गुरुवार, 29 दिसंबर 2016

बर्थडे स्पेशल : - एक 'कलाकार' जो अपनी मेहनत से बना बॉलीवुड का पहला 'सुपरस्टार'

भारतीय सिनेमा के 100 साल के स्वर्णिम इतिहास को जब भी याद किया जाएगा, उसमें सुपरस्टार राजेश खन्ना का जिक्र जरुर होगा। अगर सिनेमा को दशकों में बांटा जाए तो 70 के दशक को पूरी तरह के राजेश खन्ना का दशक कहा जा सकता है। राजेश खन्ना को हिन्दी सिनेमा में जो मुकाम हासिल हुआ, वो बहुत कम लोगों को हासिल हुआ है। लोग उन्हें बॉलीवुड का पहला सुपरस्टार कहते हैं, राजेश खन्ना को भी सुपरस्टार की जिदंगी जीने की आदत थी। गुजरे जमाने के इसी दिग्गज अभिनेता राजेश खन्ना का गुरुवार को जन्मदिन है। साल 1942 में 29 दिसंबर के दिन ही पैदा हुए थे। 'काका' की बर्थ एनिवर्सरी पर हम आपको बतातें हैं उनकी जिंदगी से जुड़ी कुछ अहम बातें ...

1.  अभिनय ही था पहला प्यार

29 दिसंबर 1942 को जन्मे राजेश खन्ना को उनके एक नजदीकी रिश्तेदार ने गोद लिया था और बहुत ही लाड़-प्यार से उन्हें पाला गया। वह स्कूल और कॉलेज के जमाने से ही एक्टिंग की ओर आकर्षित थे। फिल्म में काम पाने के लिए उन्होंने निर्माताओं के दफ्तर के चक्कर लगाए। स्ट्रगलर होने के बावजूद वह इतनी महंगी कार में निर्माताओं के यहां जाते थे कि उस दौर के हीरो के पास भी वैसी कार नहीं थी।

2. जीती टैलेंट हंट प्रतियोगित

साल 1965 में यूनाइटेड प्रोड्यूसर्स और फिल्मफेअर ने नए हीरो की खोज के लिए टैलेंट हंट का आयोजन किया था। प्रतियोगिता के फाइनल में दस हजार में से आठ लड़के चुने गए थे, जिनमें से राजेश खन्ना विजेता घोषित हुए। राजेश खन्ना का वास्तविक नाम जतिन खन्ना है,अपने अंकल के कहने पर उन्होंने नाम बदला था।

3. ‘आखिरी खत’ से शुरू हुआ सफर

टैलेंट हंट प्रतियोगिता जीतते ही राजेश खन्ना का संघर्ष खत्म हुआ। सबसे पहले उन्हें ‘राज’ फिल्म के लिए जीपी सिप्पी ने साइन किया, जिसमें बबीता जैसी बड़ी स्टार थीं। राजेश की पहली प्रदर्शित फिल्म का नाम ‘आखिरी खत’ है, जो 1966 में रिलीज हुई थी।

4. बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार

साल 1969 में रिलीज हुई 'आराधना' और 'दो रास्ते' की सफलता के बाद राजेश खन्ना सीधे शिखर पर जा बैठे। उन्हें सुपरस्टार घोषित कर दिया गया और लोगों के बीच उन्हें अपार लोकप्रियता हासिल हुई। माना जाता है कि आजतक वैसी लोकप्रियता किसी स्टार को हासिल नहीं हुई जो राजेश को ‍हासिल हुई थी।

5. ऊपर आका और नीचे काका

साल 1969 से 1975 के बीच राजेश खन्ना ने कई सुपरहिट फिल्में दीं। उस दौर में उनका क्रेज ऐसा था कि पैदा हुए ज्यादातर लड़कों के नाम राजेश रखे गए। फिल्म इंडस्ट्री में राजेश को प्यार से 'काका' कहा जाता था। जब वे सुपरस्टार थे तब एक कहावत बड़ी मशहूर थी- ऊपर आका और नीचे काका।

6. लड़कियों के बीच काका का क्रेज

लड़कियों के बीच राजेश खन्ना बेहद लोकप्रिय थे। लड़कियों ने उन्हें खून से खत लिखे। उनकी फोटो से शादी कर ली। कुछ ने अपने हाथ या जांघ पर राजेश का नाम गुदवा लिया। कई लड़कियां उनका फोटो तकिये के नीचे रखकर सोती थीं। राजेश खन्ना की सफेद रंग की कार को देखकर लड़कियां उस कार को ही चूम लेती थीं।

7. सिखाए प्यार के ढाई अक्षर

राजेश खन्ना को रोमांटिक हीरो के रूप में बेहद पसंद किया गया। उनकी आंख झपकाने और गर्दन टेढ़ी करने की अदा के लोग दीवाने हो गए। उनके द्वारा पहने गए कुर्त्ते खूब प्रसिद्ध हुए। आनंद फिल्म राजेश खन्ना के करियर की सर्वश्रेष्ठ फिल्म मानी जा सकती है, जिसमें उन्होंने कैंसर से ग्रस्त जिंदादिल युवक की भूमिका निभाई।

8. मुमताज संग जोड़ी हिट

मुमताज और शर्मिला टैगोर के साथ राजेश खन्ना की जोड़ी को काफी पसंद किया गया। मुमताज के साथ उन्होंने 8 सुपरहिट फिल्में दीं। मुमताज ने शादी कर फिल्म को अलविदा कहने का मन बना लिया। उनके इस निर्णय से राजेश को बहुत दुख हुआ।

9. कम होने लगा काका का क्रेज

जंजीर और शोले जैसी एक्शन फिल्मों की सफलता और अमिताभ बच्चन के उदय ने राजेश खन्ना की लहर को थाम लिया। लोग एक्शन फिल्में पसंद करने लगे और 1975 के बाद राजेश की कई रोमांटिक फिल्में असफल रहीं।

10. और चमक गई अमिताभ की किस्मत

राजेश खन्ना ने उस समय कई महत्वपूर्ण फिल्में ठुकरा दी, जो बाद में अमिताभ को मिली। यही फिल्में अमिताभ के सुपरस्टार बनने की सीढ़ियां साबित हुईं। अमिताभ बच्चन और राजेश खन्ना ने आनंद और नमक हराम नामक फिल्मों में साथ काम किया है। इन दोनों फिल्मों में राजेश के रोल अमिताभ के मुकाबले सशक्त हैं।

 11.कई हिट फिल्मों में किया काम

राजेश खन्ना ने अपने चार दशक के लंबे सफर के दौरान लगभग 125 फिल्मों में काम किया। जिनमें 'आराधना', 'इत्तफाक', 'दो रास्ते', 'बंधन', 'डोली', 'सफर', 'खामोशी', 'कटी पतंग', 'आन मिलो सजना', 'ट्रेन', 'आनंद', 'सच्चा झूठा', 'दुश्मन', 'महबूब की मेहंदी', 'हाथी मेरे साथी' शामिल है।

12. और चले गए 'काका'

साल 18 जुलाई 2012 को वे इस दुनिया को अलविदा कह गए। काका आज भले ही हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके द्वारा निभाए गए किरदार और गाने आज भी उनके चहेते के दिलों में बसे हुए हैं। वह सही मायनों में बॉलीवुड के पहले सुपर स्टार थे।

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