नई दिल्ली। राजनीति में परिवार को मुद्दा बनाने वाली भारतीय जनता पार्टी अब अपनों की हठ से ही घिर गई है। परिवारवाद पर कभी दो पार्टियों को निशाना बनाने वाली पार्टी अब अपने ही दिग्गजों के चलते विरोधियों के निशाने पर आ सकती है। राजनाथ सिंह, कल्याण सिंह, कलराज मिश्र और दिग्गज मेहमान नेताओं सहित चर्चाओं में रहने वाले सांसदों ने अपनों की टिकट के लिए आंखें दिखाना शुरू कर दिया है। यूपी की करीब एक दर्जन से अधिक सीटों पर अपनों का पेच फंस रहा है। जिसके चलते यूपी चुनाव में भाजपा को विरोधियों संग अपनों से भी जूझना पड़ सकता है।
बात गृहमंत्री राजनाथ सिंह की करें तो सूत्रों के अनुसार वो अपने बेटे पंकज सिंह के लिए लखनऊ की किसी भी विधानसभा से टिकट की मांग कर रहे हैं। ऐसा कर राजनाथ क्षत्रिय होने का लाभ उठाते हुए एक तीर से दो निशाने लगाना चाहते हैं। चुनावों के दौरान सीएम का फेस न होने की स्थिति में वो बड़ा दांव लगाने की सोच रहे हैं। लेकिन एक मामले से विवादों में आए पंकज सिंह के लिए ये राह इतनी आसान नहीं होगी। दूसरी ओर हैं राजस्थान के राज्यपाल और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह। कल्याण सिंह अपने नाती और एटा से सांसद राजवीर सिंह के पुत्र संजू के लिए बुलंदशहर डिबाई से टिकट मांग रहे हैं।
लेकिन पार्टी डिबाई से टिकट देने के मूड़ में नहीं है। कल्याण सिंह को नाती की टिकट के लिए मरहरा, एटा से मनाया जा रहा है। कल्याण पुत्र राजवीर की बात करें तो एटा शहर सीट से वो अपने दो परिचित में से किसी एक के लिए टिकट चाह रहे हैं। जबकि इसी सीट पर बसपा से आए स्वामी प्रसाद मौर्य अजीत यादव के लिए टिकट की मांग कर चुके हैं। अजीत भी मौर्य संग बसपा से भाजपा में आए थे। माना जा रहा है कि इस सीट पर किसी एक की भी नाराजगी भाजपा को भारी पड़ सकती है। दोनों ही दिग्गज यूपी में पिछड़़ों की अगुवाई करने वाले माने जाते हैं।
दूसरी ओर स्वामी प्रसाद मौर्य अपनी बेटी संघप्रिया गौतम के लिए मैनपुरी तो बेटे के लिए रायबरेली से टिकट की मांग कर चुके हैं। कासगंज सीट पर भी कल्याण सिंह अपना तो संघ अपना उम्मीदवार उतारने की कोशिश में लगे हुए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री रामप्रकाश गुप्त के बेटे राजीव लोचन ने भी लखनऊ से टिकट की दावेदारी कर सनसनी फैला दी है। वो एक सरकारी डॉक्टर हैं और चार-पांच दिन पहले ही उन्होंने वीआरएस के लिए आवेदन किया है। दावेदारी करने वालों का तर्क है कि राजीव के पिता एक जमीनी भाजपा नेता थे।
कलराज मिश्र भी अपनों के लिए टिकट पाने वालों की दौड़ में पीछे नहीं हैं। वो अपने बेटे अमित मिश्र के लिए टिकट का दावा कर चुके हैं। पार्टी किसी भी हाल में उनके वर्ग को नाराज कर चुनावों में कोई रिस्क नहीं लेना चाहेगी। कांग्रेस से भाजपा में आने वालीं रीता बहुगुणा जोशी भी बेटे अमित जोशी जो उनके साथ ही भाजपा में शामिल हुए थे के लिए लगातार टिकट का दावा कर रही हैं। अब जरा सांसदों की बात करें तो हिंदुओं के कैराना से पलायन वाले मामले को लेकर सुर्खियों में आए सांसद हुकुम सिंह भी कैराना सीट से बेटी के लिए टिकट की मांग कर चुके हैं। बसपा से भाजपा में शामिल हुए सांसद ब्रजेश पाठक उन्नाव से पत्नी के लिए टिकट मांग रहे हैं। वैसे तो अपनों के लिए टिकट की मांग कर रहे सांसदों की फेहरिस्त लम्बी है, लेकिन यहां हम उनका जिक्र कर रहे हैं जो चुनाव से पहले किसी न किसी तरह से सुर्खियों में रहे हैं।
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