शनिवार, 29 अक्टूबर 2016

फरहान अख्तर ने दिया MNS को करारा जवाब कहा- ‘रईस’ को रिलीज होने के लिए नहीं दूंगा पांच करोड़

पाकिस्तानी कलाकरों को लेकर फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ की रिलीज के लिए MNS के चीफ राज ठाकरे द्वारा सेना के वेलेफेयर फंड में 5 करोड़ रुपए दान की डील के बाद फरहान अख्तर ने तोड़ी चुप्पी। फरहान ने करण जौहर द्वारा मनसे प्रमुख राज ठाकरे के साथ किए गए समझौते को गलत ठहराया है। फरहान अख्तर के इस बयान के कारण उनकी फिल्म ‘रईस’ के लिए मुश्किलें भी खड़ी हो सकती हैं।

फरहान अख्तर ने कहा कि फिल्म रईस को रिलीज कराने के लिए सेना के राहत कोष में पांच करोड़ रुपये देने का सवाल ही पैदा नहीं होता। बता दे, इस फिल्म में फरहान अख्तर काम कर रहे हैं। फिल्म में पाकिस्तानी कलाकार के काम करने की वजह से विवाद शुरू हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि क्या आप इंडिया और पाकिस्तान के बीच हर साल होनेवाले करीब 2 अरब डॉलर के बिजनेस को क्यों नहीं रोकते?

फरहान से जब फिल्म ऐ दिल है मुश्किल की तरह सेना के राहत कोष में पैसे देने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि सेना ने इस तरह से दी जाने वाली राशि को लेने से मना कर दिया है, इसलिए वो ऐसा करने के पक्ष में नहीं हैं।

इस जगह दिवाली के दिन पूजे जाते हैं कुत्ते



नेपाल में दीपावली कुछ अलग ढंग से मनाई जाती है। धनतेरस से भाईदूज तक कई जानवरों की पूजा होती है। इसमें कुकुर तिहार भी शामिल है। जिसमें कुत्तों को भैरव का दूत मानकर पूजा जाता है। भारतीय सीमावर्ती गांवों में भी इसकी परम्परा रही है। हालांकि अब यह कुछ गांवों तक ही सीमित रह गई है।

भारत के साथ साथ नेपाल में भी दीपावली की धूम है। नेपाल के मधेसी इलाकों में त्योहार काफी उत्साह व जोश से मनाया जाता है। जानवरों के प्रति प्रेम दर्शाने वाले इस त्योहार की शुरुआत धनतेरस से होती है। कुकुर तिहार पर कुत्तों के सिर पर लाल रोली लगाई जाती है। फूलों की माला पहनाते हैं व मिष्ठान का भोग लगता है। लोगों का मानना है कि भैरव देव उन्हें सभी दु:खों से बचाते हैं।

नेपाल में पांच दिनों तक मनाये जाने वाले तिहार(पर्व) पर कुत्तों के अलावा कई अन्य जानवरों की भी पूजा की परंपरा है। पहले दिन यमराज के दूत के रूप में कौवे का पूजन होता है। दूसरे दिन भगवान भैरव के प्रतिरूप कुत्ते की पूजा लोग करते हैं। तीसरे दिन देवी लक्ष्मी के रूप में गाय की पूजा, चौथे दिन शक्ति के देवता बैल की पूजा करने के बाद पांचवें व अन्तिम दिन बहनें भाइयों के सम्मान में भाईदूज मनाती हैं। तिहार के दौरान मधेसी इलाके में छुट्टी रहती है।

इस परम्परा का प्रभाव भारतीय क्षेत्र में भी हुआ करता था। यहां भी तिहार को पूरे उल्लास से मनाया जाता था। अब गिने चुने गांवों में यह परम्परा रह गई है। सीमावर्ती ग्राम बनगवां के राम सनेही, परशुरामपुर के बीडीसी दद्दन मिश्रा, मजगवां की नीलम भारती, व बेलभरिया के ओमप्रकाश बताते हैं कि उनके पूर्वज इस परम्परा से जुड़े रहे हैं। अब भी कुछ घरों में इन जानवरों की पूजा होती है।


 

शुक्रवार, 28 अक्टूबर 2016

'ऐ दिल है मुश्किल' की रिलीज पर 4 राज्यों में हंगामा, महाराष्ट्र में फिलहाल शांति

करण जौहर की फिल्म 'ऐ दिल है मुश्किल' शुक्रवार को रिलीज हुई, लेकिन मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार और झारखंड में हिंदू संगठनों के हंगामे की वजह से कई टॉकीजों में शो रद्द करने पड़े। प्रदर्शन करने वालों ने चेतावनी दी कि अगर फिल्म दोबारा चलाई तो टॉकीजों में घुसकर तोड़फोड़ की जाएगी। हालांकि, महाराष्ट्र में शांति है, जबकि यहीं से इस फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हुए थे। बता दें कि फिल्म में पाकिस्तानी कलाकार फवाद खान है। उड़ी हमले के बाद पाक कलाकारों का भारत में विरोध हो रहा है।
शुक्रवार को जैसे ही यह फिल्म रिलीज हुई, पहले से विरोध के लिए तैयार बैठे हिंदू संगठनों ने सिनेमाघरों में घुसकर हंगामा कर दिया। इससे कई जगह शो रद्द करने पड़े।

- मध्य प्रदेश के जबलपुर में 'हिंदू सेवा परिषद' के कार्यकर्ताओं ने समदड़िया मॉल के मल्टीप्लेक्स से दर्शकों को बाहर निकाल दिया। सुबह 9 बजे शो शुरू होते ही कार्यकर्ता वहां पहुंच गए थे। उन्होंने फिल्म के पोस्टर फाड़े और उनमें आग लगा दी।

- जबलपुर में यह फिल्म तीन टॉकीजों में रिलीज हुई है। हंगामे के चलते सभी जगह शो रद्द करने पड़े। हिंदू सेवा परिषद के अध्यक्ष अतुल जैसवानी ने चेतावनी दी कि अगर शो दुबारा शुरू हुए, तो टॉकीजों में तोड़फोड़ कर दी जाएगी।

- उन्होंने कहा कि, 15 दिन पहले हमने प्रशासन को इस बारे में चेताया था, लेकिन उन्होंने इस ओर ध्यान नहीं दिया।

- ग्वालियर में भी हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने फिल्म का विरोध किया। मुरार में श्री टॉकीज पर पहुंचकर कार्यकर्ताओं ने जमकर हंगामा किया।

- इसके बाद श्री टॉकीज और फन सिनेमा के बाहर सिक्युरिटी बढ़ा दी गई है।

-भोपाल के सिनेमाघरों के बाहर पुलिस तैनात है। यहां यह फिल्म सिनेपॉलिस, डीडीएक्स मल्टीप्लेक्स, मुक्ता, पीवीआर, रंगमहल, संगम सिनेप्लेक्स सहित करीब एक दर्जन थियेटर्स में रिलीज हुई है।
-भोपाल में शिवसेना युवा मोर्चा जिला अध्यक्ष कुलदीप तिवारी ने ने चेतावनी दी कि, अगर फिल्म का प्रदर्शन न रोका गया, तो टॉकीजों में तोड़फोड़ की जाएगी।




छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार में भी शो रद्द

- छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव के मंडी सिनेमा मॉल में बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने 'ऐ दिल है मुश्किल' फिल्म का शो रद्द करवा दिया।


- पटना के मोना टॉकीज पर बीजेपी के कार्यकर्ता ने नारेबाजी की। वे काफी देर तक हंगामा करते रहे।

- झारखंड के रांची में शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने गिल्ट्ज सिनेमा, फन और आईलेक्स सिनेमा के सामने प्रदर्शन किया और फिल्म के शो को रुकवा दिया।


दीपावली के दिन करें ये उपाय, दूर भागेगी दरिद्रता और लक्ष्मी का होगा आगमन

हर मनुष्य का सपना होता है कि वह भी अमीर बने और दुनिया की सभी सुख-सुविधाओं का लाभ उठाए। लेकिन यह सुख सभी मनुष्यों को मिल नहीं पाता है। लेकिन अगर कोई भी मनुष्य दीपावली के दिन नीचे बताए गए उपायों को करता है तो धन की देवी माता लक्ष्मी उससे प्रसन्न होती है और उस मनुष्य के जीवन में किसी भी सुख-सुविधा की कमी नहीं रहती।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर में स्थाई सुख समृद्धि और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है। शास्त्रों के अनुसार दीपावली के दिन किये गए लक्ष्मी प्राप्ति के उपायों से अति शीघ्र फल मिलता है।

- यदि आप गृह कलेश से पीडि़त है और आपके घर की सुख शांति दूर हो गयी है तो आप दीपावली के दिन मां लक्ष्मी के पूजन के बाद 2 गोमती चक्र लेकर एक डिब्बी में पहले सिंदूर रखकर उस पर उनको रख दें फिर उस डिब्बी को बंद करके घर के किसी एकांत स्थान में रख दें। इसे घर के किसी भी सदस्य को नहीं बताएं, घर में शीघ्र ही शांति हो जाएगी।

- दिवाली के दिन लक्ष्मी पूजन के समय 2 अकीक लक्ष्मी जी के चरणों में रख दें। पूजन के बाद अर्ध रात्रि को इन दोनों को घर के किसी कोने में भूमि में खोद कर गाड़ दें, बिगड़े काम बनते नजर आएंगे।

- रात्रि की समाप्ति से पूर्व ब्रह्म मुहूर्त में घर की स्त्रियां घर के कोने-कोने में कुछ खट खट करते हुए यह कहें कि 'हे अलक्ष्मी अब आप इस घर से चली जाओ क्योंकि यहां पर मां लक्ष्मी का निवास हो गया है' ऐसा करने से उस घर में दिनों दिन लक्ष्मी का भंडार बढ़ता है।

- दीपावली के दिन विष्णु सहस्त्रनाम, लक्ष्मी सूक्त का पाठ अवश्य करें और अगर हो सके तो इनके कैसेट अवश्य चलायें।

- लक्ष्मी पूजन के समय 11 कौडिय़ों को गंगाजल से धोकर लक्ष्मी जी को अर्पण करें और उन पर हल्दी कुमकुम लगायें। अगले दिन इन्हें लाल कपड़े में बांधकर तिजोरी में रख दें, इससे आय में निश्चित वृद्धि होती है।

- दिवाली के दिन एक नयी झाडू खरीद लाएं। पूजा से पहले उससे थोड़ी सी सफाई करें फिर उसे एक तरफ रख दें। अगले दिन से उसका प्रयोग करें इससे दरिद्रता दूर भागेगी और लक्ष्मी का आगमन होगा।

- पूजा में मां लक्ष्मी के चरणों में एक लाल तथा एक सफेद हकिक पत्थर रखें। दोनों के योग से चन्द्र मंगल लक्ष्मी योग बनता है। पूजा के बाद इन्हें अपने पर्स में रख लें।

- दीपावली पर सायंकाल पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीपक जलाकर पीपल को प्रणाम करके अपनी मनोकामना कहे। मां लक्ष्मी का भी ध्यान करें फिर लौट जाएं और पीछे मुड़कर ना देखें। आपको अवश्य ही मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होगा। यह प्रयोग बिल्कुल चुपचाप करें।

जानिए क्या है दिवाली की पूजा में खील-बताशों का महत्व

दीपावली का त्यौहार हर कोई बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाता है। इस दिन माता लक्ष्मी और गणेश भगवान की पूजा की जाती है। इनकी पूजा में खील बताशें अवश्य रखे जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते है कि पूजा में खील बताशों का महत्व क्या होता है।


जाने खील-बताशों का महत्व

 

दीपावली धन और ऐश्वर्य की प्राप्ति का त्योहार है। इस दिन मां लक्ष्मी का पूजन कर जीवनभर धन-संपत्ति की कामना की जाती है। खील-बताशे का प्रसाद किसी एक कारण से नहीं बल्कि उसके कई महत्व है, व्यवहारिक, दार्शनिक, और ज्योतिषीय ऐसे सभी कारणों से दीपावली पर खील-बताशे का प्रसाद चढ़ाया जाता है। खील यानी धान मूलत: धान (चावल) का ही एक रूप है। यह चावल से बनती है और उत्तर भारत का प्रमुख अन्न भी है।


दीपावली के पहले ही इसकी फसल तैयार होती है, इस कारण लक्ष्मी को फसल के पहले भाग के रूप में खील-बताशे चढ़ाए जाते हैं। खील बताशों का ज्योतिषीय महत्व भी होता है। दीपावली धन और वैभव की प्राप्ति का त्योहार है और धन-वैभव का दाता शुक्र ग्रह माना गया है। शुक्र ग्रह का प्रमुख धान्य धान ही होता है। शुक्र को प्रसन्न करने के लिए हम लक्ष्मी को खील-बताशे का प्रसाद चढ़ाते हैं। यहीं कारण है कि दिपावली के दिन खील-बताशे चढ़ाये जाते है। जिससे मां लक्ष्मी की कृपा हम पर सदैव बनी रहे।


धनतेरस पर इन बातों का रखेंगे खास ध्यान तो होगी लक्ष्मी जी मेहरबान

दिवाली बस दस्तक देने ही वाली है लिहाज़ा आप भी अब तक सजावट और साफ सफाई के अंतिम दौर में पहुंच चुके होंगे। दिवाली आने पर हम सभी अपने घरों की साफ़-सफाई करते हैं, पेंट कराते हैं और बड़े मन से घर को सजाकर मां लक्ष्मी के स्वागत की तैयारी करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इतना सब करने के बाद भी, कई बार लक्ष्मीजी क्यों आपके घर पर कृपा करने से कन्नी काटती हैं?

क्योंकि इतने उपाय करने के बाद भी घर में कुछ चीज़ें छूट जाती हैं जो कि लक्ष्मीजी को बिल्कुल पसंद नहीं। इसलिए अगर आप भी चाहते हैं कि मां लक्ष्मी आपके घर आएं तो दिवाली से पहले शास्त्रों में बताए गए इन 6 कामों को जरूर पूरा कर लें...

छत की सफाई करें-

अक्सर हम अपने घर के अन्दर-बाहर की सफाई पर तो ध्यान देते हैं लेकिन छत हमेशा उपेक्षित रह जाती है। क्योंकि हमारा मानना होता है कि वहां कौन देखने आने वाला है। लेकिन अगर छत के किसी भी हिस्से में गंदगी या कबाड़ जमा है तो उसे तुरंत साफ़ कर दें। छत साफ़ रहने से परिवार में तनाव कम रहता है और परेशानियां भी दूर होती हैं।

टूटा हुआ शीशा-

घर में अगर कोई भी टूटा हुआ शीशा हो या शीशा धुंधला पड़ गया हो तो उसे जल्द ही बदलवा दें। इसी तरह अगर खिड़की का शीशा टूट गया है तो उसे भी दिवाली की पूजा से पहले जरूर बदलवा लें। शास्त्रों के मुताबिक टूटे या धुंधले शीशे से घर में सकारात्मक ऊर्जा को प्रवेश करने में बाधा आती है।

गुरुवार, 27 अक्टूबर 2016

कुबेर के लिये जलायें 13 दीप होगा धन लाभ

वैसे तो कुछ धर्मों में 13 की संख्या अशुभ की प्रतीक होती है। वास्तु के अनुसार भी इस संख्या को अशुभ बताया जाता है लेकिन एक दिन ऐसा होता है जो इस संख्या को बहुत शुभ बना देता है। यह दिन है कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी यानि तेरस का जिसे हम धनतेरस के नाम से जानते हैं। धन के देवता कुबेर हैं इसलिये तेरस के दिन तेरह दीपक धन देवता के नाम के जलाये जाते हैं। मान्यता है कि इससे धनादि देव कुबेर प्रसन्न होते हैं।

धन की चाह तो सभी को होती है। सभी चाहते हैं कि उनका घर धन-धान्य से परिपूर्ण रहे। धनतेरस के तो नाम में भी धन है इसलिये इस दिन कुछ विशेष प्रयास आपकी मनोकामना को पूर्ण कर सकते हैं। आपके धन भंडार को समृद्ध कर सकते हैं।

कैसे करें कुबेर पूजा


धनतेरस के देवता धन्वंतरी तो हैं ही उनकी पूजा के साथ-साथ ऐश्वर्य के देवता कुबेर की पूजा करना भी बहुत जरूरी होता है। कुबेर देवता की पूजा चंदन, धूप, दीप, नैवेद्य आदि से विधिपूर्वक करनी चाहिये और साथ ही कुबेर मंत्र का जाप करना चाहिये।

कुबेर मंत्र

यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन-धान्य अधिपतये 

धन-धान्य समृद्धि में देहि दापय स्वाहा।’ 

मंत्र का उच्चारण भी सही और विधिपूर्वक किया जाना चाहिये। अन्यथा अपेक्षाकृत परिणाम मिलने की संभावना कम हो जाती हैं। साथ ही जाने-अंजाने हुई भूल के लिये क्षमा याचना भी कुबेर देवता से करनी चाहिये।

समय से पहले खत्म हो सकती है 'सरकार 3' की शूटिंग: अमिताभ

मुंबई: मेगास्टार अमिताभ बच्चन का मानना है कि उनकी आगामी फिल्म ‘सरकार 3’ की शूटिंग समय से पहले समाप्त हो जाएगी. तकीनीकी उपकरणों की मदद से फिल्म की शूटिंग में तेजी से काम हो रहा है और इसी के आधार पर अमिताभ को लगता कि शूटिंग का काम तेजी से पूरा हो जाएगा.


अपने ब्लॉग में मंगलवार रात को बॉलीवुड के 74 साल के अभिनेता ने कहा, “कई कैमरों के उपयोग से शूटिंग में आने वाली कई समस्याएं सुलझ गई हैं. इन कैमरों के इस्तेमाल से निर्देशक को अलग-अलग लेंस को विभिन्न कोणों पर उपयोग करने में मदद मिलती है. इस कारण से मशीनों के सेट-अप में बदलाव की जरूरत नहीं पड़ती.”


अमिताभ ने कहा कि इस कारण काफी समय की बचत होती है. इसे देखकर लगता है कि ‘सरकार 3’ की शूटिंग का काम समय से पहले पूरा हो जाएगा.

