रविवार, 23 अक्टूबर 2016

क्या है श्री यंत्र- कैसे करे इसका उपयोग

यन्त्र शास्त्र के अनुसार  श्रीयंत्र लक्ष्मी को आकर्षित करने वाला प्रभावी  यंत्र है. श्रीयंत्र के माध्यम से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और आर्थिक परेशानिया दूर होती है. आजकल हर वयक्ति श्री लेने के पीछे पड़ा होता है बेचने वालो की भी कमी नही है. क्या एक श्री यन्त्र रखने मात्र से काम बन जाते है. क्या आप जानते है के श्री यन्त्र क्या होता है और इसका कैसे उपयोग करना चाहिए।
यन्त्र शास्त्र विज्ञानं में हर कार्य के लिए यंत्रो का निर्माण किया जाता है. जिसमे financial problems  को दूर करने के लिए श्री यंत्र का निर्माण किया जाता है. इसके अलावा भी बहुत सारे यन्त्र होते है जैसे कुबेर यन्त्र, व्यापर यन्त्र। लेकिन श्री यन्त्र को सबसे महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है इसीलिए इसे यन्त्र राज कहा जाता है. पहले इसकी रचना समझते है.
श्री यन्त्र की रचना पांच त्रिकोण के नीचे के भाग के ऊपर चार त्रिकोण के संयोजन से जिसमें 43 त्रिकोण द्वारा होती है. इन त्रिकोणों को दो कमल घेरे हुए होते हैं, पहला कमल अष्टदल का होता है और दूसरा बाहरी कमल षोडशदल का होता है.
इन दो कमलों के बाहर तीन वृत हैं इसके बाहर तीन चैरस होते हैं जिन्हें भूपुर कहते हैं. इस यंत्र को तांबे, चांदी या सोने पर बनाया जा सकता है. स्फटिक के श्री यन्त्र भी आजकल उपलब्ध है.
अब बात आती है के आपने श्री यन्त्र ले लिया है और देने वाले ने आपको  बताया के ये सिद्ध है. लेकिन आजकल 24 घंटे में ये  श्री यन्त्र मिल जाता है क्या जिस दिन आपने मंगाया उसी दिन शुभ मुहूर्त भी था ? जो बेचने वाले ने उसी दिन सिद्ध भी कर दिया? ऐसी स्थिति में श्री यन्त्र अपना पूर्ण प्रभाव नही देता। इन यंत्रो में भी जान डालनी पड़ती है.

कैसे करें सिद्ध श्री यंत्र का प्रयोग -

कोई  अच्छा सा दिन देख लें या शुक्ल पक्ष का शुक्रवार ले. श्री यन्त्र को गंगा जल से धो ले. और अपने मंदिर रख कर माता लक्ष्मी का ध्यान लगाते हुए "ओम श्रीँ" मंत्र का जाप करें। ये कम से कम 21  माला आपको  करनी है. जो की पांच दिन तक करनी है. उसके बाद ये यन्त्र सिद्ध होता  है.

उसके बाद यंत्र को अपने मंदिर में स्थापित करे या जहा भी आप चाहते है दुकान या ऑफिस में रख दे. नित्य इन मंत्रो से श्री यंत्र की पूजा कर सकते है. की एक मन्त्र भी पढ़  सकते है. ध्यान रहे श्री यन्त्र की जितनी पूजा होती है उतना ही बल मिलता है.
श्री यंत्र मंत्र----
श्री महालक्ष्म्यै नमः
* श्री ह्रीं क्लीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः
* श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः

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