मंगलवार, 29 नवंबर 2016

वास्तु अनुसार जेब में ना रखें ये सामान, पड़ता है बुरा प्रभाव

अगर लोगों की जेब टटोली जाए, ज्यादातर लोगों की जेब में जरुरी काग़जात, चाभी, नोट, कुछ लोगों की जेब में पॉकेट डायरी भी मिल जाएगी और कंघी भला कैसे छूट सकती है। दरअसल अक्सर हम अपनी जेब बेतरतीब चीजों से ठूस लेते हैं, जिनकी हमे जरुरत भी नहीं होती। वास्तु में बताया गया है कि किन चीजों जेब में रखने से हमें लाभ होता है औऱ किन चीजों के रखने से हमें नुकसान झेलना पड़ता है।

किसी भी चीज का बिल… फिर चाहे वो खाने-पीने पर खर्च किया हुआ हो या फिर आपके घर-ऑफिस के बिजली का बिल हो। इसे अपनी जेब में रखकर ना घूमें। ये बिल निगेटिव एनर्जी को न्यौता देता है और आपके आर्थिक जीवन के ऊपर संकट पैदा करता है।

ऐसी तस्वीरें जिनमें गुस्सा, ईर्ष्या, विरोध की भावना हो… इन्हें जेब में ना रखें। इन्हें घर के भीतर भी ना लाएं। ये हमारे आसपास बुरी ऊर्जा को विकसित करती हैं।


आप अपनी जेब में पर्स तो जरूर रखें, लेकिन यह पर्स बिल्कुल सही होना चाहिए। पर्स कहीं से फटा हुआ या फिर खराब हालात में ना हो। क्योंकि वास्तु शास्त्र के अनुसार फटा हुआ पर्स आपकी आर्थिक स्थिति पर अटैक करता है।


जेब में यदि नोट रख रहे हैं, तो उसे सही तरीके से रखें। नोट को बुरे तरीके से मोड़कर रखना वास्तु शास्त्र के अनुसार सही नहीं है।


हमारी जेब में अक्सर टॉफी या चिप्स के पैकेट होते हैं, लेकिन वास्तु शास्त्र के अनुसार खाने-पीने का सामान जेब में नहीं रखना चाहिए। यह बुरा प्रभाव डालता है।


पिन, चाकू, सुई… ऐसी कोई भी वस्तु जेब में ना रखें। वास्तु शास्त्र के अनुसार नुकीली वस्तुओं को घर में भी रखना अशुभ होता है। लेकिन रसोई में इन्हें रखने से बुरा प्रभाव नहीं पड़ता। क्योंकि घर का वह कोना ‘अग्नि’ तत्व वाला होता है।


पढ़ें किन वस्तुओं को जेब में रखने से होता है लाभ


मां लक्ष्मी की तस्वीर को पर्स में रखना शुभ माना जाता है, लेकिन उनकी ऐसी तस्वीर जिसमें हाथी दिखाई दे रहे हों, इसे सबसे अधिक शुभ माना गया है। इसे आप जेब में रख सकते हैं।


तांबे-चांदी से बने सिक्के या फिर देवी-देवता के प्रतीकात्मक स्वरूप को जेब में रखना शुभ माना गया है।


वास्तु शास्त्र के अनुसार पीपल के पत्ते कई प्रकार के बाधाओं को नष्ट कर देते हैं।


यदि आपको समुद्र के भूभाग पर मिलने वाला असली सीप कहीं से मिल जाए, तो उसे अपनी जेब में अवश्य रखें। जब भी कोई शुभ कार्य करने निकलें, तो यह सीप आपको सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करेगी।

Google मना रहा है लुइसा मे अलकॉट का जन्मदिन लिटिल वूमेन डूडल के साथ

नई दिल्ली: गूगल आज 19वीं सेंचूरी की प्रसिद्ध लेखिक लुइसा मे अलकॉट का जन्मदिन वूमेन डूडल के साथ मना रहा है। आज गूगल की डिस्पले पर औरतों को लेकर एक आर्ट बनाया गया है। जब उस स्क्रीन पर क्लिक करेंगे तब समझ में आएगा कि उस पेंटिंग का क्या अर्थ है।


उस आर्ट में छोटी सी औरत अलकॉट पहली महिला हैं जिन्होंने लेखिका के तौर पर यह मुकाम हांसिल किया है। उन्होंने अपनी बहन के साथ मिलकर अपनी ऑटोबॉयोग्राफी लिखी। उस किताब में सैकंड़ो लड़कियों के दिलचस्प करेक्टर लिखे।

उनकी लिटिल वूमेन को दो भागों में लिखा। यह किताब बहुत पॉपूलर हुई इसको अच्छी कामयाबी मिली। इस किताब की डिमांड बाजार में इतनी हुई की कलेक्शन लगातार कम पड़ रहा था। उसके बाद अलकॉट ने लिटिल मेन और जॉ बाएज पर भी किताब लिखी। लिटिल वूमेन करीब 150 वर्षों तक बच्चों की क्लासिक कलेक्शन में रही और उसे स्क्रीन पर भी उतारा गया।


अलकॉट ने सिविल वार के दौरान स्वयंसेवक नर्स भी बनी। नारीवाद के लिए एक आजीवन वकील और महिलाओं के मताधिकार के रूप में भी उन्होंने काम किया। वह पहली महिला थी जिन्हें मैसाचुसेट्स में वोट करने का अधिकार मिला। अपने जीवनकाल में उन्होंने कई उपन्यास और लघु कथाएं भी लिखी थी।


अलकॉट को 55 साल की उम्र में गंभीर बिमारी ने जकड़ लिया। वह उस बीमारी से लड़ नहीं पाईं और बॉस्टोन में उनकी मृत्यू हो गई।

 

सोमवार, 28 नवंबर 2016

दान और परोपकार से घटता नहीं है धन

सभी धर्मों में कहा गया है कि दान करो। दान करने से धन घटता नहीं है बल्कि आपका धन बढ़ता है। लेकिन समस्या यह है कि लोग धन बढ़ने का तात्पर्य यह समझते हैं कि आज आप सौ रूपये कमाते हैं तो कल हजार रूपये कमाने लगेंगे। शास्त्रों में मुद्रा को धन कभी कहा ही नहीं गया है। शास्त्रों के अनुसार व्यक्ति जो पुण्य अर्जित करता है वही धन है। पुण्य रूपी धन परोपकार और जनहित से बढ़ता है। मुद्रा रूपी धन तो आपको उतना ही मिलेगा जितना आपकी किस्मत में होगा। अगर आप दान भी कर दें तो आपके पास उतना ही रहेगा जितना आपके भाग्य में है। अगर आप संचित करके भी रखेंगे तब भी उतना ही बचेगा जितना आपकी किस्मत में विधाता ने लिख दिया है।

दक्षिण भारत की एक कथा है इस संदर्भ में उल्लेखनीय है। एक गरीब ब्राह्मण था। दिन भर अपना काम करता इसके बाद जो भी समय बचता उसे भगवान की सेवा में लगा देता। ब्राह्मण की पत्नी अक्सर ब्राह्मण से कहती पूजा-पाठ से क्या लाभ है भगवान तो हमारी सुनते ही नहीं, पता नहीं हमारी गरीबी कब दूर होगी। एक दिन ब्राह्मणी की बात सुनकर ब्रह्मण बहुत दु:खी था। पूजा करने बैठा तो भगवान प्रकट हो गये। भगवान को देखते ही ब्रह्मण अपनी गरीबी दूर करने के लिए प्रार्थना करने लगा। भगवान ने कहा तुमने पूर्व जन्म दान नहीं किया है इसलिए तुम्हारे भाग्य में अन्न धन की मात्रा कम है। अगर तुम चाहो तो तुम्हें तुम्हारे भाग्य का अन्न धन एक साथ मिल सकता है। लेकिन एक बार अन्न धन खत्म होने के बाद तुम क्या करोगे। अच्छा होगा कि तुम धीरे-धीरे अपने हिस्से का अन्न धन प्राप्त करो।

ब्रह्मण ने कुछ देर सोचा फिर बोला प्रभु मेरे भाग्य का सारा अन्न धन एक साथ दे दीजिए। कुछ दिन तो सुखी से जी लूंगा। भगवान ने तथास्तु कह दिया। ब्राह्मण का घर अन्न से भर गया। ब्राह्मणी अन्न का भंडार देखकर खुश हो गयी। ब्राह्मण ने कहा कि इसे हम एक साथ खर्च नहीं करेंगे। हमारा जीवन जैसे चल रहा था हम वैसे ही जिएंगे। अगले दिन से ब्राह्मण गरीबों को अन्न-धन बांटने लगा। ब्राह्मण की किस्मत में जितना अन्न धन का सुख था वह उसे मिलता रहा। लेकिन दान के प्रभाव से उसके पुण्य में वृद्घि होती गयी और ब्राह्मण का नाम एवं यश चारों ओर फैलने लगा। पुण्य की वृद्घि और उदारत से प्रसन्न होकर भगवान ने ब्राह्मण की गरीबी दूर कर दी।

11 साल की उम्र में 146 किलो वजन, ऐसे हो रहा है ईलाज

बीजिंग : चीन में एक 11 साल के लडक़े का वजन करीब 146 किलो है। वजन को कम करने के लिए उसे जो इलाज दिया जा रहा है, उसे देखकर रोंगटे खड़े हो जाएंगे। ली हांग को पारंपरिक चीनी चिकित्सा उपचार के दौर से गुजरना पड़ रहा है।
 इसके तहत फायर थैरेपी, फायर कपिंग और एक्यूपंक्चर से उसका उपचार किया जा रहा है। तीन साल की उम्र से वह एक दुर्लभ स्थिति का सामना कर रहा है, जिसके कारण उसका शरीर फूलता जा रहा है। उपचार के फोटो देखकर सभी आप खौफ में आ जाएंगे।

एक डॉक्टर उसके नंगे पेट पर तौलिये को डालकर उसमें आग लगा देता है। यह अजीबो-गरीब उपचार चीन के पूर्वोत्तर प्रांत जिलिन बच्चे को दिया जा रहा है। स्लिमिंग उपचार में विशेषज्ञ चांगचुन कांगडा अस्पताल अपने रोगियों को विभिन्न चीनी मेडिसिन प्रैक्टिस देता है।

शुक्रवार, 25 नवंबर 2016

तीन महादान जिनसे पापो की मुक्ति के साथ ही होती है स्वर्ग प्राप्ति

देवताओं के गुरु माने जाने वाले आचार्य बृहस्पति ने कुछ ऐसे तीन दानो के बारे में बताया है, जिन्हें महादान कहा गया है. इस तरह के दान के मनुष्य को अपने सभी पापो से मुक्ति मिलती है. साथ ही उसे जीवन में सफलता प्राप्त होती है.

गोदान: गाय के दान से मनुष्य को अपने सभी पापो से उक्ति मिलती है. सत६ह ही उसे मृत्यु के बाद स्वर्ग की भी प्राप्ति होती है.

भूदान: किसी ज़रूरतमंद को या किसी पवित्र काम के लिए भूमि का दान करने से आपको या आपके परिवार को कभी भी भूमि या घर संबंधी परेशानी नहीं होती है.

विद्यादान: ज्ञान,धर्म और विद्या को का दान करने से हमेशा भगवन की कृपा आप पर बानी रहती है.

PICS : अवॉर्ड शो के रेड कारपेट पर ऐसी ड्रैस पहन पहुंची ये हॉट एक्ट्रैस!

मुंबई :  हॉलीवुड के सितारे सितारे किसी अवॉर्ड शो में शामिल होते वक्त अपने पहनावे का खास ध्यान रखते है। बड़े-बड़े डिजाइनरों की बनाई हुई ड्रैस पहनकर ही अवॉर्ड शो में उतरते हैं।

अभी हाल ही में, अमेरिका के मशहूर अवॉर्ड शो ‘अमेरिकन म्यूजिक अवॉर्ड्स’ की तो पोशाक खास न हो, भला एेसा कैसे हो सकता है। इसी शो के दौरान हॉलीवुड की मशहूर अभिनेत्रियों ने एक से बढ़कर एक सुंदर ड्रैस पहनकर जलवे दिखाएं ।

साधारण पोशाकों को तो आपने देखा होगा, लेकिन क्या कभी एेसी ड्रैसस देखी है जिसे देखकर आपकी आंखे खुली की खुली रह जाए। इन कपड़ो को अजीबो-गरीब कहना गलत न होगा। इन तस्वीरों को देख कर आप भी सोच में पड़ जाएंगे। तो आइए आपको दिखाते हैं कि इस अमेरिकी अवॉर्ड शो में किसने किस तरह की पोशाक पहनी है। यह सितारे रेड कारपेट पर उतरे मॉडल क्रिसी टाइगन, एक्ट्रेस हैली स्टैनफेल्ड, मॉडल बेला थोरेन, बेबे रेक्सा, एक्ट्रेस लॉरा मोरानो, गिगी हदीद, केट ग्राहम, जेड लाला, हैना डेविस, गिगी गॉर्जियस, इडीना मैनजेल, टेयना टेलर।

बच्चों को बुरी नजर से बचाने के लिए करें ये उपाय

नई दिल्ली, बच्चों को बुरी नजर से बचाने और उन्हें स्वस्थ रखने के लिए के लिए खास उपाय बताए गए हैं। इन्हें आजमाया जा सकता है।

रात को सोते समय बच्चे के सिरहाने उसकी दाहिनी तरफ पानी का एक लोटा या गिलास रखना चाहिये, जिससे रात को सोते समय कुविचार उसके सुषुप्त मस्तिक पर असर नही दे पायें।

बच्चे के जगने पर उसके पास जरूर उपस्थित रहें, जितना बच्चा जगने के बाद आपको देखेगा। उतना ही वह दिन भर आपकी तस्वीर को वह अपने दिमाग में रखेगा। अधिक समय तक आपको अपने सामने पाने पर वह कभी आपको अलग नही कर पाएगा और गलती करने पर आपकी ही तस्वीर उसके दिमाग में आकर उसे गलत काम से रोकेगी।

बच्चे को अपने हाथ से खाना परोसना चाहिये, बनाया चाहे किसी ने भी हो, उसे बच्चे की रुचि के अनुसार अगर आपके हाथ से परोसा गया है तो वह उसके शरीर में उसी तरह से लगेगा जिस प्रकार से बचपन में माँ का दूध लगता है।

बच्चे को दूसरों की नजर जरूर लगती है, चाहे वह अपने ही घर वालों की क्यों न हो, शाम को बच्चा जब बिस्तर पर सोने जाये तो एक पत्थर को बच्चे के ऊपर से ओसारा करने के बाद किसी पानी से धोकर एक नियत स्थान पर रख देना चाहिये, जिस दिन खतरनाक नजर लगी होगी या कोई बीमारी परेशान करने वाली होगी, वह पत्थर अपने स्थान पर नही मिलेगा अथवा टूटा मिलेगा।

गुरुवार, 24 नवंबर 2016

इलाज के दौरान हुई बिल्ली की मौत, पाकिस्तानी डॉक्टर पर 2.5 करोड़ रुपए का मुकदमा.

पाकिस्तान की एक महिला ने पशु चिकित्सक पर मुकदमा कर उससे 2.5 करोड़ रुपये का मुआवजा मांगते हुए यह आरोप लगाया है कि उनकी लपरवाही के कारण उसकी दो महीने की बिल्ली मर गई. बिल्ली की मालकिन और पेशे से वकील सुनदस हुरैन ने कहा कि वह बिल्ली को सामान्य जांच के लिए डॉक्टर फैसल खान की क्‍लीनिक ले गई थी.
हुरैन ने कहा, ''मेरी बिल्ली को भर्ती कर लिया गया और मुझसे अगले दिन आने को कहा.'' खबर के अनुसार, उसी दिन शाम में महिला क्‍लीनिक से अपनी बिल्ली को घर ले आई, लेकिन वह शाम में बीमार हो गई. वह बिल्ली को दूसरे डॉक्टर के पास ले गई लेकिन उसकी मृत्यु हो गई.


