शनिवार, 19 नवंबर 2016

इन पांच कामों में भूलकर भी नहीं करनी चाहिए तेजी

कबीर दास ने अपने इन दोहों के माध्यम से यह कहने की कोशिश की है कि काम को टालना नहीं चाहिए, बल्कि जितना जल्दी हो सके उसे पूरा कर लेना चाहिए। लेकिन हर काम में जल्दबाजी करना भी ठीक नहीं है। महाभारत के एक श्लोक में बाताया गया है कि हमें किन कामों को टालने की कोशिश करनी चाहिए। तो आइये जानते हैं कि किन पांच कामों में हमें कभी तेजी नहीं करनी चाहिए..

इन पांच कामों में पहला काम है राग यानी अत्यधिक मोह, अत्यधिक जोश, अत्यधिक वासना। राग एक बुराई है। इससे बचना चाहिए। जब भी मन में राग भाव जागे तो कुछ समय के लिए शांत हो जाना चाहिए। अधिक जोश में किया गया काम बिगड़ भी सकता है। वासना को काबू न किया जाए तो इसके भयंकर परिणाम हो सकते हैं। किसी के प्रति मोह बढ़ाने में भी कुछ समय रुक जाना चाहिए। राग भाव जागने पर कुछ देर रुकेंगे तो ये विचार शांत हो सकते हैं और हम बुराई से बच जाएंगे।

दर्प यानी घमंड ऐसी बुराई है जो व्यक्ति को बर्बाद कर सकती है। घमंड के कारण ही रावण और दुर्योधन का अंत हुआ था। घमंड का भाव मन में आते ही एकदम प्रदर्शित नहीं करना चाहिए। कुछ देर रुक जाएं। ऐसा करने पर हो सकता है कि आपके मन से घमंड का भाव ही खत्म हो जाए और आप इस बुराई से बच जाएं।

यदि कोई ताकतवर इंसान किसी कमजोर से भी लड़ाई करेगा तो कुछ नुकसान तो ताकतवर को भी होता है। लड़ाई करने से पहले थोड़ी देर रुक जाना चाहिए। ऐसा करने पर भविष्य में होने वाली कई परेशानियों से हम बच सकते हैं। आपसी रिश्तों में वाद-विवाद होते रहते हैं, लेकिन झगड़े की स्थिति आ जाए तो कुछ देर शांत हो जाना चाहिए। झगड़ा भी शांत हो जाएगा।

यदि मन में कोई गलत काम यानी पाप करने के लिए विचार बन रहे हैं तो ये परेशानी की बात है। गलत काम जैसे चोरी करना, स्त्रियों का अपमान करना, धर्म के विरुद्ध काम करना आदि। ये काम करने से पहले थोड़ी देर रुक जाएंगे तो मन से गलत काम करने के विचार खत्म हो सकते हैं। पाप कर्म से व्यक्ति का सुख और पुण्य नष्ट हो जाता है।

यदि हम किसी का नुकसान करने की योजना बना रहे हैं तो इस योजना पर काम करने से पहले कुछ देर रुक जाना चाहिए। इस काम में जितनी देर करेंगे, उतना अच्छा रहेगा। किसी को नुकसान पहुंचाना अधर्म है और इससे बचना चाहिए। पुरानी कहावत है जो लोग दूसरों के लिए गड्ढा खोदते हैं, एक दिन वे ही उस गड्ढे में गिरते हैं। इसीलिए दूसरों का अहित करने से पहले कुछ देर रुक जाना चाहिए।
संकलित

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