बुधवार, 26 अक्टूबर 2016

'रेस 3' में नजर आ सकते हैं सलमान, कुछ ऐसा होगा उनका रोल

बॉलीवुड के दबंग स्टार सलमान खान 'रेस' के तीसरे पार्ट में खलनायक का किरदार निभाते नजर आ सकते हैं। सलमान खान इन दिनों फिल्म 'ट्यूबलाईट' में काम कर रहे हैं। इसके बाद वो फिल्म 'टाइगर ज़िंदा है' और 'दबंग 3' की शूटिंग शुरू करेंगे।
चर्चा है कि सलमान को 'रेस 3' में काम करने का प्रस्ताव दिया गया है जिसके लिए वो सिल्वर स्क्रीन पर खलनायक की भूमिका में नजर आ सकते हैं। निर्माता तौरानी ब्रदर्स ने 'रेस 3' के लिए कुछ समय पहले सलमान को अप्रोच किया था। तब सलमान ने 'रेस-3' की नई कहानी को सुनने के बाद कहा था कि यदि वो इस फिल्म के लिए बॉन्ड स्क्रिप्ट लेकर आये तो वह फिल्म में काम करने के बारे में विचार कर सकते हैं।

बताया जाता है कि 'रेस-3' की फाइनल स्क्रिप्ट तैयार हो गई है और जल्द ही तौरानी ब्रदर्स सलमान खान को स्क्रिप्ट सुनाने वाले हैं जिसमे सलमान का किरदार खलनायक का रखा गया है। चर्चा यह भी है कि 'रेस 3' के लिए इस बार नए निर्देशक की तलाश की जा रही है।

धनतेरस पर पाना है धन तो करें ये जतन

दिवाली के त्यौहार की तैयारियां तो कई दिन पहले शुरु हो जाती हैं लेकिन दिवाली के त्यौहारों का उत्सव सही से तो धनतेरस से ही आरंभ होता है। धन तेरस समुद्र मंथन अमृत कलश लेकर प्रकट होने वाले देव धन्वंतरि की आराधना का तो त्यौहार है ही साथ ही यह त्यौहार धन की वर्षा करने वाला भी। यदि धनतेरस के दिन विधिवत पूजा की जाये तो निश्चित तौर पर समृद्धि आपके द्वार पर स्वंय चलकर आयेगी। आपकी दरिद्रता अपना बोरिया बिस्तर लपेट कर चलती बनेगी। आपको ऐसे ही कुछ उपाय बताने जा रहे हैं जिससे धनतेरस आपको धन-धान्य से परिपूर्ण करने वाली हो सकती है।

धन के लिये धनतेरस पर क्या करें



  • क्योंकि धनतेरस देवताओं को अमृतपान कराकर अमर करने वाले धन्वंतरि का प्रकट दिवस भी मानी जाती है तो इस दिन उनका पूजन करना बनता है। धन्वंतरि का पूजन करने के लिये एक नया झाड़ू एवं सूपड़ा खरीदकर उनकी पूजा करें।

  • इसी दिन दीप जलाने की पंरपरा भी है इसलिये सांयकाल में दीपक प्रज्जवलित करें घर, दफ्तर, दुकान आदि को सजा-संवार कर बिल्कुल चमका दें। मंदिर, गौशाला, नदी, तालाब, कुंए आदि सार्वजनिक स्थलों पर भी दीप जरूर जलायें।

  • अपने सामर्थ्य के अनुसार चांदी, पीतल, तांबे या फिर कांसे के नये बर्तन या आभूषणों की खरीददारी करें।

  • धन्वंतरि को आयुर्वेद का जनक भी माना जाता है इसलिये अच्छी सेहत के लिये हल जुती मिट्टी को दूध में भिगोकर उसमें सेमर की शाखा डालकर तीन बार अपने शरीर पर फेरें और तत्पश्चात कार्तिक स्नान करें।

  • दिवाली के मौके पर कार्तिक स्नान का काफी महत्व होता है। प्रदोष काल में स्नान करके घाट, गौशाला, बावड़ी, कुएं, मंदिर आदि स्थानों पर लगातार तीन दिन तक दीपक जलाने चाहियें।

  • क्योंकि धन तेरस पर पूजा अर्चना अच्छी सेहत व धनलाभ पाने के लिये होती है और धन का देवता कुबेर को माना जाता है। इसलिये कुबेर की पूजा भी इस दिन अवश्य करनी चाहिये। उसके बाद शुभ मुहूर्त में अपने व्यावसायिक प्रतिष्ठान में नई गद्दी बिछानी चाहिये। नई गद्दी न भी हो तो कोई बात नहीं पुरानी गद्दी को अच्छे से साफ कर उसे पुन: स्थापित किया जा सकता है उसके बाद उस पर कोई नया वस्त्र बिछाना चाहिये। कुबेर का पूजन सांयकाल के पश्चात तेरह दीपक जलाकर, तिजोरी में करना चाहिये। पूजा के लिये निम्न ध्यानमंत्र का उच्चारण करके फिर कुबेर देवता को पुष्प अर्पित करने चाहिये।

  • निधीश्वर कुबेर की पूजा चंदन, धूप, दीप, नैवेद्य आदि से इस मंत्र के साथ करनी चाहिये

मंगलवार, 25 अक्टूबर 2016

'दबंग 3' में काजोल संग रोमांस करेंगे सलमान खान

काजोल को 'दबंग 3' में सलमान के ऑपोज़िट लीड रोल का ऑफर मिला है। हालांकि, इस बारे में अरबाज खान की प्रॉडक्शन कंपनी, सलमान खान या फिर काजोल की ओर से किसी तरह का फिलहाल कोई ऑफिशल कन्फर्मेशन नहीं है, लेकिन सुनने में यह मजेदार जरूर है।
यदि काजोल इस रोल के लिए तैयार हो जाती हैं तो काजोल और सलमान यह तीसरी बार बड़े पर्दे पर स्क्रीन शेयर करते नज़र आएंगे। इससे पहले सलमान और काजोल 'प्यार किया तो डरना क्या' और 'कुछ कुछ होता है' में साथ काम कर चुके हैं।


इससे पहले खबर आ चुकी है कि 'दबंग 3' में सोनाक्षी सिन्हा नज़र नहीं आएंगी और सलमान किसी नई ऐक्ट्रेस के साथ रोमांस करते दिखेंगे।

इनकी घनी लंबी जुल्‍फों पर फिदा हो गया सोशल मीडिया

नई दिल्ली। उसके बाल लंबे, घने और लहराते हुए हैं। सोशल मीडिया पर छा जाने के लिए उसके पास सारी खूबियां हैं। लेकिन वह इंस्टाग्राम की मॉडल नहीं है वह एक पांच वर्षीय अफगानी शिकारी मादा श्वान है जो अपनी रेशमी त्वचा के कारण रातोरात सनसनी बन गई है। उसका नाम टी है।

उसका एक फोटो लाखों बार शेयर किया गया जिससे उसे खूब शोहरत मिली। इंटरनेट पर उसका दर्जा किसी सुपरस्टार या सुपरमॉडल से कम नहीं है। इस तस्वीर में वह एक बेंच पर बैठी हुई है और उसके लंबे खूबसूरत बाल फैले हुए हैं जो बेंच को ढंक रहे हैं।

उसके स्वामी ल्यूक कवांग को उम्मीद नहीं थी कि वह इस तरह सोशल मीडिया पर छा जाएगी। वे बताते हैं कि हमारे वीकेंड पर भी हम लोगों से घिरे होते हैं। वह जताती है कि उसे अटेंशन नहीं चाहिए लेकिन उसे यह सब खूब पसंद है, ठीक किसी सुपरमॉडल की ही तरह।

उन्हें लगता है कि अधिकांश लोगों को उसकी मखमली त्वचा ने आकर्षित किया है। टी के इस सफल करियर को आनलाइन ख्याति मिलने के बाद उसे एक स्पोक डॉग की सौगात मिली जो किए लग्जरी डॉग फूड चेन है। साथ ही उसे डॉग परफ्यूम हैरियट व हाउंड्स की ओर से विज्ञापन भी मिला।

ल्यूक का कहना है कि टी एक एनीमल एक्टर बनकर उभरी है और उसे कई अभियानों, मुहिमों में जोड़े जाने की पेशकश मिली है। लेकिन लगता है कि अब टी का रिटायरमेंट का समय आ गया है। ऐसा इसलिए क्योंकि टी इस समय की प्रतीक्षा में थी। यह रिटायरमेंट किसी और कारण से नहीं बल्कि इसलिए है क्योंकि मैं उस बिंदु तक पहुंच चुका था जहां इन सब चीजों से मैं अपने परिवार को समय नहीं दे पा रहा था।

टी के साथ मेरा रिश्ता कुछ खास है। हमने जीवन में कई यादगार पल साथ बिताए हैं। भले ही वह नग्न रहे या शानदार सिल्क में ढंकी रहे, वह मेरे लिए हमेशा एक रानी ही रहेगी। अब कवांग का ध्यान स्टेनफोर्ड के छोटे श्वानों पर है जिनके छोटे बालों पर रखरखाव अपेक्षाकृत कम लगता है।

धनतेरस पर पीतल के बर्तन खरीदना होता है शुभ...

धनत्रयोदशी के दिन भगवान धनवंतरी जन्म हुआ था और इसीलिए इस दिन को धन तेरस के रूप में पूजा जाता है. दीपावली के दो दिन पहले आने वाले इस त्योहार को लोग काफी धूमधाम से मनाते हैं. इस दिन गहनों और बर्तन की खरीदारी जरूर की जाती है.क्यों भगवान धनवंतरी के पूजन का इतना महत्व
शास्त्रों के अनुसार समुद्र मंथन के दौरान त्रयो‍दशी के दिन भगवान धनवंतरी प्रकट हुए थे, इसलिए इस दिन को धन त्रयोदशी कहा जाता है. धन और वैभव देने वाली इस त्रयोदशी का विशेष महत्व माना गया है.
कहा जाता है कि समुद्र मंथन के समय बहुत ही दुर्लभ और कीमती वस्तुओं के अलावा शरद पूर्णिमा का चंद्रमा, कार्तिक द्वादशी के दिन कामधेनु गाय, त्रयोदशी को धनवंतरी और कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को भगवती लक्ष्मी जी का समुद्र से अवतरण हुआ था. यही कारण है कि दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन और उसके दो दिन पहले त्रयोदशी को भगवान धनवंतरी का जन्म दिवस धनतेरस के रूप में मनाया जाता है.




भगवान धनवंतरी को प्रिय है पीतल
भगवान धनवंतरी को नारायण भगवान विष्णु का ही एक रूप माना जाता है. इनकी चार भुजाएं हैं, जिनमें से दो भुजाओं में वे शंख और चक्र धारण किए हुए हैं. दूसरी दो भुजाओं में औषधि के साथ वे अमृत कलश लिए हुए हैं. ऐसा माना जाता है कि यह अमृत कलश पीतल का बना हुआ है क्योंकि पीतल भगवान धनवंतरी की प्रिय धातु है.

मान्यता के अनुसार धनतेरस
मान्यता है कि इस दिन खरीदी गई कोई भी वस्तु शुभ फल प्रदान करती है और लंबे समय तक चलती है. लेकिन अगर भगवान की प्रिय वस्तु पीतल की खरीदारी की जाए तो इसका तेरह गुना अधिक लाभ मिलता है.

क्यों है पूजा-पाठ में पीतल का इतना महत्व?
पीतल का निर्माण तांबा और जस्ता धातुओं के मिश्रण से किया जाता है. सनातन धर्म में पूजा-पाठ और धार्मिक कर्म हेतु पीतल के बर्तन का ही उपयोग किया जाता है.
ऐसा ही एक किस्सा महाभारत में वर्णित है कि सूर्यदेव ने द्रौपदी को पीतल का अक्षय पात्र वरदानस्वरूप दिया था जिसकी विशेषता थी कि द्रौपदी चाहे जितने लोगों को भोजन करा दें, खाना घटता नहीं था.

रविवार, 23 अक्टूबर 2016

क्या है श्री यंत्र- कैसे करे इसका उपयोग

यन्त्र शास्त्र के अनुसार  श्रीयंत्र लक्ष्मी को आकर्षित करने वाला प्रभावी  यंत्र है. श्रीयंत्र के माध्यम से आर्थिक स्थिति मजबूत होती है और आर्थिक परेशानिया दूर होती है. आजकल हर वयक्ति श्री लेने के पीछे पड़ा होता है बेचने वालो की भी कमी नही है. क्या एक श्री यन्त्र रखने मात्र से काम बन जाते है. क्या आप जानते है के श्री यन्त्र क्या होता है और इसका कैसे उपयोग करना चाहिए।
यन्त्र शास्त्र विज्ञानं में हर कार्य के लिए यंत्रो का निर्माण किया जाता है. जिसमे financial problems  को दूर करने के लिए श्री यंत्र का निर्माण किया जाता है. इसके अलावा भी बहुत सारे यन्त्र होते है जैसे कुबेर यन्त्र, व्यापर यन्त्र। लेकिन श्री यन्त्र को सबसे महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है इसीलिए इसे यन्त्र राज कहा जाता है. पहले इसकी रचना समझते है.
श्री यन्त्र की रचना पांच त्रिकोण के नीचे के भाग के ऊपर चार त्रिकोण के संयोजन से जिसमें 43 त्रिकोण द्वारा होती है. इन त्रिकोणों को दो कमल घेरे हुए होते हैं, पहला कमल अष्टदल का होता है और दूसरा बाहरी कमल षोडशदल का होता है.
इन दो कमलों के बाहर तीन वृत हैं इसके बाहर तीन चैरस होते हैं जिन्हें भूपुर कहते हैं. इस यंत्र को तांबे, चांदी या सोने पर बनाया जा सकता है. स्फटिक के श्री यन्त्र भी आजकल उपलब्ध है.
अब बात आती है के आपने श्री यन्त्र ले लिया है और देने वाले ने आपको  बताया के ये सिद्ध है. लेकिन आजकल 24 घंटे में ये  श्री यन्त्र मिल जाता है क्या जिस दिन आपने मंगाया उसी दिन शुभ मुहूर्त भी था ? जो बेचने वाले ने उसी दिन सिद्ध भी कर दिया? ऐसी स्थिति में श्री यन्त्र अपना पूर्ण प्रभाव नही देता। इन यंत्रो में भी जान डालनी पड़ती है.

कैसे करें सिद्ध श्री यंत्र का प्रयोग -

कोई  अच्छा सा दिन देख लें या शुक्ल पक्ष का शुक्रवार ले. श्री यन्त्र को गंगा जल से धो ले. और अपने मंदिर रख कर माता लक्ष्मी का ध्यान लगाते हुए "ओम श्रीँ" मंत्र का जाप करें। ये कम से कम 21  माला आपको  करनी है. जो की पांच दिन तक करनी है. उसके बाद ये यन्त्र सिद्ध होता  है.

उसके बाद यंत्र को अपने मंदिर में स्थापित करे या जहा भी आप चाहते है दुकान या ऑफिस में रख दे. नित्य इन मंत्रो से श्री यंत्र की पूजा कर सकते है. की एक मन्त्र भी पढ़  सकते है. ध्यान रहे श्री यन्त्र की जितनी पूजा होती है उतना ही बल मिलता है.
श्री यंत्र मंत्र----
श्री महालक्ष्म्यै नमः
* श्री ह्रीं क्लीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः
* श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः

दिवाली से पहले घर से निकाले ये चीजें

दीपावली का  हमें बेसब्री से इंतजार रहता है उस त्योहार के आने में अब कुछ ही द‌िन बाकी हैं। अगर आप भी चाहते हैं कि मां लक्ष्मी आपके घर आएंं तो दिवाली से पहले शास्त्रों में बताए गए इन 6 कामों को कर लें। इससे आपके घर में वह सकारात्मक उर्जा बनेगी ज‌िनसे देवी लक्ष्मी आपके घर की ओर आकर्ष‌ित होगी और आपके ल‌िए ल‌िए आने वाला साल सुख समृद्ध‌ि से भरपूर ब‌ितेगा।

टूटे शीशे को बदलवा दें

ख‌िड़की दरवाजे में लगा शीशा टूट गया है तो उसे बदलवा दें। अगर शीशा धुंधला हो गया है तब भी उसे बदल दें क्योंक‌ि इससे सकारात्मक उर्जा के प्रवेश में बाधा आती है।

छत पर कूड़ा कबाड़ जमा ना होने दें

घर के छत पर कूड़ा कबाड़ जमा है तो उसे हटाकर साफ कर दीज‌िए। छत साफ रहन से तनाव और परेशानी में कमी आती है

खराब इलेक्ट्रॉ‌न‌िक्स सामान को घर में ना रखें

घर में खराब इलेक्ट्रॉ‌न‌िक्स सामान हैं तो उसे बनवाकर इस्तेमाल में ले आइये। ऐसा संभव नहीं हो तब उसे घर से न‌िकाल दीजिए।

दीवारों की मरम्मत कराएं

घर की दीवार फट गई हो या प्लास्टर टूट गया है तो उसकी मरम्मत करवा लें खास तौर पर रसोई और ड्राईंग रूम में इन बातों का ध्यान रखें।

मुख्य द्वार रखें साफ

अपने घर के मुख्य द्वार को साफ पानी से धो दीज‌िए, अगर दरवाजे लोहे के हैं तो उन पर रंग रोगन करवा कर स‌िंदूर से स्वास्त‌िक का च‌िन्ह बनवाएं।

उधार का बोझ कंधे से उतार दें

अगर आपके पास कोई उधार या कर्ज है तो कोश‌िश करें क‌ि उसे चुका दें। शास्त्रों के अनुसार देवी लक्ष्मी कहती हैं ज‌िसके स‌िर कर्ज का बोध रहता उसके घर मैं नहीं रहती।

शनिवार, 22 अक्टूबर 2016

131 साल बाद आया राजयोग, यह करने पर होगी नोटों की बारिश



131 साल बाद पढ़ा है ऐसा योग। जी हां बताना चाहेंगे गुरु-राहु का यह योग- सन् 2016 दीपावली से पहले रवि पुष्य अमृत सिद्धी योग 23 अक्टूबर, रविवार को 15 घंटे का होगा। इस महामुहूर्त के दौरान धनतेरस व दीपावली से पहले खरीददारी करना शुभ होगा। इसलिए पहले से ही शोपिंग करना शुरू कर दीजिए। इस बार धनतेरस से पहले आने वाला रवि पुष्य नक्षत्र का संयोग श्रीवत्स योग व अहोई अष्टमी, कालाष्टमी एवं सूर्य बुध के एक साथ होने से बनेगा। बुधादित्य राजयोग के साथ बाजार में धन वर्षा कराएगा।


बताना चाहेंगे इस बार दीपावली पर गुरु सिंह राशि में रहेगा और राहु कन्या में रहेगा। यह योग इससे पहले 1884 में बना था। उस समय भी राहु कन्या राशि व गुरु सिंह राशि में था। ऐसा योग दोबारा 131 साल बाद सन 2145 में बनेगा। गुरु सिंह राशि में व राहु कन्या राशि में रहने से लक्ष्मी प्राप्ति के लिए किए गए उपायों में सफलता मिलेगी। राहु की अच्छी स्थिति के कारण इस दिन किए गए तांत्रिक प्रयोग सिद्ध होंगे। तांत्रिको के लिए यह दिन तंत्र-मंत्र कार्यों के लिए बहुत उपयोगी है।


इन योगों से मिलेगा लाभ:- इस बार दीपावली पर सौभाग्य, बुधादित्य व धाता योग बन रहा है। ये तीनों योग बहुत ही विशेष हैं। इन योगों में की गई लक्ष्मी पूजा से हर प्रकार के सुखों की प्राप्ति संभव है। ये योग धन लाभ के लिए भी बहुत शुभ माने गए हैं। अनाज, किराना, धातु व राजनीति से जुड़े लोगों के लिए ये योग बहुत खास रहेंगे।


इस बार दीपावली से एक ऐसा महासंयोग पड़ रहा है, जो सदियों में एक बार आता है। लगातार 15 घंटे होंगे अति शुभ। यों दीपावली से पहले रवि पुष्य अमृत सिद्धि योग 23 अक्टूबर, रविवार को 15 घंटे का होगा। विद्वानों का माना है कि ये महामुहूर्त है ऐसे में इस दौरान धनतेरस व दिवाली से पहले खरीदारी शुभ होगी। धनतेरस से पहले आने वाला रवि पुष्य नक्षत्र का संयोग श्रीवत्स योग व अहोई अष्टमी, कालाष्टमी और सूर्य बुध के एक साथ होने से बनेगा। बुधादित्य राजयोग के साथ बाजार में धन वर्षा कराएगा।




ध्यान रहे इस साल दीपावली से 8 दिन और धनतेरस से 6 दिन पहले रविवार को रवि पुष्य नक्षत्र का महासंयोग बन रहा है। इस दिन खरीदारी का विशेष महत्व माना गया है। इस दिन की गई खरीददारी बहुत ही लाभप्रद साबित होगी।


घर में क्यों रखा जाता है लोटस क्रिस्टल

फेंगशुई में लोटस क्रिस्टल मूर्ति बहुत ही प्रचलित है। क्योंकि ये कमल की मूर्ति होती है इसलिए वास्तुशास्त्री इसे माता लक्ष्मी से जोड़ देते है। क्रिस्टल पृथ्वी तत्व का प्रतीक होता है जो की स्थायित्व से संबंध रखता है। वास्तुशास्त्र में भी लोटस क्रिस्टल बहुत शक्तिशाली माना जाता है। ये किसी भी स्थान की ऊर्जा को 100 गुणा से भी ज्यादा बढ़ा देता है। लोटस क्रिस्टल को अपने घर में स्थापित करने से सकारात्मक ऊर्जा अपने आप बढ़ने लगती है। वहीं वास्तुशास्त्र में इसे किस स्थान पर रखना चाहिए इसके बारे में भी बताया गया है।

वास्तुशास्त्र के अनुसार लोटस क्रिस्टल को ऐसी जगह रखना चाहिए जहां इस पर सूर्य की रोशनी पड़े क्यूंकि इसमें से होकर जब सूर्य की रोशनी निकलती है तो सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। अतः इसे खिड़की के पास रखना अच्छा रहता है।

वहीं यदि आप कुछ परेशानी महसूस कर रहे हैं या कुछ हद तक दुर्भाग्य से घिरे हुए हैं तो ऐसे में इसे घर के दक्षिण-पश्चिम (225 डिग्री) पर रख सकते हैं।

वास्तुशास्त्र के अनुसार अगर आप इसे अपने ऑफिस में रखते हैं तो इससे अच्छी सफलता प्राप्त होती है।

खुली पंखुड़ी वाला लोटस क्रिस्टल ही लाना अच्छा रहता है, इसके साथ ही इसे उत्तर-पूर्व दिशा में नहीं रखना चाहिए।

शुक्रवार, 21 अक्टूबर 2016

करण जौहर को धमकाया जा रहा है: जोया अख्तर

मुंबई। फिल्म निर्देशक जोया अख्तर का मानना है कि फिल्मकार करण जौहर को उनकी फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ की रिलीज को लेकर धमकाया जा रहा है और फिल्मों में पाकिस्तानी कलाकारों को इसलिए लिया जाता है क्योंकि उनके पास वैध वीजा होते हैं। ‘ऐ दिल है मुश्किल’ का दिवाली से दो दिन पहले रिलीज होना तय है लेकिन फिल्म में पाकिस्तानी कलाकार फवाद खान के होने की वजह से राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना लगातार धमकी दे रही है।

करण ने एक वीडियो बयान में पाकिस्तानी कलाकारों के साथ आगे काम नहीं करने की बात कही थी।इस बारे में पूछे जाने पर जोया ने कहा कि करण ऐसी स्थिति में हैं जहां उन्हें आतंकित किया जा रहा है और कोई उनकी मदद नहीं कर रहा। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार कुछ कह रही है, लोग कुछ कह रहे हैं। ऐसे में अकेला आदमी क्या करेगा।''

 

गुरुवार, 20 अक्टूबर 2016

यहां जिंदा या मुर्दा चूहा पकड़ने पर सरकार दे रही है 20 हजार रुपये

चूहों को पकड़ना आसान काम नहीं होता है. लेकिन अगर आपसे कहा जाए कि चूहा पकड़ने के साथ र्इनाम में 20 हजार रुपये भी मिलेंगे तो क्या कहेंगे आप?