महिला का कहना है, ''डॉक्टर राणा ने मुझे बताया कि बिल्ली को कम तापमान में रखा गया था, जो स्तनपाई के लिए सही नहीं है. इसलिए मेरी बिल्ली मर गई.'' स्थानीय अदालत को दिए गए पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बिल्ली की मौत का कारण उसका बहुत ठंडक में रहना, निर्जलीकरण और भूखा रहना बताया गया है.
महिला ने डॉक्टर खान और उनके एक कर्मचारी पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए उनसे 2.5 करोड़ पाकिस्तानी रुपये का मुआवजा मांगा है. उन्होंने सभी आरोपियों को जेल भेजने की भी मांग की है.

हिटलर ने नहीं की थी आत्महत्या, जानिये हिटलर से जुड़े सनसनीखेज खुलासे

जब हमें किसी खड़ूस, निर्दयी एवं बेरहम इंसान को अपनी मर्ज़ी से एक नाम देकर पुकारना हो तो हम उसे हिटलर’ कहकर बुलाते हैं। ऑफिस में अपने बॉस या स्कूल के खड़ूस टीचर को विद्यार्थी हिटलर कहकर बुलाते हैं। क्यों? क्योंकि वे उन्हें पसंद नहीं? क्योंकि वे लोग अपने फैसले उन पर थोपते हैं? सिर्फ इतना ही कारण है?


हिटलर की पार्टी


शायद हां… लेकिन लोगों को मिलने वाला यह हिटलर नाम उनका अपना नहीं है। यह एडोल्फ़ हिटलर का, एक ऐसी शख़्सियत जिनका नाम सुनकर ही उस ज़माने में अच्छे-अच्छे लोगों की टांगें कांपने लगती थीं। एडोल्फ़ हिटलर एक प्रसिद्ध जर्मन राजनेता एवं तानाशाह थे। वे “राष्ट्रीय समाजवादी जर्मन कामगार पार्टी” (एनएसडीएपी) के नेता थे।


निर्दयी इंसान


हिटलर काफी तेज़ तर्रार, रूखे स्वभाव वाला एवं निर्दयी इंसान माना जाता था। उन्हें द्वितीय विश्वयुद्ध के लिए सर्वाधिक जिम्मेदार भी माना जाता है। हिटलर के जीवन से जुड़े कई रहस्य हैं, जिन्हें इतिहासकारों ने समय-समय पर सुलझाने की कोशिश की है, लेकिन एक रहस्य शायद कोई नहीं जानता, वह है हिटलर की मौत का रहस्य।


हिटलर की मौत


ऐसा माना जाता है कि जब रूसियों ने बर्लिन पर आक्रमण किया तो हिटलर ने 30 अप्रैल, 1945 को आत्महत्या कर ली। लेकिन एक नाज़ी पत्रकार के मुताबिक तब हिटलर की मौत कतई नहीं हुई थी, बल्कि हिटकर की मौत 95 साल की उम्र में ब्राज़ील में हुई थी।


नाज़ी पत्रकार ने कहा


इस नाज़ी पत्रकार के अनुसार अपने शत्रुओं से बचते हुए हिटलर अर्जंटीना के रास्ते पैराग्वे आए थे। इस बीच उन्होंने ब्राज़ील में कुछ समय एक अनजान जगह पर, एक छोटे से क्षेत्र में निवास भी किया जहां उन्हें जानने-पहचानने वाला कोई नहीं था। क्योंकि यहां वे अपने असली नाम से नहीं जाने जाते थे।


एडोल्फ़ लीपज़ेग


उन्होंने खुद को एडोल्फ़ लीपज़ेग बताया था, क्षेत्र में रहने वाले सभी लोग उन्हें इसी नाम से जानते थे और नहीं जानते थे कि वे कहां से आए हैं। बस उनकी नजर में एडोल्फ़ का संबंध जर्मनी से था और वह शायद वहीं से आया था लेकिन किसी ने यह जानने की कोशिश नहीं की कि असल में यह इंसान कौन है।


हिटलर की मौत


हिटलर की मौत के रहस्य से पर्दा उठाती एक किताब में उनकी एक तस्वीर भी प्रकाशित की गई है। जिसमें वे काफी प्रसन्न हैं और अपनी ब्लैक गर्लफ्रेंड के साथ फोटो क्लिक करवा रहे हैं। यह तस्वीर उनकी असल मृत्यु तिथि से तकरीबन 2 वर्ष पहले की है। उनकी गर्लफ्रेंड का नाम क्यूतिंगा बताया गया है।


ब्राज़ील में हिटलर


हिटलर की ब्राज़ील में गुज़री ज़िंदगी एवं मौत पर आधारित किताब को सिमोनी डायस नामक एक महिला द्वारा लिखा गया है, जो यह दावा करती हैं कि हिटलर ने अपने जीवन का एक लंबा अरसा ब्राज़ील में गुज़ारा। यहां उन्होंने अपनी प्रेमिका के साथ जीवन बिताया और अपनी प्रेमिका के प्रयोग से ही अपनी असल पहचान को छुपाकर रखा।


सिमोनी की खोज


सिमोनी इस बात को मानने से इनकार नहीं करती कि हिटलर ने बर्लिन पर हुए आक्रमण के दौरान खुद को गोली मारी थी। लेकिन हिटलर की मौत पर करीब 2 वर्षों तक शोध करने के बाद उनके हाथ ऐसे कई सुबूत लगे जो यह दर्शाते हैं कि हिटलर मरे नहीं थे।


पहला सबूत


सबसे पहला सुबूत वह डीएनए टेस्ट है जो हिटलर के मौजूदा संबंधियों की मदद से किया गया था। वह साबित करता है कि 95 वर्ष की आयु पूरी करके शांति की मौत सोने वाला एडोल्फ़ लीपज़ेग ही हिटलर था। दूसरा कारण जो सिमोनी के शक़ को यकीन में बदलता दिखाई दिया, वह था एडोल्फ़ द्वारा ‘लीपज़ेग’ सरनेम का प्रयोग करना।


सरनेम


हिटलर के एक करीबी ‘बाच’ का जन्म स्थान था लीपज़ेग, शायद इसलिए उन्होंने अपनी पहचान छिपाने के लिए इसी सरनेम का प्रयोग किया। तीसरा और सबसे अहम सुबूत सिमोनी को तब हासिल हुआ जब उन्होंने नाज़ी पत्रकार द्वारा प्रस्तुत की गई उस तस्वीर को हिटलर की असल तस्वीर से मिलाकर देखा।


तस्वीर


अपनी असल तस्वीर में हिटलर की मूंछें थीं, इसलिए सिमोनी ने पहले उन मूंछों को उस तस्वीर से हटाया और नाज़ी पत्रकार की उस तस्वीर से मिलाया था वह अचंभित रह गईं। दोनों तस्वीरें काफी हद तल मेल खा रहीं थी। इन तीन वाक्यों के बाद सिमोनी को यह यकीन हो गया कि एडोल्फ़ लीपज़ेग ही एडोल्फ़ हिटलर है।


हिटलर इन ब्राज़ील


सिमोनी द्वारा लिखी गई इस किताब ‘हिटलर इन ब्राज़ील: हिज़ लाइफ एंड हिज़ डेथ’, पर कई शोधकर्ताओं ने विभिन्न सवाल उठाए। इस किताब को लेकर एक डॉक्यूमेंट्री भी बनाई गई है जो लोगों के बीच काफी प्रसिद्ध हुई।


अफीम का नशा


हिटलर के बारे में एक पुस्तक में दावा किया गया है कि जर्मन तानाशाह एडोल्फ हिटलर की नसें अफीम वाले हजारों इंजेक्शन के चलते बर्बाद हुई थी और द्वितीय विश्व युद्ध के आखिरी चरण में नाजी तानाशाह के सनकी फैसलों की वजह मादक पदाथरें पर उसकी अत्यधिक निर्भरता थी ।


सनक घुस गई थी दिमाग में


पुरस्कार विजेता जर्मन लेखक नार्मन ओहलर के मुताबिक हिटलर को हेरोईन जैसे एक मादक द्रव्य की लत लग गई थी जिसे युकोडेल कहा जाता है। 1944 में लगे सदमे के बाद उन्हें इसकी सलाह दी गई थी। ओहलर की पुस्तक ‘ब्लिट्ज: ड्रग्स इन नाजी जर्मनी’ में दलील दी गई है कि हेरोईन जैसा नशीली पदार्थ हिटलर के आखिरी समय में उसके सनकी व्यवहार के लिए काफी हद तक जिम्मेदार था


कई राज दफ्न हैं पुस्तक में


इसी पुस्तक में लिखा गया कि 1944 में ‘ऑपरेशन वाकयरी’ के रूप में जानी जाने वाली हिटलर की हत्या की कोशिश में बचने के बाद उसे नशे की लत लगी थी। इस घटना के तहत विरोधी खेमे ने हिटलर की मेज के नीचे एक ब्रीफकेस में बम रख दिया था।


हिटलर के कान के पर्दे भी फटे


इस विस्फोट से हिटलर की दोनों कान के पर्दे फट गए। शरीर में र्छे घुस गए और नसें प्रभावित हो गई। ओहलर को यह कहते हुए हुए बताया गया , ‘‘मैं 1944 से डरा हुआ हूं, हिटलर ने एक दिन भी चैन से नहीं बिताया।’’


एकाकी हो गया था हिटलर


ओहलर ने बताया कि इस घटना के पहले हिटलर लोगों के बीच रहने वाला व्यक्ति था..लेकिन अपने उपर जानलेवा हमले के बाद वह एकाकी हो गया , उसने दूसरों पर भरोसा करना छोड दिया और व्याकुल रहने लगा। हिटलर ने डॉ मोरेल से अपना पुराना आत्मविश्वास बहाल करने को कहा इसलिए उस वक्त से उसे हजारों इंजेक्शन लगाए गए।


हिटलर का पहला प्यार


बहरहाल, यूरोप की धरती पर कत्लेआम मचाने के लिए हिटलर को सबसे ज्यादा क्रूर शासक के रूप में जाना गया। हिटलर के बारे में खास बात ये है कि भले ही द्वितीय विश्व युद्ध में यूरोप की धरती को यहूदियों के खून से लाल कर दिया गया हो, लेकिन हिटलर का पहला प्यार एक यहूदी लड़की ही थी, साथ ही हिटलर शाकाहारी था। इतना ही नहीं, उसने पशु क्रूरता के खिलाफ एक कानून भी बनाया था।

मंगलवार, 22 नवंबर 2016

रिश्तों में दूरियां पैदा करती हैं घर में रखी ये चीजें

कई चीजों को नकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने वाला माना गया है जो घर में कलह और धन की कमी लाने का काम करता है। ऐसी चीजों को घर में नहीं रखना ही अच्छा होता है। जानकारी के अभाव में अक्सर लोग इन्हें अपने घर में संभालकर रखते हैं और खुद परेशानियों का सामना करते रहते हैं। क्या आपको पता है कि किन चीजों को घर में रखने से नकारात्मक ऊर्जा आती है। चलिए हम आपको बताते हैं किन चीजों को घर में लाने से आती है नकारात्मक ऊर्जा

वास्तुशास्त्र के अनुसार देवी काली की प्रतिमा घर में लाने से घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है।

बंद हो चुकी घड़ी अगर घर में रखी जाती है तो इससे घर में नकारात्मक ऊर्जा आती है।

वास्तुशास्त्र के अनुसार घर में किसी भी देवी देवता की टूटी मूर्तियां और पुरानी हो चुकी तस्वीरें नहीं होनी चाहिए। इससे नकारात्मक प्रभाव बढ़ता है।

अगर घर में शिवलिंग लेकर आया जाए तो इससे नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

घर में आइना, खिड़की या दरवाजे के शीशे टूट गए हैं तो उन्हें बदलवा लें। वास्तुशास्त्र के अनुसार टूटे हुए शीशे रिश्तों में दरार डालते हैं साथ ही आय में बाधक माने जाते हैं।

आखिर फोन पर सबसे पहले क्यों बोलते हैं हेलो?

हैलो की शुरुआत कैसे हुई ?


जब हम लोग फोन या मोबाइल पर बात करते हैं, तो हमारा पहला शब्द होता है हैलो। हम बचपन से ही इस शब्द को सुनते आ रहे हैं, यहां तक कि हमसे पहले की पीढ़ियां भी हेलो शब्द का इस्तेमाल करती हैं, आखिर फोन पर हेलो बोलने की शुरुआत कब और कैसे हुई।


2ग्राहम बेल की गर्लफ्रेंड का नाम था ‘मारग्रेट हैलो’


टेलीफोन के अविष्कार के लिए ग्राहम बेल का नाम हमेशा से याद किया जाता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि ग्राहम बेल की गर्लफ्रेंड का नाम मारग्रेट हैलो था और जब सालों की मेहनत के बाद बेल ने टेलीफोन का अविष्कार किया, तो उन्होंने एक ही तरह के दो टेलीफोन बनाए, एक टेलीफोन ग्राहम ने अपनी गर्लफ्रेंड को दे दिया।


3अपनी गर्लफ्रेंड को किया पहला कॉल


इसके बाद सभी तकनीकी कमियां दूर करने के बाद बेल ने सबसे पहले अपनी गर्लफ्रेंड को फोन लगाया। फोन उठाते ही ग्राहम बेल ने सबसे पहले अपनी गर्लफ्रेंड का नाम बड़े प्यार से ‘हैलो’ पुकारा।


4‘हैलो’ से बन गया ‘हैलो’


वो जब भी मारग्रेट को फोन करते ‘हैलो’ कहकर पुकारते थे। इस तरह फोन उठाते ही हैलो कहना एक सम्बोधन के शब्द के रूप में प्रचलित हो गया।


5किस शब्द से बना है हैलो?


कुछ लोगों का कहना है कि यह प्राचीन फ्रांसीसी शब्द Hola से निकला है जिसका मतलब है ‘कैसे हो’ और यह फ्रांसीसी शब्द 1066 ईसवी के नारमन हमले के समय इंगलिस्तान पहुंचा था । लेकिन दो तीन सदियों में इस शब्द का रूप काफ़ी बदल गया है ।


6समय के साथ बदलता गया हैलो


अंगरेजी भाषा के कवि चॉसर के ज़माने तक यानी 1300 के बाद यह शब्द Hallow का रूप ले चुका था ।


7शेक्सपियर के ज़माने में कुछ और बदल गया


फिर शेक्सपियर के ज़माने में यानी दो सौ साल बाद यही शब्द Halloo के रूप में ढल गया और शिकारियों और मल्लाहों के हत्थे चढ़ा तो इसके कई रूप सामने आए जैसे: Hallloa, Hallooa, Hollo । वर्ष 1800 तक इस शब्द का एक विशेष रूप तय हो चुका था और वह था Hullo ।


8‘आर यू देयर?’


वैसे फोन पर हेलो बोलने की एक और कहानी है। कहा जाता है कि जब टेलीफोन का आविष्कार हुआ तो शुरुआत में लोग फोन पर पूछा करते थे ‘आर यू देयर?’ तब उन्हें यह विश्वास नहीं था कि उनकी आवाज दूसरी ओर पहुंच रही है।


9टॉमस एडीसन


लेकिन अमेरिकी आविष्कारक टॉमस एडीसन को इतना लंबा वाक्य पसंद नहीं था। उन्होंने जब पहली बार फोन किया तो उन्हें उन्होंने कहा, हैलो।


10बड़ी दिलचस्प थी ग्राहम बेल की कहानी


आपको जानकर हैरानी होगी कि दुनिया भर को, दूर बैठे अपने परिचितों की आवाज सुनने का तोहफा देने वाले ग्राहम बेल के घर में उनकी मां, पत्नी, और उनका एक खास दोस्त सुनने में अक्षम थे। इसी वजह से उन्हें बधिर लोगों से खासा लगाव था।

टेकफेयर में बेकाबू हुए रोबोट ने ग्राहकों पर कर दिया हमला !



