नई दिल्ली| दर्शकों के दिलों पर दशकों से राज कर रहीं ‘ड्रीम गर्ल’ हेमा मालिनी आज भी राजनीति के साथ-साथ अभिनय में सक्रिय हैं। उन्होंने अपनी खूबसूरती, अभिनय, रोमांस और चुलबुले मिजाज से हिंदी सिनेमा पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है।
‘हां जब तक है जान’, ‘धीरे-धीरे बोल कोई सुन न ले’, ‘जिंदगी एक सफर है सुहाना’, ‘तेरे चेहरे में वो जादू है’, ‘तूने ओ रंगीले’ जैसे सदाबहार गीत सुनते ही हेमा मालिनी का चेहरा सामने आ जाता है। दक्षिण भारत से आकर बॉलीवुड में जल्द ही पैर जमा लेने वाली हेमा का फिल्मी करियर बुलंदियों से भरा रहा है।
उनका जन्म 16 अक्टूबर, 1948 को तमिलनाडु में हुआ था। उनकी मां का नाम जया चक्रवर्ती और पिता का नाम वीएसआर चक्रवर्ती था।
हेमा के जन्म से पहले उनकी मां इतनी निश्चिंत थीं कि उन्होंने पहले ही अपने होने वाली बेटी का नाम ‘हेमा मालिनी’ सोच लिया था।
मां अपनी बिटिया को अच्छी नर्तकी बनाना चाहती थीं। हेमा ने मां का यह सपना पूरा कर दिखाया। वह पढ़ाई में भी काफी होशियार थीं। इतिहास उनका पसंदीदा विषय रहा है। वह 10वीं कक्षा की परीक्षा नहीं दे पाईं, क्योंकि उन्हें लगातार अभिनय के प्रस्ताव मिल रहे थे। उम्र मात्र चौदह साल थी, लेकिन हेमा के दरवाजे पर फिल्म निर्माता तभी से दस्तक देने लगे थे।
वर्ष 1981 में वह अभिनेता धर्मेद्र संग शादी के बंधन में बंध गईं। ‘शोले’ फिल्म से मशहूर हुए धर्मेद्र और हेमा की आयशा देओल और आहना देओल नाम की दो बेटियां हैं। मां और बेटियां कई चैरिटेबल कार्यक्रम भी प्रस्तुत करती हैं। हेमा से शादी से पहले धर्मेद्र की पहली पत्नी प्रकाश कौर से चार बच्चे हैं।
धर्मेद्र और हेमा मालिनी नाना-नानी भी बन चुके हैं। उनकी छोटी बेटी अहाना देओल ने हाल ही में एक बेटे को जन्म दिया था।
हेमा मालिनी की मां जया चक्रवर्ती तमिल फिल्म-निर्माता थीं। हिंदी फिल्मों में हेमा मालिनी को पहला अवसर ‘सपनों का सौदागर’ (1968) में मिला। हेमा के हीरो शोमैन राज कपूर थे, जो उम्र के मामले में हेमा से बहुत बड़े थे।
राज कपूर ने उस दौरान कहा था कि हेमा एक दिन सिनेमा की बहुत बड़ी स्टार बनेगी और हेमा ने उनकी भविष्यवाणी को सच कर दिखाया। 1970 में रिलीज हुई ‘जॉनी मेरा नाम’ से हेमा मालिनी को गंभीरता से लिया जाने लगा। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई।
अपने करियर के आरंभ में ही हेमा ने धर्मेद्र के साथ ‘तुम हसीं मैं जवां’ (1969), ‘शराफत’ (1969), ‘नया जमाना’ (1971) जैसी कुछ फिल्में कीं। ये फिल्में भले ही बॉक्स ऑफिस पर ज्यादा नहीं चली, लेकिन दोनों का रोमांस पर्दे पर और पर्दे के बाहर बखूबी चला।
वर्ष 1972 की फिल्म ‘सीता और गीता’ में उन्होंने दो भूमिकाएं निभाई। इस फिल्म की शानदार कामयाबी ने हेमा को बड़ी नायिका बना दिया।
उन्हें ‘ड्रीम गर्ल’ के नाम से पुकारा जाने लगा। इसी नाम की एक फिल्म हेमा की मां ने बनाई थी।