जी हां...  चूहों से परेशान इंडोनेशिया में सरकार चूहा पकड़ने के लिए भी ईनाम दे रही है वह भी कैश में. राजधानी जकार्ता में चूहों की समस्या से निजात पाने के लिए इंडोनेशियाई सरकार ने अनोखी मुहिम छेड़ दी है. इस मुहिम के तहत सरकार ने ऐलान किया है कि चूहों को पकड़ने पर लोगों को ईनाम दिया जाएगा.

सरकार ने कहा है कि एक चूहा पकड़ने पर उन्हें 20,000 रुपये कैश दिया जाएगा. लोग जिंदा या मुर्दा चूहा पकड़कर यह ईनाम पा सकते हैं, हालांकि चूहों को मारने के लिए वो बंदूक का इस्तेमाल नहीं कर सकते. चूहों को जिंदा या मुर्दा हालत में अधिकारियों को सौंपना होगा, तब उन्हें यह ईनाम मिल जाएगा.

सरकार को उम्मीद है कि उनकी इस मुहिम ने जहां शहर को चूहों से निजात मिलेगी तो वहीं शहर को साफ सुथरा बनाने में भी मदद मिलेगी. जकार्ता के डिप्टी गवर्नर जेरॉट सैफुल हिदायत ने एक इंटरव्यू में कहा कि शहर में काफी चूहे हैं.  जिसकी वजह से काफी परेशानी हो रही है. खुद के साथ हुए एक हादसे के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि एक बड़े चूहे से सामना होने के बाद उन्होंने चूहों से शहर को निजात दिलाने का अभियान बनाया.

घर में मोर पंख रखने से होते हैं ये लाभ

यदि घर में रहने वाले लोग प्रतिदिन आपस में लड़ाई-झगड़ा करते हैं तो समझ लेना चाहिए कि यह वास्तुदोष के कारण हो रहा है। लड़ाई-झगड़ा नकारात्मक ऊर्जा से उत्पन्न होता है। ऐसे में घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करके घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश करवाना बहुत आवश्यक है। इसके लिए आपको घर में इन वस्तुओं को रखना होगा। इन वस्तुओं को घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा आती है।

वास्तुशास्त्र के अनुसार यदि आप मोर पंख को अपने घर के अंदर साफ शुद्ध स्थान में रखते है तो निश्चित रूप से आपके घर के साथ ही साथ आसपास की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाएगी।

बांसुरी भगवान कृष्ण का बहुत ही प्रिय वाद्य यंत्र है बांसुरी भी एक अवतार है जो मानव के सौभाग्य और ऐश्वर्य का सूचक भी है। वास्तुशास्त्र के अनुसार बांसुरी को आप घर में किसी भी दिशा में लगाएं तो आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

यदि आप कमरे के दक्षिण-पश्चिम कोण पर आलमारी रखते है तो सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

घर के मुख्य द्वार पर गणेश प्रतिमा नहीं लगानी चाहिए बल्कि अगर यहां चांदी का स्वास्तिक लगाते हैं तो घर के अंदर नकारात्मक शक्तियों का प्रवेश नहीं होगा।

आपके मकान के मुख्य द्वार के सामने शौचालय या रसोईघर का दरवाजा होना या मुख्य द्वार के आगे दीवार या खंभा होना ठीक नहीं माना जाता है।

बुधवार, 19 अक्टूबर 2016

चिंकारा केस: राजस्‍थान सरकार ने SC से कहा- सलमान का सरेंडर कराएं

सलमान खान की मुश्किलें फिर बढ़ सकती हैं। काले हिरण और चिंकारा शिकार मामले में सलमान की रिहाई के खिलाफ राजस्थान सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। राज्य सरकार ने सलमान खान को बरी किए जाने के राजस्थान हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है।


इससे पहले 1998 में काला चिंकारा शिकार मामले के अहम गवाह हरीश दुलानी के सामने आने के बाद राजस्थान सरकार ने ऐलान किया था कि वह इस मामले में हाईकोर्ट के सलमान को बरी करने के आदेश को चुनौती देगी और हरीश दुलानी को भी सुरक्षा मुहैया कराएगी।

दुलानी ने बताया था कि सलमान ने ही काला चिंकारा को मारा था। दुलानी ने कहा था, 'अगर मुझे और मेरे परिवार को सुरक्षा मिलती है तो मैं बयान दे सकता हूं। मैं अभी भी अपने पहले वाले बयान पर कायम हूं कि उस चिंकारा को सलमान खान ने ही मारा था।'


हाईकोर्ट केस के पूरे हालात को देखने में नाकाम रहा


राजस्‍थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि राजस्थान हाईकोर्ट ने ट्रायल के दौरान मामूली विसंगतियों से पूरे मामले को हल्का नहीं किया जा सकता। हाईकोर्ट इस केस के पूरे हालात को देखने में नाकाम रहा है, जो बिना शक अभियोजन पक्ष द्वारा साबित करते हैं कि सलमान इस मामले में दोषी हैं।

सलमान को निचली अदालत ने सबूतों के आधार पर दोषी ठहराया था, लेकिन हाईकोर्ट ने अति तकनीकी आधार पर फैसला दिया, जो कानून में कहीं नहीं ठहरता। राजस्‍थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि सलमान खान को सरेंडर करने के लिए कहा जाए।

बता दें कि हाईकोर्ट ने काले हिरण और चिंकारा शिकार मामले में सलमान खान को बरी कर दिया था। काले हिरण के शिकार मामले में सलमान को निचली अदालत से 5 साल की सजा मिली थी, जबकि चिंकारा के शिकार के लिए उन्हें एक साल की सजा दी गई थी।

सोमवार, 17 अक्टूबर 2016

21 चावल के दानो से भरा रहेगा आपका पर्स

अगर आपका नोटो से भरा पर्स महीने के अंत में आते-आते हमेशा खाली हो जाता है, तो हमारे बताये हुए कुछ उपाय अपना कर देखे .ये उपाय अपना कर महीने के अंत तक आपका पर्स पैसो से भरा रहेगा . आपको अपने पर्स या वॉलेट में कुछ ऐसी चीज़ें रखनी चाहिये जिससे आपको धन की कभी कमी ना हो.आइये जाने इसके बारे में-

धन लाभ के उपाय -

1-पैसों से जुड़ी हर दिक्कत को मां लक्ष्मी दूर करती हैं. इसलिये मां लक्ष्मी की तस्वीर को पर्स में ऐसी जगह रखें, जिससे वह कभी गायब या गिरे नहीं.

2-एक ताजा पीपल का पत्ता ले कर उसको गंगा जल से धो लें, फिर इस पर केसर से श्री लिखें और पर्स में रख लें.

3-पर्स में 21 दानें चावल के किसी पुडिया में रखें, इससे धन का अनचाहा खर्च कम होता है

4-यदि आपको माता-पिता या किसी बुजुर्ग से पैसे मिले हैं, तो उसे आशीर्वाद समझ कर पर्स में रख लें और कभी खर्च ना करें.

5-यदि आपके पास चांदी का सिक्का है तो उसे पर्स में रखें. लेकिन इसे पर्स में रखने से पहले कुछ देर मां लक्ष्मी के चरणों में रखें.

एक चुम्मा तू मुझको उधार दे दे….. के लिए जेल की हवा खा सकते हैं शिल्पा और गोविंदा

मुंबई। पिता की मौत से आहत अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी के लिए झारखंड से एक और बुरी खबर आई पाकुड़ कोर्ट के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की कोर्ट ने मुबंई पुलिस को अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और गोविंदा समेत छह लोगों को 18 नवंबर को हाजिर करने का आदेश दिया है।

1997 में फिल्म छोटे सरकार में खास लटके झटके के साथ शिल्पा ने ‘एक चुम्मा तू मुझको उधार दे दे, बदले में सारा बिहार लेले…’ आइटम सॉन्ग किया था। फिल्म का यह गाना यूपी-बिहार समेत पूरे उत्तर भारत में गजब हिट हुआ था। हर शादी-फंक्शन में लोग डीजे से इस गाने की डिमांड जरूर करते। तब न शिल्पा को पता होगा और न गोविंदा को कि यह गाना करीब 20 साल बाद तक उन्हें कोर्ट में घसीटता रहेगा।

मामले पर अदालत ने संज्ञान लेते हुए कई बार मुबंई के पुलिस कमिश्नर को गोविन्दा,शिल्पा शेटटी,गायिका अलका याग्निक, उदित नारायण, फिल्म निर्देशक विमल कुमार, आनंद मिलिंद, रानी मल्लिक को हाजिर कराने को कहा था।
इसके बाबजूद आरोपी हाजिर नहीं हुए। इसे अदालत की अवहेलना मानते हुए मुंबई के पुलिस कमिश्नर को रिमाइंडर भेजकर आरोपियों को 18 नवंबर को हाजिर कराने का आदेश दिया है। सीजेएम कोर्ट ने मामले में 20 जुलाई 2016 को ही गिरफ्तारी का वारंट जारी कर रखा है।

रविवार, 16 अक्टूबर 2016

'ऐ दिल है मुश्किल' के समर्थन में आगे आए अनुराग कश्यप, पीएम के पाक दौरे पर साधा निशाना

मुंबई. उरी हमले के बाद से भारत में पाकिस्तान के विरोध का सिलसिला लगातार जारी है. इस विरोध के आग की आंच में पाकिस्तानी कलाकार झुलस रहे हैं. सिनेमा मालिकों के संघ ने पाकिस्तानी कलाकारों की फिल्मों की रिलीज रोकने का फैसला किया है. बॉलीवुड की हस्तियों ने सामने आकर पाक कलाकारों पर बैन का समर्थन किया. लेकिन कुछ कलाकार ऐसे भी हैं जिन्होंने कला के समर्थन में इस तरह के बैन का विरोध किया.


विरोधियों में निर्देशक अनुराग कश्यप का नाम भी जुड़ गया है. रविवार को फिल्मकार अनुराग कश्यप ने ‘ऐ दिल है मुश्किल’ की रिलीज को लेकर उसके निर्माता-निर्देशक करण जौहर का समर्थन किया है. फिल्म में पाकिस्तानी अभिनेता फवाद खान एक खास भूमिका में हैं. पाकिस्तानी कलाकारों की फिल्मों की रिलीज रोकने के फैसला के कारण इस फिल्म को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.


चार राज्यों में पाक कलाकारों की फिल्मों पर बैन

भारतीय सिनेमा मालिक प्रदर्शक संघ (सीओईएआई) ने घोषणा की थी कि वह चार राज्यों - महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक और गोवा में पाकिस्तानी कलाकारों की कोई भी फिल्म नहीं दिखाएगा. कश्यप ने इसे लेकर टि्वटर पर लिखा, ‘दुनिया को हमसे सीखना चाहिए. हम फिल्मों को दोषी ठहराकर और उन पर प्रतिबंध लगाकर अपनी सारी समस्याएं सुलझाते हैं. ‘ए दिल है मुश्किल’ को लेकर मैं आपके साथ हूं करण जौहर

बिग बॉस शो के लिए दीपिका पादुकोण इस तरह हुई तैयार, देखें उनका यह हॉट लुक

मुंबई. बिग बॉस के ग्रैंड प्रिमियर आज से शुरू हो रहा है. सलमान, 13 कंटेस्टेन्ट के अलावा बॉलीवुड एक्ट्रेस दीपिका पादुकोण भी अपना जलवा बिखरने आ रही हैं. शो आने को तो अभी वक्त है हम आपको बता रहें है कि डिंपल गर्ल किस लुक में शो में नजन आने वाली हैं.

दरअसल स्टाइलिश शलीना नथानी ने अपने इंस्टाग्राम के अकाउंट में कुछ फोटोज शेयर की हैं. शो के पहली गेस्ट दीपिका ब्लैक एंड गोल्डन ड्रेस में कहर ढा रही हैं. दीपिका इस ड्रेस में वाकई हॉट लग रही हैं.

दीपिका आज अपनी अपकमिंग हॉलीवुड फिल्म 'xxx: The Return of Xander Cage' के प्रमोशन के लिए 'बिग बॉस 10' में हिस्सा लेने आ रही हैं. वो इस बार की पहली सेलिब्रेटी गेस्ट होंगी. उनके बारे एक और एक्साइटिंग खबर ये भी आ रही है कि वो पूरे एक दिन के लिए 'बिग बॉस' के घर में रुकने वाली हैं. ये अगर सच है तो यह अपने आप में एक रिकॉर्ड बन जाएगा.

शिखंडी को एक रात के लिए उधार में मिला था पुरुषत्व

शिखंडी सिर्फ महाभारत का एक किरदार नहीं है. उसका अलग ही महत्व है. वो शिखंडी, जिसे एक वर्ग के अगुआ के रूप में देखा जाता है जानिए उसके बारे में दस जानी-अनजानी बातें.

1. शिखंडी का जन्म पंचाल के राजा द्रुपद के यहां एक लड़की के तौर पर हुआ था, लेकिन उसके जन्म के समय एक आकाशवाणी हुई. जिसके बाद उसे एक लड़के की तरह पाला और लड़ाके की तरह तैयार किया गया.

2. शादी की रात शिखंडी की बीवी को पता चल गया. उसका पति तो पुरुष है ही नहीं. शिखंडी के ससुर ने इस बात से गुस्सा होकर शिखंडी के पिता के राज्य पर चढ़ाई कर दी.

3. शिखंडी डर के मारे जंगल भाग गया. जहां शिखंडी को स्थूणा नाम के यक्ष ने अपना पुरुषत्व एक रात के लिए उधार दिया था.

4 . शिखंडी जब स्थूणा को पुरुषत्व वापिस करने गया. तब यक्षों के राजा कुबेर ने उसकी ईमानदारी से खुश होकर उसे जीवनभर के लिए स्थूणा का पुरुषत्व दे दिया.

5 . शिखंडी पिछले जन्म में अंबा नाम की राजकुमारी हुआ करता था.

6 . भीष्म ने अंबा के स्वयंवर के दिन उसका अपहरण कर लिया, जिसके चलते उसकी कहीं शादी नही हो सकी. इसीलिए अंबा भीष्म को मारना चाहती थी.

7. अंबा ने परशुराम से युद्ध में भीष्म को मरवाना चाहा,पर सफल न हो सकी.

8. अंबा ने भगवान शिव की तपस्या की. भगवान शिव ने उससे कहा कि वो अगले जन्म में भीष्म की मृत्यु का कारण बन सकती है. यह सुनकर अंबा आग में कूदकर मर रही.

9. कार्तिकेय ने अंबा को एक माला दी थी. जिसे पहनने वाला भीष्म को मार सकता था. अंबा वो माला पंचाल के राजा द्रुपद के महल में फेंक आई थी. दूसरे जन्म में द्रुपद के बेटे शिखंडी ने वह माला पहन ली और ये तय हो गया कि शिखंडी के कारण भीष्म की मौत होगी..

10. विजय की रात पांडवों के शिविर में घुसकर अश्वत्थामा ने शिखंडी को उस समय मार डाला, जब वो सो रहा था.

इस रहस्यमयी गुफा, यहां हो रहा है कई बीमारियों का इलाज….!

ऑस्ट्रिया में एक ऐसी ही गुफा माैजूद है, जहां पर लोग सिर्फ आराम करने के लिए आते है और बीमारियों से छुटकारा पाकर ही घर जाते हैं।

ये बात आपको हैरान कर सकती है, लेकिन ऐसी गुफा के बारे में फिलहाल यही बताया जा रहा है। कहा जा रहा है कि यहां पर आकर लोग मौत के मुंह से भी अपने आपको बचा ले जाते हैं। अब यह गुफा दूर देशों तक काफी चर्चित होती जा रही है और दूर-दूर से लोग अपनी बीमारियों को दूर करने के लिए यहां पर कर कुछ दिन रूक रहें हैं। जैसे ही बढ़ता है इस बच्चे का गुस्सा, वैसे ही बन जाता है ये मैग्नेटिक मैनबताया जाता है कि ऑस्ट्रिया में गास्तिन में लोग सोने की खदान के बारें में पता लगाने के लिए गए थे, लेकिन यहां आकर इन्होंने इस गुफा को खोज निकाला, जिसके अंदर जाते ही लोगों के शरीर में आराम का अनुभव होने लगा।

इसके बाद उन्हें पता चला कि यहां से निकलने वाली गैस से गंभीर से गंभीर बीमारियां भी आसानी से ठीक हो जाती हैं। इस जंगल की मिट्टी से निकल रहे हैं हीरे-जवाहरात, सच्चार्इ जानकर रह जाएंगे हैरानऐसा बताया जाता है कि यहां पर निकलने वाली रेडियोएक्टिव गैस त्वचा के अंदर जाकर शरीर की कोशिकाओं तक पहुंचती है, जिससे लाइलाज बीमारियों का इलाज संभव हो जाता है।

यहां के लोगों का मानना है कि यह गैस हमारी शरीर में होने वाली पसोरिएसिस और अर्थराइटिस जैसी बीमारियों को दूर करने के लिए सबसे ज्यादा उपयोगी सिद्ध हो रही है। ये सिक्के दिखा रहे हैं चमत्कार, हकीकत जानकर आप रह जाएंगे हैरानयहां आने वालों के अनुसार, इस गुफा में पाई जानेवाली रैडॉन गैस शरीर में प्रवेश करने से कई गंभीर बीमारियों का उपचार संभव हो जाता है।

ये गैस एक रेडियोएक्टिव गैस होती है। इससे गुफा के चारों ओर का वातावरण गर्म रहता है, जिससे कई तरह की बीमारियां प्रभावित होकर ठीक हो जाती है।कब्र में दफन थी लाश, तभी प्रेमी ने सुनी आवाज और फिर…

साढू़ भाई में ऐसा प्यार कि छोड़ दी पत्न‍ियां और साथ रहने लगे…

शायद आपने ऐसी खबर पहले कभी नहीं सुनी होगी। हालांकि जब हमें इस बारे में पता चला तो हमारे भी होश उड़ गए। एक अजीब मामला सामने आया है, जिसमें दो पुरुषों ने आपस में शादी करने के लिए अपनी पत्नियों को छोड़ दिया जो सगी बहनें थीं।


