई काम्पलेक्स के लिए 674.90 करोड़ की पुनरीक्षित प्रशासकीय स्वीकृति दी गई । इस योजना से 25 हजार हेक्टर क्षेत्र में सिंचाई की जा सकेगी । मंत्रिपरिषद ने नगर निगम भोपाल को पेयजल योजना से संबंधित हडको से स्वीकृत राशि की स्वीकृति वर्ष 2013 में प्रदान की थी । अन्य मद में राशि 223 .97 करोड़ का ऋण हडको से प्राप्त हुआ है ।

इस राशि से 82.59 करोड़ शेष होने और 74.01 करोड़ जो नगर निगम द्वारा ऋण नहीं लिया गया , पूर्व में योजना के लिए स्वीकृत 30.37 करोड़ मिलाकर कुल 104.38 करोड़ की पुनरीक्षित स्वीकृति प्रदान की गई । मंत्री परिषद ने जल संसाधन संभाग नरसिंहगढ़ के अंतर्गत कुशलपुरा मध्यम सिंचाई योजना की नहर प्रणाली के निर्माण कार्य की अनियमितताओं के लिए तत्कालीन कार्यपालन यंत्री आर एस पवार के विरुद्ध विभागीय जांच की थी । आज पवार की पेंशन की 20 प्रतिशत पांच वर्ष के लिए वापिस लेने का निर्णय लिया गया । मंत्रिपरिषद ने मुरैना- सबलगढ़ मार्ग के लिए भी प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की । लगभग 71 किलोमीटर के मार्ग को ईपीसी योजना में विकसित करने केलिए 14999 लाख रुपए की स्वीकृति प्रदान की ।

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