सोमवार, 2 जनवरी 2017

धर्म, जाति पर वोट मांगना गैरकानूनी: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्‍ली: पांच राज्‍यों के विधानसभा चुनाव होने से पहले धर्म और जाति पर वोट मांगनेे को सुप्रीम कोर्ट का सोमवार को अहम फैसला आया है। कोर्ट ने का कि चुनाव एक सेक्युलर प्रक्रिया है इसलिए उम्‍मीदवार चुनाव में धर्म के नाम पर वोट नहीं मांग सकते हैं। धर्म, जाति पर वोट मांगना गैरकानूनी है।

सुप्रीम कोर्ट की सात जजों की संवैधानिक पीठ ने एक अहम फैसले में आज कहा कि प्रत्याशी या उसके समर्थकों के धर्म, जाति, समुदाय, भाषा के नाम पर वोट मांगना गैरकानूनी है। चुनाव एक धर्मनिरपेक्ष पद्धति है। इस आधार पर वोट मांगना संविधान की भावना के खिलाफ है। जन प्रतिनिधियों को भी अपने कामकाज धर्मनिरपेक्ष आधार पर ही करने चाहिए।ब

बताते चले कि सुप्रीम कोर्ट में इस संबंध में एक याचिका दाखिल की गई थी, इसके तहत सवाल उठाया गया था कि धर्म और जाति के नाम पर वोट मांगना जन प्रतिनिधित्व कानून के तहत करप्ट प्रैक्टिस है या नहीं।
 जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा-123 (3) के तहत ‘उसके’ धर्म की बात है और इस मामले में सुप्रीम कोर्ट को व्‍याख्‍या करनी थी कि ‘उसके’ धर्म का दायरा क्या है? प्रत्याशी का या उसके एजेंट का भी।

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