दरअसल उन दोनों के बीच साढ़ू का रिश्ता था। एक दूसरे से मिलने के बाद वे दोनों में समलैंगिक रिश्ता कायम हो गया। इसके बाद वे दोनों एक अलग घर में साथ में रहने के लिए शिफ्ट हो गए और अपनी पत्नियों को छोड़ दिया। दोनों बहनों ने कोर्ट में अपने पतियों को आरोपी बनाते हुए न्याय की मांग की।


बड़ी बहन की शादी 2010 में एक स्थानीय कारोबारी से हुई थी। इसके बाद उन्हें एक बच्चा भी हुआ। परेशानी तब शुरू हुई जब उनकी छोटी बहन की 2013 में शादी हुई। बड़ी बहन के पति के छोटी बहन के पति के साथ समलैंगिक रिश्ते बन गए। करीब छह महीने पहले दोनों पतियों ने अपनी बीवियों को छोड़कर साथ में रहना शुरू कर दिया। दोनों बहनों ने पहले इसकी सूचना पुलिस को दी, लेकिन इसमें किसी कानून का उल्लंघन नहीं था। पुलिस ने इस मामले में अपनी अक्षमता व्यक्त की।

Birthday Special : अमिताभ ने कहा- अपनी बेटियों से जवां हैं हेमा

नई दिल्ली| दर्शकों के दिलों पर दशकों से राज कर रहीं ‘ड्रीम गर्ल’ हेमा मालिनी आज भी राजनीति के साथ-साथ अभिनय में सक्रिय हैं। उन्होंने अपनी खूबसूरती, अभिनय, रोमांस और चुलबुले मिजाज से हिंदी सिनेमा पर अपनी अमिट छाप छोड़ी है।

‘हां जब तक है जान’, ‘धीरे-धीरे बोल कोई सुन न ले’, ‘जिंदगी एक सफर है सुहाना’, ‘तेरे चेहरे में वो जादू है’, ‘तूने ओ रंगीले’ जैसे सदाबहार गीत सुनते ही हेमा मालिनी का चेहरा सामने आ जाता है। दक्षिण भारत से आकर बॉलीवुड में जल्द ही पैर जमा लेने वाली हेमा का फिल्मी करियर बुलंदियों से भरा रहा है।

उनका जन्म 16 अक्टूबर, 1948 को तमिलनाडु में हुआ था। उनकी मां का नाम जया चक्रवर्ती और पिता का नाम वीएसआर चक्रवर्ती था।

हेमा के जन्म से पहले उनकी मां इतनी निश्चिंत थीं कि उन्होंने पहले ही अपने होने वाली बेटी का नाम ‘हेमा मालिनी’ सोच लिया था।

मां अपनी बिटिया को अच्छी नर्तकी बनाना चाहती थीं। हेमा ने मां का यह सपना पूरा कर दिखाया। वह पढ़ाई में भी काफी होशियार थीं। इतिहास उनका पसंदीदा विषय रहा है। वह 10वीं कक्षा की परीक्षा नहीं दे पाईं, क्योंकि उन्हें लगातार अभिनय के प्रस्ताव मिल रहे थे। उम्र मात्र चौदह साल थी, लेकिन हेमा के दरवाजे पर फिल्म निर्माता तभी से दस्तक देने लगे थे।

वर्ष 1981 में वह अभिनेता धर्मेद्र संग शादी के बंधन में बंध गईं। ‘शोले’ फिल्म से मशहूर हुए धर्मेद्र और हेमा की आयशा देओल और आहना देओल नाम की दो बेटियां हैं। मां और बेटियां कई चैरिटेबल कार्यक्रम भी प्रस्तुत करती हैं। हेमा से शादी से पहले धर्मेद्र की पहली पत्नी प्रकाश कौर से चार बच्चे हैं।

धर्मेद्र और हेमा मालिनी नाना-नानी भी बन चुके हैं। उनकी छोटी बेटी अहाना देओल ने हाल ही में एक बेटे को जन्म दिया था।

हेमा मालिनी की मां जया चक्रवर्ती तमिल फिल्म-निर्माता थीं। हिंदी फिल्मों में हेमा मालिनी को पहला अवसर ‘सपनों का सौदागर’ (1968) में मिला। हेमा के हीरो शोमैन राज कपूर थे, जो उम्र के मामले में हेमा से बहुत बड़े थे।

राज कपूर ने उस दौरान कहा था कि हेमा एक दिन सिनेमा की बहुत बड़ी स्टार बनेगी और हेमा ने उनकी भविष्यवाणी को सच कर दिखाया। 1970 में रिलीज हुई ‘जॉनी मेरा नाम’ से हेमा मालिनी को गंभीरता से लिया जाने लगा। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट साबित हुई।

अपने करियर के आरंभ में ही हेमा ने धर्मेद्र के साथ ‘तुम हसीं मैं जवां’ (1969), ‘शराफत’ (1969), ‘नया जमाना’ (1971) जैसी कुछ फिल्में कीं। ये फिल्में भले ही बॉक्स ऑफिस पर ज्यादा नहीं चली, लेकिन दोनों का रोमांस पर्दे पर और पर्दे के बाहर बखूबी चला।

वर्ष 1972 की फिल्म ‘सीता और गीता’ में उन्होंने दो भूमिकाएं निभाई। इस फिल्म की शानदार कामयाबी ने हेमा को बड़ी नायिका बना दिया।

उन्हें ‘ड्रीम गर्ल’ के नाम से पुकारा जाने लगा। इसी नाम की एक फिल्म हेमा की मां ने बनाई थी।

हेमा मालिनी के सौंदर्य का जादू कई फिल्म अभिनेताओं पर भी चला। जीतेंद्र से लेकर संजीव कुमार जैसे अभिनेता उनसे शादी करना चाहते थे, लेकिन बाद में उन्होंने धर्मेद्र संग सात फेरे लिए।

फिल्मों में उन्हें धर्मेद्र, राजेश खन्ना, जीतेंद्र और अमिताभ बच्चन के साथ पसंद किया गया।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2004 में हेमा मालिनी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुईं और उन्होंने राजनीतिक सफर शुरू किया।

वह भरतनाट्यम, कुचिपुड़ी और ओडिसी में उन्होंने विधिवत प्रशिक्षण लिया है और देश-विदेश में कई स्टेज शो पेश किए हैं। फिल्मफेअर अवॉर्डस की सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री श्रेणी में हेमा मालिनी का नाम 11 बार नामांकित हुआ है, लेकिन उन्हें केवल एक बार सीता और गीता के लिए ही यह पुरस्कार मिला है।

हेमा अपनी सुंदरता बनाए रखने के लिए प्रतिदिन योग तथा व्यायाम करती हैं। सप्ताह में दो बार उपवास उनकी नियमित जिंदगी का अंग है। इनमें एक दिन शुक्रवार होता है। हेमा को कांजीवरम साड़ियां, चमेली के गजरे और ढेर सारी ज्वेलरी भी पसंद हैं।

फिल्म ‘बागबान’ में उनकी ताजगी देखकर अमिताभ बच्चन ने कहा, “आज भी आप अपनी बेटियों से अधिक जवान लगती हैं।”

वर्ष 1990 में हेमा मालिनी ने छोटे पर्दे की ओर भी रुख किया और धारावाहिक नुपूर का निर्देशन भी किया। इसके बाद वर्ष 1992 में फिल्म अभिनेता शाहरुख खान को लेकर उन्होंने फिल्म (दिल आशना है) का निर्माण और निर्देशन किया। वर्ष 1995 में उन्होंने छोटे पर्दे के लिए ‘मोहिनी’ का निर्माण और निर्देशन किया।

फिल्मों में कई भूमिकाएं निभाने के बाद हेमा मालिनी ने समाजसेवा के लिए राजनीति में प्रवेश किया और भारतीय जनता पार्टी के सहयोग से राज्यसभा की सदस्य बनीं। हेमा मालिनी को फिल्मों में उल्लेखनीय योगदान के लिए 1999 में फिल्मफेयर का लाइफटाइम एचीश्री सम्मान से भी सम्मानित की गईं।

हेमा मालिनी ने अपने चार दशक के सिनेमा करियर में लगभग 150 फिल्मों में काम किया। उनकी कुछ उल्लेखनीय फिल्में ‘सीता और गीता’, ‘प्रेम नगर अमीर गरीब’, ‘शोले’,’महबूबा चरस’, ‘ड्रीम गर्ल किनारा’, ‘त्रिशूल’, ‘मीरा’, ‘कुदरत नसीब क्रांति’, ‘अंधा कानून रजिया सुल्तान’, ‘रिहाई’, ‘जमाई राजा’, ‘बागबान’, ‘वीर जारा’ जैसी फिल्मों में काम किया।

वह भारतीय जनता पार्टी की राज्यसभा सदस्य भी चुनी गई थीं। वर्तमान में वह मथुरा (उत्तर प्रदेश) से लोकसभा की सांसद हैं।

शनिवार, 15 अक्टूबर 2016

फिल्‍म मुन्‍ना माइकल में ऐसा होगा नवाजुद्दीन सिद्दीकी का लुक!

मुम्‍बई। अपने गांव में कुछ मामले सुलझाने के बाद अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी काम पर लौट आएं हैं। हालांकि, उनका रामलीला में अभिनय करने का सपना अधूरा रह गया, जो अगले साल पूरा होने की संभावना है।

बॉलीवुड अभिनेता नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने ट्विटर खाते से एक फोटो साझा किया है, जो काफी स्‍टाइलिश है। अभिनेता ने लिखा है कि काम पर वापस आ गया।

ख़बर है कि नवाजुद्दीन सिद्दिकी टाइगर श्रॉफ के साथ मुन्‍ना माइकल की शूटिंग कर रहे हैं। और नवाजुद्दीन सिद्दिकी इस स्‍टाइलिश लुक में नजर आएंगे।

फिल्‍म मुन्‍ना माइकल में टाइगर श्रॉफ और नवाजुद्दीन सिद्दिकी के अलावा बॉलीवुड की नई सनसनी निधि अग्रवाल हैं, जो इस फिल्‍म जगत में कदम रखेंगी। फिल्‍म का निर्देशन सब्‍बीर खान कर रहे हैं।

 

 

ये खिलौने आपको बनाएंगे मालामाल

फेंग शुई पद्धति नकारात्मक ऊर्जा को खत्म या कम करती है और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाती है। फेंग शुई में इस्तेमाल होने वाले छोटे-छोटे यंत्रों से वास्तु दोषों का भी हल निकलता है। फेंग शुई में बताए कुछ ऐसे खिलौने भी हैं, जो आपको खुशहाली का रास्ता भी बता सकते हैं।
पवन घंटियां (विंड चाइम्स) स्वास्थ्य की मजबूती के लिए घर के प्रवेश द्वार पर वाइंड चाइम्स लगाएं। इससे व्यक्ति का स्वास्थ्य ठीक रहेगा। छह छड़ों वाली पवनघंटी लगाने का सबसे अच्छा स्थान उत्तरी पश्चिमी कोना है। पांच या सात छड़ों वाली पवनघंटी का इस्तेमाल भी किया जाता है। पांच छड़ें दुर्भाग्य को मोड़ देती हैं।

बैम्बू स्टिक घर में समृद्धि लेकर आता है। बेम्बू प्लांट युवा रहने का प्रतीक है क्योंकि यह सदाबहार होता है। इसमें कोई परिवर्तन नहीं आता। यह पेड़ हर मौसम में हमेशा सीधा खड़ा रहता है। आंधी तूफान में भी यह हमें दृढ़ निश्चय के साथ खड़े रहना सिखाता है। यह विश्वास और स्थायित्व का भी प्रतीक है

गोल्डफिश छोटे मछलीघर या फिश बाऊल में घर में मछलियां रखना शुभ माना गया है। इसमें कुल नौ मछलियां होती हैं। इनमें से आठ सुनहरे या लाल रंग की होनी चाहिए और एक काले रंग की। किसी एक मछली के मर जाने पर नई मछली लाइए। सुनहरी मछली के मर जाने पर माना जाता है कि वह अपने साथ आपका दुर्भाग्य ले गई है। मछलीघर रखने का सबसे अच्छा स्थान दीवानखाना है। जीवित मछलियां नहीं लगा सकते, तो उसकी जगह नीले पानी में अटखेलियां करती कृत्रिम डॉल्फिन का उपयोग किया

घंटियां और चीनी सिक्के घर के दरवाजे के हैंडल में सिक्के लटकाने से घर में संपत्ति आती है। तीन पुराने चीनी सिक्कों को लाल रंग के धागे अथवा रिबन में बांधकर लटकाया जा सकता है। सिक्के घर के अंदर की ओर लटकाने चाहिए। दरवाजे के बाहर वाले हैंडल पर अगर छोटी घंटी भी लटकाई जाए तो यह सौभाग्य को घर में लाता है। जा सकता है।

स्फटिक के गोले फेंग शुई के मुताबिक घर का दक्षिणी पश्चिमी कोना प्रेम, रोमांस और स्नेह से संबंधित होता है। इस क्षेत्र की ताकत को बढ़ाने के लिए यहां स्फटिक के दो गोले रखे जाते हैं। अगर ये गोले बैठकखाने में हैं तो ये परिवार के स्नेह संबंधों में बढ़ोतरी करने वाले सिद्ध होते हैं। यह नकारात्मकता को सोख लेते हैं। ऐसे में सप्ताह में एक बार इन्हें नमक के पानी में रखकर इनका शोधन करना चाहिए। ताकि ये सक्रिय रहें। दक्षिण पश्चिम कोने में स्फटिक का झाड़ फानूस भी लगाया जा सकता है।

तीन टांग वाला मेढ़क मुंह में सिक्का लिए हुए तीन टांग वाले मेढ़क को धनदायक माना जाता है। इसे घर के भीतर मुख्य द्वार के पास रखा जाता है, जैसे इसने अभी-अभी धन लेकर घर में प्रवेश किया हो।

फुक-लुक और साउ चीन के हर घर में तीन देवताओं की मूर्तियां दिखाई देंगी। फुक समृद्धि, लुक उच्च श्रेणी और साउ दीर्घायु देते हैं। इन देवताओं की पूजा नहीं की जाती, ये प्रतीकात्मक रूप से घरों में रखे जाते हैं। इनकी उपस्थिति ही भाग्य को बढ़ाने वाली होती है।
हंसता बुद्ध लाफिंग बुद्धा या हंसते हुए बुद्ध की मूर्ति को संपन्नता, सफलता और सौभाग्य लाने वाला माना जाता है। इसे मुख्य द्वारा के सामने करीब तीस फीट की ऊंचाई पर लगाने का प्रावधान है। यहां मूर्ति घर में प्रवेश करने वाली ऊर्जा का अभिनंदन करती है। अगर ठीक सामने संभव न हो तो इसे कुछ किनारे पर भी रखा जा सकता है।

 

दृष्टिहीनों को फिल्म दिखाने वाला सिनेमा

इंडोनेशिया में एक सिनेमा है जहां दृष्टिहीन लोग फिल्म 'देखते' हैं. इस सिनेमा को विस्पर सिनेमा कहते हैं.

सिसवांत पैदाइश से ही देख नहीं सकते. लेकिन वह सिनेमा नियमित तौर पर जाते हैं. यह एक खास तरह का सिनेमा है जहां दृष्टिहीनों को फिल्म 'दिखाई' जाती है. होता यूं है कि हर दृष्टिहीन दर्शक की साथ वाली सीट पर एक व्यक्ति बैठा होता है जो उसके कान में फुसफुसाते हुए बताता चलता है कि पर्दे पर अब क्या हो रहा है. 'विस्पर सिनेमा' नाम से यह कोशिश एक मासिक क्लब के रूप में इंडोनेशिया में चल रही है. इसके लिए कोई पैसा भी नहीं लिया जाता है. मकसद है इंडोनेशिया में दृष्टिहीनों को सिनेमा तक लाना. पिछले साल ही इसकी शुरुआत हुई है.

43 साल के सिसवांतो अब विस्पर सिनेमा के नियमित दर्शक हैं. मालिश करने का पेशा करने वाले सिसवांतो को हॉरर फिल्में पसंद नहीं हैं. लेकिन बाकी फिल्में उन्हें खूब पसंद आती हैं. वह जब सिनेमा जाते हैं तो एक स्वयंसेवी उन्हें उनकी सीट तक ले जाता है. वह भी सिसवांतो की बगल वाली सीट पर बैठ जाता है. फिर जैसे ही हॉल की रोशनियां धीमी हो जाती हैं, स्वयंसेवी उनके कान में फुसफुसाने लगता है. वह हर सीन की जानकारी देता है.

हाल ही में 'द ट्रूप्स ऑफ ड्रीमर्स' देखकर आए सिसवांतो बताते हैं, "मैं देख नहीं सकता लेकिन फिल्में मुझे पसंद हैं. ऐसे में इन लोगों की कोशिश मेरे जैसे इंसान के लिए बहुत काम की है क्योंकि इससे हमारा दायरा बढ़ता है." विस्पर सिनेमा को शुरू किया है चीची सुचिआती ने. जनवरी 2015 में उन्होंने दृष्टिहीनों के लिए एक ऐप बनाई थी. वहीं से चीची के मन में ऐसा सिनेमा हॉल बनाने का ख्याल आया जहां दृष्टिहीन भी फिल्म का आनंद उठा सकें.

सुचिआती इसके लिए 50 सीटों के एक सिनेमा हॉल का इस्तेमाल करती हैं. वह ज्यादातर स्थानीय फिल्में ही दिखाती हैं. फिल्म सुनाने के लिए स्वयंसेवी जुटाने का काम वह सोशल मीडिया के जरिए करती हैं. वह बताती हैं, "मैं चाहती हूं कि लोग इस बात को स्वीकार करें कि दृष्टिबाधित लोग भी हमारी दुनिया, हमारे समाज का हिस्सा हैं."

जर्मनी में टेलिविजन चैनल सीन को बयान करने वाले ऑडियो के जरिये देखने में अक्षम लोगों को फिल्म और दूसरी रिपोर्ट 'देख' सकने की सुविधा उपलब्ध कराते हैं. टेलिविजन नेत्रहीन और देखने में अक्षम लोगों के लिए भी सूचना पाने और सामाजिक सांस्कृतिक गतिविधियों में हिस्सा लेने का मौका देता है. इसके लिए ऑडियो व्याख्या के जरिये तस्वीरों की दुनिया को उनके लिए उपलब्ध कराया जाता है.

शुक्रवार, 14 अक्टूबर 2016

दुखों को भुलाने,सुखों को बुलाने के लिए करें यह व्रत

आज प्रदोष है। देवों के देव महादेव यूं तो केवल जल चढाने भर से प्रसन्न होकर जातक की मनोच्छा पूरी कर देते हैं लेकिन कोई जातक अगर महीने में दो बार पडने वाले प्रदोष व्रत को पूरी श्रद्धा से करे तो भोलेनाथ उसके सभी मनोकामनाओं को पूरी करने का आशीर्वाद भी देते हैं।
ऎसा माना जाता है कि प्रदोष काल में भगवान भोलेनाथ कैलाश पर्वत पर प्रसन्न मुद्रा में नृ्त्य करते है। जिनको भगवान श्री भोलेनाथ पर अटूट श्रद्धा विश्वास हो, उन जनों को त्रयोदशी तिथि में पडने वाले प्रदोष व्रत का नियम पूर्वक पालन कर उपवास करना चाहिए। यह व्रत उपवासक को धर्म, मोक्ष से जोडने वाला और अर्थ, काम के बंधनों से मुक्त करने वाला होता है। इस व्रत में भगवान शिव की पूजन किया जाता है। भगवान शिव कि जो आराधना करने वाले व्यक्तियों की गरीबी, मृ्त्यु, दु:ख और ऋणों से मुक्ति मिलती है।

प्रदोष व्रत का महत्व-शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि प्रदोष व्रत को रखने से आपको दो गायों को दान देने के समान पुण्य मिलता है। इस दिन व्रत रखने और शिव की आराधना करने पर भगवान की कृपा आप पर हमेशा रहती है। जिससे आपको मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस व्रत करने से आप और आपका परिवार हमेशा आरोग्य रहता है। साथ ही आप की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
प्रदोष व्रत से मिलने वाले फल-शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि प्रदोष व्रत को रखने से आपको दो गायों को दान देने के समान पुण्य मिलता है। इस दिन व्रत रखने और शिव की आराधना करने पर भगवान की कृपा आप पर हमेशा रहती है। जिससे आपको मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस व्रत करने से आप और आपका परिवार हमेशा आरोग्य रहता है। साथ ही आप की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
प्रदोष व्रत से मिलने वाले फल-गुरु प्रदोष व्रत शत्रुओं के विनाश के लिये किया जाता है। शुक्रवार के दिन होने वाल प्रदोष व्रत सौभाग्य और दाम्पत्य जीवन की सुख-शान्ति के लिये किया जाता है। अंत में जिन जनों को संतान प्राप्ति की कामना हो, उन्हें शनिवार के दिन पडने वाला प्रदोष व्रत करना चाहिए। अपने उद्देश्यों को ध्यान में रखते हुए जब प्रदोष व्रत किये जाते है, तो व्रत से मिलने वाले फलों में वृ्द्धि होती है।

सिगरेट पीने वाले शिवजी

भगवान शिव को भांग का नशा सबसे ज्यादा प्रिय है, तभी तो उन्हें खुश करने के लिए शिवभक्त शिवलिंग पर भांग भी अर्पित करते हैं. हिमाचल प्रदेश के अर्की सोलन ज़िले में मौजूद है लुटरू महादेव मंदिर. यहां दर्शन के लिए आनेवाले सभी भक्त शिवलिंग के रुप में विराजमान भोले बाबा को सिगरेट अर्पित करते हैं और भगवान शिव यहां आनेवाले भक्तों को नाराज़ नहीं करते बल्कि उनके द्वारा अर्पित किए हुए सिगरेट को पीते हैं .