 चीन के टेक फेयर में एक रोबोट ने एक विजिटर पर हमला कर दिया। इससे वह बुरी तरह जख्मी हो गया। रोबोट को घरेलू कामों के लिए डेवलप किया गया था। इस रोबोट का नाम फैटी बताया जा रहा है। इंसान पर रोबोट के हमला करने की चीन में यह पहली घटना है। यह घटना साउथ चाइना की है। यहां एक टेक फेयर चल रहा था। भारी तादाद में लोग इस फेयर में पहुंचे थे। तभी फैटी नाम के इस रोबोट ने अचानक ग्लास बूथ तोड़ दिया और एक शख्स पर हमला कर उसे जख्मी कर दिया।


इसके फौरन बाद शख्स को हॉस्पिटल भेज दिया गया। बाद में फैटी को फेयर से हटा लिया गया। टेक फेयर में 37 देशों के लोग शामिल हुए। ऑर्गनाइजर का कहना है कि ये सब एक ऑपरेटर की गलती से हुआ। उसने रिवर्स की जगह फॉरवर्ड बटन दबा दिया। इससे रोबोट उस दिशा में मुड़ गया, जिधर कांच की दीवार थी। फैटी की कीमत 13000 युआन (करीब 1.28 लाख रुपए) है।

सोमवार, 21 नवंबर 2016

ये है करोड़पति बनने का एक आसान तांत्रिक उपाय...!



नई दिल्ली :धन प्राप्ति का यह एक तांत्रिक उपाय है, जिसे आप सिर्फ रविवार की रात आज़मा सकते हैं। अगर घर में नकारात्मक शक्तियां हुई, तो उनका असर तेजी से खत्म खत्म होगा और समस्त कार्यों में चमकदार सफलता मिलेगी।


- रविवार को सोते समय एक गिलास में दूध भरें और दूध से भरे इस गिलास को, सिरहाने रखकर सो जाएं।

- गिलास रखते वक्त सावधानी रखें,ताकि नींद में आपके हाथ से दूध गिर न जाए।

- सुबह उठकर, शुद्ध होकर इस दूध को ले जाकर, किसी बबूल के पेड़ की जड़ में डाल दें।

- प्रत्येक रविवार यह दोहराएं, आपकी धन संबंधी हर तरह की समस्याएं दूर होंगी साथ ही धन-धान्य, सुख-समृद्धि, यश-वैभव, ऐश्वर्य, सफलता और संपन्नता से जीवन खुशहाल होगा।

‘2.0’ भारतीय सिनेमा के लिए गौरवमय फिल्म : रजनीकांत




मुंबई | सुपरस्टार रजनीकांत का मानना है कि उनकी आगामी मारधाड़ से भरपूर वैज्ञानिक-कल्पना पर आधारित तमिल फिल्म '2.0' केवल इसके निमार्ताओं के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे भारतीय सिनेमा के लिए एक गौरवमय फिल्म होगी।

रजनीकांत ने फिल्म की पहली झलकी के लॉन्च अवसर पर कहा, "मुझे इस फिल्म में काम करते समय बहुत मजा आया। इसका विषय अनोखा है। यह न केवल निर्माताओं, निर्देशक शंकर और फिल्म यूनिट के लिए, बल्कि पूरे भारतीय सिनेमा के लिए गौरवमय फिल्म होगी।"

उन्होंने भरोसा जताया कि 350 करोड़ रुपए के मेगा बजट की यह फिल्म हॉलीवुड के मानकों से मेल खाएगी।






हमारी (भारतीय सिनेमा की) तकनीकी विशिष्टता और वित्तीय क्षमता के बावजूद अभी हम हॉलीवुड के मानकों तक नहीं पहुंच पाए हैं। लेकिन मुझे भरोसा है कि यह फिल्म हॉलीवुड स्तर के मानकों तक पहुंचेगी। यह पूरी भारतीय फिल्म बिरादरी को गर्व महसूस कराएगी।

रजनीकांत अभिनेता






रजनीकांत फिल्म में चिकिस्तक-वैज्ञानिक वसीगरन की भूमिका निभा रहे हैं। यह उनकी 2010 की ब्लॉकबस्टर फिल्म 'एंथिरन' का सीक्वल है।

फिल्म में अक्षय कुमार भी अहम भूमिका में हैं। वह नकारात्मक भूमिका में हैं। इसमें एमी जैक्सन, सुंधाशु पांडे और आदिल हुसैन भी हैं।


रविवार, 20 नवंबर 2016

‘स्त्री’ की रचना के समय हुआ कुछ ऐसा कि भगवान उलझ गए सवालों के भंवर में, पढ़ें ये रोचक कथा

कहते हैं नारी को भगवान भी नहीं समझ पाएं, तो इंसान क्या चीज है। उसके बारे में ऐसा भी कहा जाता है कि उसे समझना औऱ सुलझना बहुत मुश्किल है। कहा जाता है भगवान जब स्त्री की रचना कर रहे थें, तब उन्हे इतना समय लग गया कि देवदूत भी उनसे सवाल करने लगे थें कि आखिर आपको इतना समय क्यों लग रहा है? देवदूतों के इस प्रश्नन का भगवान ने क्या उत्तर दिया आइये जानते हैं…

देवदूतों के इस प्रश्न के जवाब में भगवान् ने उतर दिया कि क्या तुमने इसके गुण देखे है ? ये मेरी वो रचना है जो हर हालत में डटी रहती है और खुद को संभाले रखती है। फिर स्थिति चाहे कैसी भी हो ये सबको खुश रखती है । अपने परिवार और सब बच्चो को एक सा प्यार करती है । ये न केवल अपना ख्याल खुद रखती है बल्कि बीमार होने के बावजूद भी 18 घंटे काम करने की क्षमता रखती है । तो हुई न ये गुणों से भरपूर ।

इस प्रश्न के जवाब में भगवान ने जवाब दिया बिलकुल ! इसलिए तो ये मेरी सबसे अध्भुत रचना कहलाएगी। ये सब सुन कर ,देवदूत ने पास जाकर भगवान की बनाई इस रचना को जब हाथ लगाया तो उन्होंने कहा कि प्रभु ये तो बहुत नाज़ुक है तो भगवान ने हंस कर कहा कि हा ये बाहर से नाज़ुक जरूर है पर अंदर से उतनी ही मज़बूत है। अर्थात ये कोमल है पर कमज़ोर नहीं ।

देवदूत इस रचना को लेकर काफी उत्साहित थे तो वो उत्साहित होकर ये पूछ बैठे कि प्रभु क्या ये सोच भी सकती है ? तो प्रभु ने कहा ये न केवल सोच सकती है बल्कि हर समस्या का मुकाबला करने की क्षमता भी रखती है। इसके बाद देवदूत ने जो किया उसे पढ़ कर आप भी भावुक होने पर मज़बूर हो जायेगे ।

दरअसल देवदूत ने जब पास जाकर स्त्री के गालों को हाथ लगाया तब उन्हें कुछ पानी जैसा प्रतीत हुआ तो उन्होंने पूछा कि “हे भगवान्” ये इसके गालों पर पानी जैसा क्या है ? भगवान् ने कहा ये आंसू है। तब देवदूत ने बहुत ही हैरान होकर “पूछा आंसू ” पर वो किसलिए ? इस पर भगवान ने कहा “जब भी कभी ये कमज़ोर पड़ने लगे तब ये अपनी सारी पीड़ा आंसुओ के साथ बहा देती है और फिर से मजबूत बन जाती है।  अर्थात अपने दुखो को भुलाने का इसके पास ये सबसे बेहतर तरीका है।”

भगवान् ने कहा ये स्त्री रूपी रचना हमेशा अपने परिवार की हिम्मत बनेगी और हर परिस्थिति में निश्छल रह कर ही समझौता करेगी। इसके बाद देवदूत ने जब ये कहा कि भगवान। आपकी रचना सम्पूर्ण है तो भगवान ने जवाब दिया कि नहीं अभी इसमें एक कमी है और वो ये कि “ये अपना ही महत्व भूल जाती है कि ये कितनी खास है और इसमें क्या क्या गुण है।”

भगवान की स्त्री रुपी रचना जो खुद का महत्व भूल कर आपको महत्वपूर्ण बनाती है, उस रचना को तिरस्कृत करना कहां तक उचित है?  जिस समाज को वो प्यार से सींचती है, उसी समाज में उस पर अत्याचार कहां तक उचित है? दुनिया के सबसे गुणवान और ईश्वर के इस अनमोल रचना को हमें सम्मान देना चाहिए। उसके महत्वों को समझना चाहिए क्योंकि स्त्री नहीं होगी, तो ना आप होंगें औऱ ना ही हम, ना तो ये दुनिया होगी और ना ही ये दुनियादारी।

इस इंटरनेशनल फिल्‍म में एक साथ दिखेंगे, शाहरुख और रणबीर!

मुंबई : बॉलीवुड फिल्‍ममेकर करण जौहर की फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ में स्क्रीन शेयर करने के बाद बॉलीवुड के किंग खान और रणबीर कपूर जल्द ही एक इंटरनेशनल फिल्म में फिर से साथ दिखेंगे। ऐसी ख़बरे आ रही हैं कि, दोनों कलाकार रूसी प्रोड्यूसर एलेक्ज़े पेट्रूहिन के प्रोजेक्ट के लिए काम करेंगे।

खबरों के मुताबिक शाहरुख खान और रणबीर को रूसी प्रोड्यूसर एलेक्ज़े पेट्रूहिन ने अपने ड्रीम प्रोजेक्ट ‘वीआईवाई: जर्नी टू इंडिया’ में काम करने के लिए साइन किया है। फिल्मकार का कहना है कि,उन्होंने शाहरुख को मेन रोल और को-प्रोडक्शन के लिए संपर्क किया है। ये इंटरनेशनल फिल्म लगभग 40 मिलियन डॉलर बजट में बनाई जा रही है।

गौरतलब हो कि,करण जौहर की विवादित फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ में शाहरुख खान ने ऐश्वर्या राय बच्चन के पति की भूमिका निभाई थी।

शनिवार, 19 नवंबर 2016

एक चुम्मा तु मुझको उधार दे दे मामला.. गोविंदा व शिल्पा फरार घोषित,आत्मसमर्पण नहीं करने पर संपत्ति होगी जब्त

पाकुड़। मशहूर अभिनेता गोविंदा, अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी, गायिका अल्का याज्ञिक, गायक उदित नारायण, फिल्म निर्देशक विमल कुमार, संगीतकार आनंद-मिलिंद, रानी मल्लिक के विरुद्ध मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी पाकुड़ की न्यायालय ने बहुचर्चित परिवाद संख्या 52/97 के दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 82 के अन्तर्गत फरार घोषित किया है।

उल्लेखनीय है कि वर्ष 1997 में आयी फिल्म छोटे सरकार में फिल्माये गये एक गाना ‘एक चुम्मा तु मुझको उधार दे दे और बदले में यूपी, बिहार ले ले’ के बोल पर आपत्ति दर्ज कराते हुए पाकुड़ सिविल कोर्ट में अधिवक्ता मोहनी मोहन तिवारी ने परिवाद दायर किया था। इस पर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की न्यायालय संज्ञान लेते हुए सभी को नोटिस भी किया था। खबर के मुताबिक इस मामले को लेकर गोविंदा और शिल्पा शेट्टी ने स्थायी रोक लगाने एवं परिवाद को खारिज करने के लिए झारखंड उच्च न्यायालय में रिट याचिका भी दायर किया था लेकिन झारखंड उच्च न्यायालय ने गोविंदा के याचिका को खारिज कर दिया था। इसके बाद न्यायालय द्वारा कई बार मुंबई पुलिस कमीश्नर के मार्फत भी नोटिस भेज कर उपस्थित होने को कहा गया। बावजूद न्यायालय में किसी ने आज तक आत्मसमर्पण नहीं किया।

इस पर संज्ञान लेते हुए मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी पाकुड़ ने सभी अभियुक्तों के विरुद्ध धारा 82 के तहत फरार घोषित किया गया और यदि इसके बावजूद सभी अभियुक्त न्यायालय में आत्मसमर्पण नहीं करते हैं तो उनके विरुद्ध संपत्ति कुर्की-जब्ती की कार्रवाई की जायेगी।  परिवादी अधिवक्ता एमएम तिवारी ने मीडिया को बताया कि मामला बहुत दिनों से लंबित चला आ रहा है। अभियुक्तों द्वारा न्यायालय के आदेशों का बार-बार उल्लंघन किया जा रहा है। इसके परिणाम स्वरूप न्यायालय का यह आदेश न्यायहित और जनहित में है।

आखिर वह कौन सा रहस्य है, जिस कारण रावण ने माता सीता को छुआ तक नहीं था?

हिंदुओं के महाग्रंथ रामायण को भले ही आप हज़ार बार देख लें या उसे पढ़ लें, लेकिन उसके समूचे रहस्यों को जान पाना इतना आसान नहीं है। रामायण का हर एक पात्र और घटना अपने आप में कई रहस्यों को समेटे हुए है। उन्हीं रहस्यों में से एक रहस्य ये भी है कि आखिर क्यों लंकाधिपति रावण ने इतने सालों तक कैद में रखने के बावजूद मां सीता को छुआ तक नहीं।

अनसुना है रहस्

रावण ने माता सीता को कितने दिनों तक अपने कैद में रखा, यह भी महज एक रहस्य ही है। बहरहाल, आज इसी अनकहे और अनसुने रहस्य को जानने की कोशिश करते हैं।

शिव का भक्त रावण

अर्ध ब्राह्मण और अर्ध दानव के रूप में रावण भगवान शिव का परमभक्त था। असुरों का राजा रावण न सिर्फ़ अद्भुत योद्धा और ज्योतिषशास्त्र का जनक था, बल्कि वेदों का बहुत बड़ा ज्ञाता भी था|

रामायण की सभी घटनाएं पहले ही जानता था

ऐसा कहा जाता है कि रामायण की घटनाओं और अपने अंत के बारे में वह पहले से ही सब कुछ जानता था। लेकिन यहां पर सबसे बड़ा सवाल है कि आखिर क्यों उसने माता सीता को कैद के दौरान छुआ तक नहीं।

रावण को मिला था श्राप

क्या इसकी वजह माता सीता की सतीत्व की शक्ति थी या फिर रावण डरता था भगवान राम से? कहीं ऐसा तो नहीं कि रावण ने कोई वचन धारण कर रखा हो या किसी शाप के बंधन में मजबूर हो? दरअसल, माना जाता है कि रावण द्वारा माता सीता को न छू पाने की वजह एक श्राप था। वही श्राप रावण को बार-बार मां सीता से जबरदस्ती करने से रोकता था।

रावण को कब मिला श्राप

इस श्राप की कहानी राम के काल से बहुत पहले की है। तब जब शायद महाराज दशरथ का जन्म हुआ था।

कुबेर के शहर में रावण

ये कहानी है उस वक़्त की जब रावण स्वर्ग लोक को जीतने के अभियान में तल्लीन था। स्वर्ग लोक जीतने के समय रावण ने एक बार आराम फरमाने के लिए कुबेर के शहर अलाका में अपना डेरा डाला।

कुबेर का घर

कुबेर का शहर हिमालय के पास था। वहां का वातावरण अत्यंत मनोरम था। उस दिन आसमान में बादल छाए थे और हवाएं भी बह रही थीं। चारों तरफ़ फूलों की खुशबू ही खुशबू बिखरी थी। ऐसा वातावरण था कि रावण के अंदर काम, वासना और इच्छा जागृत हुई।

