नई दिल्ली। दूरसंचार कंपनियों भारती एयरटेल, वोडाफोन और आइडिया सेल्युलर पर 3,050 करोड़ रुपये के कुल जुर्माने का रास्ता साफ करते हुए समझा जाता है कि अटॉर्नी जनरल ने राय दी है कि दूरसंचार विभाग के पास सेवाप्रदाताओं पर उनकी सेवाओं में कमी के लिए जुर्माना लगाने का अधिकार है।
एक सूत्र ने कहा कि अटॉर्नी जनरल ने राय दी है कि दूरसंचार विभाग के पास सेवाओं की गुणवत्ता के उल्लंघन पर जुर्माना लगाने का अधिकार है। इस घटनाक्रम पर भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल ने कहा कि हमारा रुख यह है कि यह जुर्माना हड़बड़ी में लगाया गया है। हमने इस बारे में ट्राई, दूरसंचार विभाग को पत्र लिखा है। जो मुझे पता है कि दूरसंचार विभाग ने ट्राई की सिफारिशों पर विचार के लिए समिति बनाई है। हम सभी को इसके नतीजों का इंतजार है।
बता दें, भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने एयरटेल और वोडाफोन पर 1,050-1,050 करोड़ रुपये तथा आइडिया पर 950 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने की सिफारिश की थी। ट्राई ने दूरसंचार विभाग को भेजी अपनी सिफारिशों में कहा कि इन तीनों कंपनियों ने लाइसेंस शर्तों और सेवा गुणवत्ता नियमों का उल्लंघन किया। इन कंपनियों की कॉल ड्रॉप की दर काफी ऊंची रही और रिलायंस जियो के लिए इंटरकनेक्ट बिंदुओं पर ‘जाम’ की स्थिति मिली।
ट्राई की सिफारिशों के बाद दूरसंचार विभाग ने इस बारे में अटॉर्नी जनरल की राय मांगी थी। दूरसंचार विभाग ट्राई के जुर्माने के सुझाव पर आगे बढ़ने से पहले अटॉर्नी जनरल की राय का इंतजार कर रहा था।
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