– जीवन के लक्ष्य को निर्धारित करें और उसे प्राप्त करने का पूरा प्रयास करें।
– मित्रों को पहचानें। मित्र को ज़रूरत होने पर पीछे नहीं हटें। उसका जितना निस्वार्थ साथ दे सकते हैं, दें। स्वार्थी मित्रों से दूर रहें।
– सकारात्मक सोच रखें, नकारात्मक विचारों को तिलांजलि देने का प्रयास करें। चारों तरफ मुसीबतें हैं, ऐसा विचार मन से निकाल कर अवसर ढूंढऩे का प्रयास करें।
– बड़े लक्ष्य की प्राप्ति के लिए छोटे मोटे लक्ष्यों को नजरअंदाज करें।
– जिस बात की बहस पर लाभ न हो, वहां मौन रहना ही हितकर है। मौन रहना ही एकमात्र रास्ता है।
– दूसरों की समस्याओं पर भी ध्यान दें। शायद आपकी नजऱ में वे कम महत्त्व वाली हों पर उसके स्थान पर स्वयं को रखकर सोचें।
– परिस्थितियों के अनुसार स्वयं को ढालने का प्रयास करें। दूसरों को बदलने की भावना मन में न लायें। अपने व्यवहार से उन्हें सीखने का अवसर दें।
– कभी कभी हम भी गलत हो सकते हैं। इस सत्य से दूर न भागें।
– कुछ समय दूसरों की भलाई के लिए भी रखें। ऐसा करके बहुत शान्ति मिलती है।
– दूसरों के दु:ख में उनका साथ दें जिससे दु:ख बंटकर कम हो जाये। दूसरों की खुशी में खुश रहें ताकि खुशी चौगुनी हो जाये।
– अच्छी पुस्तकें स्वयं भी पढ़ें और दूसरों को भी प्रोत्साहित करें कि वे भी उनका लाभ उठा सकें।
– दूसरों को नीचा मत दिखाएं। उन्हें उठाने का प्रयास करें।
– दूसरों से जिस व्यवहार की अपेक्षा करते हैं, उनसे स्वयं भी वैसा व्यवहार करें।
– मीठे बोल बोलकर दूसरों का मन जीतने का प्रयास करें।
– दूसरों की भी सुनें। उन्हें पूरा अवसर दें कि वे मन खोलकर अपनी बात कह सकें। बीच में टोककर या अपनी बात बार-बार दोहरा कर उन्हें निरूत्साहित न करें।
– किसी को उपहार देते समय पहले उससे हाथ मिलायें, फिर उसे उपहार दें ताकि उसे अहसास हो कि आप खाली उपहार देने की खानापूर्ति करने ही नहीं आए हैं।
– घर आए अतिथि को प्यार और सम्मान दें।
– बड़ों को पूरा सम्मान दें और छोटों को प्यार। नये लोगों से थोड़ी दूरी बनाकर रखें।
– अपने आप को किसी पर थोपें नहीं। उसे भी अवसर प्रदान करें, अपनी योग्यता दिखाने का।
शनिवार, 3 दिसंबर 2016
लोकप्रियता का मंत्र है उचित व्यवहार…स्वार्थी मित्रों से रहें दूर
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लाइफ स्टाइल
पढ़ाई का विषय हमेशा साइंस रहा। बी एससी इलेट्रॉनिक्स से करने के बाद अचानक पत्रकारिता की तरफ रूझान बढ़ा। नतीजतन आज मेरा व्यवसाय और शौक
दोनों यही बन गए।
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