 रंभा और नलकुबेर

उसी वक़्त उस रास्ते से स्वर्ग के अप्सराओं की रानी रंभा रावण के भाई कुबेर के पुत्र नलकुबेर से मिलने जा रही थी। रास्ते में रावण की नज़र उस पर पड़ी और वह रंभा के रूप और सौंदर्य को देखकर मोहित हो गया। रावण ने रंभा को बुरी नीयत से रोक लिया। अपनी इच्छा पूर्ति के उद्देश्य से रावण ने अपना परिचय दिया और उसने अपने सामने रंभा से सौंदर्य प्रदर्शन को कहा।

रंभा ने की रावण से विनती

इस पर रंभा ने रावण से उसे जाने देने की प्रार्थना की और कहा कि आज मैंने आपके भाई कुबेर के पुत्र नलकुबेर से मिलने का वचन दिया है। मैं आपकी पुत्रवधू के समान हूं। इसलिए मुझे छोड़ दीजिए और जाने दीजिए।

रावण ने कर दिया रंभा को निर्वस्त्र

पर उस अनुनय-विनय का रावण पर कोई असर नहीं पड़ा। रावण काम-वासना के नशे में ऐसा चूर हो गया कि उसे रिश्तों का भी ख्याल नहीं रहा और उसने रंभा के साथ जबरदस्ती की और उसके शील का हरण कर लिया।

नलकुबेर का क्रोध

रावण द्वारा रंभा के साथ हुए दुराचार की ख़बर जब कुबेर देव के पुत्र नलकुबेर को प्राप्त हुआ, तो वह रावण पर अत्यंत क्रोधित हुआ। रावण के सबक सिखाने के लिए निकल पड़ा ।

…और नलकुबेर ने दे दिया रावण को कठोर श्राप

अपनी प्रिय के दुराचार का बदला लेने और क्रोध के कारण नलकुबेर ने रावण को श्राप दे दिया कि आज के बाद यदि रावण ने किसी भी स्त्री को बिना उसकी स्वीकृति के अपने महल में रखा या उसके साथ दुराचार करने की कोशिश की, तो वह उसी क्षण भस्म हो जाएगा।

रावण हुआ भयभीत

इस श्राप के बाद रावण के पैरों तले ज़मीन खिसक गई। वह अत्यंत भयभीत हो गया। यही कारण था कि कैद के दौरान भी रावण ने सीता माता की मर्जी के बिना कभी उन्हें छूने की कोशिश नहीं की, क्योंकि उसे परिणाम पता था। इसी श्राप के डर से रावण ने सीता को राजमहल में न रखते हुए राजमहल से दूर, अशोक वाटिका में रखा।

पढ़िए, इंदिरा गांधी के वो राज, जो आजतक थे अनकहे

नई दिल्ली : भारत की पहली महिला प्रधानमंत्री इंदिरा प्रियदर्शिनी गांधी की आज 100वीं जयंती है। इंदिरा गांधी के बारे में बहुत ऐसी बातें फैली हुई है जिसका सच्चाई से कोई लेना देना नहीं है। लेकिन आज हम आपको इंदिरा गांधी के जीवन के वास्तविकता से परिचय कराने जा रहे हैं।


महात्मा गांधी ने फिरोज को नहीं दिया था अपना सरनेम?

इंदिरा नेहरू के फिरोज से शादी के फैसले से जवाहर लाल नेहरू बहुत ही नाराज थे। कारण था उनका पारसी मुसलमान होना। इस बारे में कहा जाता है कि महात्मा गांधी ने फिरोज को अपना सरनेम देकर नेहरू को मना लिया। लेकिन वास्तव में कुछ और ही है।

लेखक राम चंद्र गुहा कि किताब ‘इंडिया आफ्टर गांधी दी हिस्ट्री आफ वर्ल्ड लारजेस्ट डेमोक्रेसी’ में उन्होंने लिखा है कि इलाहाबाद में स्वतंत्रता संग्राम में भाग ले रहे फिरोज ने इंदिरा गांधी से मुलाकात के कई साल पहले ही अपना सरनेम बदल लिया था। उस समय फिरोज ने अपने नाम के बाद Ghandy लिखते थे जिसे बाद में उन्होंने स्पेलिंग बदल ghandhi लिखना शुरू कर दिया।
रविन्द्र नाथ टैगोर ने नहीं दिया था प्रियदर्शिनी नाम?

इसी तरह उनके प्रियदर्शिनी नाम के बारे में कहा जाता है कि इंदिरा को ये नाम रविन्द्र नाथ टैगोर ने दिया था। लेकिन हकीकत में ऐसा नहीं है।


बात इंदिरा के जन्म से कुछ समय बाद की है। दादा मोतीलाल नेहरू पोती का नाम इंदिरा रखना चाहते थे और जवाहर और कमला नेहरू प्रियदर्शिनी। फिर तय हुआ कि दोनों नाम मिलाकर नाम रखा जाए। इस तरह नेहरू परिवार की इस बेटी का नाम प्रियदर्शिनी इंदिरा रखा गया।

स्टूडेंट्स के लिए प्रेरणा हैं इंदिरा गांधी

इंदिरा प्रियदर्शिनी गांधी का जन्म 19 नवंबर 1917 को हुआ था और वह 31 अक्टूबर 1984 तक जीवित रहीं। इस वर्ष पूरा देश और खास तौर पर कांग्रेस पार्टी उनकी जन्मशती मनाने में लगा है। ऐसे में एक सामान्य नागरिक और खास तौर पर स्टूडेंट्स उनसे बहुत कुछ सीख सकते हैं।

छोटी उम्र से ही लक्ष्य प्राप्ति में लग जाना

इंदिरा भले ही तब के मशहूर बैरिस्टर मोती लाल नेहरू की पोती और कांग्रेस के लोकप्रिय नेता जवाहर लाल नेहरू की बिटिया हों, मगर उन्होंने अंग्रेजों से लोहा लेने के लिए छोटी उम्र में ही वानर सेना बना ली थी। वह इसके माध्यम से झंडा जुलूस, विरोध प्रदर्शन के साथ-साथ कांग्रेसी नेताओं के संवेदनशीन प्रकाशनों और प्रतिबंधित सामग्रियों का परिसंचरण करने का काम करती थीं।


पहले पढ़ाई और बाद में लड़ाई

इंदिरा को जानने वालों का मानना है कि इंदिरा हमेशा से ही खुद को बड़ी भूमिकाओं के लिए तैयार कर रही थीं। उन्होंने शांति निकेतन के साथ-साथ ऑक्सफोर्ड और सोमरविल्ले कॉलेज में पढ़ाई की। हालांकि वह वहां भी भारत की स्वतंत्रता के लिए संघर्षरत भारतीय लीग की सदस्या बन कर काम करती रहीं।


कभी गूंगी गु़ड़िया तो बाद में दुर्गा

जवाहर लाल नेहरू की मौत के बाद लाल बहादुर शास्त्री देश के प्रधान मंत्री बने। उनके आकस्मिक मृत्यु के बाद इंदिरा ने देश की बागडोर संभाली। उन दिनों वह काफी कम बोला करती थीं। विपक्ष की राजनीति करने वाले मोरारजी देसाई और डॉ लोहिया ने उन्हें गूंगी गुड़िया तक कहा। हालांकि भारत-पाक युद्ध और बांग्लादेश के निर्माण में महत्वपूरण भूमिका अदा करने पर अटल बिहारी वाजपेयी जैसे विपक्षी नेताओं ने उन्हें दुर्गा कह कर संबोधित किया।

देश को रखा हमेशा आगे

इंदिरा को देश हमेशा एक ऐसी नेत्री के तौर पर याद करता है जिनके लिए देश पहले है। हालांकि इस क्रम में उन पर कई आरोप भी लगते हैं कि उन्होंने सत्ता का दुरुपयोग किया। चुनाव में कदाचार किया लेकिन बैंकों के राष्ट्रीयकरण, प्रिवी पर्स जैसे फैसलों के लिए देश हमेशा उनका शुक्रगुजार रहेगा।


फैसले लेने में हमेशा आगे

राजनीतिक विशेषज्ञ मानते हैं कि वह गजब की राजनेता थीं। चाहे देश में आपातकाल लगाने का निर्णय हो या फिर पंजाब में अलगाववादियों पर किए जाने वाले हमले। एक बार निर्णय करने के बाद वह पीछे नहीं हटती थीं। उनकी मौत के पीछे उनका अलगाववादियों से निपटने का निर्णय भी अहम कारक माना जाता है।

 

जॉन की ‘फोर्स 2’ और नेहा की ‘तुम बिन 2’ में से किसने मारी बाजी!

नई दिल्ली : बीते फिल्मी फ्राइडे पर ‘फोर्स 2’ और ‘तुम बिन 2’ बॉक्स ऑफिस पर एक साथ रिलीज हुई। दोनों फिल्मों में से ‘फोर्स 2’ का पलड़ा ही भारी लग रहा था और कुछ ऐसा ही हुआ भी है।

हालांकि ‘फोर्स 2’ की शुरुआत उतनी भी अच्छी नहीं हुई, जितनी उससे उम्मीद की जा रही थी। ‘फोर्स 2’ ने पहले दिन 6.05 करोड़ रुपये की कमाई की है, वहीं अनुमान है कि, ‘तुम बिन 2’ ने सिर्फ 3 करोड़ रुपये ही कमाए हैं।

वहीं, जब सरकार की नोटबंदी के असर को लेकर जब जॉन से पूछा तो, जबाव में जॉन ने कहा, ‘फोर्स 2 ऑडियंस को आकर्षित करेगी। नोटबंदी के कारण लोग कुछ दिनों से तनाव में हैं, यह फिल्म देखकर लोग अच्छा महसूस करेंगे।’ वहीं ‘तुम बिन 2’ के डायरेक्टर अनुभव सिन्हा ने इंडियन एक्सप्रेस को कहा, ‘नोटबंदी से कलेक्शन पर असर जरूर पड़ेगा।

पूरी फिल्म इंडस्ट्री पर इसका असर पड़ा है। यह फैसला अच्छा है या बुरा इस पर तो मैं कुछ नहीं कह सकता लेकिन इसे थोड़े प्लान्ड तरीके से करना चाहिए था। मेरे दोस्त जो आर्थिक रूप से ठीक हैं, वो भी मुझसे पैसे मांग रहे हैं। अमीर आदमी अब गरीब बन गया है।’

लेकिन डिस्ट्रीब्यूटर अक्षय राठी का इस मामले पर कुछ और ही कहना है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि, ‘फोर्स 2’ का कलेक्शन देख कर आपको पता चल जाएगा कि, नोटबंदी का असर फिल्मों पर हुआ है या नहीं।

इन पांच कामों में भूलकर भी नहीं करनी चाहिए तेजी

कबीर दास ने अपने इन दोहों के माध्यम से यह कहने की कोशिश की है कि काम को टालना नहीं चाहिए, बल्कि जितना जल्दी हो सके उसे पूरा कर लेना चाहिए। लेकिन हर काम में जल्दबाजी करना भी ठीक नहीं है। महाभारत के एक श्लोक में बाताया गया है कि हमें किन कामों को टालने की कोशिश करनी चाहिए। तो आइये जानते हैं कि किन पांच कामों में हमें कभी तेजी नहीं करनी चाहिए..

इन पांच कामों में पहला काम है राग यानी अत्यधिक मोह, अत्यधिक जोश, अत्यधिक वासना। राग एक बुराई है। इससे बचना चाहिए। जब भी मन में राग भाव जागे तो कुछ समय के लिए शांत हो जाना चाहिए। अधिक जोश में किया गया काम बिगड़ भी सकता है। वासना को काबू न किया जाए तो इसके भयंकर परिणाम हो सकते हैं। किसी के प्रति मोह बढ़ाने में भी कुछ समय रुक जाना चाहिए। राग भाव जागने पर कुछ देर रुकेंगे तो ये विचार शांत हो सकते हैं और हम बुराई से बच जाएंगे।

दर्प यानी घमंड ऐसी बुराई है जो व्यक्ति को बर्बाद कर सकती है। घमंड के कारण ही रावण और दुर्योधन का अंत हुआ था। घमंड का भाव मन में आते ही एकदम प्रदर्शित नहीं करना चाहिए। कुछ देर रुक जाएं। ऐसा करने पर हो सकता है कि आपके मन से घमंड का भाव ही खत्म हो जाए और आप इस बुराई से बच जाएं।

यदि कोई ताकतवर इंसान किसी कमजोर से भी लड़ाई करेगा तो कुछ नुकसान तो ताकतवर को भी होता है। लड़ाई करने से पहले थोड़ी देर रुक जाना चाहिए। ऐसा करने पर भविष्य में होने वाली कई परेशानियों से हम बच सकते हैं। आपसी रिश्तों में वाद-विवाद होते रहते हैं, लेकिन झगड़े की स्थिति आ जाए तो कुछ देर शांत हो जाना चाहिए। झगड़ा भी शांत हो जाएगा।

यदि मन में कोई गलत काम यानी पाप करने के लिए विचार बन रहे हैं तो ये परेशानी की बात है। गलत काम जैसे चोरी करना, स्त्रियों का अपमान करना, धर्म के विरुद्ध काम करना आदि। ये काम करने से पहले थोड़ी देर रुक जाएंगे तो मन से गलत काम करने के विचार खत्म हो सकते हैं। पाप कर्म से व्यक्ति का सुख और पुण्य नष्ट हो जाता है।

यदि हम किसी का नुकसान करने की योजना बना रहे हैं तो इस योजना पर काम करने से पहले कुछ देर रुक जाना चाहिए। इस काम में जितनी देर करेंगे, उतना अच्छा रहेगा। किसी को नुकसान पहुंचाना अधर्म है और इससे बचना चाहिए। पुरानी कहावत है जो लोग दूसरों के लिए गड्ढा खोदते हैं, एक दिन वे ही उस गड्ढे में गिरते हैं। इसीलिए दूसरों का अहित करने से पहले कुछ देर रुक जाना चाहिए।
संकलित

शुक्रवार, 18 नवंबर 2016

काले तिल के ये 6 उपाय बदल देंगे आपकी किस्मत

ग्रहों को अनुकूल करने के लिए यूं तो कई उपाय हो सकते हैं लेकिन आपको जानकार हैरानी होगी कि काले तिलों के जरिए भी आप बुरे दिनों को अच्छों में बदल सकते हैं। जानें ऐसे उपाय जिनसे कुंडली के ग्रह दोषों की शांति होती है।
1. रोज एक लोटे में शुद्ध जल भरें और उसमें काले तिल डाल दें। अब इस जल को शिवलिंग पर ऊँ नम: शिवाय मंत्र जप करते हुए चढ़ाएं। जल पतली धार से चढ़ाएं और मंत्र का जप करते रहें। जल चढ़ाने के बाद फूल और बिल्व पत्र चढ़ाएं। इस उपाय से शुभ फल प्राप्त होने की संभावनाएं बढ़ती हैं।

2. शनिवार काले तिल, काली उड़द को काले कपड़े में बांधकर किसी गरीब व्यक्ति को दान करें। इस उपाय से पैसों से जुड़ी समस्याएं दूर हो सकती हैं।

3. कुंडली में शनि के दोष हों या शनि की साढ़ेसाती या ढय्या चल रही हो तो किसी पवित्र नदी में हर शनिवार काले तिल प्रवाहित करना चाहिए। इस उपाय से शनि के दोषों की शांति होती है।

4. दूध में काले तिल मिलाकर पीपल पर चढ़ाएं। इससे बुरा समय दूर हो सकता है। यह उपाय हर शनिवार को करना चाहिए।

5. काले तिल का दान करें। इससे राहु-केतु और शनि के बुरे प्रभाव समाप्त हो जाते हैं। कालसर्प योग, साढ़ेसाती, ढय्या, पितृ दोष आदि में भी यह उपाय किया जा सकता है।

6. हर रोज शिवलिंग पर काले तिल अर्पित करें। इससे शनि के दोष शांत होते हैं। पुराने समय से चली आ रही बीमारियां भी दूर हो सकती हैं।

नहीं होगी सलमान की शादी, लूलिया ने खोले पर्सनल लाइफ से जुड़े कई राज

मुंबई : सुपरस्टार सलमान खान और लूलिया वंतूर के रिलेशन के साथ सलमान की शादी की खबरों ने अब दम तोड़ दिया है. ऐसी खबरें आ रही थी कि सलमान और लूलिया इस साल नवम्बर में शादी करने वाले हैं. लेकिन ऐसा कुछ होता नजर नहीं आ रहा है. और अब लूलिया ने एक इंटरव्यू में सलमान और अपनी पर्सनल लाइफ से जुड़ी कई बातों से पर्दा उठाया है.