खुद-ब-खुद सुलगती है सिगरेट-  इस शिवलिंग पर सिगरेट अर्पित करने के बाद उसे कोई सुलगाता नहीं है बल्कि वो खुद-ब-खुद सुलगती है.इसमें से धुंआ भी कुछ इसी तरह से निकलता है जिसे देखकर ऐसा लगता है जैसे कि स्वयं भोलेनाथ सिगरेट पी रहे हों.

इस मंदिर को सन 1621 में बनवाया गया था. इस मंदिर के निर्माण के पीछे ऐसी मान्यता है कि बाघल रियासत के तत्कालीन राजा को सपने में दर्शन देकर भगवान शिव ने ही मंदिर बनाने का आदेश दिया था. भगवान शिव ने अपना काफी समय इस गुफा में गुज़ारा था. उन्होंने  इस गुफा का इस्तेमाल घर की तरह किया था.

गुरुवार, 13 अक्टूबर 2016

शरद पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी को रिझाने के लिए करें ये जतन

आगामी 15 अक्टूबर को देशभर में शरद पूर्णिमा पूरे धूमधाम से मनाई जाएगी। शास्त्रों के अनुसार पूर्णिमा की रात में की गई पूजा और आराधना से साल भर के लिए लक्ष्मी और कुबेर की कृपा प्राप्ति होती है।
हिंदू पंचांग के अनुसार, शरद पूर्णिमा आश्विन मास की पूर्णिमा को आती हैं। मान्यता है कि सालभर में सिर्फ इसी दिन चांद 16 कलाओं से परिपूर्ण होता है। शरद पूर्णिमा को कौमुदी व्रत, कोजागरी पूर्णिमा और रास पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। इसी दिन श्रीकृष्ण ने महारास रचाया था। शरद पूर्णिमा की रात में की गई पूजन और आराधना से साल भर के लिए लक्ष्मी और कुबेर की कृपा प्राप्ति होती है। इसके अलावा मनोबल में वृद्धि, स्मरण शक्ति व खूबसूरती में वृद्धि होती है। मां लक्ष्मी इस दिन विशेष प्रसन्न होती है। इस दिन उनसे मनचाहा वरदान पाना आसान होता है। अत: शरद पूनम पर मां लक्ष्मी की आराधना अवश्य करें।

किरणों से बरसता है अमृत-कहते हैं शरद पूर्णिमा की रात को चांद की किरणों से अमृत बरसता है। इसी वजह से इस दिन उत्तर भारत में खीर बनाकर रातभर चांदनी में रखने का रिवाज है। मान्यता है कि च्यवन ऋषि को आरोग्य का पाठ और औषधि का ज्ञान अश्विनी कुमारों ने ही दिया था। यही ज्ञान आज हजारों साल बाद भी परंपरा के रूप में संचित है। अश्विनी कुमार आरोग्य के दाता हैं और पूर्ण चंद्रमा अमृत का स्रोत। इसी वजह से ऐसा माना जाता है कि इस पूर्णिमा को आसमान से अमृत की वर्षा होती है। शरद पूर्णिमा की रात को घरों की छतों पर खीर रखने का प्रचलन भी है। कहा जाता है कि ऐसा करने से चंद्रमा की अमृत की बूंदें भोजन में आ जाती हैं, जिसका सेवन करने से सभी प्रकार की बीमारियां दूर हो जाती हैं।

लक्ष्मी-कुबेर और शिव की करें खास पूजा-अर्चना -शरद पूर्णिमा की रात मां लक्ष्मी को मनाने का मंत्र
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः
शरद पूर्णिमा की रात कुबेर को मनाने का मंत्र
ऊं यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धन धान्याधिपतये धन धान्य समृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा।।
शरद पूर्णिमा की रात इस मंत्र से पाएं सौभाग्य का आशीर्वाद "पुत्रपौत्रं धनं धान्यं हस्त्यश्वादिगवेरथम् प्रजानां भवसि माता आयुष्मन्तं करोतु मे।"
शरद पूर्णिमा पर भगवान शिव की इस मंत्र से पूजा करें- शिवलिंग का जल स्नान कराने के बाद पंचोपचार पूजा यानी सफेद चंदन, अक्षत, बिल्वपत्र, आंकडे के फूल व मिठाई का भोग लगाकर इस आसान शिव मंत्र का ध्यान कर जीवन में शुभ-लाभ की कामना करें - यह शिव मंत्र मृत्युभय, दरिद्रता व हानि से रक्षा करने वाला भी माना गया है-
पंचवक्त्र: कराग्रै: स्वैर्दशभिश्चैव धारयन्। अभयं प्रसादं शक्तिं शूलं खट्वाङ्गमीश्वर:।।
दक्षै: करैर्वामकैश्च भुजंग चाक्षसूत्रकम्। डमरुकं नीलोत्पलं बीजपूरकमुक्तमम्।।

बुधवार, 12 अक्टूबर 2016

घर में शहद रखने से मिलती है सकारात्मक ऊर्जा

घर में शहद रखने से वातावरण सकारात्मक और शुभ होता है और कई दोष दूर होते हैं। इसी वजह से अधिकांश लोग घर में शहद रखते हैं। ज्योतिष के अनुसार भी घर में शहद रखना चाहिए। इससे अशुभ ग्रहों का बुरा असर कम होता है। आयुर्वेद में शहद को बहुत सी बीमारियों के लिए श्रेष्ठ दवा बताया गया है। इसके नियमित सेवन से शरीर को रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती है।


यदि घर में किसी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा है तो शहद की सकारात्मक ऊर्जा उसे नष्ट कर सकती है। शहद के शुभ प्रभाव से परिवार के सदस्यों को भी कार्यों लाभ प्राप्त हो सकता है। शहद को किसी सुरक्षित स्थान पर रखा जाना चाहिए। साथ ही, घर में साफ-सफाई भी रखें, हर रोज पूजन आदि कर्म करते रहेंगे तो घर में बरकत बनी रहती है।


पंचामृत में होता है शहद का उपयोग



देवी-देवताओं के पूजन में कई प्रकार की विशेष सामग्रियों का उपयोग किया जाता है। इनमें शहद का भी महत्वपूर्ण स्थान है। पंचामृत बनाते समय दूध, दही, घी, शकर के साथ ही शहद भी मिलाया जाता है। शहद की तासीर ठंडी होती है और इसी वजह से शिवजी के अभिषेक में शहद मुख्य रूप से शिवलिंग पर अर्पित किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि देवी-देवताओं को शहद चढ़ाने से अच्छे स्वास्थ्य और सुखी जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है।



शहद अर्पित करते समय ध्यान रखें ये बातें



भगवान को शहद चढ़ाते समय यही भाव होना चाहिए कि हम भी शहद की तरह पवित्र और पुण्य कर्म करते रहें। हमारा चरित्र और व्यवहार भी शहद की तरह हो जाए। जिस प्रकार शहद पानी में आसानी से घुलता नहीं है, अपने गुणों को कम नहीं होने देता है और पानी में अपने गुण घोल देता है। ठीक इसी प्रकार हमारा स्वभाव भी वैसा ही हो जाना चाहिए। हम भी संसार में रहते हुए भी सभी सांसारिक बुराइयों से बचे रहें और अपने गुणों से सभी को लाभ पहुंचाते रहें।


शहद को उसके गुणों के कारण पूजा में विशेष स्थान दिया गया है। शहद तरल होकर भी पानी में आसानी से घुलता नहीं है। यह संसार में रहकर भी संसार से अलग रहने का संदेश देता है। शहद को पंच तत्वों में आकाश तत्व का प्रतीक भी माना गया है। इसकी तासीर ठंडी होती है। शहद में कई औषधीय गुण भी होते हैं। शहद का उपयोग कई प्रकार की बीमारियों में दवा की तरह किया जाता है।

आंद्रे वायदा: महान सिनेमा का आखिरी आदमी

सिनेमा की नवयथार्थवादी धारा का असर ऋत्विक घटक, गुरुदत्त और मृणाल सेन जैसे भारतीय फ़िल्मकारों पर पड़ा था.
पोलैंड के महान फिल्मकार आँद्रेइ वायदा इसी धारा के अहम फ़िल्मकार थे. इसलिए उनके बारे में जानना और उनके सिनेमा को समझना भारतीय समाज के लिए ज़रूरी है.

नब्बे वर्ष की उम्र में आँद्रेइ वायदा का देहांत सहसा विश्व सिनेमा के उस दौर की याद दिलाता है जब बहुत से देशों में कई बड़े फिल्मकार परदे पर महान कृतियों की रचना कर रहे थे. वो विश्व सिनेमा का स्वर्ण-काल था और सन 1950 से 1960 के दशक में जिन फिल्मों की रचना हुई उन्होंने सिनेमा को महाकाव्य जैसी ऊंचाइयों तक पंहुचाया.

यह भी उल्लेखनीय है कि जब स्वीडन में इंगमार बेयरमान, स्पेन और मेक्सिको में लुईस बुन्वेल, इटली में फेदेरीको फेल्लीनी और मिकेलान्जेलो अन्तोनिओनी, फ्रांस में क्लोद शाब्रोल, ज्यां लुक गोदार, फ्रांसुआ त्रुफो, पोलैंड में आंद्ज़ेई वायदा, हंगरी में मिक्लोस यान्चो और मिलोस फोर्मान, जापान में अकीरा कुरोसावा और यासुजिरो ओजू विश्व सिनेमा की तस्वीर बदल रहे थे, अपने यहाँ सत्यजित रॉय ‘पथेर पांचाली’ (1955) और ‘अपराजितो’ और ऋत्विक घटक भी ‘अजांत्रिक’ और ‘मेघे ढका तारा’ आदि के ज़रिये एक नए सिनेमा की शुरुआत कर रहे थे.

बेयरमान की ‘वाइल्ड स्ट्रॉबेरीज़’ और ‘द सेवेंथ सील’, बुन्वेल की ‘लोस ओल्विदादोस और ‘नाजारीन’ ,फेल्लीनी की ‘ला स्त्रादा’ और ‘ला दोल्चे वीता’, अन्तोनिओनी की ‘लावेंतुरा’, कुरोसावा की ‘राशोमोन’ और ‘सेवेन समुराई’ और ओजु की ‘तोक्यो स्टोरी ‘, सत्यजित रे की ‘पथेर पांचाली और अपराजितो’ ऋत्विक घटक की ‘अजांत्रिक’ और ‘मेघे ढाका तारा’ आदि इस स्वर्णिम युग की शाहकार फ़िल्में हैं.

इन्होंने सिनेमा को मनुष्य के सामाजिक-मानसिक संबंधों की पड़ताल का माध्यम बनाया और सिनेमा को मनोरंजन से हटा कर एक संपूर्ण कला विधा के तौर पर प्रतिष्ठित किया.

ये फिल्में उस नव-यथार्थवाद का अहम पड़ाव थीं जिसकी शुरुआत इटली के वित्तोरियो देसीका की ‘बाइसिकल थीफ’ और लूचीनो विस्कोन्ती की ‘ला तेरा त्रेमा’ जैसी फिल्मों से हुई. इस सिनेमा के पीछे साहित्यिक प्रेरणाएं सक्रिय थीं. आगे चलकर यह नव-यथार्थवाद कई नए सिनेमाई शिल्पों में व्यक्त हुआ.

एक दौर में ये फिल्में अपने यहाँ भी कई शहरों में गठित फिल्म सोसायटियों और विदेशी सांस्कृतिक केन्द्रों में दिखलाई गयीं और हिंदी में ‘दिनमान ‘ जैसी महत्वपूर्ण पत्रिकाओं ने उन पर नियमित रूप से समीक्षाएं प्रकाशित कीं. दरसल उस दौर के बौद्धिक और साहित्यिक माहौल को समृद्ध करने में इन फिल्मों और उनकी समीक्षाओं का बड़ा योगदान है.

पूजा में कलश रखने का कारण और उसका महत्व

कलश में क का अर्थ है जल और लश का तात्पर्य सुशोभित करने से है यानी वह पात्र जो जल से सुशोभित होता है। हिंदू धर्म में कलश को सुख-समृद्धि, वैभव और मंगल कामनाओं का प्रतीक माना गया है। इसलिए गृहप्रवेश या किसी भी तरह का पूजन होने पर कलश स्थापित किया जाता है। कलश एक विशेष आकार का बर्तन होता है, जो चौड़ा होने के साथ ही कुछ गोलाई लिए होता है। मान्यताओं के अनुसार कलश के ऊपरी भाग में विष्णु , मध्य में शिव और तल यानी मूल में ब्रह्मा का निवास होता है। इसलिए पूजन से पहले कलश को देवी-देवता की शक्ति, तीर्थस्थान आदि का प्रतीक मानकर कलश रखा जाता है।


कलश में डाली जाती हैं ये चीजें


शास्त्रों में बिना जल के कलश को स्थापित करना अशुभ माना गया है। इसी कारण कलश में पानी, पान के पत्ते, आम के पत्ते, केसर, अक्षत, कुमकुम, दुर्वा-कुश, सुपारी, पुष्प, सूत, नारियल, अनाज आदि का उपयोग कर पूजा के लिए रखा जाता है।


कलश है इनका प्रतीक


कलश का पवित्र जल इस बात का प्रतीक है कि हमारा मन भी जल की तरह हमेशा ही स्वच्छ, निर्मल और शीतल बना रहें। हमारा मन श्रद्धा, तरलता, संवेदना और सरलता से भरा रहे। यह क्रोध, लोभ, मोह-माया और घृणा आदि से कौसों दूर रहे। कलश पर लगाया जाने वाला स्वस्तिक चिह्न हमारे जीवन की चार अवस्थाओं बाल्य, युवा, प्रौढ़ और वृद्धावस्था का प्रतीक है। कलश के ऊपर नारियल रखा जाता है जो कि श्री गणेश का प्रतीक है। सुपारी, पुष्प, दुर्वा आदि चीजें जीवन शक्ति को दर्शाती हैं।

रजनीकांत से बडा कोई दूसरा स्टार नहीं: राधिका आप्टे

चर्चित अभिनेत्री राधिका आप्टे का मानना है कि फिल्म जगत में रजनीकांत से बडा कोई दूसरा स्टार नहीं है। राधिका का कहना है कि रजनीकांत ने उनसे कबाली की शूटिंग के दौरान अंग्रेजी और मराठी में बातचीत की, जिससे मराठी नहीं जानने के कारण उन्हें कोई समस्या नहीं हुई।

बेंगलुरु में स्वास्थ्य संबधी एक मोबाइल एप्प अमेगो लांच करने के दौरान मीडिया से बातचीत में राधिका ने कहा, ‘रजनीकांत सर से बडा कोई दूसरा अभिनेता नहीं है क्योंकि वह बहुत ही विनम्र और सरल हैं। उनकी खासियत यह है कि वह काफी मेहनती और ईमानदार व्यक्ति हैं। रजनी सर के साथ काम करने के दौरान उनके मेहनत को देखने का अनुभव काफी अच्छा रहा।’

जब राधिका से पूछा गया कि क्या वह रजनीकांत से मराठी में बात करती थीं। राधिका को तमिल नहीं आती है। इस सवाल पर राधिका का कहना था कि उन्होंने अभिनेता को शूटिंग के दौरान अपना परिचय मराठी में दिया था और वह उनसे अंग्रेजी में बातचीत करती थीं।

31 वर्षीया राधिका ने कहा, ‘हम अंग्रेजी में बातचीत करते थे। जब मैंने रजनीकांत सर से पूछा कि वो मराठी जानते हैं या नहीं तो उन्होंने मुझसे मराठी में बात की, मुझे उनसे मराठी में बात करके काफी खुशी हुई।

उल्लेखनीय है कि रजनीकांत की मातृभाषा मराठी है और उनका जन्म एक मराठी परिवार में हुआ है।

मंगलवार, 11 अक्टूबर 2016

आखिर क्यों है शस्त्र पूजन का महत्व?

