टीका लगाने के पीछे आध्यात्मिक भावना के साथ-साथ दूसरे तरह के लाभ की कामना भी होती है. आम तौर पर चंदन, कुमकुम, मिट्टी, हल्दी, भस्म आदि का तिलक लगाने का विधान है. अगर कोई तिलक लगाने का लाभ तो लेना चाहता है, पर दूसरों को यह दिखाना नहीं चाहता, तो शास्त्रों में इसका भी उपाय बताया गया है. कहा गया है कि ऐसी स्थिम में ललाट पर जल से तिलक लगा लेना चाहिए.
1-हल्दी से युक्त तिलक लगाने से त्वचा शुद्ध होती है. हल्दी में एंटी बैक्ट्रिंयल तत्व होते हैं, जो रोगों से मुक्त करता है.
2- धार्मिक मान्यता के अनुसार, चंदन का तिलक लगाने से मनुष्य के पापों का नाश होता है. लोग कई तरह के संकट से बच जाते हैं. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, तिलक लगाने से ग्रहों की शांति होती है.
3- दिमाग में सेराटोनिन और बीटा एंडोर्फिन का स्राव संतुलित तरीके से होता है, जिससे उदासी दूर होती है और मन में उत्साह जागता है. यह उत्साह लोगों को अच्छे कामों में लगाता है.
4- तिलक करने से व्यक्तिऔत्व प्रभावशाली हो जाता है. दरअसल, तिलक लगाने का मनोवैज्ञानिक असर होता है, क्योंकि इससे व्यक्तिे के आत्मविश्वास और आत्मबल में भरपूर इजाफा होता है.
5- ललाट पर नियमित रूप से तिलक लगाने से मस्तक में तरावट आती है. लोग शांति व सुकून अनुभव करते हैं. यह कई तरह की मानसिक बीमारियों से बचाता है.
शनिवार, 12 नवंबर 2016
तिलक लगाने से दूर होती है उदासी
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ज्योतिष
पढ़ाई का विषय हमेशा साइंस रहा। बी एससी इलेट्रॉनिक्स से करने के बाद अचानक पत्रकारिता की तरफ रूझान बढ़ा। नतीजतन आज मेरा व्यवसाय और शौक
दोनों यही बन गए।
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