लूलिया ने इंटरव्यू में कहा कि उन्होंने भारत आकर बहुत कुछ सीखा है. लूलिया को बॉलीवुड में काम करने का मौका मिला. उन्होंने भारत में गाना भी सीखा है.

सलमान की शादी टूटने की वजह


वह सलमान से क्यों अलग हुई इस बात को भी इशारों में जाहिर किया. उन्होंने कहा भारत और रोमानिया में काफी अंतर हैं, जो उन्हें देखने को मिला है.  भारत के लोगों की मानसिकता, कल्चर और तहजीब काफी कुछ अलग है. लेकिन यहां रहते हुए लूलिया को इन सभी चीज़ों की आदत हो गई थी. भारत में एक ही घर में कई लोग साथ रहते हैं.

लूलिया ने कहा, ‘हमें यह भी सीखना चाहिए कि कौन सी गली में जाते समय हम कैसे कपड़े पहनने चाहिए. मुझे बाद में पता चला कि वहां के हिसाब से मेरी ड्रेस नीचे से कुछ ज्यादा ही छोटी है.’

उनकी इन बातों से ऐसा लग रहा था कि वह सलमान और उनकी फैमिली को टारगेट कर रही हैं.

 

नारद मुनि को कई बार प्रेम होने पर भी नहीं हुई उनकी शादी, जानिए किसने दिया था अविवाहित होने का श्राप



नई दिल्ली :आप लगभग सभी धार्मिक सीरियल में नारद मुनि को नारायण, नारायण जपते हुए देखा होगा। वे पूरे ब्रह्मांड की खबर यहां से वहां वह पहुंचाते हैं।


बहुत-सी पौराणिक कहानियों में नारद मुनि और स्वर्ग की किसी अप्सरा के प्रेम प्रसंग से जुड़ी हुई कहानियों का भी उल्लेख मिलता है। वो अप्सराओं या किसी रूपवती को देखकर प्रेम से वशीभूत हो जाते थे लेकिन फिर भी जब कभी वो विवाह करने की चेष्टा करते थे तो अंत में उन्हें निराशा ही हाथ लगती थी।

ब्रह्मवैवर्त पुराण, ब्रह्मखण्ड में एक कहानी का उल्लेख मिलता है जिसमें नारद को उनके पिता भगवान ब्रह्मा से आजीवन अविवाहित रहने का श्राप मिला था। इस कहानी के अनुसार जब भगवान ब्रह्मा सृष्टि का निर्माण कर रहे थे तो उनके चार पुत्र हुए। वो तपस्या पर निकल गए। इसके बाद बारी आई नारद मुनि की। नारद मुनि से ब्रह्मा ने कहा कि ‘तुम सृष्टि की रचना में मेरा सहयोग करो और विवाह कर लो।

नारद स्वभाव से चंचल थे। उन्होंने अपने पिता को मना कर दिया। अपनी अवेहलना सुनकर ब्रह्मा बहुत क्रोधित हो गए। उन्होंने नारद को आजीवन अविवाहित रहने का श्राप देते हुए कहा। तुम जीवन में कई बार प्रेम का अनुभव करोगे लेकिन तुम चाहकर भी कभी विवाह नहीं कर पाओगे। तुम जिम्मेदारियों से भागते हो इसलिए तुम्हें पूरी दुनिया में केवल भाग-दौड़ ही करनी पड़ेगी। इस तरह नारद को श्राप मिल गया और वो युगों-युगों तक एक लोक से दूसरे लोग में विचरण करते रहे।

गुरुवार, 17 नवंबर 2016

फिल्म ‘ब्यूटी एंड द बीस्ट ‘ का ट्रेलर रिलीज़ होते ही हुआ वायरल

नई दिल्ली : हॉलीवुड में अगले वर्ष रिलीज़ होने वाली फिल्‍म ‘ब्यूटी एंड द बीस्ट ‘ का बीते मंगलवार को ट्रेलर रिलीज़ किया गया है। जिसके लांच होते ही,  एक दिन के भीतर 1 करोड़ 24 लाख से ज्यादा लोगों ने इसे देख लिया है।

यूट्यूब की ट्रेंडिंग में बुधवार को दूसरे पायदान पर शामिल डिज्नी मूवी ट्रेलर्स में 1 मिनट 59 सेकेंड के इस धमाकेदार ट्रेलर को दर्शकों की जमकर सकारात्मक प्रतिक्रिया मिल रही है।

एम्मा वॉटसन और डैन स्टीवेंस की ‘ब्यूटी एंड द बीस्ट’ फिल्म डिज्नी स्टूडियो की क्लासिक फिल्म का नया अवतार है। आज के समय के दर्शकों के लिए इस फिल्म को लेटेस्ट ग्राफिक्स, एनिमेशन के साथ पुरानी म्यूजिक और नए गाने जोड़कर पेश किया गया है।

यह फिल्म एक खूबसूरत, तेज और आजाद युवती बेल्ले (एम्मा वॉटसन) के जीवन पर आधारित है जिसे एक बीस्ट (जंगली जानवर जैसा दिखने वाला व्यक्ति) अपने महल में कैद कर लेता है। वहीं, जब बेल्‍ले को उस महल के कई गैजेट्स से दोस्‍ती हो जाती है। उसके बाद पता चलता है कि, उस बीस्ट की बाहरी डरावनी शख्सियत के पीछे छिपे एक राजकुमार की आत्मा को पाती है।

बुधवार, 16 नवंबर 2016

ये है धरती की सबसे महंगी धातु, कई देशों की कीमत से ज्यादा है 1 ग्राम की कीमत !

नई दिल्ली : दुनियाभर में कई ऐसी धातु और हैं, जो काफी महंगे होते हैं। इनमें हीरा, सोना, प्लैटिनम जैसी धातुओं के बारे में हम जानते भी हैं। लेकिन क्या आप किसी ऐसे मेटल के बारे में जानते हैं, जिसके 1 ग्राम की कीमत 3,12,500 अरब रुपए (3125 खरब रुपए) से ज्यादा है। इस कीमत में दुनिया के कई छोटे देशों को खरीदा जा सकता है। इस धातु का नाम है 'एंटी मैटर'। इसका उपयोग दूसरे ग्रहों पर जाने वाले अंतरिक्ष यानों के ईंधन में किया जाता है।

ज़रीन ने पोल डांस से लगाया, फिल्‍म में सेक्सी अदाओं का तड़का

मुंबई :  बॉलीवुड की हॉट अदाकारा के नाम से मशहूर ज़रीन खान के बारें मे कौन नही जानता है, उन्‍हें बॉलीवुड में इंट्री बॉलीवुड के सुल्‍तान सलमान ने कराई थी। हालांकि, उनकी पहली डेब्‍यू फिल्‍म ‘वीर’में दर्शकों को कुछ ख़ास पंसद नही आई थीं।  जिसके बाद ज़रीन ने अपने बोल्‍ड सींस की वजह से पर्दे पर अपनी जगह बना रही हैं। बता दें कि, ज़रीन ने अभी बीते दिनों आई फिल्‍म ‘हेट स्‍टोरी-3’में बेहद हॉट और बोल्ड सीन दिये थे जिसकी वजह से वह सुर्खियों में आ गई थी। अब एक बार फिर ज़रीन नए हॉट आइटम सॉन्ग के साथ बड़े परदे पर आने वालीं हैं।

सना खान और शर्लिन चोपड़ा के कई बोल्ड सीन्स की वज़ह से ‘ वज़ह तुम हो ‘ फिल्म पहले ही सुर्खियों में है और अब ज़रीन खान का नया आइटम सॉन्ग भी होगा। हाल ही में ज़रीन ने ये गाना शूट किया जिसमे वो पोल डांस करते हुए नज़र आई है।

ज़रीन का ये गाना साल 2002 में आई फिल्म फिल्म ‘कांटे’ का आइटम नंबर ‘माही वे’ है जिस पर मलाइका अरोड़ा ने हॉट पोल डांस कर लोगों को अपना दीवाना बनाया था। ज़रीन का फिल्म वज़ह तुम हो में स्पेशल आइटम नंबर करना इस फिल्म के निर्देशक विशाल पंड्या के साथ पुरानी दोस्ती की वजह से है क्योंकि ज़रीन ने विशाल की ही डायरेक्ट की हुई फिल्म ‘हेट स्टोरी 3’ में काम किया था। ज़रीन के इस आइटम सॉन्ग में नया टच देने की कोशिश की गई है।

गौरतलब हो कि, वजह तुम हो’ एक ऐसे मर्डर की कहानी है जो टेलीविजन पर लाइव होता है। इस फिल्म में शरमन जोशी, रजनीश दुग्गल और गुरमीत चौधरी भी हैं और ये फिल्म दो दिसंबर को सिनेमाघरों में रिलीज़ होने वाली है।

मंगलवार, 15 नवंबर 2016

ट्रंप के विरोध में हॉलीवुड की ये एक्ट्रेस हो गयी न्यू़ड

नई दिल्ली : अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोलान्ड ट्रंप की जीत के बाद पूरे देश में विरोध के लहर दौड़ गयी है। हर तरफ अफरा-तफरी का माहौल है। हॉलीवुड के बड़े-बड़े सेलेब्रेटी ट्रंप की इस जीत को हजम नहीं कर पा रहे हैं। अपने अलग-अलग तरीकों से अमेरिका के नागरिक ट्रंप के खिलाफ अपना विरोध जता रहे हैं। अब इस क्रम अमेरिकन एक्ट्रेस एमिली राताकोस्वकी का नाम भी जुड़ गया है।एमिली राताकोस्वकी ने ट्रंप के विरोध में अपनी टॉपलेस फोटो शेयर की है।

इस फोटो को एमिली ने इन्स्टाग्राम पर यह कहते हुए शेयर किया कि,’माय बॉ़डी, माय च्वाइस।’ एमिली का ये विरोध नए राष्ट्रपति ट्रंप के एक ऑडियो में देश की महिलाओं के लिए आपत्तिजनक शब्द कहने के बाद से शुरु हुआ है। जिसके चलते एमिली के साथ-साथ देश की अन्य महिलाओं में उनके खिलाफ रोष पैदा हुआ है। एमिली ने कहा कि, उन्होंने ट्रंप के महिलाओं के प्रति रवैये को देखते हुए ऐसा किया है।

सोमवार, 14 नवंबर 2016

लड़की ने उतारे कपड़े तो मिल गये बैंक से पैसे

नई दिल्ली : यहां एक लड़की ने अपने कपड़े इसलिये उतार दिये क्योकि वह बैंक की कतार में लगी होकर अपना नंबर आने का इंतजार कर रही थी। उसने न तो भीड़ की ही चिंता की और न ही उसे शर्म आई और देखते ही देखते उसने अपना टाॅप निकाल दिया। इसके बाद उसे दस मिनट में ही बैंक से पैसे दिला दिये गये। क्योंकि मौके पर महिला पुलिस अधिकारियों को बुलवा लिया गया था, जिन्होंने लड़की को बैंक के अंदर ले जाकर पैसे दिलाने में मदद की।

मामला मयूर विहार फेज-3 में स्थित एक्सिस बैंक का बताया गया है। जानकारी मिली है कि बैंक और एटीएम में लोगों की कतार लगी हुई थी और इसमें ही एक लड़की भी देर से खड़ी हुई थी। बताया गया है कि उसे खड़े-खड़े दो घंटे से अधिक हो गये थे। इसके बाद उसने आव देखा न ताव भीड़ के सामने ही अपना टाॅप निकाल दिया। बताया गया है कि भीड़ में से ही किसी ने पुलिस को बुलाया तथा मौके पर पहुंची महिला पुलिस अधिकारियों ने पहले तो लड़की को कपड़े पहने के लिये कहा और इसके बाद बैंक में ले जाकर पैसे दिला दिये।

हालांकि बाद में पुलिस ने उसे तुरंत ही घर जाने के लिये कह दिया था। गौरतलब है कि नोटबंदी के बाद देश भर में हड़कंप मचा हुआ है।

फिल्म इंडस्ट्री में 200 फिल्में और 56 साल गुजारने के बाद ‘जैकी चैन’ को मिला ऑस्कर

मुंबई: 200 फिल्मों में एक्टिंग और 56 साल लंबे इंतजार के बाद आखिरकार जैकी चेन को ऑस्कर मिला ही गया। पुरस्कार मिलने के बाद जैकी चेन (62) ने कहा कि कई हड्डियां तुड़वाने के बाद मुझे ये सम्मान मिला। ऑनरेरी ऑस्कर मिलने पर जैकी बोले, “मेरे पिता हमेशा ये पूछते थे कि बेटा तुमने दुनियाभर में इतनी सारी फिल्में की, इतने सारे अवॉर्ड जीते, लेकिन तुम्हें ऑस्कर कब मिलेगा। मैंने उनसे कहा कि मैं केवल एक्शन-कॉमेडी मूवी बनाता हूं।

बता दें, जैकी चैन के साथ इस अवॉर्ड से ब्रिटिश फिल्म एडिटर ऐने वी कोट्स, कास्टिंग डाइरेक्टर लिन स्टॉलमास्टर और डॉक्यूमेंटरी फिल्म निर्माता फ्रेडरिक वाइजमैन को भी नवाजा गया है। पुरस्कार समारोह में जैकी ने अपने सभी फैन्स का शुक्रिया अदा करते हुए कहा , ‘हमेशा मेरे पिता मुझसे पूछते थे कि तुम्हारे पास सबकुछ है, फिर ऑस्कर क्यों नहीं है? मैं उनसे कहता कि मैं कॉमेडी एक्शन फिल्में बनाता हूं। आज से 23 साल पहले मैनें हॉलीवुड अभिनेता सिल्वस्टर स्टैलॉन के घर ऑस्कर मेडल देखा था तब मैनें उसे छूआ, चूमा और लगा कि यह मेडल मुझे भी चाहिए, आज वह सपना पूरा हुआ है.’गौर हो, जैकी चैन ने करियर की शुरुआत से ही ब्रूस ली की फिल्मों में स्टंट किए थे, 62 साल के जैकी फिल्मों में अपने स्टंट खुद ही करते हैं।

कार्तिक पूर्णिमा पर चमकेगा आपका भाग्य जानें इसका महत्व और इतिहास

इस कार्तिक पूर्ण‍िमा को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखा जा रहा है। यह उत्साह हो भी क्यों न आखिर इस बार 70 साल बाद आपको कार्तिक पूर्णिमा पर सबसे बड़ा चांद जो दिखने वाला है। जी हां, इस सोमवार 14 नवम्बर को पड़ने वाली कार्तिक पूर्णिमा से लोगों का भाग्य उदय होगा साथ ही उनके ग्रहों और नक्षत्रों पर अनुकुल प्रभाव पड़ने वाला है। कार्तिक पूर्णिमा वाले दिन ही मनुष्य को अपनी मानसिक उर्जा में वृद्धि करने के लिए चन्द्र को अर्घ्य देकर स्तुति करनी चाहिए।