भारत में आश्विन मास की नवमी अर्थात नवरात्रि समाप्त होने के बाद विजयादशमी का पर्व मनाया जाता है। दरअसल यह पर्व भगवान श्री राम की लंकापित रावण पर जीत का उत्सव है तो दूसरी ओर यह हमारी एतिहासिक परंपराओं के निर्वहन का त्यौहार भी है। जी हां, इस दिन क्षत्रिय कुलों के लोग शस्त्र पूजन करते हैं पुलिस विभाग द्वारा भी अपने शस्त्रों का पूजन किया जाता है तो दूसरी ओर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ भी शस्त्र पूजन करता है।

दरअसल यह पर्व भगवान श्री राम व नौ देवियों की विजय पर्व के तौर पर यह पर्व मनाया जाता है। इस दिन को विजय के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन विद्या और शस्त्र दोनों का पूजन किया जाता है। दरअसल जीवन में शस्त्र और शास्त्र दोनों ही महत्वपूर्ण हैं।

जीवन में शास्त्र से ही विद्या आती है और उसी से हम जीवन का निर्वहन करते हैं हमारे आचार - विचार शास्त्र सम्मत होते हैं तो हमें एक उचित स्थान मिलता है। इतना ही नहीं शस्त्र विपरीत परिस्थितियों में हमारी, दूसरे के जीवन की और जीवन मूल्यों की रक्षा करते हैं इसलिए दोनों का पूजन किया जाता है।

नव्‍या नवेली की कवरेज को लेकर मीडिया पर भड़की श्‍वेता नंदा

मुंबई। बॉलीवुड सितारों के बच्‍चों पर मीडिया करवेज को लेकर अक्‍सर सवाल उठते रहे हैं। लेकिन, इस बार महानायक अमिताभ बच्‍चन की बेटी श्‍वेता नंदा ने डीएनए में लिखे अपने एक कॉलम ‘A Mother’s Request’ में मीडिया पर तीखा प्रहार करते हुए पूछा है कि क्‍या आप मेरी बेटी को उसकी निजी जिन्‍दगी वापस कर सकते हो।

श्‍वेता नंदा ने लिखा कि मेरी बेटी नव्‍या नवेली के व्‍यक्‍तिगत जीवन में मीडिया जब तब हस्‍तक्षेप करने लगता है। हालांकि, नव्‍या नवेली भी तो दूसरे किशोरों की तरह है। उनके भी मौज शौक हैं। नव्‍या नवेली को भी पढ़ना, टीवी देखना, दोस्‍तों के मौज मस्‍ती करना अच्‍छा लगता है।

अपने लेख में श्‍वेता नंदा ने स्‍पष्‍ट कर दिया कि नव्‍या नवेली की अभिनय में कोई दिलचस्‍पी नहीं है। फिलहाल, उसका फिल्‍मी दुनिया में कैरियर बनाने का कोई मन नहीं है। श्‍वेता नंदा ने लिखा कि नव्‍या नवेली को कार्दशियां देखना पसंद है।

श्‍वेता नंदा ने अपने पत्र में उन वेबसाइटों को भी फटकार लगाई जो ‘नव्या नंदा हॉट पिक्स’ और ‘नव्या नंदा पार्टीज विद फ्रेंड्स, वाइल्ड!’ कैप्शन के साथ नव्‍या नवेली की तस्वीरें छापती हैं। बिग बी की बेटी ले कहा नव्‍या नंदा कोई सेलिब्रिटी नहीं है।

विजयादशमी को यहां रहता है शोक, मनाते हैं रावण का मातम

विजयादशमी पर पूरे देश में बुराई पर अच्छाई का प्रतीक रावण दहन किया जाता है। लोग श्रीराम की जीत पर जश्न मनाते हैं लेकिन, जोधपुर की कुछ गलियां ऐसी भी हैं जहां रावण दहन नहीं किया जाता है बल्कि, विजयादशमी को शोक मनाया जाता है। खूबसूरत शहर जोधपुर की इन गलियों में रावण का दहन नहीं किया जाता है। यहां के श्रीमाली ब्राह्मणों के कुछ परिवार रावण को राक्षस नहीं बल्कि, अपना पूर्वज मानते हैं।

यहां है रावण मंदिर

शहर के पहाड़ी क्षेत्र में बने रावण मंदिर के पंडित बताते हैं कि रावण का कुल गोधा था और यहां के श्रीमाली ब्राह्मण के गोधा कुल के लोग खुद को रावण का वंशज मानते हैं। जब पूरा देश अच्छाई की बुराई पर जीत के रूप में रावण के पुतले का दहन करता है, तब यहां मातम का माहौल होता है। ये लोग न रामलीला आयोजित करते हैं और न कभी रावण का दहन करते हैं। बल्कि दशहरा पर यहां शोक मनाया जाता है। विचारक रतन सांखी का कहना है कि राम सत्य है और सत्य रावण भी है। रावण चरित्र से सत्य था लेकिन, लक्ष्मन द्वारा किया गया कृत्य रावण के लिए असहनीय था। क्योंकि हर बहन अपने भाई से रक्षा का वचन लेती है और लक्ष्मण ने रावण की बहन का अपमान किया था। फिर रावण को बहन का बदला तो लेना ही था इसका अर्थ यह नहीं हुआ कि रावण अधर्मी था, विधि के विधान में रावण को राम के हाथों मरना भी लिखा था और वही हुआ।

रावण दहन के बाद लगता है सूतक

रावण दहन के बाद लोग शोक मग्न अवस्था में स्नान करते हैं। यहां रावण की आत्मा की शांति के लिए यज्ञ-हवन किए जाते हैं। स्त्रियां रावण को महापंडित और सत्य पुरुष मानती हैं। यहां रावण को आचार्य के रूप में पूजने की परम्परा है। यहां रावण मंदिर में रावण की पूजा और आराधना होती है।

आराध्य देवी का भी है मंदिर

यहां रावण की आराध्य देवी खरानना देवी का मंदिर है। यहां देवी को धोक लगाई जाती है। श्रीमाली ब्राह्मण के गोधा कुल के लोगों द्वारा यहां रावण का तर्पण भी किया जाता है। श्राद्ध पक्ष में रावण का श्राद्ध भी किया जाता है।

लाश के साथ सेक्स करना है इसका शौक

आपने बलात्कार की खबरों को अक्सर सुना होगा, ये भी सुना होगा कि बलात्कार के बाद हत्या की गई, लेकिन क्या कभी ये सुना है कि कोई महिला जो लोगों की हत्या करने के बाद उनकी लाशों से सेक्स करती है तो क्या आप यकीन करेंगे, शायद नहीं, लेकिन ये सच है।

खबर के अनुसार एक 28 साल की महिला जो लोगों की हत्या कर उनका खून पीती थी साथ ही उन मृत शरीरों के साथ संबंध भी बनाया करती थी। अब वह महिला मेक्सिको की कैलिफोर्निया जेल में बंद है।

28 साल की जुआना ने अपने बारे में कुछ खुलासे कर हर किसी को हिला कर रख दिया है। जुआना का कहना है कि उनका बचपन बहुत अलग तरीके से बीता था वह दूसरे बच्चों से एकदम अलग थी। उन्हें शराब सिगरेट जैसे नशीले पदार्थ बचपन से ही पसंद थे इसलिए उन्हें बचपन से ही इन चीजों की लत भी लग गई थी।

जब जुआना ने अपनी पर्सनल लाइफ के बारे में बताया तो वहां मौजूद हर किसी के रौंगटे खड़े हो गये थे।जुआना ने बताया कि वह एक ऐसे इंसान के साथ संबंध में थी जो उससे 20 साल बड़ा था। जुआना ने बताया कि उसने उस व्यक्ति के साथ लंबां वक्त गुजारा था और साथ ही वह मजह 15 साल की उम्र में प्रेग्नेंट हो गयी थी।

आगे उन्होंने बातया कि उन्होंने अपने बच्चों को पालने के लिए गलत रास्तों को अपनाने लगी उन्होंने अपने आप को वेश्यावृति में ढ़केल दिया और ड्रग्स की तस्करी भी करने लगी।अखबारों में छपी खबर के मुताबिक जुआना जिस तरह के काम में थी उसमें हमेशा जान का खतरा बना रहता था इसलिए उसने लोगों की हत्या करना शुरू करना दिया। वह लोगों का गला काटकर उनकी हत्या करती थी और उसके बाद वह लाशों के साथ संबंध बनाती थीं।
आपको ये सुनकर जरूर झटका लगा होगा, लेकिन यह सच है और यह बात खुद जुआना ने मानी है कि वह लोगों की हत्या करने के बाद उनके खून से नहाती थी। उसके बाद उसके खून को पीती भी थी। उसे ये सब करना अच्छा लगता था। फिलहाल वह जेल में है और उसे सजा सुनाई जाना बाकी है।

सोमवार, 10 अक्टूबर 2016

कई अफेयर्स के बाद भी रेखा को नसीब नहीं हुआ सच्चा प्यार.

आज अभिनेत्री रेखा अपना 62वां जन्मदिन मना रहीं हैं। 10 अक्टूबर 1954 में जन्मी रेखा अपनी बेहतरीन अदाकरी और खूबसूरती के दम पर सालों बॉलीवुड में राज किया। उनकी खूबसूरती आज भी दूसरी अभिनेत्रियों के चेहरे की चमक को फीका कर देती हैं। अपने जमाने में लाखों दिलों की धड़कन रहीं रेखा की जिंदगी किसी रहस्य से कम नहीं। उनकी लाइफ न जाने कितने लोग आए अमिताभ भी उनमे से से एक थे लेकिन उन्हें सच्चा प्यार नहीं मिल पाया। उम्र के इस पड़ाव में आज भी वो अकेली जिंदगी काट रहीं हैं। जन्मदिन के मौके पर आइए जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी कुछ खास बातें।
 अभिनेत्री रेखा ने दो शादियां की लेकिन ये शादी ज्यादा दिन नहीं टिक पाई। लेकिन आज वो भी मांग में सिंदूर लगाए नजर आतीं है। कहा जाता है कि रेखा अमिताभ के नाम का सिन्दूर अपनी मांग में भरती हैं। कहा जाता है कि रेखा की पहली शादी विनोद मेहरा से हुई थी। कहा जाता है कि रेखा और विनोद महरा का ये रिश्ता करीब 3 सालों तक चला लेकिन विनोद महरा का परिवार दोनों के रिश्ते के खिलाफ था। जिसकी वजह से रेखा ने ख़ुदकुशी तक करने की कोशिश की थी। हालांकि एक इंटरव्यू में उन्होंने इस बात को अफवाह करार दिया था। यासेर उस्मान की बुक 'रेखा : द अनटोल्ड स्टोरी' के मुताबिक, 4 मार्च 1990 में रेखा ने दिल्ली बेस्ड बिजनेसमैन मुकेश अग्रवाल से शादी की थी।

इस किताब के मुताबिक, मुलाकात के एक महीने बाद ही मुकेश अग्रवाल सुरिंदर कौर (रेखा की फ्रेंड) के साथ रेखा के घर पहुंचे और शादी के लिए प्रपोज कर दिया। रेखा मुकेश का एक्साआइटमेंट देखकर अवाक थीं। खास बात यह थी कि दोनों कि फैमिली मुंबई में नहीं थीं। बावजूद इसके उन्होंने शादी का फैसला कर लिया। शाम को रेखा ने लाल कलर की कांजीवरम साड़ी पहनी और मुकेश के साथ शादी के लिए मुंबई के मुक्तेश्वर देवालय पहुंचीं। पास में ही एक इस्कॉन मंदिर भी है। लेकिन भीड़ की वजह से कपल वहां नहीं जा पाया। रात को जब मुकेश और रेखा मुक्तेश्वर देवालय पहुंचे, तब वहां के पुजारी संजय बोडस सो चुके थे।

मुकेश ने उन्हें जगाया और कहा कि वे शादी करना चाहते हैं। संजय रेखा को देखकर सकते में थे। क्योंकि वे उन सेलिब्रिटीज में से थीं, जो उस मंदिर में दर्शन के लिए अक्सर जाया करती थीं। रात में 10. 30 बजे शादी के मंत्र पढ़े गए। उस वक्त मुकेश की उम्र 37 और रेखा की उम्र 35 साल की थी।

इनके अलावा अभिनेत्री रेखा की ज़िंदगी में नवीन निश्चल, जितेंद्र, विनोद मेहरा, विश्वजीत और शत्रुघ्न सिन्हा जैसे कई अभिनेता आए ।लेकिन अमिताभ बच्चन से उनका रिश्ता सबसे ज्यादा चर्चित हुआ। हालांकि दोनों ने इस रिश्ते को कभी स्वीकार नहीं किया लेकिन सच्चाई सामने आती रही।

संजय लीला भंसाली की ‘पद्मावती’ को मिला वायकॉम 18 का सहारा

मुंबई। फिल्म निर्माण कंपनी, वायकॉम-18 मोशन पिक्चर्स ने सोमवार को आगामी फिल्म ‘पद्मावती’ के लिए निर्देशक संजय लीला भंसाली के साथ जुड़ने की घोषणा की है।

इस फिल्म में दीपिका पादुकोण, शाहिद कपूर और रणवीर सिंह को प्रमुख भूमिकाओं में देखा जाएगा। इसकी शूटिंग जल्द ही शुरू होगी और यह अगले साल रिलीज होगी।

गौरतलब है कि ‘कहानी’, ‘,स्पेशल-26’, ‘भाग मिल्खा भाग’, ‘क्वीन’, ‘मैरी कॉम’ और ‘दृश्यम’ जैसी फिल्मों को प्रस्तुत कर चुके वायकॉम-18 मोशन पिक्चर्स हॉलीवुड में ‘मिशन इम्पॉसिबल’ और ‘ट्रांसफॉर्मर्स’ जैसी फिल्मों का भी निर्माता रहा है।

‘पद्मावती’ के लिए भंसाली के साथ जुड़ने के बारे में प्रोडक्शन हाउस के मुख्य संचालन अधिकारी अजीत अंधारे ने कहा, “वायकॉम-18 मोशन पिक्चर्स विभिन्न चीजों के साथ भारतीय सिनेमा को पुनर्परिभाषित करने में विश्वास रखता है। इस ऐतिहासिक कहानी को भंसाली की फिल्म से एक प्रकार से जीवन मिलेगा। ‘पद्मावती’ ब्लॉकबस्टर फिल्म होने वाली है।”

इससे पहले संजय लीला भंसाली और वायकॉम-18 मोशन पिक्चर्स ने साथ मिलकर ‘मैरी कॉम’, ‘गब्बर इज बैक’ और ‘बाजीराव-मस्तानी’ बनाई थी।

भंसाली ने कहा, “मैं वायकॉम-18 मोशन पिक्चर्स और अजीत के साथ काम करके काफी खुश हूं। अभी तक हमारी साझेदारी काफी सफल रही है और आशा है कि ‘पद्मावती’ में भी इसका परिणाम ऐसा ही रहेगा।”

 

दुनिया को किया हैरान, कोई नहीं सुलझा सका इनकी पहेली



भारत में ऐसी बहुत सी घटनाएं घटी हैं, जो आज तक रहस्यमय बनी हुई हैं। इन घटनाओं के बारे में वैसे तो कई प्रकार की विवादित थ्योरीज दी गईं, पर आज तक उनका कोई रिजल्ट नहीं निकल पाया। ये घटनायें वास्तव में सच हों या नहीं, पर ये घटनाएं उस समय बहुत से लोगों को चौंका गईं। आज हम यहां भारत से जुड़ी कुछ ऐसी ही घटनाओं का वर्णन कर रहे हैं, जो हमेशा से रहस्य बनी हुई हैं।


 


* बिना खाने और पानी के जिंदा है ये इंसान - गुजरात के प्रहलाद माताजी नाम के संत का दावा है कि उन्होंने 1940 से न कुछ खाया है और न ही कुछ पिया है। 2010 में उनके ऊपर कई कैमरों की मदद से नजर रखी गई, पर कुछ भी संदेहास्पद नहीं पाया गया। लोग मानते हैं कि ये आज भी ऑक्सीजन और सूर्य की रोशनी से ही जिन्दा हैं।

* स्टोनमैन नाम के शख्स को आज तक कोई नहीं जान पाया कि वह आखिर था कौन। कोलकाता में इस शख्स को लेकर बहुत डर पैदा हो गया था। 1989 में सिर्फ 6 महीने के अंदर उसने 13 हत्याएं की थी। यह शख्स सड़क पर सो रहे लोगों के सिर पर पत्थर से हमला कर उनकी जान ले लेता था। इसीलिए उसका नाम स्टोनमैन पड़ गया, पर आज तक वो व्यक्ति रहस्य बना हुआ है।


 


* हालांकि भारत में गुफाएं तो काफी हैं, लेकिन अजंता एलोरा की गुफाओं के बारे में वैज्ञानिकों का कुछ और ही मानना है। वैज्ञानिक कहते हैं कि ये गुफाएं किसी एलियंस समूह ने बनाई हैं। ये गुफाएं आज भी वैज्ञानिकों के लिए रहस्य बनी हुई हैं।

* असम में एक गांव है “जतिंगा”, इस गांव को बर्ड सुसाइड विलेज के नाम से लोग जानते हैं क्योंकि दुनिया भर से बहुत से पक्षी इस गांव में पहुंचते हैं और अपनी जान दे देते हैं। हालांकि गांव के लोग आज भी नहीं जान पाए कि ऐसा क्यों होता है, पर बहुत से लोग आज भी इस पर विश्वास नहीं करते हैं।

इस दिन कर्जा लिया या दिया तो समझो

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार वृद्धि नामक योग में कर्ज लेने से बचें क्योंकि नियमानुसार इस योग का कर्ज कभी समाप्त नहीं होता।
बुजुर्गों और किवदंतियों के अनुसार ऋण कभी भी मंगलवार को न लें। प्रयास करें कि जो भी कर्ज है उसकी प्रथम किश्त प्रथम मंगलवार से ही वापिस करना आरंभ करे।

हस्त नक्षत्र में भी कर्ज लेने से बचें। स्थिर लग्न में भी कर्ज न लेना अच्छा होता है। किसी भी संक्रांति यानी सूर्य जब एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करे, उस स्थिति में कर्ज लेने से बचें।
अमृत सिद्धि, द्विपुष्कर या त्रिपुष्कर योग में भी ऋण लेने से बचें।

बुधवार के दिन कर्ज देने से बचना चाहिए। इस दिन पैसा देने से पैसा वापस नहीं आता।
संभव हो तो चर लग्न (मेष, कर्क, तुला व मकर) लग्न में लिया हुआ कर्ज जल्दी लौटाया जा सकता है। लिहाजा आप चर लग्न में ही कर्ज लें।

रविवार, 9 अक्टूबर 2016

सबसे तेज शतक लगाने वाली बायोपिक फिल्म बनी एमएस धोनी

मुंबई। एमएस धोनी की तरह उनकी बायोपिक भी बॉक्स ऑफिस पर टिककर खेल रही है। फिल्म ने रिलीज के 9 दिन में सेंचुरी बना ली है। शनिवार को 5.20 करोड़ के कलेक्शन के साथ एमएस धोनी- द अनटोल्ड स्टोरी ने 100 करोड़ क्लब में एंट्री ले ली।30 सितंबर को रिलीज़ हुई फिल्म ने शनिवार को 103.40 करोड़ जमा कर लिए। नीरज पांडेय निर्देशित एमएस धोनी- द अनटोल्ड स्टोरी के साथ इसके लीड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत का भी 100 करोड़ क्लब में डेब्यू हो गया है। वहीं इस क्लब में पहुंचने वाली इस साल की ये पांचवीं फिल्म है। इसके अलावा सिफऱ् रुस्तम (127 करोड़), सुल्तान (300 करोड़), हाउसफुल 3 (107 करोड़) और एयरलिफ़्ट (129 करोड़) ही 100 करोड़ क्लब में दाखिल हो सकी हैं।

निर्माता सत्यप्रकाश दूबे पर बरसे जगमोहन कपूर

सात साल तक उन्होंने फिल्म राइटर एसोसिएशन का अध्यक्ष रहते हुए कॉपी राइट से जुड़े कई मामलों को निपटाया, पर आज लेखक के रूप में वह खुद को ठगा हुआ-सा महसूस कर रहे हैं। हम बात कर रहे हैं जगमोहन कपूर की, जिन्होंने नगीना, निगाहें, बंजारन जैसी कई फिल्में लिखी, लेकिन जब हाल ही में प्रदर्शित फिल्म ‘ब्रम्हांड नायक साईंबाबा’ में उन्होंने लेखक के रूप में अपना नाम गायब पाया तो वह भौचक्के रह गए। उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा था कि प्रोड्यूसर सत्याप्रकाश दूबे उनके साथ इस कदर विश्वासघात करेंगे।

जगमोहन कपूर का आरोप है कि उन्होंने ‘ब्रम्हांड नायक साईबांबा’ सन् 2008 में रजिस्टर्ड कराई थी। तब फिल्म किसी कारण से आर्थिक झमेलों में फंस गई और निर्माता सत्यप्रकाश लंदन चले गए। निर्देशक से हुए विवाद के चलते यह फिल्म रुक गई, पर जब इस पर दोबारा काम शुरू हुआ, तो उसी निर्माता ने ही निर्देशक के रूप में काम आगे बढ़ाते हुए कई लोगों को अंधेरेे में रखा और साथ ही साथ लेखक का नाम भी हटकार खुद को लेखक के तौर पर प्रस्तुत कर दिया।

जगमोहन कपूर का कहना है कि निर्माता ने लेखक के तौर पर खुद का नाम देकर अपनी फिल्म को मुसीबत में डाल दिया है और वो अब बच नहीं सकता। जगमोहन लेखक बिरादरी से अपील करते हुए कहते हैं कि वे ऐसे विश्वासघाती निर्माताओं को सबक सिखाने के लिए आगे आएं।

दुनिया का सबसे ऊँचा रावण दे रहा है एकता का सन्देश

दशहरे का समय है और हर जगह रावण के पुतले बनते नज़र आ रहे हैं। कई जगह पर बड़े बड़े पुतले भी बनाये जाते हैं। हरियाणा के बराड़ा कस्बे में सबसे ऊंचा रावण बनाया गया है। ये करीब 210 फुट ऊँचा है। इस पुतले को कोई और नही बल्कि उत्तर प्रदेश के मुस्लिम कारीगर बना रहे हैं। ये पिछले कई सालो से ऊँचा रावण बनाने के लिए प्रसिद्द है। इतना ही नही इनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज हो चूका है।

यहाँ के क्लब मेंबर ने बताया कि ये सबसे ऊँचा रावण दशहरा पर बराड़ा में फूंका जाएगा। इसे तैयार करने के लिए कागज, बांस एवं लोहे के पाइपों को असम से लाया गया है। और इसमें लगभग 5000किलो कागज़ इस्तेमाल किये गए हैं।

इस रावण के पुतले में पर्यावरण के अनुकूल पटाखे भी लगाए गए हैं। जिस तरह मुस्लिम कारीगर रावण बनाने में सहयोग दे रहे हैं वो समाज के लिए एक एकता का सन्देश है।

