नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक दलों को आयकर विभाग के दायरे में लाने संबंधी दायर याचिका खारिज कर दी। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘फैसला संविधान के खिलाफ नहीं है। याचिकाकर्ता मनोहर लाल शर्मा ने आयकर अधिनियम 1961 की धारा 13ए और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 29 के तहत राजनीतिक दलों को आयकर में छूट दिये जाने के प्रावधानों की संवैधानिकता को चुनौती दी थी। जिसपर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया।
याचिका में कहा गया था कि जब आम आदमी से कर वसूला जाता है तो राजनीतिक दलों को आयकर से छूट क्यों दी जाती है।
8 नवंबर को नोटबंदी के ऐलान के बाद राजनीतिक दलों को आयकर दायरे से बाहर रखने को लेकर विवाद उठा था। मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि सरकार ने राजनीतिक दलों को आयकर कानून में छुट दी हैं। हालांकि सरकार ने इस आरोप को खारिज किया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई मौकों पर कह चुके है कि वह खुद भी सहमत हैं कि राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे में पारदर्शिता होनी चाहिए। अगर सभी दलों की सहमति बने तो बीजेपी अगुवाई करने के लिए तैयार है। आगामी बजट सत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्षी दलों के साथ चर्चा कर सकते हैं।
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