हिंदू पंचांग के अनुसार, साल का आठवां महीना कार्तिक का होता है। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा कार्तिक पूर्णिमा कहलाती है। इस कार्तिक पूर्णिमा का महत्व न केवल वैष्णव भक्तों के लिए ही है, बल्कि शिव भक्तों और सिख धर्म के लोगों के लिए भी इसके खास मायने हैं। विष्णु के भक्तों के लिए भी यह दिन इसलिए बहुत खास माना गया है, क्योंकि भगवान विष्णु का पहला अवतार इसी दिन हुआ था।

कार्तिक पूर्णिमा का महत्व और इतिहास

अपने पहले अवतार में भगवान विष्णु ने मीन अर्थात मछली का रूप धारण किया था। भगवान को यह अवतार वेदों की रक्षा,प्रलय के अंत तक सप्तऋषियों,अनाजों एवं राजा सत्यव्रत की रक्षा के लिए लेना पड़ा था। इसी से सृष्टि का निर्माण कार्य फिर से आसान हो सका था।

शिव भक्तों के अनुसार इसी दिन भगवान भोलेनाथ ने त्रिपुरासुर नामक महाभयानक असुर का संहार कर दिया, जिससे वह त्रिपुरारी के रूप में पूजित हुए। इससे प्रसन्न होकर भगवान विष्णु और शिव जी इन्हें त्रिपुरारी नाम दे दिया, जिसके चलते इसे 'त्रिपुरी पूर्णिमा' भी कहा जाता है।

वहीं इसी दिन सिख धर्म में कार्तिक पूर्णिमा को प्रकाशोत्सव के रूप में मनाया जाता है।, क्योंकि इसी दिन सिख सम्प्रदाय के संस्थापक गुरु नानक देव का जन्म हुआ था। इस दिन सिख सम्प्रदाय के अनुयाई सुबह स्नान कर गुरुद्वारों में जाकर गुरुवाणी सुनते हैं और नानक जी के बताए रास्ते पर चलने की सौगंध लेते हैं। इसे गुरु पर्व भी कहा जाता है।

कार्तिक पूर्णिमा पर दान का महत्व

इस तरह यह दिन एक नहीं बल्कि कई वजहों से खास है। इस दिन गंगा-स्नान,दीपदान,अन्य दानों आदि का विशेष महत्त्व है। इस दिन क्षीरसागर दान का अनंत महत्व है।क्षीरसागर का दान 24 अंगुल के बर्तन में दूध भरकर उसमें स्वर्ण या रजत की मछली छोड़कर किया जाता है। यह उत्सव दीपावली की भांति दीप जलाकर सायंकाल में मनाया जाता है।

हिंदू धर्म के अनुसार, माना जाता है कि इस दिन कृतिका में शिव शंकर के दर्शन करने से सात जन्म तक व्यक्ति ज्ञानी और धनवान होता है। इस दिन चन्द्र जब आकाश में उदित हो रहा हो उस समय शिवा, संभूति, संतति, प्रीति, अनुसूया और क्षमा इन छह कृतिकाओं का पूजन करने से सात जन्म तक व्यक्ति ज्ञानी और धनवान होता है। इस दिन चन्द्र जब आकाश में उदित हो रहा हो उस समय शिवा, संभूति, संतति, प्रीति, अनुसूया और क्षमा की छह कृतिकाओं का पूजन करने से शिव जी की प्रसन्नता प्राप्त

मन्त्रोजाप

वसंतबान्धव विभो शीतांशो स्वस्ति नः कुरू'' चन्द्रमा को अर्घ्य देना चाहिए।

कार्तिक पूर्णिमा का समय

पूर्णिमा को प्रातः 5 बजे से 10:30 मिनट तक मां लक्ष्मी का पीपल के वृक्ष पर निवास रहता है। इस दिन जो भी जातक मीठे जल में दूध मिलाकर पीपल के पेड़ पर चढ़ाता है उस पर मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है। सोमवार को प्रातः काल से ही भरणी नक्षत्र उपस्थित रहेगा जो शाम को 4 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। 4 बजकर 26 मिनट से कृतिका नक्षत्र शुरू हो जाएगा। कार्तिक पूर्णिमा पर भरणी और कृतिका दोनों ही नक्षत्रों की उपस्थिति से इस बार गंगा स्नान और दान का महत्व अधिक है।


रविवार, 13 नवंबर 2016

नोटबंदी का असर : फिल्‍म ‘रॉक ऑन 2’ का नही चला जादू!

नई दिल्ली : बॉलीवुड की संगीत पर बनी फिल्‍म ‘रॉक ऑन-2’ बीते 11  नंवबर को रिलीज़ हो चुकी है।  फिल्म ने पहले दिन बॉक्स ऑफिस पर कुछ खास कमाई नहीं की। धीमी शुरुआत करते हुए फिल्म ने पहले दिन भारत में 2.02 करोड़ रूपए की कमाई की। कमाई की जानकारी फिल्म ट्रेड एनालिस्ट तरण आदर्श ने ट्विटर के जरिए दी है।

बता दें कि, ‘रॉक ऑन’ की सीक्वल इस फिल्म में फरहान अख्तर, अर्जुन रामपाल, पूरब कोहली और प्राची देसाई के अलावा दो नए चेहरे श्रद्धा कपूर और ‘तितली’ फेम शशांक अरोड़ा हैं। श्रद्धा और फरहान लीड रोल में नजर आएंगे। फिल्म में श्रद्धा कपूर ने तीन गाने गाए हैं। फिल्म के गाने शंकर-एहसान-लॉय ने कम्पोज किए हैं। फिल्‍म का निर्देशन शुजात सौदागर ने किया है।

हाल ही में फिल्‍म के निर्माता रितेश सिधवानी ने फिल्‍म ‘रॉक ऑन 2’ के अनुसार 500 और 1000 रपये के पुराने नोटों को चलन से बाहर करने के सरकार के फैसले ने इस सप्ताह रिलीज हुई उनकी फिल्म के बॉक्स ऑफिस कलेक्शन पर खराब असर डाला है।

उन्होंने कहा कि, अगर एक्सेल एंटरटेनमेंट को सरकार के फैसले का पहले से अंदेशा होता। तो वे फिल्म के रिलीज की तारीख टाल देते। रितेश ने कहा, लोग बैंकों के बाहर कतारों में खड़े हैं और अगर उन्हें 2000 रूपये का नया नोट मिल भी जाए तो उसके खुले नहीं मिल रहे। जिससे फिल्म के कुल कलेक्शन पर असर पड़ रहा है।

गौरतलब हो कि, साल 2008 में आई फिल्म ‘रॉक ऑन’को दर्शकों बेहद पंसद आई थी जिसके बाद ही मेकर्स ने फिल्‍म का सीक्‍वल पर काम किया और सिनेमाघरों में लेकर आये हैं।

दुनिया का एक मात्र नर्क मंदिर, पापों का प्रायश्चित करने आते हैं लोग

 दक्षिण-पूर्वी एशिया के देश थाईलैंड के शहर चियांग माइ में एक ऐसा मंदिर है जहां श्रद्धालु किसी देवता की पूजा नहीं करते बल्कि मृत्यु के बाद आत्मा द्वारा पापों के लिए मिलने वाली सजाओं को देखने आते हैं। मंदिर में कई प्रतिमाएं हैं, जो नर्क में दी जाने वाली पीड़ाअों को दर्शाती हैं। थाईलैंड की राजधानी बैंकाक से लगभग 700 किलोमीटर दूर चियांग माइ शहर में करीब 300  मंदिर हैं लेकिन यहां दुनिया का इकलौता नर्क मंदिर स्थित है। यह मंदिर सनातन धर्म और बौद्ध धर्म से प्रेरित है। मंदिर की सभ्यता अौर संस्कृति पर भारतीय प्रभाव दिखाई देता है। इस मंदिर को बनाने का मूल विचार एक बौद्ध भिक्षु प्रा क्रू विशानजालिकॉन का था। वे लोगों को इस बात से अवगत करवाना चाहते थे कि पाप अौर दूसरों को पीड़ा पहुंचाने का परिणाम अंत में बुरा होता है। इसी से प्रेरित होकर उन्होंने नर्क की परिकल्पना करते हुए इस मंदिर का निर्माण करवाया। यहां लगी प्रतिमाअों को देखने पर ये नर्क की भांति लगती है। इस मंदिर में देवी-देवताअों की प्रतिमा नहीं हैं। यहा पर मृत्यु के पश्चात नर्क में किस प्रकार की यातनाएं दी जाती है उसको प्रदर्शित करती हुई प्रतिमाएं हैं। मंदिर में लोग अपने पापों का प्रायश्चित करने आते हैं। यह मंदिर वैट मे कैट नोई टेम्पल के नाम से भी प्रसिद्ध है। स्थानीय लोगों का मानना है कि जो व्यक्ति इस मंदिर के दर्शन कर लेता है, वह अपने पापों का प्रायश्चित कर लेता है।

शनिवार, 12 नवंबर 2016

तिलक लगाने से दूर होती है उदासी

टीका लगाने के पीछे आध्यात्मिक भावना के साथ-साथ दूसरे तरह के लाभ की कामना भी होती है. आम तौर पर चंदन, कुमकुम, मिट्टी, हल्दी, भस्म आदि का तिलक लगाने का विधान है. अगर कोई तिलक लगाने का लाभ तो लेना चाहता है, पर दूसरों को यह दिखाना नहीं चाहता, तो शास्त्रों में इसका भी उपाय बताया गया है. कहा गया है कि ऐसी स्थिम में ललाट पर जल से तिलक लगा लेना चाहिए.

1-हल्दी से युक्त तिलक लगाने से त्वचा शुद्ध होती है. हल्दी में एंटी बैक्ट्रिंयल तत्व होते हैं, जो रोगों से मुक्त करता है.

2- धार्मिक मान्यता के अनुसार, चंदन का तिलक लगाने से मनुष्य के पापों का नाश होता है. लोग कई तरह के संकट से बच जाते हैं. ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक, तिलक लगाने से ग्रहों की शांति होती है.

3- दिमाग में सेराटोनिन और बीटा एंडोर्फिन का स्राव संतुलित तरीके से होता है, जिससे उदासी दूर होती है और मन में उत्साह जागता है. यह उत्साह लोगों को अच्छे कामों में लगाता है.

4- तिलक करने से व्यक्तिऔत्व प्रभावशाली हो जाता है. दरअसल, तिलक लगाने का मनोवैज्ञानिक असर होता है, क्योंकि इससे व्यक्तिे के आत्मविश्वास और आत्मबल में भरपूर इजाफा होता है.

5- ललाट पर नियमित रूप से तिलक लगाने से मस्तक में तरावट आती है. लोग शांति व सुकून अनुभव करते हैं. यह कई तरह की मानसिक बीमारियों से बचाता है.

शुक्रवार, 11 नवंबर 2016

सुप्रीम कोर्ट ने दबंग खान को दी ‘पटखनी’, जानिए अब किस मामले में भेजा नोटिस

नई दिल्ली। बॉलीवुड के दबंग सलमान खान एक बार फिर मुश्किलों में घिरते हुए दिख रहे हैं। चिंकारा शिकार मामले में जोधपुर हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद अब राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का रूख किया है। राजस्थान सरकार की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने शुक्रवार को सलमान खान को नोटिस भेजकर जल्द इस मामले में जवाब पेश करने को कहा।

वसुंधरा सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की मांग की

राजस्थान सरकार ने अपनी याचिका के जरिए मांग की है कि सुप्रीम कोर्ट, जोधपुर हाईकोर्ट के फैसले पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाकर निचली अदालत के फैसले को लागू करे ताकि सलमान खान सरेंडर करने के लिए बाध्य हो जाएं। इससे लोअर कोर्ट के जरिए दी गई सजा पूरी हो सके।

राजस्थान सरकार ने इसके साथ ही अपनी याचिका के जरिए ये भी कहा है कि सलमान खान के पास घटना के चश्मदीद गवाह ड्राइवर हरीश दुलानी से जिरह करने के पूरे मौके मौजूद थे लेकिन उन्होंने जानबूझकर ऐसा नहीं किया। सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट से सलमान के खिलाफ दुलानी के बयान को मंजूर किए जाने की मांग की गई थी।

गलितयों के चलते मामले को हल्का नहीं किया जा सकता

याचिका में कहा गया कि ट्रायल के दौरान मामूली विसंगतियों से पूरे मामले को हल्का नहीं किया जा सकता। राजस्थान हाई कोर्ट इस केस के पूरे हालात को देखने में नाकाम रहा है, जो बिना शक अभियोजन पक्ष के जरिए साबित करते हैं कि सलमान इस मामले में दोषी हैं।

इसमें कहा गया कि सलमान खान को लोअर कोर्ट ने सबूतों के आधार पर दोषी ठहराया था, लेकिन हाईकोर्ट ने अति तकनीकी आधार पर फैसला दिया। जो कानून में कहीं नहीं ठहरता।

18 साल पुराना है मामला

दरअसल चिंकारा शिकार के मामले में राजस्थान सरकार सलमान खान को बरी करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट पहुंची है। राजस्थान हाईकोर्ट की जोधपुर बेंच ने 18 साल पुराने मामले में 25 जुलाई 2016 को सलमान खान को बरी कर दिया था। अब राजस्थान सरकार ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

प्रियंका चोपड़ा ने एलान किया अपनी पंजाबी फिल्म का टाइटल

मुंबई: प्रियंका बॉलीवुड फिल्मों के साथ अमेरिकी टीवी शो करती हैं, साथ में एक हॉलीवुड फिल्म की शूटिंग में व्यस्त हैं. इसके अलावा वो कई अमेरिकी टीवी शो में बतौर मेहमान जा रही हैं, अपने एल्बम के गाने रिकॉर्ड कर रही हैं। लेकिन इतना काफी नहीं था कि अब उनकी बतौर निर्माता पहली फिल्म भी आ रही है जो मराठी में बनी है जिसका नाम है – वेंटिलेटर. इस फिल्म को प्रियंका ने सिर्फ बनाया ही नहीं है, बल्कि इसमें एक मराठी गीत भी गाया है, इसके अलावा प्रियंका के प्रोडक्शन हाउस का कारवां लगातार आगे बढ़ रहा है। मराठी फिल्मों में बतौर प्रोड्यूसर डेब्यू करने के बाद प्रियंका अब पंजाबी फिल्म प्रोड्यूस कर रही हैं।

हाल ही में प्रियंका की पहली मराठी फिल्म वेंटिलेटर रिलीज़ हुई, जिसे राजेश मापूसकर ने डायरेक्ट किया था, जबकि आशुतोष गोवारिकर ने फिल्म में लीड रोल निभाया था। इस फिल्म को क्रिटिकली काफी सराहा गया। मराठी फिल्म के बाद प्रियंका ने डेब्यू पंजाबी फिल्म का एलान ट्वीटर पर किया है, जिसका टाइटल ‘सरवन’ है। ये फिल्म अगले महीने रिलीज हो रही है।

प्रियंका ने भले ही अपनी पहचान बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड तक बना ली हो, लेकिन अपनी प्रोडक्शन कंपनी के लिए उन्होंने रीजनल सिनेमा को चुना है। प्रियंका की कंपनी पर्पल पेबल्स की पहली फिल्म भोजपुरी भाषा में थी, जिसका टाइटल बम बम बोल रहा है काशी था। इस फिल्म में दिनेश लाल यादव यानि निरहुआ ने लीड रोल निभाया था। प्रियंका अपनी पंजाबी फिल्म की डिटेल्स जल्द ही एनाउंस करेंगी।

बुधवार, 9 नवंबर 2016

OMG ! 20 करोड़ की ब्रा पहनेगी ये मॉडल



नई दिल्ली :फ्रांस की राजधानी पेरिस में अगले महीने एक बड़े फैशन शो का आयोजन होने जा रहा है। इस फैशन शो लेकर इसमें शामिल होने वाले लोगों में भी खासा उत्साह है। और इस इस फैशन शो पर पुरी दुनिया की नजर है। यहां फैशन के जानकार और इसके दिवाने इस शो को लेकर खासे उत्साहित है।


बताया जा रहा है कि इस फैशन शो में में स्टार मॉडल जैस्मिन टूक्स 20 करोड़ की एक महंगी ब्रा को पहनकर रैंप पर उतरने वाली है। इस ब्रा के अंदर तकरीबन 450 कैरेट के हीरे जड़े हैं। जिसे लेकर जैस्मिन काफी उत्सुक हैं।

वहीं इस दुनिया की सबसे महंगी ब्रा को पहनने वाली जैस्मिन काफी उत्साहित है और उनका कहना है यह उनके लिए एक सीक्रेट था और जब उन्हें इसके कीतम के बारें में पता चला तो वो खुद हैरान रह गई। इसे पहन के जल्दी ही जैस्मिन ने एक फोटो शूट कराया है और उस अनुभव को लेकर कहती हैं इनता महंगा ब्रा पहनकर उन्हें अधिक दूर तक जाने की इजाजत नही थी

38 साल बाद फिर बंद हुए बड़े नोट, तब भी एक गुजराती ही पीएम थे...