नवरात्र के नौवें दिन माँ सिद्धिदात्री की पूजा

श्री दुर्गा का नवम् रूप श्री सिद्धिदात्री हैं। ये सब प्रकार की सिद्धियों की दाता हैं, इसीलिए ये सिद्धिदात्री कहलाती हैं। नवरात्रि के नवम दिन इनकी पूजा और आराधना की जाती है।
सिद्धिदात्रीकी कृपा से मनुष्य सभी प्रकार की सिद्धिया प्राप्त कर मोक्ष पाने मे सफल होता है। मार्कण्डेयपुराण में अणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशित्व एवं वशित्वये आठ सिद्धियाँ बतलायी गयी है। भगवती
सिद्धिदात्री उपरोक्त संपूर्ण सिद्धियाँ अपने उपासको को प्रदान करती है। माँ दुर्गा के इस अंतिम स्वरूप की आराधना के साथ ही नवरात्र के अनुष्ठान का समापन हो जाता है।
इस दिन को रामनवमी भी कहा जाता है और शारदीय नवरात्रि के अगले दिन अर्थात दसवें दिन को रावण पर राम की विजय के रूप में मनाया जाता है। दशम् तिथि को बुराई पर अच्छाकई की विजय का प्रतीक माना जाने वाला त्योतहार विजया दशमी यानि दशहरा मनाया जाता है। इस दिन रावण, कुम्भकरण और मेघनाथ के पुतले जलाये जाते हैं।
दुर्गा पूजा नवरात्री नवमी पूजा – नवमी तिथि सिद्धिदात्री की पूजा

माँ दुर्गा की नौवीं शक्ति सिद्धिदात्री हैं, नवरात्र-पूजन के नौवें दिन माँ सिद्धिदात्री की पूजा का विधान है. नवमी के दिन सभी सिद्धियों की प्राप्ति होती है।  दुर्गा मईया जगत के कल्याण हेतु नौ रूपों में प्रकट हुई और इन रूपों में अंतिम रूप है देवी सिद्धिदात्री का।  देवी प्रसन्न होने पर सम्पूर्ण जगत की रिद्धि सिद्धि अपने भक्तों को प्रदान करती हैं।  देवी सिद्धिदात्री का रूप अत्यंत सौम्य है, देवी की चार भुजाएं हैं दायीं भुजा में माता ने चक्र और गदा धारण किया है, मां बांयी भुजा में शंख और कमल का फूल है।

शनिवार, 8 अक्टूबर 2016

पाक कलाकारों पर बैन सही, नही करूगां साथ काम:अजय देवगन

नई दिल्ली। भारत और पाकिस्तान, दोनों ही देशों के बीच बढ़ते तनाव का असर देश के लोगों के साथ साथ अब देश के कलाकारों पर भी देखा जा रहा है। उरी हमले के मद्देनजर भारत में पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंध लगाने की मांग हो रही है। साथ ही हर रोज देश के कलाकार बयानबाजी कर रहे हैं। इसी सीलसीले में एक और नाम जुड़ा है, वो है बॉलीवुड के बेहतरीन कलाकार अजय देवगन।

हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान अजय देवगन ने कहा कि "मैं सिक्योरिटी फोर्सेज के साथ हूं और सभी भारतीय भी भारत सरकार के इस कदम को सही मानते हैं। उन्होंने यह कहा कि पाकिस्तानी कलाकारों को लेकर हो सकता है कि सलमान खान का नजरिया सही रहा हो लेकिन अभी हालात ठीक नहीं हैं। जब दो देशों के बीच तनाव बढ़ जाता है तो वीजा जैसी प्रॉसेस में भी काफी मुश्किल हो जाती है"।

अजय ने अपने बयान में यह भी कहा हैं कि वें पाकिस्तानी कलाकारों के साथ काम नहीं करेंगे और इसी के साथ उन्होंने पाकिस्तानी कलाकारों पर लगे बैन का खुलकर समर्थन भी किया है।

उनका कहना है कि,"यह समय देश के साथ खड़े होने का है।" पाकिस्तानी कलाकारों के साथ काम करने के बारे में पूछने पर अजय कहते है कि "मैं इस बारे में बिल्कुल साफ हूं क्योंकि हम सबसे पहले भारतीय हैं। अगर मेरी फिल्म पाकिस्तान में रिलीज नहीं होती है तो मुझे परवाह नहीं है। उनके कलाकार अपने देश के साथ खड़े हैं। वे कमाते यहां है और साथ अपने देश का देते है, हमें उनसे सीखना चाहिए"।

आपको बता दे कि इसी महीने के अंत में अजय की फल्म फिल्म 'शिवाय' रिलीज होने जा रही है। अजय के इस बयान के कुछ देर बाद ही उनकी पत्नी और बॉलीवुड की सफल अदाकारा काजोल ने ट्वीट कर अपने पति की तारीफ की।

सलमान ने टीवी चैनल पर किया मानहानि का केस

मुंबई। बॉलीवुड के मशहूर कलाकार सलमान खान ने बॉम्बे हाई कोर्ट में एक टीवी चैनल के खिलाफ मानहानि का केस दर्ज कराया है।
बताया जा रहा है कि सलमान खान ने टीवी चैनल पर उनकी इमेज खराब करने के आरोप लगाया है और साथ ही साथ चैनल से 100 करोड़ रुपये जुर्माने की मांग भी की है।

दरअसल एक टीवी चैनल द्वारा सलमान खान पर किये गए स्टिंग ऑपरेशन को लेकर सलमान ने यह केस किया है। सलमान ने आरोप लगाया है कि चिंकारा केस के दौरान इस चेंनेल ने उनका गलत और बेबुनियाद स्टिंग किया था। इस स्टिंग ऑपरेशन में दिखाया गया है कि कुछ लोगों ने माना है कि उन्होंने सलमान को चिंकारा का शिकार करते हुए देखा है। लेकिन बाद में ये गवाह पलट गए और उन्होंने कह दिया कि वीडियो फर्जी था।

क्या था मामला
आपको बता दे कि सलमान 1998 में ‘हम साथ-साथ हैं’ की शूटिंग के दौरान चिंकारा शिकार का आरोप लगा था और कुछ लोगों ने सलमान को इस शिकार को करते हुए देखा था और इन्ही गवाहों का इंटरव्यू इस चैनल पर दिखाया गया था।

शुक्रवार, 7 अक्टूबर 2016

यह शिवलिंग मरे हुए व्यक्ति को भी कर देता है जीवित

भारत में रोज हर जगह कई होते रहते हैं, अगर हम आपसे ये कहें कि मृत्यु के बाद भी लोग जीवित हो सकते हैं। तो आप इसे मजाक ही समझेंगे। लेकिन हकीकत में एक स्थान ऐसा है जहां अगर किसी व्यक्ति के शव को लेकर जाया जाए तो उसकी आत्मा उस शव में पुन: प्रवेश कर जाती है।

जी हां, आज हम आपको एक ऐसे शिवलिंग के बारे में बता रहे हैं जहां जाने पर मृत व्यक्ति भी जीवित हो जाता है। प्रकृति की वादियों में बसा यह गांव देहरादून से 128 किलोमीटर की दूरी पर स्थित लाखामंडल नामक स्थान यमुना नदी की तट पर बर्नीगाड़ नामक जगह से सिर्फ 4-5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

समुद्र तल से इस स्थान की ऊंचाई लगभग 1372 मीटर है। दिल को लुभाने वाली यह जगह गुफाओं और भगवान शिव के मंदिर के प्राचीन अवशेषों से घिरा हुआ है। यहां पर खुदाई करते वक्त विभिन्न आकार के और विभिन्न ऐतिहासिक काल के हजारों शिवलिंग मिले हैं।

इसके विषय में माना जाता है कि महाभारत काल में पांडवों को जीवित आग में भस्म करने के लिए उनके चचेरे भाई कौरवों ने यहीं लाक्षागृह का निर्माण करवाया था। ऐसी मान्यता है कि अज्ञातवास के दौरान इस स्थान पर स्वयं युधिष्ठिर ने शिवलिंग को स्थापित किया था। इस शिवलिंग को आज भी महामंडेश्वर नाम से जाना जाता है। जहां युधिष्ठिर ने शिवलिंग स्थापित किया था वहां एक बहुत खूबसूरत मंदिर बनाया गया था। शिवलिंग के ठीक सामने दो द्वारपाल पश्चिम की तरफ मुंह करके खड़े हुए दिखते हैं।

ऐसी मान्यता है कि मंदिर में अगर किसी शव को इन द्वारपालों के सामने रखकर मंदिर के पुजारी उस पर पवित्र जल छिडक़ें तो वह मृत व्यक्ति कुछ समय के लिए पुन: जीवित हो उठता है। जीवित होने के बाद वह भगवान का नाम लेता है और उसे गंगाजल प्रदान किया जाता है। गंगाजल ग्रहण करते ही उसकी आत्मा फिर से शरीर त्यागकर चली जाती है। लेकिन इस बात का रहस्य क्या है यह आज तक कोई नहीं जान पाया। इस मंदिर के पीछे दो द्वारपाल स्थित हैं, जिनमें से एक का हाथ कटा हुआ है। अब ऐसा क्यों हैं यह बात आजतक एक रहस्य ही बना हुआ है।

क्या है पंचामृत और चरणामृत में अंतर

किसी भी पूजा के बाद आपने पंचामृत या चरनामृत ज़रूर पिया होगा पर बहुत कम लोगो को ही इसकी महिमा के बारे में पता होगा .चरणामृत का अर्थ होता है भगवन के चरणों का अम्रत .और पंचामृत का अर्थ है पांच पवित्र वस्तुओ से बना हुआ .इन दोनों को ही  पीने से जहा भक्ति भाव उतपन्न होता है वही सेहत को भी लाभ मिलता है .

कैसे बनता है चरणामृत - 

ताँबे के बर्तन में चरणामृत रुपी जल रखने से उसमे तांबे की औषधीय गुण आ जाते है .चरणामृत में तुलसी पत्ता ,तिल ,और दूसरे औषधीय तत्व मिले होते है .मंदिर में घर में हमेशा तांबे के लोटे में तुलसी मिला जल रखा रहता है .

चरणामृत के लाभ -

स्वास्थ्य की दृष्टि से ये बहुत अच्छा होता है क्योंकि ताँबे में अनेक रोगों को नष्ट करने की ताकत होती है .तुलसी के रस से कई रोग दूर हो जाते है .स्वास्थ्य लाभ के साथ साथ चरणामृत स्मरणशक्ति को भी बढ़ाता है .

पंचामृत का अर्थ होता है पांच अमृतो से बना हुआ .इसे दूध , दही , घी ,शक्कर और शहद से मिलाकर बनाते है .इन पांचो प्रकार से बनाया गया पंचामृत कई रोगों के साथ साथ मन को शांति प्रदान करने वाला होता है .

गुरुवार, 6 अक्टूबर 2016

जॉली एलएलबी 2 की शूटिंग के लिए मनाली पहुंचे अक्षय कुमार

मुंबई। अभिनेता अक्षय कुमार हिमाचल प्रदेश और मनाली में ‘जॉली एलएलबी 2’ के आखिरी शेड्यूल की शूटिंग कर रहे हैं। यह 2013 की लोकप्रिय कॉमेडी फिल्म ‘जॉली एलएलबी’ का सीक्वल है|

अक्षय कुमार ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर अपनी एक तस्वीर साझा करते हुए लिखा, ‘मनाली में खुशनुमा सुबह। अभी पहुंचा हूं और जब से यहां आया हूं, यहां से जाने का डर सता रहा है, क्योंकि यह जगह मुझे बहुत याद आएगी। फिल्म का आखिरी शेड्यूल है।’

‘रुस्तम’ के अभिनेता फिल्म के सीक्वल में वकील की भूमिका में दिखाई देंगे। यह फिल्म अगले साल 10 फरवरी को रिलीज होगी।

सुभाष कपूर द्वारा निर्देशित फिल्म एक संघर्षरत वकील जॉली की कहानी है। इसमें अरशद वारसी और बोमन ईरानी भी मुख्य भूमिकाओं में नजर आएंगे।

बजेगा शंख तो घर में बरसेगा धन

शंख एक सागर के जलचर का बनाया हुआ ढांचा है, जो कि अधिकतर पेचदारवामावर्त या दक्षिणावर्त में बना होता है। यह हिन्दु धर्म में अति पवित्रा माना जाता है। यह धर्म का प्रतीक माना जाता है। यह भगवान विष्णु के दांए ऊपरी हाथ में शोभा पाता दिखाया जाता है। धर्मिक अवसरों पर इसे फूंक कर बजाया भी जाता है।
शंख को विजय, सुख-शांति, समृद्धि, कीर्ति तथा लक्षमी का प्रतीक माना गया है। वैदिक अनुष्ठानों एवं तांत्रिक क्रियाओं में भी विभिन्न प्रकार के शंखों का प्रयोग किया जाता है।
हिन्दू धर्म में शंख को घर में रखना बहुत शुभ माना गया है। इससे घर में बरकत, सुख-समृद्धि बढती है। तो आइये जानते हैं घर में रखे शंख से होने वाले लाभों के बारे में...

शंख के जल से शिव, लक्ष्मी आदि का अभिषेक करने से ईश्वर प्रसन्न होते हैं और उनकी कृपा बनी रहती है।

मोती शंख एक बहुत ही दुर्लभ प्रजाति का शंख माना जाता है। तंत्र शास्त्र के मुताबिक यह शंख बहुत ही चमत्कारी होता है। यह दिखने में बहुत ही खूबसूरत होता है। इसे घर में रखने से धन-संपत्ति में बढने लगती है ओर परिवार वालों के बीच प्रेम बना रहता है।

आप सुबह उठकर स्नान करने के पश्चात, बाजोट पर लाल कपडे को बिछाये और उस पर देवी लक्ष्मी की तस्वीर को रख लें। साथ ही आप उस पर एक मोती शंख को भी रखे। इसके बाद आप देवी लक्ष्मी को चावल अर्पित कीजिये और पूजा के बाद होने बाद आप उस शंख को लाल कपडे में लपेड कर अपनी दुकान की या घर की तिजोरी में रखें। ऐसा करने से आपकी जेब व तिजोरी कभी खाली नहीं रहेगी।
सुबह-सुबह शंख की आवाज से रोग भी भाग जाते हैं, अगर आपको या घर में किसी व्यक्ति को खांसी, पीलिया, ब्लडपे्रशर, दमा आदि बीमारियां है तो इससे छुटकारा पाने का एक आसान उपाय है। शंख बजाइए और रोगों से छुटकारा पाइए।

बुधवार, 5 अक्टूबर 2016

दुनिया जीतने निकली भारत की ये खूबसूरत किन्नर!

वह आकर्षक हैं। वह पारंगत हैं और सारे मणिपुरियों के बीच मशहूर और जाना पहचाना नाम हैं। वह ऐसा सितारा हैं जिन्होंने रंगमंच और सिनेमा की दुनिया में उड़ान भरने की कोशिश की है, साथ ही वह एक किन्नर भी हैं। बिशेष हुइरेम (27) से मिलिए, जो 9 नवंबर को थाईलैंड में होने वाले मिस इंटरनेशनल क्वीन ब्यूटी कॉन्टेस्ट में भाग लेकर अपनी प्रसिद्धि को मणिपुर और मणिपुरी बोले जाने वाले पड़ोसी क्षेत्र असम, बांग्लादेश और म्यांमार से परे ले जाना चाहती हैं।

थाईलैंड के चोन्बुरी में होने वाले इस प्रतियोगिता के लिए बिशेष चयनित 30 प्रतिभागियों में से एक हैं। यह सौंदर्य प्रतियोगिता सिर्फ किन्नरों के लिए है, जो 2004 से हर साल आयोजित होती है। बैंगलोर विश्वविद्यालय से फैशन और परिधान डिजाइनिंग में स्नातक और मणिपुरी फिल्मों और रंगमंच से जुड़कर सबसे ज्यादा कमाई करने वालों में से एक बिशेष हुइरेम ने निर्णायकों को प्रभावित करने का मन बना लिया है।

इस कलाकार के माता-पिता ने उनके किन्नर होने का पता चलने पर धैर्य का परिचय दिया। बिशेष के पिता मैंग्लेम ने बताया, 'इस बात को समझने की जरूरत है कि मेरा बेटा एक लड़की से कहीं बढ़कर है। वह प्रेस से मिलने के लिए तैयार होने में कई घंटे लगाता है। शुरू में मैं उसके व्यक्तित्व के खिलाफ था, लेकिन मैं उसे नई दिशा नहीं दे सका।' हाल में सरकारी नौकरी से रिटायर होने वाले मैंग्लेम भी मणिपुरी फिल्मों और रंगमंच में जाना-पहचाना नाम हैं।

बिशेष की मां खोमदोन्बी ने बताया कि शुरुआत में वह अपने बेटे द्वारा लड़कियों के कपड़ों के प्रति आकर्षित होने पर काफी नाराज होती थी, लेकिन बाद में उन्होंने इसे स्वीकार कर लिया। महिलाओं के लिए ब्यूटी पार्लर भी संचालित करने वाले बिशेष पिछले साल पासपोर्ट और वीजा नहीं बन पाने की वजह से प्रतियोगिता में शामिल नहीं हो पाए।

बिशेष ने बताया कि कोई प्रायोजक नहीं मिलने से उन्हें प्रतियोगिता और यात्रा से जुड़े खर्चों का खुद ही वहन करना पड़ रहा है। एक मशहूर किन्नर होने की वजह से बिशेष को अनावश्यक विवादों का भी सामना करना पड़ा है, लेकिन उन्हें राज्य के अन्य किन्नरों का समर्थन प्राप्त है। बिशेष के साथियों को पूरा भरोसा है कि यह खिताब जरूर बिशेष के नाम होगा और फिलीपींस की मौजूदा मिस इंटरनेशनल क्वीन ट्रिक्सी मैरिस्टेला द्वारा उन्हें ताज पहनाया जाएगा।

पांच प्रकार के होते हैं नवरात्र

नवरात्र के बारे प्रसिद्ध वास्तु व ज्योतिष विशेषज्ञ दीपक अरोड़ा बताते हैं कि यह 5 प्रकार के होते हैं...

1. वसंत और बसंत नवरात्र: यह चैत्र नवरात्र के रूप में भी जाने जाते हैं। यह वर्ष के मार्च-अप्रैल अंग्रेजी महीने में मनाए जाते हैं और वर्ष के दो सबसे प्रसिद्ध नवरात्र में से एक हैं।

2. गुप्त नवरात्र: यह आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष में मनाए जाते हैं। यह अंग्रेजी महीने जून-जुलाई के दौरान आते हैं। यह साधक और तंत्र विद्धा के जानकारों के लिए लाभदायक रहते हैं। आमजन इससे ज्यादातर अनभिज्ञ ही रह जाते हैं।

3. शारद नवरात्र: यह आमजन में काफी लोकप्रिय नवरात्र हैं। यह देसी महीने अश्विन और अंग्रेजी महीने सितंबर-अक्तूबर में शारद ऋतु के आगमन पूर्व मनाए जाते हैं। इसके विजयदशमी, दीपावली जैसे कई प्रमुख त्योहारों के कारण यह अतिप्र    नवरात्र है।

4. पौष नवरात्र: यह नवरात्र भी पौष शुक्ल पक्ष में मनाए जाते हैं जो अंग्रेजी महीने दिसंबर-जनवरी महीने के मध्य आते हैं।

5. माघ नवरात्र: जैसे नाम से विदित है, यह माघ महीने में आते हैं और जनवरी-फरवरी इसके अंग्रेजी महीने हैं। यह भी गुप्त नवरात्र की श्रेणी में आते हैं अर्थात् आमजन को इसकी जानकारी कम रहती है।

मंगलवार, 4 अक्टूबर 2016

क्यो नही की जाती ब्रम्‍हा जी की पूजा

ब्रम्‍हा जी को स्रष्टी का रचनाकार कहते है. ब्रह्मा जी ने हमे चारो वेदो का ज्ञान दिया है लेकिन इसी देव की कोई पूजा नही करता क्या आप जानते है ऐसा क्यूँ है कहते है एक बार ब्रह्मा जी के मान मे धरती के भलाई करने के लिए यज्ञ करने का ख़याल आया. तत्पश्चात स्थान का चुनाव करने के लिए उन्होने अपने कमल को धरती लोक पर भेज दिया कहते है.

