मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री सुंदर लाल पटवा का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। वो 92 साल के थे। राज्य सरकार ने पटवा के निधन के बाद 3 दिन के राजकीय शोक की घोषणा की।
पटवा दो बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे। पहली बार 20 जनवरी, 1980 से लेकर 17 फरवरी ,1980 तक , जब राज्य में जनता पार्टी के नेतृत्व में सरकार बनी थी। फिर 5 मार्च, 1990 से 15 दिसंबर 1992 तक वो भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार के मुखिया रहे।
पटवा की राजनीतिक जीवन 1951 में शुरू हुई थी। पटवा पहले इंदौर राज्य प्रजा मंडल में काम किया फिर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ जुड़े । आपातकाल के दौरान पटवा को मीसा के तहत हिरासत में लिया गया था। 1948 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आंदोलन में भाग लेने के लिए पटवा सात महीने जेल में रहे।
पटवा 1997 में छिंदवाड़ा पहला लोकसभा उपचुनाव जीता, लेकिन अगले साल आम चुनाव में वो हार गए। 1999 में, वह होशंगाबाद लोकसभा जीता और 1999 से 2001 तक वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे।
पीएम मोदी ने पटवा के निधन पर शोक जताया। पीएम ने कहा कि वह बहुत ही मेहनती और ईमानदार नेता थे, उनके एमपी सीएम के पद पर रहते हुए किए गए बेहतरीन काम को हमेशा याद किया जाएगा।
पटवा की राजनीतिक जीवन 1951 में शुरू हुई थी। पटवा पहले इंदौर राज्य प्रजा मंडल में काम किया फिर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के साथ जुड़े । आपातकाल के दौरान पटवा को मीसा के तहत हिरासत में लिया गया था। 1948 में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के आंदोलन में भाग लेने के लिए पटवा सात महीने जेल में रहे।
पटवा 1997 में छिंदवाड़ा पहला लोकसभा उपचुनाव जीता, लेकिन अगले साल आम चुनाव में वो हार गए। 1999 में, वह होशंगाबाद लोकसभा जीता और 1999 से 2001 तक वाजपेयी सरकार में मंत्री रहे।
पीएम मोदी ने पटवा के निधन पर शोक जताया। पीएम ने कहा कि वह बहुत ही मेहनती और ईमानदार नेता थे, उनके एमपी सीएम के पद पर रहते हुए किए गए बेहतरीन काम को हमेशा याद किया जाएगा।
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