प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को भारत और केन्या के बीच कृषि और इससे संबंधित क्षेत्रों में समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्तक्षार को मंजूरी दे दी। कैबिनेट विज्ञप्ति में यह जानकारी दी गई। इसमें बताया गया है कि इस संबंध में एक संयुक्त कार्यकारी समूह का गठन किया जाएगा, जिसमें दोनों देशों के प्रतिनिधि शामिल होंगे। वे समझौता ज्ञापन के निष्पादन के लिए कार्यक्रमों को विकसित करेंगे तथा उसकी निगरानी करेंगे।
इस समझौता ज्ञापन में कृषि अनुसंधान, पशुपालन और डेयरी, मत्स्य पालन, बागवानी, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, मृदा एवं संरक्षण, जल प्रबंधन, सिंचाई व खेती प्रणाली के विकास और संबद्ध क्षेत्रों में विभिन्न गतिविधियों को शामिल किया जाएगा।
बयान में कहा गया है, “समझौता ज्ञापन पर जिस दिन हस्ताक्षर किया जाएगा, उसी दिन से यह लागू हो जाएगा और पांच सालों के लिए वैध रहेगा। वैधता अवधि की समाप्ति के बाद यह अगले पांच सालों के लिए स्वचालित रूप से वैध हो जाएगा, जब तक कि दोनों में से कोई भी पक्ष दूसरे पक्ष को वैधता से छह महीने पहले लिखित रूप से इसे रद्द करने की जानकारी नहीं देता है।”
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