नई दिल्ली: पीएम मोदी ने 500 और 1000 के नोट पर बैन लगाकर एक बड़ा कदम उठाया, लेकिन यह पहली बार नहीं है. 38 साल पहले गुजरात से आने वाले मोरार जी देसाई ने भी यह 1000, 5000 और 10,000 के नोट को बैन करने का फैसला लिया था. यह इत्तेफाक ही है कि इस बार भी गुजरात से ही आने वाले पीएम नरेंद्र मोदी ने यह फैसला लिया. उस समय आरबीआई गवर्नर आईजी पटेल थे और इस बार उर्जित पटेल हैं.

हालांकि 2000 का नोट लाने वाले नरेंद्र मोदी पहले पीएम हैं. 1000 के नोट दोबारा अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में वापस आए.
उस समय भी यह फैसला काले धन और उससे चल रही समांनतर अर्थव्यवस्था को रोकने के लिए किया गया था. इस फैसले को हाई डेमोमिनेशन बैंक नोट ऐक्ट 1978 के तहत लागू किया गया था.

इस कानून के तहत 16 जनवरी 1978 के बाद इन नोटों की मान्यता समाप्त कर दी गई. बड़ी कीमत वाले नोटों को ट्रांसफर या रिसीव करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया. इसके साथ ही सभी बैंकों और सरकारी संस्थानों को रिजर्व बैंक को अपने पास मौजूद बड़े नोटों की जानकारी देनी थी, जिन लोगों के पास ये बड़े नोट थे वे बैंक में जाकर 24 जनवरी 1978 तक इन नोटों को बदलवा सकते थे.

फरहान अख़्तर ने फिल्म ‘रईस’ की रिलीज को लेकर दिया यह बड़ा बयान

मुंबई: बॉलीवुड किंग शाहरुख खान की आने वाली फिल्म ‘रईस’ चर्चा में है, इसकी वजह उसमें पाक एक्टर्स का होना भी है। फिल्म निर्माता फरहान अख्तर ने रईस की रिलीज को लेकर अपना नजरिया जाहिर किया है। फरहान अख्तर ने कहा कि वो रईस के रिलीज पर किसी विरोध को लेकर चिंतित नहीं है, क्योंकि उन्होंने कोई कानून नहीं तोड़ा है।

बता दें, इस फिल्म में पाकिस्तानी अभिनेत्री माहिरा खान भी है। पिछले महीने करण जौहर की फिल्म ‘ऐ दिल है मुश्किल’ को इस फिल्म में फवाद खान के होने को लेकर इसके रिलीज के बाद भी कई जगह विरोध का सामना करना पड़ा था, फिर बाद में इस फिल्म के निर्माताओं और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के बीच समझौता होने के बाद रणबीर कपूर और अनुष्का शर्मा द्वारा अभिनीत इस फिल्म को सिनेमाघरों में रिलीज किया गया।

जब फरहान से ‘रईस’ के रिलीज में आने वाली चुनौतियों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, हमने कोई कानून नहीं तोड़ा है, इसलिए इससे अलग कुछ भी नहीं कहा जा सकता है. ‘रईस’ में शाहरुख खान के साथ नवाजुद्दीन सिद्दीकी भी हैं, यह फिल्म 26 जनवरी, 2017 को रिलीज होगी।

पूजा करते समय करें इन नियमों का पालन

हमेशा यही माना जाता है कि पूजा अगर पूरी श्रद्धा के साथ की जाए तो भगवान प्रसन्न होते हैं। आपको बता दें कि पूजा करते समय मन में श्रद्धा तो होनी ही चाहिए इसके साथ ही पूजा के नियमों का पालन किया जाना भी आवश्यक है। पूजा के नियम इस प्रकार हैं...

हनुमान जी की पूजा के लिए यह नियम है कि आधे प्रहर यानी 12 से 1 बजे के बीच हनुमान जी की पूजा नहीं की जानी चाहिए।

अगर आप रात में यानी सूर्यास्त के बाद पूजा कर रहे हैं तो शंख नहीं बजाना चाहिए। सूर्यास्त के बाद देवता सोने के लिए चले जाते हैं। शंख ध्वनि से उनकी निद्रा बाधित होती है। माना जाता है कि सूर्यास्त के बाद शंख बजाने से लाभ की बजाय हानि होती है।

सूर्य भगवान की पूजा दिन में की जाती हैं। इसलिए दिन में अगर कोई विशेष पूजा कर रहे हैं तो साथ में सूर्य की पूजा भी जरूर करनी चाहिए। लेकिन रात्रि में पूजा कर रहे हों तब सूर्य की पूजा नहीं करनी चाहिए।

भगवान विष्णु, कृष्ण, सत्यनारायण की पूजा में तुलसी की आवश्यकता होती है। तुलसी पत्ता के बिना इनकी पूजा पूर्ण नहीं होती है। इसलिए अगर रात में पूजा करनी हो तब दिन के समय ही तुलसी पत्ता तोड़ कर रख लें। शाम ढ़लने के बाद तुलसी पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए यह इनके सोने का समय होता है।

गणेश जी की पूजा में दूर्वा का प्रयोग होता है। भगवान शिव, सरस्वती, लक्ष्मी और दूसरे देवताओं को भी दूर्वा चढ़ता है। इसलिए रात में पूजा करनी हो तो दिन में ही दूर्वा तोड़कर रख लेना चाहिए।

रात में पूजा करें तो पूजा में इस्तेमाल फूल, अक्षत और दूसरी चीजों को रात भर रहने दें। इन्हें सुबह अपने स्थान से हटाना चाहिए।

मंगलवार, 8 नवंबर 2016

देवउठनी एकादशी 11 नवंबर को, जानिए क्या रहेंगे नवंबर और दिसंबर माह में विवाह के शुभ मुहूर्त

इस बार 11 नवंबर को देवउठनी एकादशी है, इस दिन से पूरे देश में एक बार फिर से मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। चार माह से देवशयन के कारण मांगलिक कार्यों पर विराम लगा हुआ था। देव प्रबोधिनी एकादशी का स्वयंसिद्ध अबूझ सावा होने के कारण बड़ी संख्या में एकल व सामूहिक विवाह होंगे।

15 दिसंबर को सूर्य धनु राशि में प्रवेश कर जाएगा। इसके साथ ही मलमास की शुरुआत हो जाएगी और मलमास लगने से एक बार फिर मंगलकार्यों पर रोक लग जाएगी। इसके बाद 14 जनवरी को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने पर ही मांगलिक कार्य शुरू हो पाएंगे। भारतीय ज्योतिषियों के हिसाब से साल 2016 में होने वाली शादियां काफी सफल रहेंगी और वर-वधु काफी सुखी रहेंगे।

इस साल में खरीदी गई कोई भी प्रॉपर्टी जातकों को लाभ देगी । नवंबर और दिसंबर माह में विवाह के शुभ मुहूर्त क्या रहेंगे, इसके बारे में हम आपको यहां जानकारी दे रहे हैं। ये इस प्रकार हैं....

विवाह के मुहूर्त :-

नवंबरः 11, 16, 21, 23, 24, 25, 26 और 30
दिसंबरः 1, 3, 4, 5, 8, 9, 10, 12 और 13

करण जौहर की अगली फिल्म से फवाद आउट, अब यह अभिनेता आएंगे नजर

मुंबई: बॉलीवुड फिल्ममेकर करण जौहर फिल्म ऐ दिल है मुश्किल की सफलता के बाद ‘रात बाकी’ नामक फिल्म बनाने जा रहे हैं। खबर है कि पहले इस फिल्म के लिये कैटरीना कैफ और पाकिस्तानी एक्टर फवाद खान को चुना गया था लेकिन बॉलीवुड में पाकिस्तानी कलाकारों के विरोध के बाद करण ने फिल्म के लिए अब सैफ अली खान को चुन लिया है।

फिल्म में करण फवाद की जगह सैफ अली खान को ले रहे हैं, सैफ के साथ कैटरीना कैफ और सिद्धार्थ मल्होत्रा का नाम सामने आया है, लेकिन फिल्म बार बार देखो की असफलता के बाद कैटरीना ने सिद्धार्थ के साथ फिल्म करने का विचार है या नहीं ये तो आगे आने वाला समय बताएगा। खबरों की मानें तो रात बाकी फिल्म की कहानी सैफ की पर्सनैलिटी पर बिल्कुल फिट बैठती है।

गौर हो, इन दिनों सैफ अपनी अगामी फिल्म रंगून की शूटिंग खत्म कर चुके है। सब कुछ ठीक रहा तो सैफ रात बाकी की शूटिंग जल्द ही शुरू कर सकते हैं। इस फिल्म में सैफ के साथ कैटरीना कैफ की जोड़ी होगी। यह जोड़ी इससे पहले फिल्म रेस और फैन्टम में नजर आ चुकी है।

सोमवार, 7 नवंबर 2016

इस मंदिर में भक्तों को प्रसाद में मिलते हैं 'सोने के गहने'

भगवान को खुश करने के लिए लोग तरह तरह की भेंट लेकर मंदिर पहुंचते हैं लेकिन क्या कभी आपने ऐसा मंदिर देखा है जहां भक्तों को प्रसाद के रूप में सोने के आभूषण दिए जाते हैं। जानिए कहां है ये मंदिर जहां प्रसाद लेने के लिए लगती है लोगों की भीड़।


मध्य प्रदेश के रतलाम में सुप्रसिद्ध महालक्ष्मी मंदिर है। इस मंदिर में साल भर लोगों का ताता लगा रहता है। लेकिन साल में कुछ ही दिन के लिए इस मंदिर में कुबेर का दरबार लगता है।


साल भर में यहां आकर भक्त करोड़ों रुपए के जेवर और नगदी चढ़ाते हैं। खासतौर पर धनतेरस से लेकर दीवाली के दिन माता का दरबार सोने चांदी और नोटों की माला से सजा हुआ नजर आता है। लेकिन यहां आने वाला इस दौरान खाली नहीं जाता।


 मंदिर में दिवाली के बाद जाने वाले भक्तों को प्रसाद के रुप में आभूषण और नगदी बांट दिए जाते हैं। इस प्रसाद को लेने के लिए लोग दूर दूर से इस मंदिर से पहुंचते हैं।


लेकिन यहां से मिलने वाले इस विशेष प्रसाद को लोग शगुन और शुभ मानते हुए कभी खर्च नहीं करते और हमेशा संभालकर रखते हैं।


सैकड़ों साल पुराने मंदिर में चढ़ावे का पूरा हिसाब रखा जाता है ताकि भक्तों को उनका पैसा वापस मिल सके। सुरक्षा के लिहाज से मंदिर में CCTV कैमरे के साथ पुलिस का भी सख्त पहरा रहता है।


सैकड़ों साल पुराने मंदिर में चढ़ावे का पूरा हिसाब रखा जाता है ताकि भक्तों को उनका पैसा वापस मिल सके। सुरक्षा के लिहाज से मंदिर में CCTV कैमरे के साथ पुलिस का भी सख्त पहरा रहता है।

सेंसर बोर्ड समलैंगिता के प्रति दुर्भावना नहीं रखता: पहलाज

मुंबई । केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) के अध्यक्ष पहलाज निहलानी का कहना है कि यह संस्था समलैंगिकता के प्रति न तो कोई दुर्भावना रखती, और न तो समलैंगिक प्यार से संबंधित सामग्री के लिए अलग दिशा-निर्देश का अनुसरण ही करती है।

हाल में जारी हुए शरीफ डी. रांगणेकर के म्यूजिक वीडियो 'मिस यू' पर काफी हो-हल्ला मचा है। इसमें दो पुरुषों को प्यार में, प्यार करते हुए, लड़ते-झगड़ते हुए, अलग होते हुए और एक-दूसरे को याद करते हुए दिखाया गया है। CBFC ने इस म्यूजिक वीडियो को 'ए' प्रमाणपत्र दिया, जिस कारण यह सवाल उठता है कि सेंसरबोर्ड समलैंगिकता के प्रति दुर्भावना रखता है।

इस पर निहलानी ने कहा, ''ऐसा हरगिज नहीं है। हमें दो प्रेमियों के लिंग को लेकर न कोई समस्या है, और न चिंता ही, बशर्ते कि उनके आचरण हमारे पास मौजूद दिशा-निर्देशों के दायरे में हों।''

ऐसा माना जाता है कि सेंसर बोर्ड ने हंसल मेहता की फिल्म 'अलीगढ़' और पान नलिन की फिल्म 'एंग्री इंडियन गॉडेसेस' में समलैंगिक दृश्यों पर कैची चलाई थी। लेकिन निहलानी इस आरोप को खारिज करते हैं। उन्होंने कहा, ''किरदार के लिंग के आधार पर कोई कट नहीं किया गया है। हम समलैंगिक सामग्री वाली फिल्म का मूल्यांकन उसी पैमाने पर करते हैं, जिस पर विषमलिंगी सामग्री वाली फिल्म का मूल्यांकन किया जाता है।''

निहलानी ने इस म्यूजिक वीडियो के बारे में कहा, ''हमने 15 दिन पहले ही 'ए' प्रमाण-पत्र और एक कट के साथ म्यूजिक वीडियो 'मिस यू' को मंजूरी दे दी थी। अब इस पर इतना हो-हल्ला क्यों? मुझे आशंका है कि फिल्मकार अपनी तरफ लोगों का ध्यान खींचने के लिए इस तरह के रास्ते अख्तियार कर रहे हैं। अपने काम की तरफ लोगों का ध्यान खींचने के लिए सेंसर बोर्ड को दोषी ठहराने का तिकड़म कारगर नहीं होगा।''

रविवार, 6 नवंबर 2016

आंवला नवमी व्रत से होगी संतान प्राप्ति की इच्छा पूरी

आंवले का वृक्ष साक्षात भगवान विष्णु का स्वरूप है। यह वृक्ष श्री विष्णु को अत्यंत प्रिय है। आंवला नवमी को इस वृक्ष के पूजन और दान से अक्षय सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

वर्षभर आने वाले व्रतों में कार्तिक शुक्ल नवमी का विशेष महत्व है। इस व्रत को आंवला नवमी, धात्री नवमी, कुष्मांड नवमी तथा अक्षय नवमी भी कहते हैं। इस दिन स्नान, पूजन, तर्पण तथा अन्ना के दान से अनंत फल मिलता है। पद्यपुराण में वर्णन है कि आंवला वृक्ष साक्षात विष्णु का ही स्वरूप है।

