जनवरी 2016 की खबर एक साल बाद सही होती लगती है। हां, जनवरी 2016 में एक प्रतिष्ठित समाचार एजेंसी ने पीएमओ के सूत्र के हवाले कयास लगाया था कि अरूण जेटली को हटा कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने उर्जा मंत्री पीयूष गोयल को वित्त मंत्री बना रहे है। तब बहुत हडकंप हुआ। अरूण जेटली पर तब जो गुजरी होगी उसे समझ सकते है। बहरहाल, जानकारों का मानना है कि अगले वित्त मंत्री के नाते प्रधानमंत्री के पास पीयूष गोयल के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। उन्हें ही वित्त मंत्रालय में बैठाने की बात हो रही है।
अपना मानना है नोटबंदी के बाद जो हालात बन गए हैं और साल-दो साल जिस भंवर में अर्थव्यवस्था फंसी रहनी है उसमें यदि पीयूष गोयल को नरेंद्र मोदी वित्त मंत्री बनाते हैं तो अर्थ है कि वे ही अपने अफसरों के साथ वैसे ही वित्त मंत्रालय चलाएंगे जैसे 2016 के पूरे साल चलाया है। यदि अरूण जेटली को हटाने, पीयूष गोयल को लाने का फेरबदल होता है तो इसका अर्थ निकलेगा कि मोदी सचमुच में जनवरी 2016 में ही जेटली को हटाना चाहते थे। मगर मजबूरी के कारण ऐसा नहीं कर पाए। उन्होंने चुपचाप खुद ही बजट बनवाया और नोटबंदी का ऐतिहासिक फैसला किया।
जब ऐसा है तो पीयूष गोयल स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर सकते। अरूण जेटली के मुकाबले पीयूष गोयल प्रधानमंत्री दफ्तर के आगे वीटो करने या स्वतंत्र रूप से फैसला ले सकने में समर्थ नहीं हो सकते। जबकि अपना मानना है कि इस समय प्रधानमंत्री को अर्थशास्त्री या गहरी पकड़ रखने वाले किसी को वित्त मंत्री बनाना चाहिए। आर्थिकी की जैसी बुरी दशा होने वाली है उसमें या तो डा सुब्रहमण्यम स्वामी, अरूण शौरी, एमवी कामथ, रघुराम राजन जैसे विशेषज्ञ या टेक्नोक्रेट वित्त मंत्री बनें और यदि पार्टी से ही लेना है तो नितिन गडकरी जैसी शख्शियत इसलिए वित्त मंत्री होनी चाहिए क्योंकि एक तो खम ठोंक फैसले करने की कुव्वत हो। दूसरे भाजपा-संघ से ले कर कारोबारियों से संवाद बनाते हुए अफसरशाही को कस कर जवाबदेह बनाने में समर्थ हो।
लेकिन नरेंद्र मोदी ऐसा कोई प्रयोग नहीं करेंगे। इसलिए कि वे इस अंहकार में आज जी रहे हैं कि वे सवर्ज्ञ हैं। मंत्री ऐसा हो जो उनकी सोच को पकड़, उनके कहे अनुसार काम करता जाए। वे यह नहीं मान रहे होंगे कि नोटबंदी के उनके फैसले ने देश को, आर्थिकी को अभूतपूर्व, अकल्पनीय संकट में फंसा दिया है। वे इससे उलटा अवसर आया मान रहे होंगे। सोच रहे होंगे कि इससे क्रांति ला देंगे। भारत को कैसलेस बना देंगे। सवा सौ करोड़ देशवासी प्लास्टिक मनी ले कर स्वीडन, डेनमार्क को पछाड़ देंगे।
रविवार, 4 दिसंबर 2016
पीयूष गोयल होंगे वित्त मंत्री?
पढ़ाई का विषय हमेशा साइंस रहा। बी एससी इलेट्रॉनिक्स से करने के बाद अचानक पत्रकारिता की तरफ रूझान बढ़ा। नतीजतन आज मेरा व्यवसाय और शौक
दोनों यही बन गए।
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