कैराना. यूपी विधानसभा चुनाव के लिए ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुसलमीन (एआईएमआईएम) अपना चुनाव प्रचार कैराना से शूरू करेगी. पार्टी के अध्यक्ष असुद्दीन ओवैसी 13 जनवरी को यहां पर अपने प्रत्याशी के समर्थन में चुनावी रैली करने आ रहे हैं.
आपको बता दें कि एआईएमआईएम ने इस इलाके से 11 प्रत्याशी मैदान में उतारे हैं. यहां पर पहले चरण का चुनाव होगा. पार्टी के प्रवक्ता ने शादाब चौधरी ने कहा है कि उनकी पार्टी इस इलाके में कमजोर और वंचित लोगों से जुड़े मद्दे उठाएगी जिसमें दलित और पिछड़े समाज लोग शामिल हैं.
आपको बता दें कि कैराना उस समय पूरे देश में बड़ा मुद्दा बन गया था जब बीजेपी सांसद हुकुम सिंह ने यहां से पलायन कर रहे हिंदू समुदाय के परिवारों की सूची जारी की थी.
उनका आरोप था कि एक विशेष समुदाय से जुड़े क्रिमिनल इन परिवारों से हफ्ता वसूलते हैं और अत्याचार करते हैं जिसकी वजह से ये लोग अपना घर-बार छोड़कर चले गए हैं.
बीजेपी सांसद की ओर से किए गए इस दावे पर राजनीतिक गलियारों में तूफान खड़ा हो गया और देश की तमाम मीडिया कैराना की गलियों की खाक छानने लगी.
वहीं कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया कि विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी धार्मिक उन्माद फैलाना की कोशिश कर रही है.
इसके बाद सितंबर में राष्ट्रीय मानवाधिकार की एक टीम पूरे मामले की जांच के लिए कैराना पहुंची. जिसने पाया कि कई परिवार इलाके में बढ़ते अपराध और बिगड़ती कानून व्यवस्था की वजह से यहां से चले गए हैं. हालांकि इस रिपोर्ट में किसी समुदाय विशेष का नाम नहीं लिया गया था.
गौरतलब है कि असुद्दीन ओवैसी लोकसभा चुनाव और बिहार विधानसभा चुनाव के समय से ही कोशिश कर रहे हैं कि उनकी पार्टी दोनों राज्यों में अपनी पैठ बना ले लेकिन अभी तक उनको कुछ खास सफलता नहीं मिली है.
लेकिन इतना तो तय है कि अगर ओवैसी की पार्टी यूपी में मुस्लिम वोट बैंक में थोड़ा भी सेंध लगाने में कामयाब होती है तो सपा और बसपा के लिए दिक्कत हो सकती है.
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