ब्रम्हा जी को स्रष्टी का रचनाकार कहते है. ब्रह्मा जी ने हमे चारो वेदो का ज्ञान दिया है लेकिन इसी देव की कोई पूजा नही करता क्या आप जानते है ऐसा क्यूँ है कहते है एक बार ब्रह्मा जी के मान मे धरती के भलाई करने के लिए यज्ञ करने का ख़याल आया. तत्पश्चात स्थान का चुनाव करने के लिए उन्होने अपने कमल को धरती लोक पर भेज दिया कहते है.
ब्रह्मा जी द्वारा तीन बूंदे धरती पर फेकि गयी जिसमे एक बूँद पुष्कर मे गिरी और स्थान का चुनाव करके ब्रह्मा जी वहा पहुचे जहा बूँद गिरी थी पर उनकी पत्नी सावित्री वक़्त पर नही पहुच पाई ब्रम्हा जी ने सोचा की अगर सही समय पर यज्ञ शुरू नही हुआ तो उसका असर नही होगा
इसलिए उन्हे यज्ञ के लिए एक स्त्री की ज़रूरत थी तो उन्होने एक ग्वाल बाला से शादी कर ली और यज्ञ मे बैठ गये तभी सावित्री वहा पहुच गयी और अपनी जगह किसी और औरत को देख कर गुस्सा हो गयी और उन्हो ने ब्रह्मा जी को श्राप दिया की इस पृथ्वी लोक मे आप की कही पूजा नही की जायागी तो ब्रह्मा जी ने उनसे माफी माँगी तो उन्होने कहा की जहा पर जल की बूँद गिरी थी सिर्फ़ उसी जगह तुम्हारा मंदिर होगा और अगर कोई दूसरा आपका मंदिर बनायगा तो उसका विनाश हो जायगा तो इसलिए सिर्फ़ पुष्कर मे ब्रह्मा जी की पूजा की जाती है.
मंगलवार, 4 अक्टूबर 2016
क्यो नही की जाती ब्रम्हा जी की पूजा
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ज्योतिष
पढ़ाई का विषय हमेशा साइंस रहा। बी एससी इलेट्रॉनिक्स से करने के बाद अचानक पत्रकारिता की तरफ रूझान बढ़ा। नतीजतन आज मेरा व्यवसाय और शौक
दोनों यही बन गए।
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