नई दिल्ली: बीजेपी सांसद साक्षी महाराज ने आचार संहिता उल्लंघन मामले में चुनाव आयोग के नोटिस का जवाब दिया है. अपने जवाब में साक्षी महाराज ने कहा है कि जिस सभा में मैंने बयान दिया वो संत समागम था कोई राजनीतिक सभा नहीं थी.
उन्होंने चुनाव आयोग दिए जवाब में कहा कि ये बयान किसी राजनीतिक मंच या सार्वजनिक कार्यक्रम में नहीं दिया गया था. इसलिए सुप्रीम कोर्ट के किसी आदेश या जनप्रतिनिधित्व एक्ट की किसी धारा का उल्लंघन नहीं हुआ है. मेरठ में संत समागम में जो मैंने कहा है वो समाज में चेतना लाने के लिए संत समागम में कहा गया है.
साक्षी पर कार्रवाई तो आंदोलन करेंगे- संत समाज
साक्षी महाराज के बयान पर मचे बवाल के बाद मेरठ के संतों ने धमकी दी है कि अगर साक्षी पर कार्रवाई हुई तो संत समाज पूरे देश में आंदोलन शुरू कर देगा.
साक्षी महाराज के बयान पर मचे बवाल के बाद मेरठ के संतों ने धमकी दी है कि अगर साक्षी पर कार्रवाई हुई तो संत समाज पूरे देश में आंदोलन शुरू कर देगा.
संतों ने कहा है कि ये कार्यक्रम महीनों पहले से तय था और एक धार्मिक आयोजन था, इसलिए उनपर आचार संहिता का कोई मामला नहीं बनता है. साक्षी महाराज के भाषण में दिए विवादित बयान पर मेरठ के सदर बाजार थाने में केस दर्ज किया गया है.
आपको बता दें कि 6 जनवरी को मेरठ के एक कार्यक्रम में साक्षी महाराज ने देश की जनसंख्या बढ़ाने के लिए 4 बीवी और 40 बच्चों को जिम्मेदार ठहराने वाला बयान दिया था. साक्षी महाराज के जवाब के बाद देखना होगा कि चुनाव आयोग साक्षी के इस बयान से कितना संतुष्ट होता है.
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