यह विष्णु भगवान को प्रिय है और इसके स्मरण मात्र से गोदान के बराबर फल मिलता है। यह सदा ही सेवन के योग्य है। कहा गया है कि इस वृक्ष के मूल में विष्णु, ऊपर ब्रह्मा, स्कंद में रुद्र, शाखाओं में मुनिगण, टहनियों में देवता, पत्तों में वसु, फूलों में मरुद्रण तथा फलों में प्रजापति विद्यमान होते हैं। कार्तिक महात्म्य में आई कथा बताती है कि पार्वतीजी के श्राप के कारण भगवान विष्णु आंवला वृक्ष के रूप में परिणत हुए। आंवले को अमृतफल भी कहा जाता है। यह वैज्ञानिक रूप से भी आंवला स्वास्थ्यवर्द्धक है।

इस दिन किए गए व्रत, दान एवं विप्र को भोजन कराने से संतान प्राप्ति होती है। पुराणों के अनुसार अक्षय या आंवला नवमी को आंवले की पूजा से बहुत फल प्राप्त होते हैं। इस दिन गाय, सुवर्ण, पृथ्वी, कुष्मांड और वस्त्रादि का दान करने से उच्च पद की प्राप्ति होती है और महापापों से मुक्ति मिलती है।

पितृदोष के निवारण तथा पितरों के उद्धार के निमित्त भी कुम्हड़े का दान ही श्रेष्ठ है। यदि घर में बीमारी का प्रकोप हो तो धर्मस्थल में पके हुए कुष्मांड का दान करना चाहिए। अक्षय नवमी को ही विष्णु भगवान ने कुष्माण्डक दैत्य को मारा था और उसके रोम से कुष्माण्ड की बेल हुई। इसी कारण कुष्माण्डका दान करने से उत्तम फल मिलता है। इसमें गन्ध, पुष्प और अक्षतों से कुष्माण्ड का पूजन करना चाहिए।

विधि विधान से तुलसी का विवाह कराने से कन्यादान तुल्य फल मिलता है। अक्षय नवमी को आंवला पूजन स्त्री जाति के लिए अखंड सौभाग्य और पेठा पूजन से घर में शांति, आयु एवं संतान वृद्धि होती है। पुराणाचार्य कहते हैं कि आंवला त्योहारों पर खाए गरिष्ठ भोजन को पचाने और पति-पत्नी के मधुर सबंध बनाने वाली औषधि है।

आंवला नवमी या अक्षय नवमी के दिन द्वापर युग का प्रारंभ हुआ था। आंवले के वृक्ष में समस्त देवी-देवताओं का निवास होता है। आंवला नवमी की पूजा का विधान इस तरह है-

* नवमी के दिन महिलाएं सुबह से ही स्नान ध्यान कर आंवला के वृक्ष के नीचे पूर्व दिशा में मुंह करके बैठती हैं।

* इसके बाद वृक्ष की जड़ों को दूध से सींच कर उसके तने पर कच्चे सूत का धागा का धागा लपेटा जाता है।

* तत्पश्चात रोली, चावल, धूप दीप से वृक्ष की पूजा की जाती है।

* महिलाएं आंवले के वृक्ष की सात परिक्रमाएं करके ही भोजन करती हैं। जिसके प्रभाव से मनुष्य रोगमुक्त होकर दीर्घायु बनता है।

80 की उम्र में 30 की लगती हैं यहां महिलाएं…

नई दिल्ली :हर इंसान के दिल में हमेशा जवान रहने की ख्व‍ाहिश होती है, लेकिन ऐसा हो नहीं सकता। हालांकि आपको जानकर हैरानी होगी कि नार्थ पाकिस्तान के काराकोरम माउंटेन्स पर रहने वाले हुन्जकूटस या हुंजा लोग बुरूषो समुदाय के हैं, जो कभी बीमार नहीं पड़ते।


हुंजा लोगों की गिनती चाहे कम है, लेकिन इन्हें दुनिया के सबसे लम्बी उम्र वाले, खुश रहने वाले और स्वस्थ लोगों में गिना जाता है। हुंजा लोगों को दुनिया के कैंसर फ्री पापुलेशन में गिना जाता है क्योंकि आजतक एक भी हुंजा कैंसर का शिकार नहीं हुआ है। इन लोगों ने कभी कैंसर का नाम भी नहीं सुना है। आपको जानकर हैरानी होगी कि हुंजा महिलाएं 65 की उम्र में भी बच्चे पैदा कर सकती है।


इस कम्युनिटी के लोगों को बुरुशो भी कहते हैं। इनकी भाषा बुरुशास्की है। कहा जाता है कि ये कम्युनिटी अलेक्जेंटडर द ग्रेट की सेना के वंशज हैं, जो चौथी सदी में यहां आए थे। ये कम्युनिटी पूरी तरह मुस्लिम है। इनकी सारी एक्टिविटीज मुस्लमानों जैसी ही हैं। ये कम्युनिटी पाकिस्तान की बाकी कम्युनिटीयों से कहीं ज्यादा एजुकेटेड है। हुंजा घाटी में इनकी पॉपुलेशन करीब 87 हजार ही है।

लम्बी उम्र के लिए डाइट में शामिल है एक चमत्कारी चीज
हुंजा अपनी लम्बी उम्र का क्रेडिट अपने डाइट को देते हैं। इनके डाइट चार्ट मेंव सिर्फ पौष्टिक आहार शामिल होते हैं। रिसर्चर्स ने अपनी रिपोर्ट में ये कहा है कि हुंजा लोग खाने में ज्यादा से ज्यादा अखरोट का इस्तेमाल करते हैं। धूप में सुखाए गए अखरोट में B-17 कंपाउंड पाया जाता है, जो लोगों के शरीर के अंदर मौजूद एंटी-कैंसर एजेंट को खत्म करता है। चूंकि, हुंजा काफी ज्यादा अखरोट का सेवन करते हैं, इसलिए उन्हें कैंसर नहीं होता।

शुक्रवार, 4 नवंबर 2016

63 साल से महिला पुरे दिन रेत खा कर करती है गुजारा, ना मिलने पर

वाराणासी : वाराणासी में रहने वाली 76 वर्षीय कुसमावती पिछले 63 सालों से बालू (लाल रंग की रेत) खाकर जिंदा है। जो इनका उचित आहार बन गया है, जिसके ना मिलने से इन्हें बैचेनी बढ़ जाती है औप पेट में दर्द होने लगता है। इनके सभी रोगों का इलाज है बालू का सेवन करना। इन्होनें रेत को अपनी दिनचर्या में शामिल करने के लिए इसकी पूरी समय सारणी तैयार करके रखी है। जो दिन भर में 1 किलो बालू खाकर पूरी होती है।

रोज सुबह लोग बासी मुंह पानी का सेवन करते है, तो ये बालू का सेवन करती है। इसके बाद ही ब्रश करके चाय की चुसकी लेती हैं। कुसमावती सुबह सौ ग्राम के करीब बालू के फांकती है। इसके बाद ही चाय या नाश्ता करती है। इसी तरह से दोपहर के समय खाने से पहले और बाद में बालू का सेवन करती हैं और रात तक यह क्रिया चलती रहती है।बालू के खाने का सबसे बड़ा कारण इनके पेट का असहनीय दर्द बना था।

छठ पर्व में छिपा है गहरा विज्ञान, जानिए कैसे

छठ पर्व की परंपरा में बहुत ही गहरा विज्ञान छिपा हुआ है, षष्ठी तिथि (छठ) एक विशेष खगौलीय अवसर है। उस समय सूर्य की पराबैगनी किरणें पृथ्वी की सतह पर सामान्य से अधिक मात्रा में एकत्र हो जाती हैं। उसके संभावित कुप्रभावों से मानव की यथासंभव रक्षा करने का सामर्थ्य इस परंपरा में है। पर्व पालन से सूर्य (तारा) प्रकाश (पराबैगनी किरण) के हानिकारक प्रभाव से जीवों की रक्षा संभव है। पृथ्वी के जीवों को इससे बहुत लाभ मिल सकता है। सूर्य के प्रकाश के साथ उसकी पराबैगनी किरण भी चंद्रमा और पृथ्वी पर आती हैं। सूर्य का प्रकाश जब पृथ्वी पर पहुंचता है, तो पहले उसे वायुमंडल मिलता है। वायुमंडल में प्रवेश करने पर उसे आयन मंडल मिलता है।

पराबैगनी किरणों का उपयोग कर वायुमंडल अपने ऑक्सीजन तत्त्व को संश्लेषित कर उसे उसके एलोट्रोप ओजोन में बदल देता है। इस क्रिया द्वारा सूर्य की पराबैगनी किरणों का अधिकांश भाग पृथ्वी के वायुमंडल में ही अवशोषित हो जाता है।

पृथ्वी की सतह पर केवल उसका नगण्य भाग ही पहुंच पाता है। सामान्य अवस्था में पृथ्वी की सतह पर पहुंचने वाली पराबैगनी किरण की मात्रा मनुष्यों या जीवों के सहन करने की सीमा में होती है। अत: सामान्य अवस्था में मनुष्यों पर उसका कोई विशेष हानिकारक प्रभाव नहीं पडता, बल्कि उस धूप द्वारा हानिकारक कीटाणु मर जाते हैं, जिससे मनुष्य या जीवन को लाभ ही होता है।

छठ जैसी खगौलीय स्थिति (चंद्रमा और पृथ्वी के भ्रमण तलों की सम रेखा के दोनों छोरों पर) सूर्यकी पराबैगनी किरणें कुछ चंद्र सतह से परावर्तित तथा कुछ गोलीय अपवर्तित होती हुई, पृथ्वीपर पुन: सामान्य से अधिक मात्रा में पहुंच जाती हैं। वायुमंडल के स्तरों से आवर्तित होती हुई, सूर्यास्त तथा सूर्योदयको यह और भी सघन हो जाती है।

 

गुरुवार, 3 नवंबर 2016

कल से शुरू होगी छठ पूजा, जानिए कब होगा सूर्योदय और सूर्यास्त

कार्तिक शुक्ल पक्ष षष्ठी पर मनाए जाने वाले पर्व को कार्तिकी छठ कहा जाता है। दीवाली से छठे दिन सूर्योपासना के लिए प्रसिद्ध पर्व छठ पूजा मनाया जाता है। मूलतः सूर्य षष्ठी व्रत होने के कारण भी इसे छठ कहा गया है। पारिवारिक सुख-समृद्धि तथा मनोवांछित फल प्राप्ति के लिए यह पर्व मनाया जाता है। इस पर्व को स्त्री और पुरुष समान रूप से मनाते हैं।

पुत्र सुख पाने के लिए भी इस पर्व को मनाया जाता है। भगवान सूर्य जिन्हें आदित्य भी कहा जाता है वास्तव एक मात्र प्रत्यक्ष देवता हैं। इनकी रोशनी से ही प्रकृति में जीवन चक्र चलता है, इनकी किरणों से ही धरती में प्राण का संचार होता है और फल, फूल, अनाज, अंड और शुक्र का निर्माण होता है। यही वर्षा का आकर्षण करते हैं और ऋतु चक्र को चलाते हैं।

भगवान सूर्य की इस अपार कृपा के लिए श्रद्धा पूर्वक समर्पण और पूजा उनके प्रति कृतज्ञता को दर्शाता है। सूर्य षष्टी या छठ व्रत इन्हीं आदित्य सूर्य भगवान को समर्पित है। कल से छठ पूजा शुरू हो रही है आइए जानते हैं छठ पूजा सारणी के बारे में .....

कार्तिकी छठ पूजा सारणी :-

प्रथम दिन :-

4 नवंबर शुक्रवार को सूर्योदय 06 बजकर 40 मिनट पर होगा और सूर्यास्त 17 बजकर 33 मिनट पर होगा।

द्वितीय दिन :-

5 नवंबर शनिवार को सूर्योदय 06 बजकर 41 मिनट पर होगा और सूर्यास्त 17 बजकर 32 मिनट पर होगा।

तृतीय दिन :-

6 नवंबर रविवार को सूर्योदय 06 बजकर 42 मिनट पर होगा और सूर्यास्त 17 बजकर 31 मिनट पर होगा।

चतुर्थ दिन :-

7 नवंबर सोमवार को सूर्योदय 06 बजकर 43 मिनट पर होगा और सूर्यास्त 17 बजकर 30 मिनट पर होगा।

बुधवार, 2 नवंबर 2016

चाणक्य ने सफलता के लिए कूटनीति के चार प्रमुख अस्त्र बताए हैं

चाणक्य ने सफलता के लिए कूटनीति के चार प्रमुख अस्त्र बताए हैं

जीवन में सफलता के लिए सिर्फ कड़ी मेहनत ही आवश्यक नहीं होती बल्कि मनुष्य को देश, काल व परिस्थिति के अनुसार विवाद, विरोध, प्रलोभन और युद्ध जैसी स्थिति के लिए भी तैयार रहना चाहिए। महान कूटनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य ने सफलता के लिए कूटनीति के चार प्रमुख अस्त्र बताए हैं, जिनका उपयोग समय और परिस्थितियों को ध्यान में रखकर करना चाहिए। यदि इन चारों को साध लिया गया तो फिर मनुष्य की जीत सुनिश्चित है। ये चार अस्त्र हैं- साम, दाम, दंड और भेद। जब मित्रता दिखाने (साम) की आवश्यकता हो तो आकर्षक उपहार आतिथ्य, समरसता और संबंध बढ़ाने के प्रयास करने चाहिए। इससे दूसरे पक्ष में विश्वास पैदा होता है। यदि साम से काम न हो तो दाम यानी प्रलोभन का रास्ता अपनाया जा सकता है। यदि कूटनीति का ये अस्त्र भी विफल हो तो दंड का इस्तेमाल उचित है। इसमें ताकत का इस्तेमाल त्याज्य नहीं है। इसी तरह समय की जरूरत होने पर भेद को भी अपनाना चाहिए। इसमें दुश्मन की सेना, गुट या मंडल व अधिकारियों में फूट डालना, उसके करीबी रिश्तेदारों और उच्च पदों पर स्थित लोगों से उसकी ताकत के राज जानना आदि शामिल हैं। जीत के लिए ये अस्त्र अवश्यमेव हैं।

‘रईस’ में शाहरुख के किरदार में हैं कुछ नकारात्मक तत्व: ढोलकिया

मुंबई। निर्देशक राहुल ढोलकिया ने कहा है कि ‘रईस' में सुपरस्टार शाहरुख खान के नकारात्मक किरदार को देखकर दर्शक चौंक जाएंगे। ढोलकिया ने बताया कि फिल्म में शाहरुख के किरदार में कई नकारात्मक तत्व भी हैं।

उन्होंने बताया, ‘‘वह एक दिलचस्प किरदार निभा रहे हैं। उन्होंने शानदार काम किया है। वह फिल्म में शानदार नजर आये हैं। लोग उन्हें इस अवतार में देख कर चौंक जाएंगे।'' ढोलकिया ने कहा, ‘‘मेरे लिए यह बड़ी फिल्म है। किसी भी व्यक्ति को अपना सर्वश्रेष्ठ देने की जरुरत होती है और मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है।''

‘परजानिया' के निर्देशक पहली बार शाहरख के साथ काम कर रहे हैं और बकौल ढोलकिया ‘चक दे इंडिया' स्टार बहुत ही विनम्र स्वभाव के व्यक्ति हैं। ढोलकिया के अनुसार ‘रईस' का प्रमोशन जल्द ही शुरु होगा। उन्होंने 51वें जन्मदिन पर शाहरख को बधाई भी दी।