ब्रह्मा जी द्वारा तीन बूंदे धरती पर फेकि गयी जिसमे एक बूँद पुष्कर मे गिरी और स्थान का चुनाव करके ब्रह्मा जी वहा पहुचे जहा बूँद गिरी थी पर उनकी पत्नी सावित्री वक़्त पर नही पहुच पाई ब्रम्‍हा जी ने सोचा की अगर सही समय पर यज्ञ शुरू नही हुआ तो उसका असर नही होगा

इसलिए उन्हे यज्ञ के लिए एक स्त्री की ज़रूरत थी तो उन्होने एक ग्वाल बाला से शादी कर ली और यज्ञ मे बैठ गये तभी सावित्री वहा पहुच गयी और अपनी जगह किसी और औरत को देख कर गुस्सा हो गयी और उन्हो ने ब्रह्मा जी को श्राप दिया की इस पृथ्वी लोक मे आप की कही पूजा नही की जायागी तो ब्रह्मा जी ने उनसे माफी माँगी तो उन्होने कहा की जहा पर जल की बूँद गिरी थी सिर्फ़ उसी जगह तुम्हारा मंदिर होगा और अगर कोई दूसरा आपका मंदिर बनायगा तो उसका विनाश हो जायगा तो इसलिए सिर्फ़ पुष्कर मे ब्रह्मा जी की पूजा की जाती है.

करोडपति बुजुर्ग से की शादी, 3 माह बाद पता चला दादाजी हैं

फ्लोरिडा। एक युवती ने करोडपति बुजुर्ग से शादी कर ली लेकिन शादी के तीन माह बाद उसे ऐसा झटका लगा कि उसके होश उड गए। तीन माह बाद उसे पता चला कि जिससे उसने शादी की है वह तो उसे दादाजी हैं। अमेरिका में रहने वाली फ्लोरिडा की इस 24 वर्षीय लडकी ने दो साल से 68 साल के करोडपति बुजुर्ग के साथ लिव इन में रह रही थी। कुछ माह पहले दोनों ने शादी कर ली। शादी के तीन महीने बाद जब एक दिन पति ने उसे अपना पुराना एल्बम दिखाया।

उस एल्बम मेें लडकी अपने पिता की तस्वीर देखकर चौंक गई। जब उसने पति से उस तस्वीर के बारे में पूछा तो उसने बताया कि यह उसका बडा बेटा है। यह बात सुनकर उसके पैरों तले से जमीन खिसक गई और उसे एहसास हुआ कि जिससे उसने शादी की है वह तो उसके दादाजी हैं। दरअसल बुजुर्ग दंपत्ति अपने परिवार से बहुत पहले ही बिछड गया था।

उसके बाद उसने दूसरी शादी कर ली। बुजुर्ग की दूसरी शादी भी टूट गई। वहीं लडकी जब हाईस्कूल में पढ रही थी तो उसका किसी लडके के साथ अफेयर हो गया था। लडकी प्रेग्नेंट हो गई और उसके घरवालों ने उसे घर से निकाल दिया। इसके बाद वह अपने बच्चे के साथ जैक्सनविले में अकेले रहने लगी।

इस दौरान वह एक डेटिंग साइट के जरिए बुजुर्ग दंपत्ति के संपर्क में आई और दोनों लिव इन में रहने लगे। अब अपने रिश्ते की हकीकत पता चलने के बाद भी दोनों तलाक नहीं लेना चाहते। दोनों का कहना है कि वे अपने रिश्ते से काफी खुश हैं।

सोमवार, 3 अक्टूबर 2016

रणवीर और वाणी की फिल्म का ट्रेलर बनाएगा रिकार्ड

रणवीर सिंह और वाणी कपूर स्टार फिल्म बेफिक्रे रिलीज से पहले ही सुर्खियों में छाई हुई है। कहा जा रहा है कि इस फिल्म के जरिए रणवीर-वाणी ऑन स्क्रीन किसिंग का रिकॉर्ड तोडऩे जा रहे हैं। इसके साथ ही आदित्य चोपड़ा अपने इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट का ट्रेलर ऐसी जगह लॉन्च करने जा रहे हैं, जहां पहले कभी किसी ने नहीं किया। यशराज फिल्म्स 10 अक्टूबर को एफिल टावर पर आदित्य चोपड़ा निर्देशित फिल्म बेफिक्रे के ट्रेलर को रिलीज कर इतिहास रचने जा रहा है। ऐसा पहली बार होने जा रहा है, जब किसी फिल्म का ट्रेलर एफिल टावर पर रिलीज होगा। बेफिक्रे एक लव स्टोरी है, इसीलिए आदित्य ने फिल्म का ट्रेलर पेरिस में रिलीज करने का फैसला किया है। बताया जा रहा है कि रणवीर, वाणी के बीच इस फिल्म में 21 किस सीन देखने को मिलेंगे। आदित्य ने बेफिक्रे की रिलीज डेट बहुत प्लानिंग के साथ 9 दिसंबर तय की है। 9 दिसंबर को आदित्य और रानी मुखर्जी की बेटी अदिरा का पहला जन्मदिन है।

मां कुष्मांडा के पूजन से पूरी होती है मनचाही मुराद

नवरात्रि के 9 दिन शक्ति की आराधना के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होते हैं मान्यता है कि इन दिनों में आराधना करने और मनोवांछित कामना करने से वह पूरी होती है। नवरात्रि के 4 थे दिन मां कुष्मांडा का पूजन किया जाता है। दरअसल मां कुष्मांडा का नाम इसलिए रखा गया क्योंकि माता को कुम्हड़े की बलि दी जाती थी। दरअसल अब तो बलिप्रथा प्रचलन में नहीं है मगर कहा जाता है कि पहले बलिप्रथा होती थी। देवी मां का नाम इसी नाम पर कुष्मांडा प़ड़ गया।

माता सिंह पर आसीन होती हैं। माता की शक्ति दीव्य है। माता के हाथ में चक्र, गदा, माला, कमल पुष्प, तीर, धनुष कमंडल आदि सुशोभित हैं। इस तरह से माता शौर्य और तप का परिचय देती हैं। एक अन्य मान्यता है कि माता अपनी हंसी से ब्रह्मांड को उत्पन्न करने वाली हुई थीं। इसी कारण उनका नाम कुष्मांडा रखा गया।

माता की आराधना करने के लिए साधक अनाहत चक्र में ध्यान लगाते हैं। माता सूर्य की तरह तेजस्वी हैं। माता अपने श्रद्धालुओं को अभय का वरदान देकर शौर्य बढ़ाती हैं। श्रद्धालुओं में प्रसन्नता का यश का संचार होता है। उनका बल बढ़ता है। उन्हें आरोग्यता मिलती है और इनकी आयु भी बढ़ती है। माता श्रद्धालुओं द्वारा थोड़ी सी भक्ति में भी प्रसन्न हो जाती हैं।

मां दुर्गा को करें खुश और पाएं घर में धन ही धन

मां दुर्गा, शेरा वाली की आप कृपा हमेशा रहे। मां दुर्गा का एक नाम जगतजननी भी है। पूरे विश्व की जननी मां सृष्टि रचचिता। दुर्गा मां की शक्ति प्रदान करने वाली होती है और उन्हें प्रसन्न कर हम शक्ति सम्पन्न और विजय दिलवाने वाली प्रत्येक कार्य में सिद्धि देने वाली यश, हर स्थान में मान-सम्मान प्रतिष्ठा दिलावने वाली होती है मां भवानी की पूजा इस में कोई शक नहीं है। मां की पूजा करनी बहुत मुश्किल होती है। हर इंसान मां वैष्णवी की पूजा नहीं कर सकता। क्योंकि ये भी कह सकते हैं कि मां गौरा गिरीजा को बहुत शुष्ट स्थान, शुद्ध आसन, शुद्ध भोग और शुत्र आचरण चाहिए। नवरात्र शुरू हो गए हैं और मन यह भी कर रहा की दुर्गा देवी मां की पूजा-उपासना-आराधना कैसे करू क्योंकि मेरे आराध्य देव इष्ठ देवी है। मैं इन की पूजन कैसे करू कैसे देवी मईया को प्रसन्न करूं जिससे मां मुझे से और मेरे परिवार से खुश हो जाये और उनकी कृपा दृष्टि सदैव बनी रहे। नवरात्र के दिनों में की गई प्रार्थना, उपासना, भजन, स्तोत्र, विनती से मां दुर्गा अपने भक्तों पर कृपा बरतसाती है और धन, दौलत की कमी को दूर कर श्री सौभग्य प्रदान करती हैं।  कहते हैं कि इन दिनों उपवास रखने से मानसिक और शारीरिक कष्ट दूर हो जाते हैं। पुराणों के अनुसार इन नौदिनों में मां को प्रसन्न करने के लिए जहां पूजा-अर्चना आवश्यक है वहीं धार्मिक कर्म-काण्ड करते रहना चाहिए। नवरात्रि के इस पवन अवसर पर मां कंजक रूप में पूजी जाती है। 2 साल से 5 साल की कन्याओं के पूजन की अत्यधिक महत्ता है। नौ दिनों में अगर आप इन कन्याओं को उनके मन भावन उपहार, दान, दक्षिणा देकर खुश करेंगे तो मां नवदुर्गा भी खुश होंगी। तो आगे की स्लाइड्स पर जानिये मां को प्रसन्न करने के उपाय...

अपनी क्षमता के मुताबिक कन्याओं को उपहार में रंग-बिरंगे रीबन या रूमाल दें।

मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए खीर, मिठाई, हलवा कन्याओं को भेंट करें।

अखण्ड सौभाग्य की चाह रखने वाली महिलाएं और निसंतान दंपति संतान प्राप्ति के लिए कन्याओं को पांच प्रकार की श्रृंगार सामग्री उपहार में दें जैसे चूडी, मेहंदी, बिंदी, बालों को सजाने का सामान, काजल, साबुन, पाउडर आदि सकते हैं।

कन्या पूजन में कन्याओं की संख्या 9 हो तो यह अति उत्तम माना जाता है। कन्याओं की आयु 10 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।

मां देवी सरस्वती की कृपा प्राप्त करने के लिए सफेद फूल कन्याओं को भेंट करें।

सलमान संग फिल्म करने को ऐश हुईं तैयार मगर...

बॉलीवुड के सुपरस्टार सलमान खान का शो 'बिग बॉस' 16 अक्टूबर से शुरू होने वाला है। वहीं ऐश्वर्या राय बच्चन की फिल्म 'ऐ दिल है मुश्किल' 28 अक्टूबर को रिलीज होगी। ऐसे में फैन्स को उम्मीद थी कि शायद बिग बॉस में दोनों स्टार्स कई सालों बाद साथ में नजर आएं। करण जौहर और अनुष्का शर्मा बिग बॉस में फिल्म का प्रमोशन करने जा सकते हैं लेकिन ऐश और रणबीर का शो में जाना मुश्किल लगता है। लेकिन ऐश और सलमान के फैंस के लिए एक खुश खबरी है। हाल ही में आई मीडिया खबरों के मुताबिक ऐश्वर्या अब सलमान के साथ काम करने के लिए तैयार हो गई हैं। जी हां, आपने सही पढ़ा ऐश्वर्या को सलमान के साथ काम करने में कोई प्रॉब्लम नहीं है। ऐश पुरानी सभी बातों को भुलाकर सलमान के साथ काम करने को तैयार हैं। लेकिन साथ ही उन्होंने एक शर्त भी रखी है। शर्त ये है कि वो सलमान के साथ तभी फिल्म साइन करेंगी अगर स्क्रिप्ट और डायरेक्टर उनके पसंद के हों। आखिरी बार सलमान-ऐश्वर्या साथ में साल 1999 में आई फिल्म 'हम दिल दे चुके सनम' में नजर आए थे। इस फिल्म के साथ इनकी जोड़ी भी सुपहिट साबित हुई थी। सलमान फिलहाल अपनी आने वाली फिल्म 'ट्यूबलाइट' की शूटिंग में बिजी हैं। कबीर खान द्वारा निर्देशित इस फिल्म में सलमान के साथ चीन की एक्ट्रेस जू जू लीड रोल में हैं।

जवानों के सामने एक्टरों की कोई औक़ात नहीं: नाना पाटेकर

नई दिल्ली। भारत में हुए उड़ी हमले के बाद से पाकिस्तानी कलाकारों के बॉलीवुड में बैन करने को लेकर बहस जारी है। बॉलीवुड में एक हिस्सा जहां ये मानता हैं कि पाक कलाकारों को बैन करना सही नहीं है वहीं कुछ लोग ऐसे में भी में जो इसे सही मानते हैं। जब नाना पाटेकर से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि पाकिस्तानी कलाकार और बाकी सब बाद में, पहले मेरा देश। उन्होंने कहा कि देश के अलावा मैं किसी को नहीं जानता और ना जानना चाहूंगा। असली हीरो हमारे जवान हैं। कलाकार देश के सामने खटमल की तरह हैं, हमारी कोई कीमत नहीं है। नाना पाटेकर ने सलमान का नाम लिए बिना उनके उस बयान का भी जवाब दिया जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तानी कलाकार कोई आतंकी तो नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हम जो बोलते हैं उस पर ध्यान मत दो, इतनी अहमियत मत देना किसी को। और जो पटर-पटर बोलते हैं न, उनकी उतनी औकात नहीं है उतनी अहमियत की। जवानों से बड़ा हीरो कोई नहीं हो सकता। हम एक्टर तो बहुत मामूली लोग हैं। हमारे असल हीरो हमारे जवान हैं।

रविवार, 2 अक्टूबर 2016

बांग्लादेश में पैदा हुआ 80 साल’ का बच्चा

 हमारे पड़ौसी बांग्लादेश में एक ’अस्सी साल’ का बच्चा पैदा हुआ है। इस बच्चे को लेकर भले ही चिकित्सक परेशान हो रहे हो लेकिन जिस परिवार में बच्चे का जन्म हुआ है, वहां मिठाईयां बांटी जा रही है। दरअसल जिस बच्चे की बात यहां हो रही है, वह सामान्य बच्चों की तरह न होकर किसी बुर्जुग जैसा दिखाई देता है।

बताया गया है कि बांग्लादेश के मुगरा में रहने वाले विश्वजीत की पत्नी ने अनोखे बच्चे को जन्म दिया है। इस बच्चे का जन्म होने के बाद जब उसके चेहरे पर झुर्रियां और शरीर पर लंबे-लंबे बाल चिकित्सकों ने देखे तो वे हतप्रभ रह गये, लेकिन विश्वजीत के परिवार में इसलिये खुशियां मनाई जा रही है कि उनके यहां कभी ऐसा अनोखा बच्चा पैदा नहीं हुआ और इसे वे भगवान की कृपा मान रहे है।

इधर चिकित्सकों ने बताया कि बच्चा प्रोजेरिया नाम की बीमारी से ग्रसित है। इस तरह की बीमारी यदा कदा ही किसी बच्चे में देखी जाती है। चिकित्सकों के अनुसार बच्चे की बीमारी कभी ठीक नहीं हो सकती है।

अनोखे बच्चे को देखने उमड़ी भीड़

चंद्रघंटा माता की आराधना से मिलता है अभयदान

आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की नवरात्रि का तीसरा दिन देवी की शक्ति चंद्रघंटा की आराधना का पर्व है। दरअसल माता अपने इस स्वरूप में अत्यंत शक्तिशाली रूम में हैं। माता का नाम चंद्रघंटा इसलिए रखा गया है क्योंकि माता का मस्तक अर्द्ध चंद्राकार आकृति में बेहद सुंदर लगता है। जब साधक माता का ध्यान करता है तो उसे ध्यान में घंटे जैसा नाद सुनाई देता है। या इसका अनुभव होता है। माता सिंह पर विराजमान हैं जो कि अष्टभुजाधारी हैं।

माता के एक हाथ में त्रिशूल, एक हाथ में गदा, एक हाथ में तलवार है और एक हाथ में कमंडल है तो एक अन्य हाथ में ज्ञान मुद्रा बनाए हुए हैं माता के एक हाथ में अंकुश और माला है। तो दूसरी ओर एक हाथ में शंख, पद्म, एक हाथ में तीर है माता एक हाथ से आशीर्वाद मुद्रा में आशीर्वाद दे रही हैं। माता की आराधना से साधक में वीरता और निर्भयता का गुण विकसित होता है। साधक सौम्य और विनर्म होता है। इस दिन साधक मणिपुर चक्र में ध्यान लगाते हैं।

रावण ने मंदोदरी को बताए थे ‘स्त्रियों के 8 अवगुण’

लंकापति रावण का नाम सुनते ही लोग उसके बारे में बुरा सोचने लगते हैं क्‍योंकि उसने मां सीता का हरण किया था। हम में से बहुत कम ही लोग जानते हैं कि वह एक महापंडित था, जिसने कठोर तपस्‍या कर के ढेर सारा ज्ञान अर्जित किया था।

रावण की एक पत्‍नी थी, जिसका नाम मंदोदरी था और वह उससे अति प्रेम करता था। लेकिन रामचरित मानस के अनुसार जब रावण ने सीता का हरण कर लिया तब उसके बाद श्रीराम वानर सेना सहित समुद्र पार करके लंका पहुंच गए थे, तब मंदोदरी डर गई और उसने रावण के पास जा कर बोला कि आप युद्ध ना करें और सीता को वापस उनके पति श्रीराम के हवाले कर दें और उनसे क्षमा मांग लें।

यह सुनने के बाद रावण अपनी पत्‍नी पर हंसा और महिलाओं के आठ अवगुणों को सुनाने लगा। आइये जानते हैं कि रावण ने स्त्रियों के कौन से 8 अवगुण बताए थे...

पहला अवगुण -

महिला में बहुत ज्‍यादा साहस होना। इसके चलते वो कई बार उस जगह पर साहस का प्रदर्शन कर देती हैं, जहां उन्‍हें नहीं करना चाहिये। इससे उन्‍हें और उनके परिवार वालों को बाद में पछताना पड़ता है। साहस को दु:साहस नहीं बनाना चाहिये।

दूसरा अवगुण है-

उनकी निरंतर झूठ बोलने की आदत। रावण ने कहा था कि महिलाएं बात बात पर झूंठ बोलती हैं, लेकिन उन्‍हें नहीं पता कि झूंठ ज्‍यादा दिनों तक छुप नहीं पाता।

तीसरा अवगुण है-

उनकी निरंतर झूठ बोलने की आदत। रावण ने कहा था कि महिलाएं बात बात पर झूंठ बोलती हैं, लेकिन उन्‍हें नहीं पता कि झूंठ ज्‍यादा दिनों तक छुप नहीं पाता।

चौथा अवगुण-

वे कई बार दूसरों के खिलाफ साजिश भी रचती हैं ताकि परिस्थिति उनके अनुकूल हो। अपना काम सिद्ध कराने के लिए महिलाएं क्या-क्या करती हैं, इसकी भी चर्चा की है रावण ने।
पांचवां अवगुण-

हांलाकि वो एक ओर तो साहसी होती हैं मगर वे उतनी ही जल्‍दी घबरा भी जाती हैं। अगर उन्‍हें लगता है कि काम उनके मुताबिक नहीं हो रहा है तो, वह बदलाव देख डर जाती हैं।
छठा अवगुण-

महिलाएं थोड़ी मूर्ख भी होती हैं। वे बिना सोचे समझे फैसला कर लेती हैं और बड़ी समस्या में पड़ जाती हैं और इसका एहसास उन्‍हें बड़ी देर से होता है।
सातवां अवगुण-

उनका निर्दयी होना... स्त्रियों को पुरुषों के मुकाबले दयालु माना जाता है, लेकिन रावण के अनुसार स्त्रियां निर्दयी होती है। वे अगर कभी दया का भाव छोड़ दे यानि निर्दयी हो जाए तो कभी भी दया नहीं दिखाती।

आठवां अवगुण-

महिलाएं देखने में चाहे कितनी भी सुंदर हों, खूबसूरत गहने और साड़ी पहने, लेकिन वह साफ-सफाई का ध्‍यान नहीं रखती। इस कारण से रावण ने महिलाओं को अपवित्र कहा था।