चंडीगढ़: पंजाब के एक वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री ने राजभवन के बाहर धरना दिया, क्योंकि चंडीगढ़ पुलिस ने उनके आवासीय परिसर में प्रदर्शन कर रहे उन बेरोजगारों को हटाने की उनकी मांग पर ध्यान नहीं दिया जो प्राथमिक स्तर पर शिक्षण का प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं। पंजाब के शिक्षा मंत्री दलजीत सिंह चीमा और उनके समर्थक शनिवार को यहां राजभवन की पार्किं ग के बाहर धरने पर बैठे और रविवार सुबह धरना समाप्त कर दिया।
पंजाब के राज्यपाल और संघ शासित प्रदेश के प्रशासक वी.पी. सिंह बडनोर ने जब पुलिस को मंत्री के आवास की घेराबंदी कर रहे लोगों को हटाने का निर्देश दिया तब चीमा ने अपना धरना समाप्त कर दिया। चीमा इस बात को लेकर नाराज थे कि चंडीगढ़ पुलिस उनके सरकारी निवास परिसर से बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों को हटाने में सक्षम नहीं हो रही थी।
प्रदर्शनकारी शनिवार अपराह्न् मंत्री के सरकारी आवास परिसर में घुस गए थे। मंत्री के स्टाफ की शिकायत के बाद पुलिस ने अपने कुछ कर्मियों को भेजा था, लेकिन पुलिस के जवान घर खाली खाली कराने में सफल नहीं हो सके।
इस बात से नाराज चीमा ने राज्यपाल के समक्ष प्रदर्शन करने के लिए राजभवन के लिए प्रस्थान किया। संघ शासित प्रदेश के प्रशासक होने के नाते बडनोर यहां पुलिस समेत प्रशासनिक व्यवस्था के प्रमुख हैं।
चीमा ने कहा, “चंडीगढ़ पुलिस के व्यवहार से मैं दुखी हूं। अगर इस तरह की स्थिति का सामना एक कैबिनेट मंत्री कर सकता है, तो आप आम लोगों की पीड़ा की कल्पना कर सकते हैं।” चीमा ने अपना धरना केवल तब खत्म किया जब राज्यपाल ने पुलिस महानिरीक्षक तेजिंदर लूथरा को बुलाया और इस मामले में कार्रवाई का निर्देश दिया। इस मुद्दे पर टिप्पणी करने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधिकारी उपलब्ध नहीं थे।
रविवार, 1 जनवरी 2017
पंजाब के मंत्री का राजभवन के बाहर धरना
पढ़ाई का विषय हमेशा साइंस रहा। बी एससी इलेट्रॉनिक्स से करने के बाद अचानक पत्रकारिता की तरफ रूझान बढ़ा। नतीजतन आज मेरा व्यवसाय और शौक
दोनों यही बन गए।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें