नई दिल्ली। मुजफ्फरनगर दंगों पर बनी फिल्म ‘शोरगुल’ में अहम किरदार निभाने वाले जिम्मी शेरगिल के खिलाफ फतवा जारी किया गया है। फिल्म के प्रोडक्शन हाउस ने बुधवार को इस बात की जानकारी देते हुए बताया कि जिम्मी शेरगिल और प्रोड्यूसर्स के खिलाफ ‘खामन पीर बाबा कमेटी’ की ओर से फतवा जारी किया गया है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर, कानपुर, गाजियाबाद और लखनऊ में ये फिल्म रिलीज से पहले ही बैन की जा चुकी है। देशभर में यह मूवी इसी शुक्रवार को रिलीज हो रही है। फिल्म निर्माताओं ने मंगलवार को एक बयान में दावा किया कि फिल्म में एक संवेदनशील मुद्दे को उठाया गया है, इसलिए सांप्रदायिक हिंसा भड़कने के डर से मुजफ्फरनगर के जिलाधीश ने शहर के सभी सिनेमाघरों में फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगा दी है।
फिल्म में मुजफ्फरनगर हिंसा के अलावा गोधरा, बाबरी मस्जिद दंगों जैसे गंभीर विषयों को भी उठाया गया है। साथ ही फिल्म में नौकरशाहों के कुकर्मो, चालबाजियों और कुछ हाई प्रोफाइल शख्सियतों से जुड़े विवादास्पद मामलों का भी जिक्र है।
फिल्म के निर्माताओं में से एक व्यास वर्मा ने कहा कि हमने बार-बार कहा है कि 'शोरगुल' किसी विशिष्ट घटना पर आधारित नहीं है, बल्कि यह समाज में जो हो रहा है, उसका प्रतिबिंब है। इसमें उन मुद्दों को उठाया गया है जो देश के लिए चिंता का विषय हैं। उत्तर प्रदेश केवल फिल्म की पृष्ठभूमि है।
उन्होंने कहा कि यह खबर बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और दुखद है। मैं प्रशासन से पूछना चाहता हूं कि वह खासतौर पर मुजफ्फरनगर में फिल्म पर क्यों रोक लगा रहा है। क्या उन्हें किसी खास बात का डर है? क्या मुजफ्फरनगर के लोगों को यह देखने का हक नहीं है कि देश में क्या हो रहा है? हर नागरिक को फिल्म देखने का अधिकार है क्योंकि फिल्म में आम आदमी की आवाज उठाई गई है।
गुरुवार, 23 जून 2016
मुजफ्फरनगर दंगों पर बनी फिल्म 'शोरगुल' यूपी के कई शहरों में बैन, जारी हुआ फतवा
पढ़ाई का विषय हमेशा साइंस रहा। बी एससी इलेट्रॉनिक्स से करने के बाद अचानक पत्रकारिता की तरफ रूझान बढ़ा। नतीजतन आज मेरा व्यवसाय और शौक
दोनों यही बन गए।
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