शुक्रवार, 28 अक्तूबर 2016

जानिए क्या है दिवाली की पूजा में खील-बताशों का महत्व

दीपावली का त्यौहार हर कोई बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाता है। इस दिन माता लक्ष्मी और गणेश भगवान की पूजा की जाती है। इनकी पूजा में खील बताशें अवश्य रखे जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते है कि पूजा में खील बताशों का महत्व क्या होता है।


जाने खील-बताशों का महत्व

 

दीपावली धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति का त्योहार है। इस दिन मां लक्ष्मी का पूजन कर जीवनभर धन-संपत्ति की कामना की जाती है। खील-बताशे का प्रसाद किसी एक कारण से नहीं बल्कि उसके कई महत्व है, व्यवहारिक, दार्शनिक, और ज्योतिषीय ऐसे सभी कारणों से दीपावली पर खील-बताशे का प्रसाद चढ़ाया जाता है। खील यानी धान मूलत: धान (चावल) का ही एक रूप है। यह चावल से बनती है और उत्तर भारत का प्रमुख अन्न भी है।


दीपावली के पहले ही इसकी फसल तैयार होती है, इस कारण लक्ष्मी को फसल के पहले भाग के रूप में खील-बताशे चढ़ाए जाते हैं। खील बताशों का ज्योतिषीय महत्व भी होता है। दीपावली धन और वैभव की प्राप्ति का त्योहार है और धन-वैभव का दाता शुक्र ग्रह माना गया है। शुक्र ग्रह का प्रमुख धान्य धान ही होता है। शुक्र को प्रसन्न करने के लिए हम लक्ष्मी को खील-बताशे का प्रसाद चढ़ाते हैं। यहीं कारण है कि दिपावली के दिन खील-बताशे चढ़ाये जाते है। जिससे मां लक्ष्मी की कृपा हम पर सदैव बनी रहे।


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