कार्तिक शुक्ल पक्ष षष्ठी पर मनाए जाने वाले पर्व को कार्तिकी छठ कहा जाता है। दीवाली से छठे दिन सूर्योपासना के लिए प्रसिद्ध पर्व छठ पूजा मनाया जाता है। मूलतः सूर्य षष्ठी व्रत होने के कारण भी इसे छठ कहा गया है। पारिवारिक सुख-समृद्धि तथा मनोवांछित फल प्राप्ति के लिए यह पर्व मनाया जाता है। इस पर्व को स्त्री और पुरुष समान रूप से मनाते हैं।
पुत्र सुख पाने के लिए भी इस पर्व को मनाया जाता है। भगवान सूर्य जिन्हें आदित्य भी कहा जाता है वास्तव एक मात्र प्रत्यक्ष देवता हैं। इनकी रोशनी से ही प्रकृति में जीवन चक्र चलता है, इनकी किरणों से ही धरती में प्राण का संचार होता है और फल, फूल, अनाज, अंड और शुक्र का निर्माण होता है। यही वर्षा का आकर्षण करते हैं और ऋतु चक्र को चलाते हैं।
भगवान सूर्य की इस अपार कृपा के लिए श्रद्धा पूर्वक समर्पण और पूजा उनके प्रति कृतज्ञता को दर्शाता है। सूर्य षष्टी या छठ व्रत इन्हीं आदित्य सूर्य भगवान को समर्पित है। कल से छठ पूजा शुरू हो रही है आइए जानते हैं छठ पूजा सारणी के बारे में .....
कार्तिकी छठ पूजा सारणी :-
प्रथम दिन :-
4 नवंबर शुक्रवार को सूर्योदय 06 बजकर 40 मिनट पर होगा और सूर्यास्त 17 बजकर 33 मिनट पर होगा।
द्वितीय दिन :-
5 नवंबर शनिवार को सूर्योदय 06 बजकर 41 मिनट पर होगा और सूर्यास्त 17 बजकर 32 मिनट पर होगा।
तृतीय दिन :-
6 नवंबर रविवार को सूर्योदय 06 बजकर 42 मिनट पर होगा और सूर्यास्त 17 बजकर 31 मिनट पर होगा।
चतुर्थ दिन :-
7 नवंबर सोमवार को सूर्योदय 06 बजकर 43 मिनट पर होगा और सूर्यास्त 17 बजकर 30 मिनट पर होगा।
गुरुवार, 3 नवंबर 2016
कल से शुरू होगी छठ पूजा, जानिए कब होगा सूर्योदय और सूर्यास्त
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ज्योतिष
पढ़ाई का विषय हमेशा साइंस रहा। बी एससी इलेट्रॉनिक्स से करने के बाद अचानक पत्रकारिता की तरफ रूझान बढ़ा। नतीजतन आज मेरा व्यवसाय और शौक
दोनों यही बन गए।
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