पटना: नए साल के मौके पर बिहार सरकार के सीएम समेत सभी मंत्रियों ने 2016 की अपनी संपत्ति का ब्योरा सार्वजनिक किया और इसे बिहार सरकार की अधिकारिक वेबसाइट पर भी अपलोड किया गया है। इस ब्यौरे में सबसे दिलचस्प बात जो देखने को मिली है कि नीतीश कुमार से ज्यादा संपत्ति लालू के दोनों बेटों के पास है।
मुख्यमंत्री नीतीश के संपत्ति की जानकारी:
नीतीश कुमार से 1 करोड़ 79 लाख 51 हजार रुपए ज्यादा की संपत्ति उनके बेटे निशांत के पास है। नीतीश की कुल संपत्ति 56,49,177 रुपए है। निशांत के पास 2,36,00,330 रुपए की संपत्ति है। इसमें चल, अचल दोनों संपत्ति शामिल है। नीतीश के पास कुल चल संपत्ति 1649177 रुपए की है। 2015 में यह 1897634 रुपए की थी। निशांत की चल संपत्ति 1,11,12,211 रुपए की है।
उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के संपत्ति की जानकारी:
लालू के बड़े बेटे और उप मुख्यमंत्री तेजप्रताप की पास साढ़े पंद्रह लाख की एक बाइक होना तो अपने आप और भी बड़ी बात है। नीतीश सरकार में स्वास्थय मंत्री तेजप्रताप यादव के पास इतनी मंहगी बाइक होने के अलावा एक बीएमडब्ल्यू कार है जिसकी कीमत 29,43,097 रुपये है। इसके अलावा 456046 रुपये नकद उनके बैंक खाते में जमा हैं और शेयर बाजार में उन्होंने कुल 25,10,000 रुपये का निवेश कर रखा है। जबकि उनके पास 79,27,500 रुपये की अचल संपत्ति है।
स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव के संपत्ति की जानकारी:
जबकि तेज प्रताप के छोटे भाई तेजस्वी यादव के पास 22,55,722 रुपये की चल संपत्ति जबकि 91,52,500 रुपये की अचल संपत्ति है। तेजस्वी का दावा है कि उन्होंने ये पैसा आईपीएल टूर्नामेंट खेलने के दौरान कमाए थे। सीएम नीतीश कुमार के बात करें तो उनके पास चल संपत्ति की कुल कीमत 18,97,634 रुपये है। साथ ही उन्होंने अपने पास नई फोर्ड इकोस्पोर्ट कार होने की भी घोषणा की है।
2011 से संपत्ति की जानकारी देते हैं बिहार के मंत्री
बिहार सरकार के मंत्रियों ने अपनी संपत्ति का ब्यौरा सार्वजनिक करने की शुरूआत साल 2011 के दौरान की थी। इस ब्यौरा से पता चलता है कि किसके पास कितनी संपत्ति है। इसी के चलते सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों को भी फरवरी महीने तक अपनी संपत्ति की घोषणा करनी होती है।
सोमवार, 2 जनवरी 2017
CM नीतीश कुमार से ज्यादा अमीर हैं लालू के दोनों लाल, संपत्ति देखकर हो जाएंगे हैरान
पढ़ाई का विषय हमेशा साइंस रहा। बी एससी इलेट्रॉनिक्स से करने के बाद अचानक पत्रकारिता की तरफ रूझान बढ़ा। नतीजतन आज मेरा व्यवसाय और शौक
दोनों यही बन गए।
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