किसी भी पूजा के बाद आपने पंचामृत या चरनामृत ज़रूर पिया होगा पर बहुत कम लोगो को ही इसकी महिमा के बारे में पता होगा .चरणामृत का अर्थ होता है भगवन के चरणों का अम्रत .और पंचामृत का अर्थ है पांच पवित्र वस्तुओ से बना हुआ .इन दोनों को ही पीने से जहा भक्ति भाव उतपन्न होता है वही सेहत को भी लाभ मिलता है .
कैसे बनता है चरणामृत -
ताँबे के बर्तन में चरणामृत रुपी जल रखने से उसमे तांबे की औषधीय गुण आ जाते है .चरणामृत में तुलसी पत्ता ,तिल ,और दूसरे औषधीय तत्व मिले होते है .मंदिर में घर में हमेशा तांबे के लोटे में तुलसी मिला जल रखा रहता है .
चरणामृत के लाभ -
स्वास्थ्य की दृष्टि से ये बहुत अच्छा होता है क्योंकि ताँबे में अनेक रोगों को नष्ट करने की ताकत होती है .तुलसी के रस से कई रोग दूर हो जाते है .स्वास्थ्य लाभ के साथ साथ चरणामृत स्मरणशक्ति को भी बढ़ाता है .
पंचामृत का अर्थ होता है पांच अमृतो से बना हुआ .इसे दूध , दही , घी ,शक्कर और शहद से मिलाकर बनाते है .इन पांचो प्रकार से बनाया गया पंचामृत कई रोगों के साथ साथ मन को शांति प्रदान करने वाला होता है .
शुक्रवार, 7 अक्टूबर 2016
क्या है पंचामृत और चरणामृत में अंतर
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ज्योतिष
पढ़ाई का विषय हमेशा साइंस रहा। बी एससी इलेट्रॉनिक्स से करने के बाद अचानक पत्रकारिता की तरफ रूझान बढ़ा। नतीजतन आज मेरा व्यवसाय और शौक
दोनों यही बन गए।
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