मंगलवार, 11 अक्टूबर 2016

आखिर क्यों है शस्त्र पूजन का महत्व?

भारत में आश्विन मास की नवमी अर्थात नवरात्रि समाप्त होने के बाद विजयादशमी का पर्व मनाया जाता है। दरअसल यह पर्व भगवान श्री राम की लंकापित रावण पर जीत का उत्सव है तो दूसरी ओर यह हमारी एतिहासिक परंपराओं के निर्वहन का त्यौहार भी है। जी हां, इस दिन क्षत्रिय कुलों के लोग शस्त्र पूजन करते हैं पुलिस विभाग द्वारा भी अपने शस्त्रों का पूजन किया जाता है तो दूसरी ओर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ भी शस्त्र पूजन करता है।

दरअसल यह पर्व भगवान श्री राम व नौ देवियों की विजय पर्व के तौर पर यह पर्व मनाया जाता है। इस दिन को विजय के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन विद्या और शस्त्र दोनों का पूजन किया जाता है। दरअसल जीवन में शस्त्र और शास्त्र दोनों ही महत्वपूर्ण हैं।

जीवन में शास्त्र से ही विद्या आती है और उसी से हम जीवन का निर्वहन करते हैं हमारे आचार - विचार शास्त्र सम्मत होते हैं तो हमें एक उचित स्थान मिलता है। इतना ही नहीं शस्त्र विपरीत परिस्थितियों में हमारी, दूसरे के जीवन की और जीवन मूल्यों की रक्षा करते हैं इसलिए दोनों का पूजन किया जाता है।

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