हेमा मालिनी के सौंदर्य का जादू कई फिल्म अभिनेताओं पर भी चला। जीतेंद्र से लेकर संजीव कुमार जैसे अभिनेता उनसे शादी करना चाहते थे, लेकिन बाद में उन्होंने धर्मेद्र संग सात फेरे लिए।
फिल्मों में उन्हें धर्मेद्र, राजेश खन्ना, जीतेंद्र और अमिताभ बच्चन के साथ पसंद किया गया।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2004 में हेमा मालिनी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुईं और उन्होंने राजनीतिक सफर शुरू किया।
वह भरतनाट्यम, कुचिपुड़ी और ओडिसी में उन्होंने विधिवत प्रशिक्षण लिया है और देश-विदेश में कई स्टेज शो पेश किए हैं। फिल्मफेअर अवॉर्डस की सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री श्रेणी में हेमा मालिनी का नाम 11 बार नामांकित हुआ है, लेकिन उन्हें केवल एक बार सीता और गीता के लिए ही यह पुरस्कार मिला है।
हेमा अपनी सुंदरता बनाए रखने के लिए प्रतिदिन योग तथा व्यायाम करती हैं। सप्ताह में दो बार उपवास उनकी नियमित जिंदगी का अंग है। इनमें एक दिन शुक्रवार होता है। हेमा को कांजीवरम साड़ियां, चमेली के गजरे और ढेर सारी ज्वेलरी भी पसंद हैं।
फिल्म ‘बागबान’ में उनकी ताजगी देखकर अमिताभ बच्चन ने कहा, “आज भी आप अपनी बेटियों से अधिक जवान लगती हैं।”
वर्ष 1990 में हेमा मालिनी ने छोटे पर्दे की ओर भी रुख किया और धारावाहिक नुपूर का निर्देशन भी किया। इसके बाद वर्ष 1992 में फिल्म अभिनेता शाहरुख खान को लेकर उन्होंने फिल्म (दिल आशना है) का निर्माण और निर्देशन किया। वर्ष 1995 में उन्होंने छोटे पर्दे के लिए ‘मोहिनी’ का निर्माण और निर्देशन किया।
फिल्मों में कई भूमिकाएं निभाने के बाद हेमा मालिनी ने समाजसेवा के लिए राजनीति में प्रवेश किया और भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से राज्यसभा की सदस्य बनीं। हेमा मालिनी को फिल्मों में उल्लेखनीय योगदान के लिए 1999 में फिल्मफेयर का लाइफटाइम एचीश्री सम्मान से भी सम्मानित की गईं।
हेमा मालिनी ने अपने चार दशक के सिनेमा करियर में लगभग 150 फिल्मों में काम किया। उनकी कुछ उल्लेखनीय फिल्में ‘सीता और गीता’, ‘प्रेम नगर अमीर गरीब’, ‘शोले’,’महबूबा चरस’, ‘ड्रीम गर्ल किनारा’, ‘त्रिशूल’, ‘मीरा’, ‘कुदरत नसीब क्रांति’, ‘अंधा कानून रजिया सुल्तान’, ‘रिहाई’, ‘जमाई राजा’, ‘बागबान’, ‘वीर जारा’ जैसी फिल्मों में काम किया।
वह भारतीय जनता पार्टी की राज्यसभा सदस्य भी चुनी गई थीं। वर्तमान में वह मथुरा (उत्तर प्रदेश) से लोकसभा की सांसद हैं।
रविवार, 16 अक्टूबर 2016
Birthday Special : अमिताभ ने कहा- अपनी बेटियों से जवां हैं हेमा
पढ़ाई का विषय हमेशा साइंस रहा। बी एससी इलेट्रॉनिक्स से करने के बाद अचानक पत्रकारिता की तरफ रूझान बढ़ा। नतीजतन आज मेरा व्यवसाय और शौक
दोनों यही बन गए।
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